Latest Hindi Sex Stories added for who looking to read Xxx Xxx Chudai Story – मैं और खाला पूरे गांव से चुद गई to make every night hot about Xxx Xxx Chudai Story – मैं और खाला पूरे गांव से चुद गई story.
Story Start Here :
Xxx Xxx चुदाई स्टोरी में मैंने अपनी मौसी की अन्तर्वासना देखते हुए खेतों के पास गाड़ी रोक कर वहां काम कर रहे बहुत सारे मजदूरों से मौसी को चुदवाया. साथ में मैं भी चुदी.
मेरी पिछली कहानी
मेरी खाला की चूत चुदाई की हवस
में आपने पढ़ा कि मैंने अपनी मौसी की चूत गांड की आग शांत करवाने के लिए उसे एक बड़े लंड वाले जवान से चुदवाया. उसकी गांड फट गयी तब भी वह इससे भी जोरदार चुदाई मांग रही थी.
तो कुछ दिन बाद हमने औरंगाबाद वापस लौटने का प्लान बनाया और घर वालों को छोड़ कर निकल गए.
यह कहानी सुनें.
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अब आगे Xxx Xxx चुदाई स्टोरी:
हम लोग किराए की कार लेकर औरंगाबाद जा रहे थे.
गाड़ी में बस मैं और खाला थे.
रास्ते में बहुत सारे गाँव पड़ते थे जिनकी हरियाली देख कर जन्नत का अहसास होता था.
गाड़ी चलाते चलाते जब हम लोग थक गए तो पानी पीने और थोड़ा आराम करने के लिए रास्ते में एक खेत के किनारे रुक गए.
आस पास के सभी खेतों में जुताई चल रही थी और हर खेत में चार पांच आदमी दिखाई पड़ रहे थे.
इतने सारे मजबूत मर्द देखकर मेरी खाला की चूत पनियाने लगी और उसके अरमान जागने लगे.
मैं हंसती हुई बोली- अगर ये सारे मर्द एक साथ आपको चोद डालें तो आपको कैसा लगेगा?
खाला बोली- अरे, ये ख़्याल मुझे क्यों नहीं आया?
मैं बोली- तो अभी भी देर क्या है? मौसम भी है, मौका भी है और आसपास इतने सारे लंड भी है, चुदवा लो जिससे भी जी चाहे!
खाला बोली- जिससे जी चाहे उससे नहीं, मुझे तो सबसे चुदवाना है।
मैं बोली- लेकिन ये होगा कैसे?
खाला बोली- शबनम तू बस देखती जा मेरा कमाल, आज तो बदल जाएगी तेरी भी चाल!
तब खाला कार से नीचे उतरी और उधर ही टहलने लगी.
एक खूबसूरत औरत को देख कर कुछ मजदूर भी पलट कर खाला को देखने लगे थे.
कुछ देर में खाला उस तरफ मुड़ी जिस तरफ मजदूर खड़े थे और अनजान बनती हुई अपनी सलवार उतार कर सड़क के किनारे मूतने लगी.
अब और भी मजदूर खाला को देखने लगे थे.
और यहीं से इस Xxx Xxx चुदाई स्टोरी की शुरुआत हो गयी थी
खाला मूत कर उठी और सलवार का नाड़ा बांधते बांधते मजदूरों की तरफ चली गई.
खाला ने उनसे कहा- हमें बहुत प्यास लगी है, क्या तुम लोग अपना पानी निकाल दोगे?
एक मजदूर ने पूछा- जी, क्या मतलब?
तो खाला बोली- मेरा मतलब, पानी दे दो पीने को!
एक मजदूर ने लोटे में पानी दिया तो खाला ने जानबूझ कर पानी पीते पीते अपने मम्मों पर पानी गिरा लिया.
खाला के गीले कपड़ों में से उसकी काली ब्रा दिखने लगी थी.
एक मजदूर बोला- अरे, आप तो गीली हो गईं।
खाला बोली- हाँ देखो ना, गीली भी हो गई और प्यास भी नहीं बुझी।
मजदूर मुस्कुराते हुए बोला- पीछे खेतों में बड़ा सा कुआं है, उधर आपकी प्यास बुझ जाएगी।
खाला बोली- ना बाबा, मुझे तो अकेले जाते डर लगता है. तुम सब लोग साथ चलो तो ही जाऊंगी।
मजदूर बोला- अरे मेडम, आपकी प्यास बुझाए बिना थोड़े ही छोड़ देंगे आपको, चलिए हम सब आपके साथ चलते हैं।
मैं भी कार से उतर कर खाला के पास आ गई तो मजदूर बोला- और ज्यादा आदमी बुलाने पड़ेंगे क्या?
खाला बोली- जितने ज्यादा आदमी होंगे उतना काम डर लगेगा, जितने आ सकते हैं बुला लो।
यह सुनकर मजदूर ने मुस्कुराते हुए आवाज लगाईं- अरे भीमा, मुन्ना, गुड्डा, छुट्टन, शादाब, लांड्या, हटेला, कटेला, सब लोग जल्दी से आओ, शहर वाली मैडमों की प्यास बुझानी है कुँए के पास!
आवाज सुनकर आस पास के खेतों से मजदूर दौड़ दौड़ कर कुँए के पास इकठ्ठा होने लगे और उनकी इतनी बड़ी तादाद देखकर मेरी तो गांड ही फट गई.
लेकिन खाला आज बड़ी खुश दिख रही थी.
ख़ुशी से ठुमकती हुई मेरी खाला कुएं की तरफ जाने लगी और पीछे पीछे मैं अपनी फटी गांड को समेटती हुई धीरे धीरे चल रही थी.
खाला कुँए के पास पहुंची तो एक लम्बे चौड़े मर्द ने आगे आकर कहा- मेडम, इस फ़ौज में से अपनी पसंद के लोग चुन लो, आपको शिकायत का मौका नहीं मिलेगा।
खाला बोली- मुझे भेदभाव पसंद नहीं है, सबको बराबर मौका मिलना चाहिए।
सुन कर उस आदमी की आँखें फटी की फटी रह गईं.
वह बोला- मेडम, आपके तो चीथड़े उड़ जाएंगे. कुछ आदमी कम कर लो।
खाला हंसती हुई बोली- अरे चीथड़े ही तो उड़वाने हैं. लेकिन तुम कहते हो तो चलो, पीछे खड़े वे दो बुड्ढे आदमी मेरे कम करके मेरी भांजी शबनम की तरफ भेज दो!
मैंने कहा- वाह छिनाल, खुद को ढेर साले मूसल और मुझे टूटे चम्मच? वे नहीं मुझे तो ये गबरू और इसका दोस्त चाहिए.
यह कह कर मैंने दो हट्टे कट्टे मर्दों को अपनी तरफ खींच लिया.
उन मर्दों में से एक ने मेरा दूध पकड़ना चाहा तो मैंने उसका हाथ झटकते हुए कहा- पहले खाला को शुरू हो जाने दो. फिर हम लोग शुरू करेंगे।
सारे मर्द दो जवानी के रस से भरी हुई खूबसूरत औरतों को मसल डालने के लिए पूरी तरह तैयार थे.
लेकिन मेरी खाला को कोई जल्दी नहीं थी.
उसने सब मर्दों से कहा- एक लाइन में आ जाओ और अपने कपड़े खोल लो!
सारे मर्द एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह नंगे होकर लाइन में खड़े हो गए.
मैंने देखा कि ज्यादातर के लंड बहुत बड़े और मोटे थे.
अब समझ में आया कि हिन्दुस्तान की आबादी इतनी तेजी से क्यों बढ़ती है.
मेरी खाला पहले आदमी के पास जाकर घुटने पर बैठ गई और उसका लंड चूम लिया … फिर दूसरे का, फिर तीसरे का … इस तरह मेरी खाला ने सभी मर्दों के लंड पर अपनी लिपस्टिक के निशान छोड़ दिए.
फिर पहले मर्द के पास आकर मेरी खाला ने उसका लंड मुंह में लेकर दो-तीन चुस्से मारे, फिर दूसरे का, फिर तीसरे का, इस तरह से मेरी खाला ने हर आदमी के लंड को दो-तीन चुस्से मारे.
खाला ने लंड चूस कर उन लोगों में ऐसी आग लगा दी कि ऐसा करते करते कुछ मर्दों का माल छूट गया और बेचारे लाइन से बाहर हो गए.
मेरी खाला ने जब उन मर्दों का माल छूटते देखा तो वे गुस्से में भर गई और चिल्ला कर बोली- जिस मादरचोद का लंड छूटने वाला हो वे पहले ही बता देना, ऐसे माल बर्बाद करना हराम होता है.
फिर मेरी खाला ने पहले आदमी के पास जाकर उसके लंड पर अपने मम्मे घिसे, फिर दूसरे, फिर तीसरे, इस प्रकार से सब के लंडो पर खाला ने अपने मम्मे घिसे.
ऐसा करते करते एक बार फिर कुछ मर्दों का माल छूटने लगा तो वे लोग खाला को इशारा करने लगे.
मेरी खाला ने एक एक करके सब के लंड अपने मुंह में लेकर उनका माल अपने मुंह में गिरवाया और बेचारे लाइन से बाहर हो गए.
फिर मेरी खाला ने पहले आदमी के पास जाकर उसके लंड पर अपनी गांड घिसी, फिर दूसरे, फिर तीसरे, इस प्रकार से सब के लंडो पर खाला ने अपनी गांड घिसी.
ऐसा करते करते एक बार फिर कुछ मर्दों का माल छूटने लगा.
एक बार फिर खाला ने उन सबके लंड से वीर्य पिया और बेचारे लाइन से बाहर हो गए.
अब लाइन में कुछ लोग ही रह गए थे जिनके लंड अब भी तने थे और मेरी खाला को फाड़ डालने के लिए सर उठा कर खड़े थे.
मेरी खाला अब एक जगह तन कर खड़ी हो गई और बुलंद आवाज में बोली- आओ मेरे शेरो, टूट पड़ो मुझ पर, मेरी इज्जत लूटो, मेरी गांड मारो, मेरा अंग अंग चोद डालो, फाड़ डालो मुझे!
यह सुनते ही सारे मुस्टंडे मर्द मेरी खाला पर टूट पड़े.
किसी ने उनका कुरता खींचा, किसी ने सलवार फाड़ी, किसी ने ब्रा हवा में उछाल दी और किसी ने चड्डी के कई टुकड़े कर डाले.
मेरी खाला मादरजात नंगी हो चुकी थी.
अब एक सबसे मुस्टंडे मर्द ने मेरी खाला को उठा कर जमीन पर पटका और भचाक से अपना भयानक लंड मेरी खाला के भोसड़े में पेल दिया.
उस आदमी का लंड इतना बड़ा और मोटा था कि खाला का हजारों बार चुद चुका फटा हुआ भोसड़ा भी कुंवारी लड़की की अनछुई चूत सा लग रहा था.
जैसे ही उस मुस्टंडे ने अपना लंड पेला वैसे ही खाला की चीख निकल गई.
लंड घुसने पर मैंने पहली बार खाला को चीखते हुए सुना था वरना तो वे बड़े से बड़े लंड आराम से ले लेती थी.
बाकी आदमी भी अपना हिस्सा चाहते थे तो कोई खाला के मुंह में लंड घुसा रहा था, कोई उसके मम्मों को चोद रहा था तो किसी ने खाला के हाथ में ही अपने लंड दे रखा था.
एक आदमी को जगह नहीं मिली तो उसने खाला के घुटनों के बीच ही अपना लंड फंसा कर चोदना शुरू कर दिया.
कोई आदमी खाला के पैर के पंजे चोद रहा था तो कोई खाला के बालों में लंड फंसा कर ही मजे ले रहा था.
बहुत सारे मर्द शान्ति से अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे थे.
मुस्टंडा खाला की चूत को बहुत बुरी तरह ठोक रहा था और थक ही नहीं रहा था.
हर धक्के के साथ खाला पूरी हिल जाती थी.
और मैंने देखा कि अब तो उसकी चूत से खून भी निकलने लगा था.
इधर जिन मर्दों को मैंने चुना था वे भी चुदाई के लिए उतावले हो रहे थे.
मैंने नौटंकी किये बिना शराफत से अपने कपड़े खोल दिए और नंगी होकर घास पर लेट गई.
उन दोनों मर्दों ने भी अपने कपड़े खोले और एक ने मेरी चूत में और दूसरे ने मेरे मुंह में अपने अपने लंड घुसा दिए.
अब उधर मेरी खाला और इधर मेरी भरपूर चुदाई का कार्यक्रम चल रहा था.
जो मर्द मेरी खाला का मुंह चोद रहा था वह अचानक कुछ ज्यादा ही जोर जोर से धक्के मारने लगा.
मेरी खाला का पूरा बदन दर्द में काँप रहा था.
अचानक उस मर्द ने अपना पूरा जोर लगाया और चिंघाड़ते हुए मेरी खाला के मुंह को अपने गाढ़े माल से भर दिया.
वह आदमी अलग हुआ तो मैंने देखा कि मेरी खाला के मुंह से खून निकल रहा था.
मेरी खाला को दो सेकंड का आराम भी नहीं मिला और तुरंत ही किसी और मर्द ने खाला के मुंह में लंड घुसा कर धक्के मारने शुरू कर दिए.
इधर ये दोनों मुस्टंडे भी मेरी चूत और मुंह चोदे जा रहे थे.
एक आदमी ने देखा कि मेरी छातियां बेकार ही खाली पड़ी हैं तो वह मेरे ऊपर बैठ गया और मेरी छातियां चोदने लगा.
सच में आज तो इन लंडों की गर्मी से बहुत ही मजा आ रहा था.
मैंने हाथ से इशारा करके दो और आदमियों को बुलाया और उनके लंड अपने हाथों में पकड़ कर मसलने लगी.
इतना मजा पहले कभी नहीं आया था, ऐसा लग रहा था मानो मैं जन्नत में हूँ.
मैंने देखा कि जिन लोगों का माल निकलने वाला था, उन्होंने खाला के मुंह के आस पास घेरा बना लिया और अपने अपने लंड हिलाने लगे.
खाला ने अपना बड़ा सा मुंह खोला.
और एक एक करके उन लोगों ने खाला के मुंह में अपना सारा माल गिरा दिया.
खाला एक बूँद भी बर्बाद किये बिना हर किसी का वीर्य पूरे प्यार से पीती जा रही थी.
इधर जो आदमी मेरा मुंह चोद रहा था उसने फचाक फचाक करके आठ दस पिचकारियां मारीं और मेरा मुंह अपने माल से भर के अलग हो गया.
उसकी जगह दूसरा आदमी मेरा मुंह चोदने लगा.
जिसका लंड मेरी चूत में था वह भी झड़ने वाला था, उसने भी ना जाने कितनी ही पिचकारियां मेरी चूत में मारीं और अलग हो गया.
लेकिन जो आदमी मेरी खाला को चोद रहा था वे अब भी उसी तेजी से लगा हुआ था.
इस बीच ना जाने कितने ही मर्द मेरी खाला के मुंह में अपना माल गिरा चुके थे.
अचानक वह आदमी भी फारिग होने को आया और तेज तेज धक्के मेरी खाला की चूत में मारने लगा.
मेरी खाला का बदन रुई के गद्दे की तरह हिल रहा था.
उस आदमी ने खाला का मुंह चोद रहे आदमी को हटाया और जोर का झटका लिया.
फिर उसने चूत से अपना लंड निकाला तो खाला की चूत से खून का फवारा भी निकल गया और उस आदमी का सारा बदन खून से भर गया.
उस मुस्टंडे आदमी ने वीर्य की दो तीन पिचकारियां पहले ही खाला की चूत में भर दी थीं.
लेकिन उसके लंड में इतना वीर्य भरा था कि उसने एक बार फिर चूत के पास खड़े खड़े ही वीर्य की पिचकारियां मारना शुरू कर दिया और उसकी धार इतनी तेज थी कि मेरी खाला का सारा चेहरा वीर्य से भर गया.
उस आदमी ने ना जाने कितनी ही पिचकारियां मारीं, उसकी हर पिचकारी गाढ़ी और मलाईदार होती थी और खाला हर पिचकारी को अपने मुंह में कैच करने का प्रयास करती थी.
कई पिचकारियां खाला के मुंह में गईं और कई पिचकारियों से खाला का चेहरा, बाल, गर्दन सब वीर्य से भर गए.
कुछ देर के लिए तो सब लोग आश्चर्य के साथ यह नजारा ही देखते रहे और फिर एक आदमी बोला- दीनू काका बूढ़े हो गए हैं लेकिन आज भी जवानों को मात करते हैं!
तब जाकर मुझे पता चला कि ये गबरू जवान मुस्टंडा असल में बूढ़ा दीनू काका है.
लेकिन हमको क्या, हमें तो चुदने से मतलब है.
एक आदमी बोला- ये छिनाल तो पूरी गन्दी हो गई अब कौन चोदेगा इसको?
दूसरा बोला- अरे पीछे से तो साफ़ है।
बस फिर उन लोगों ने खाला को पलट कर घोड़ी बनाया और एक आदमी ने बिना सोचे विचारे खाला की गांड में अपना मूसल पेल दिया.
खाला की एक बार फिर दर्दनाक चीख निकल गई लेकिन भला उधर कौन सुनने वाला था.
आदमी ने खाला की गांड में धक्के मारने शुरू कर दिए और हर धक्के के साथ खाला की चीख निकलती जा रही थी.
भीड़ में से कोई बोला- भाइयो, जल्दी करो, खेत में बहुत काम बाकी है, मालिक आ गया तो दिहाड़ी नहीं मिलेगी।
यह सुनकर आदमी ने खाला की गांड में बुलेट ट्रेन की गति से धक्के मारने शुरू कर दिए.
इधर मेरी चूत और मुंह भी भर चुके थे तो किसी ने मुझको भी जबरदस्ती पलटाया और मेरी गांड में लंड घुसाने लगा.
मुझे दर्द हो रहा था तो मैं उन लोगों को रोकने की नाकाम कोशिश कर रही थी.
उस आदमी ने मेरी गांड पर ढेर सारा थूक कर उसको चिकना किया और जबरदस्ती जोर लगाया तो उसका लंड मेरी गांड में उतर गया.
मुझे भयानक दर्द हुआ लेकिन उन लोगों को हमारे दर्द से कोई मतलब नहीं था, वे तो बस फटाफट हम को चोद कर अपना काम ख़तम करना चाहते थे.
हम दोनों रंडिया चीखती रहीं लेकिन वे लोग हमारी गांड में लंड डाल कर तेज तेज धक्के मारते और फिर जब उनका माल निकलने वाला होता तो हमारे मुंह में पिचकारियां मार मार कर अलग हो जाते.
कुछ देर बाद तो ये हालत हो गई कि किसका लंड घुसा और किसका लंड निकला, पता ही नहीं चलता था.
सुबह से हमने कुछ खाया पिया नहीं था लेकिन वीर्य की पिचकारियां मार मार कर गांववालों ने हमारा पेट गले तक भर डाला था.
जब हमारी गांड मार मार कर गांव वालों ने इसका कुआं बना डाला तो उन लोगों ने मजे लेने के लिए हमारे ऊपर मुठ मारना शुरू कर दिया.
शाम तक हमारी चूत, मम्मे, मुंह, छातियां, बाल, पेट, पीठ, जांघें, पाँव सब खून में मिलेजुले वीर्य से सराबोर हो गए थे.
वे लोग पिचकारी मारते थे और अपने काम पर लौट जाते थे.
शाम तक Xxx Xxx चुदाई के बाद मैं और खाला अकेले ही रह गए थे.
मैं घिसट कर खाला के पास पहुंची तो खाला की आँखें बंद थीं और उनका वीर्य और खून से लिसड़ा शरीर हरकत नहीं कर रहा था.
मुझे लगा कि वे मर गई हैं.
मैं रोने लगी लेकिन तभी उसने अपनी आँखें खोल दीं और मुस्कुराती हुई बोली- देखा, ये होती है असली चुदाई … इस पल को जी भर के जी ले क्यूंकि ये मजा जिंदगी में एक बार ही मिलता है!
तब मैं भी खाला के वीर्य से सने मम्मों पर सर रख कर लेट गई और इन भयंकर चुदाई वाले पलों को सोच सोच कर मजे लेने लगी.
जब भी मैं याद करती थी कि किस तरह उन लोगों ने मेरे मुंह में, चूत में, गांड में वीर्य की गर्म गर्म पिचकारियां मारीं तो मेरा दर्द कुछ कम हो जाता था.
कुछ देर हम ऐसे ही लेटी रही.
अँधेरा होने पर हम उठी और नंगी ही कार में जाकर बैठ गई.
मैंने पूछा- खाला, पानी तो नहीं पीना?
तो खाला बोली- नहीं रे, गले तक वीर्य भरा हुआ है, पानी पीने की बिलकुल जगह नहीं है.
हम दोनों ने हंसते हुए अपने बदन साफ़ किये और नए कपड़े पहन लिए.
मैंने पूछा- क्यों खाला, प्यास बुझी या बस छींटे ही पड़े?
खाला बोली- शबनम, आज तो छींटे नहीं बल्कि सुनामी पड़ी है मेरे ऊपर. यही चुदाई तो मैं चाहती थी हमेशा से. आज जाकर मेरे तन और मन को सच्ची राहत मिली है! यह चुदाई तो मुझे जिंदगी भर याद रहेगी. जाने अगली बार कब ऐसे पेट भर कर वीर्य पीने को मिलेगा।
मैंने कहा- आपके चक्कर में मेरी चूत और गांड भी पत्तागोभी जैसी हो गई, अब सारी जिंदगी आदमियों की जगह हाथियों से चुदवाना पड़ेगा।
खाला बोली- अरे अब तो मुझे लंड की जगह पूरा का पूरा आदमी ही अंदर घुसवाना पड़ेगा।
और हम दोनों हंसने लगी.
कई दिनों तक हमारे मुंह से लंड और वीर्य की महक आती रही और हमको अपनी चूत और गांड का इलाज करवाने के लिए सर्जन के पास भी जाना पड़ा.
कुछ दिन बाद पता चला कि खाला की माहवारी नहीं आई है.
डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि खाला माँ बनने वाली है.
स्कैन में पता चला एक साथ ग्यारह बच्चे पैदा होंगे.
खाला ने बताया कि आखरी बार उनके शौहर ने तो दो महीने पहले चोदा था.
इसके बाद चूत में बस दीनू काका का माल ही उतरा था.
इसका मतलब कि इन सभी बच्चों का बाप वे दीनू काका ही है.
अब समझ में आया कि पुराने समय में हिन्दुस्तान की औरतें सौ बच्चे कैसे पैदा कर लेती थीं.
उसी दिन रात को खाला ने अपने शौहर से अपनी चूत चुदवा ली और उसका माल अपनी चूत में ही गिरवा लिया.
अब सारी दुनिया यही समझती है कि खाला के शौहर ने ग्यारह बच्चे पैदा करवा दिए लेकिन बस मैं और खाला ही जानते हैं कि ये कमाल दीनू काका ने किया है.
मेरी इस फंतासी Xxx Xxx चुदाई स्टोरी पर आप अपने विचार मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं.
शबनम खान
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