Latest Hindi Sex Stories added for who looking to read Xxx Lund suck Kahani – बेसहारा लड़की को पनाह देकर मजा लिया to make every night hot about Xxx Lund suck Kahani – बेसहारा लड़की को पनाह देकर मजा लिया story.
Story Start Here :
Xxx लंड सक कहानी में एक बेसहारा लड़की को मैं अपने घर लाया, उसे सहारा दिया. तब मैं उसे चुदाई के मजे के लिए तैयार करने में लग गया. मैंने उसे लंड दिखाकर चूसने को कहा.
दोस्तो, मैं बिलाल खान एक बार पुनः अपनी सेक्स कहानी को आगे बढ़ाते हुए आपसे मुखातिब हूँ.
कहानी के पहले भाग
बेसहारा लड़की की उभरती जवानी
में अब तक आपने पढ़ा था कि एक जवान पर्दानशीं लड़की मुझे सड़क पर घायल अवस्था में मिली थी, जिसका इलाज करवाने पर मुझे मालूम हुआ था कि यह लड़की अपनी याददाश्त खो चुकी है, पर वह एकदम स्वस्थ थी.
मैंने उसका नाम नूरी रख दिया और उसकी परवरिश करने लगा.
कुछ समय बाद कुछ ऐसे हालात बन गए कि वह मेरे सामने नंगी हो गई.
मै उसकी खूबसूरत जवानी देखकर अपने होश खो बैठा और उसके साथ सेक्स करने की सोचने लगा. ऐसा करना मेरे लिए वाजिब भी था क्योंकि वह मेरी सगी बेटी नहीं थी.
तब भी मैं बिना उनकी रजा के कुछ भी नहीं करना चाहता था.
अब आगे Xxx लंड सक कहानी:
मैं- बेटी, पहले मुझे आज की रस्म पूरी करने दे. मुझे तेरे लिए एक नई ड्रेस मंगवाना है, इसी लिए तो मैं तेरा नाप ले रहा था. तेरे लिए ब्रा पैंटी और ड्रेस आने में बस 30 मिनट लगेंगे. मैं तेरे लिए नई ड्रेस मँगवा लेता हूँ और तेरी वर्जिनटी की खुशी पर केक भी काटना है.
नूरी से यह कहने के बाद मैंने अपने मैनेजर को फोन किया और उसे सब बता कर सारा सामान लाने को कहा.
उसने 30 मिनट के अन्दर सब सामान पहुंचा दिया.
उस वक्त रात के 9 बजे का समय हो रहा था.
मैंने पहले नूरी को लाल रंग की ब्रा पैंटी का सैट दिया और ड्रेस देते हुए कहा- इसे पहन कर आओ.
उसके बाद मैंने खुद अपने हाथों से अपनी बेटी की कुंवारी बुर का जश्न मनाने के लिए कमरे की सजावट की.
फिर कमरे में ही केक को अन्दर ले गया और अन्दर से कमरा बंद करके नंगा हो गया.
जब मैंने नंगे होकर खुद के शरीर को देखा, तो खुद पर गर्व करने लगा कि इतना बड़ा शरीर है. खास तौर पर मेरी कमर और गांड का हिस्सा बहुत भारी था. मेरे सीने पर भी बहुत बाल थे. चौड़ा सीना था और पेट सामान्य था, मुँह पर दाढ़ी थी.
अंत मैं जब मेरी नज़र लंड पर गई, तो मैंने और ज्यादा गर्व अनुभव किया. क्योंकि मेरा लंड काफी लंबा है और मोटाई में यह किसी मोटे खीरे के जैसा है. लंड का रंग एकदम गहरा काला है. इसके इर्द-गिर्द घनी झांटें देख कर ही लंड की ताक़त का पता चलता है.
मेरा लंड एकदम सीधा मेरी ओर देख कर झटके मार रहा था और प्री-कम उगल रहा था मानो मुझसे पूछ रहा था कि मुझे कब स्वर्ग ले जाओगे.
मैंने जब लंड की चमड़ी को पीछे किया, तब लंड से ढेर सारा प्री-कम निकल कर केक के ऊपर गिर गया और कमरे में मादक खुशबू भर गई.
लंड की टोपी बहुत बड़ी थी. उसमें से बहुत तेज गंध आ रही थी.
मैं अपनी कुंवारी बेटी को अपने लंड का मक्खन इसलिए खिलाना चाहता था क्योंकि लंड वाले मक्खन में बहुत ज़्यादा न्यूट्रीशन रहता है.
चूंकि नूरी बहुत पतली थी, तो मैं जानता था कि वह एकदम से मेरे लंड को झेल नहीं पाएगी.
उसको जल्दी से जल्दी तंदुरुस्त होना होगा, तब वह मेरे लंड से पूरे आनन्द से चुद सकेगी.
मैं अब फटाफट मुठ मारने लगा.
कोई 5 मिनट के अन्दर मेरा वीर्य किसी बंदूक की गोली की तरह पिचकारियां छोड़ने लगा और एक के बाद एक पिचकारी मैंने केक के ऊपर डाल कर उसे सजा दिया.
मैं इतना जल्दी इसलिए झड़ गया था क्योंकि पहले से मेरी बेटी के नंगे जिस्म को देख कर व छूकर मैं काफी उत्तेजित हो गया था.
मेरा शेर इतने वीर्य से तो आराम से मेरी बेटी से 20-25 औलादें पैदा कर देगा.
सच में बहुत ही गाढ़ा वीर्य था और ढेर सारा भी … कोई 40-50 एमएल रहा होगा.
मैं अब लुंगी पहन कर बाहर आ गया और मैंने देखा कि बाहर मेरी बेटी सजधज कर मेरा इंतजार कर रही थी.
मैंने जब नूरी को देखा, तो मैं पागल हो गया.
तब मैंने सोचा कि मालिक ने मुझे तो छप्पर फाड़ कर तोहफा दिया है.
मैंने आगे बढ़ कर अपनी सेक्सी बेटी को एक लंबा सा किस दिया.
इस बार का किस इतना ज्यादा जबरदस्त था कि नूरी के मुँह की लार को मैंने निगल लिया और मेरी लार को उसने निगल लिया.
यह सेक्स और वासना का माहौल मेरी बेटी को बहुत अच्छा लगता है, ऐसा मुझे महसूस हो रहा था.
बेटी को किस करके मैं उसे केक की तरफ ले गया और पहले केक के ऊपर पड़े लंड के प्री-कम और वीर्य को उसे दिखाते हुए कहा- पहले इसका टेस्ट बता मुझे, यह तेरे मालिक ने तेरे ऊपर खुश होकर तुझे दिया है.
यह सुनते ही नूरी ने खुश होकर केक को टेस्ट किया और बोली- अब्बू यह थोड़ा अजीब सी स्मैल दे रहा है … और थोड़ा नमकीन सा भी है.
नूरी से वीर्य का टेस्ट करवा कर मेरा लंड पूरा लोहा बन चुका था और बार बार प्री-कम उगल रहा था साथ ही ज़ोरदार झटका मार रहा था.
उसके बाद उसने केक काटा.
नूरी कहने लगी- अब्बू, मेरे मालिक को कब छूने को मिलेगा, कब मैं उनकी सेवा करूँगी?
मैं- अभी इस वक्त बेटी तुझे छूने को मतलब खाने को मिलेगा … लेकिन एक शर्त पर … तुझे अपनी आंखों पर पट्टी बांधनी होगी.
नूरी- ओके अब्बू!
मैंने नूरी की आंख पर पट्टी को बाँध दिया और कहा- बेटी, अब तू अपने मालिक को प्यार से बुला और नंगी हो जा. नंगी होगी तो मालिक जल्दी से तेरे पास आ जाएंगे.
इधर मैं भी पूरा नंगा हो गया और मैंने अपनी बेटी को नंगी होकर नीचे बैठने को बोला और मैं सोफे पर आराम से आधा लेट कर बैठ सा गया ताकि मेरी बेटी को मेरा लंड चूसने में आसानी हो.
मैंने अपनी बेटी को अपनी दोनों जांघ के बीच में आने को कहा और नीचे बैठने को कहा.
मेरा लंड तो पहले से ही हार्ड था और उसका रूप विकराल हो गया था.
नूरी को तो दिख नहीं रहा था लेकिन वह उसको छू सकती थी.
मैं बोला- नूरी, अपने मालिक को आगे की तरफ़ अपना हाथ बढ़ा कर जल्दी से पकड़ ले, मालिक बहुत हिल रहे हैं!
नूरी तो लंड को छूने के लिए अधीर थी.
जैसे ही नूरी ने हाथ बढ़ा कर मेरे लंड को छुआ, तभी मेरे लंड ने और जोर का झटका खाया … मानो उसे 440 वॉल्ट का करेंट लगा हो. उसी पल मेरा लंड प्री-कम से लबालब था.
उधर मेरी बेटी को एक अलग सा आनन्द मिल रहा था.
उसकी उत्सुकता से पता चल रहा था, जैसे वह मेरे लंड को चूस कर उसका अमृत रस पीने के लिए व्याकुल थी.
नूरी मेरे लंड को अपने दोनों हाथ से पकड़ कर पूछने लगी- अब्बू, आपका शेर इतना गर्म क्यों है … और यह काफ़ी मोटा व लंबा भी है. मैं इसकी सेवा कैसे करूँ अब्बू?
मैं देख रहा था कि नूरी ने मेरे लंड को अपने दोनों हाथों से ऐसे पकड़ा हुआ था, जैसे उसका मालिक लंड कहीं भाग ना जाए.
मैं देख रहा था कि मेरा लंड उसकी कलाई से भी मोटा था.
‘बेटी अपना मुँह खोल कर इसकी सेवा कर, यह उस सेवा से बहुत प्रसन्न होंगे और अपना अमृत प्रसाद तुझे सेवन करने के लिए भी देंगे. उस अमृत रस का पान करके तू बहुत तंदुरुस्त भी हो जाएगी. फिर तेरे बर्थडे पर मालिक तुझे दर्शन देंगे.
नूरी ने तुरंत अपना मुँह खोला और लंड को एक बार में पूरा अन्दर लेने की कोशिश की, लेकिन मेरे लंड का टोपा ही इतना बड़ा था कि उसका मुँह सुपारे से ही पूरा ढक गया था.
फिर भी नूरी अपनी जीभ से और होंठों से लंड देव की भरपूर सेवा करने की कोशिश में लगी थी. वह अपने बाप के लंड को तबीयत से चूस रही थी.
मेरे लंड को चूसने में उसको इतना ज्यादा स्वाद मिल रहा था कि वह लंड को खा जाने की भरसक कोशिश करने लगी थी.
उसने अपनी अनुभवहीनता के चलते मेरे लंड पर अपने दांत भी गड़ा दिए थे.
उसे लंड का स्वाद इसलिए अच्छा लग रहा था क्योंकि लंड से खट्टा सा प्री-कम की धार उसे बड़ी मोहक लग रही थी.
नूरी जब लंड चूसती, तो मेरे मुँह से आनन्द भरी आअहह निकल रही थी और उस चरम सुख से मेरी आंख से आंसू निकल रहे थे.
नीचे मेरे लंड से प्री-कम की धार बढ़ती जा रही थी और नूरी उसी प्री-कम के नमकीन स्वाद से अपनी जीभ से लंड को और अच्छी तरह से चाट चूस रही थी.
वह लंड को ऐसे चूस रही थी, मानो मेरी आत्मा को चूस रही हो.
मैं उतना ही और ज्यादा सुख से खुश होकर अपने लंड से प्री-कम मेरी बेटी को दे रहा था.
यह एक अजीब सा बॉन्ड बन गया था.
कुछ मिनट के अन्दर मेरे मुँह से आआहह निकली- आह मेरी बच्ची … आह मेरी रानी मैं सबसे खुशनसीब बाप हूँ इस दुनिया का … आह!
उधर मेरी बेटी के मुँह से उम्म्म्म आह आह की आवाज़ खत्म ही नहीं हो रही थी.
वह अपने मुँह से मेरे लंड को एक पल के लिए भी नहीं छोड़ रही थी.
नूरी लगातार मेरे लंड को अपने मुँह में अन्दर से अन्दर तक लेने की कोशिश कर रही थी.
धीरे धीरे जब Xxx लंड सक करके उसके मुँह में दर्द होता, तो वह लंड को दोनों हाथ से बिना छोड़े उसको नीचे से ऊपर तक चाट भी रही थी.
वह मेरे लंड की बॉल्स को अपनी जीभ से चाट कर लपर लपर की आवाज भी निकाल रही थी.
मेरे लंड की गोटियां बहुत बड़ी थीं.
मैंने नूरी से पूछा- बेटी, कैसा लग रहा है … और तू जिस मालिक की अपने मुँह से सेवा कर रही है, मालूम है इसको क्या कहते हैं! इन मालिक को लंड देव कहते हैं, जो कि तेरी मालकिन के मालिक हैं.
यह सुन कर नूरी मेरे लंड को अपने गले से नीचे तक ले गई मतलब उसने मेरे लंड को उसकी जड़ तक ले गई और उसने समूचे लंड को अपने मुँह में भर लिया.
नूरी की लंड चुसाई को पूरा आधा घंटा हो गया था.
तो जिस वक्त उसने लंड को अपने हलक में जकड़ा, उसी वक्त मेरे लंड से वीर्य की बौछार निकलनी शुरू हो गई.
वीर्य स्खलन से मेरे मुँह से तेज आवाज निकली- आआहह मेरी जान खा ले तेरे मालिक का रस!
नूरी मेरे लंड को गले तक लेकर धीरे धीरे लंड की टोपी तक ला रही थी.
लंड से निकली वीर्य की पिचकारी बंद नहीं हुई थी.
पूरे 5 मिनट तक वीर्य की पिचकारी निकलती रही थी.
नूरी भी अपने मुँह में सारा वीर्य गटकती चली गई.
उसी दरमियान मेरा एक हाथ मेरी बेटी के सर के ऊपर अपने आप चला गया.
मैं उसको दुआएं दे रहा था और बोल रहा था- आह पी ले … मेरी बच्ची … इस रस की तुझे बहुत जरूरत है … आह इसकी एक बूँद भी बर्बाद मत करना … सब पी जा!
मेरा लंड अभी तक झटके दे रहा था और थोड़ा थोड़ा वीर्य उगल रहा था.
अब लंड थोड़ा ढीला पड़ गया था और लंड से इतनी अधिक मात्रा में वीर्य निकला था कि मेरी बेटी का पेट भर गया.
‘बेटी कैसा लगा?’
नूरी मेरे लंड को अभी तक पकड़ कर चूस रही थी.
‘बहुत अच्छा लगा अब्बू … आई लव यू अब्बू … थैंक्स अब्बू!’
मैं- थैंक्स मत बोल बेटी, यह तो मेरा फ़र्ज़ है. यह रस तुझे हेल्दी बनाएगा … और पिएगी? आज से जब चाहोगी, तब रसपान कर सकती हो और इस लंड में एक रस और है, जो तुझे हर वक्त इस लंड से प्रेम करने की आस्था बनाए रखेगी, क्या तुम उसे भी पीना चाहोगी?
नूरी- हां अब्बू!
मैं- तो दोनों हाथ से लंड को पकड़ कर अपने माथे पर लगा और बोल ‘हे लंड देव, मुझे और रस का सेवन करने का अवसर दीजिए!’
नूरी- हे लंड देव यदि आप मेरी सेवा से प्रसन्न हैं तो मुझ पर एक और दया कीजिए … मुझे लंड के और रस का सेवन भी करने दीजिए!
मैं- बेटी अब अपना मुँह खोल!
उसने मुँह खोल दिया.
मैंने थोड़ी पेशाब करके पूछा- कैसा लगा टेस्ट बेटी?
नूरी- खारा!
मैं- पी सकती हो?
नूरी- हां अब्बू.
मैं- तो ले पी ले.
यह बोल कर मैंने अपने लंड से पेशाब की धार छोड़ना शुरू कर दी.
नूरी अपने मुँह के अन्दर पेशाब को गट गट करके पी रही थी.
मेरे लंड से कोई एक ग्लास पेशाब की धार निकल कर बंद हुई.
‘यह लंड देव आज से तेरी सेवा में हमेशा रहेंगे, तू जब चाहे … तब इससे जो भी रस पीना चाहोगी, वह रस पी सकती हो. ये लंड देव तुझे तेरे बर्थडे गिफ्ट में तुझे दर्शन देंगे और तब से तुझे हर दिन जन्नत में ले जाएंगे, चरम सुख देंगे.’
दोस्तो, इस सेक्स कहानी का अगला पार्ट मैं आपके कमेंट्स मिलने के बाद लिखूंगा.
तब तक के लिए बाइ बाइ.
आपको यह Xxx लंड सक कहानी कैसी लगी … कमेंट में जरूर लिखें, आप ईमेल भी कर सकते हैं.
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