Latest Hindi Sex Stories added for who looking to read Meri Antravasana Sex Story – दामाद से चुदकर बेटी की सौतन बनी to make every night hot about Meri Antravasana Sex Story – दामाद से चुदकर बेटी की सौतन बनी story.
Story Start Here :
मेरी Antravasana सेक्स स्टोरी में मेरी बेटी के होने वाला पति मुझे पसंद आ गया. मैंने उसे घर बुला कर चुदाई का मजा लिया. अपने तीनों छेद चुदवाकर मैं संतुष्ट हो गयी.
दोस्तो, मैं कविता माथुर आपको अपनी बेटी के पति के साथ संभोग की रसीली सेक्स कहानी सुना रही थी.
कहानी के दूसरे भाग
होने वाले दामाद से चुद गयी
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरी बेटी के होने वाले पति राहुल के साथ चुदाई का आनन्द ले रही थी. उसने मेरी चुत की बजाए मेरी गांड चोदना शुरू कर दी थी. फिर गांड मारने के बाद वह बड़ी ही बेरहमी के साथ मेरे मुँह को चोदने लगा था, जिससे मैं छटपटा उठी थी और पूरी ताकत से उसे अपने ऊपर से हटाने लगी थी.
यह कहानी सुनें.
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अब आगे मेरी Antravasana सेक्स स्टोरी:
मैंने अपने दोनों हाथों से उसे जोर से धक्का देकर दूर किया.
तब जाकर मेरी सांस में सांस आयी.
ऐसा लग रहा था मानो मेरी जान ही निकल जाएगी.
पांच मिनट तक मैं ऐसे ही बदहवास सी बेड पर पड़ी रही.
फिर गुस्से से मैं राहुल से बोली- मादरचोद, चोदने के लिए कहा था … मारने के लिए थोड़ी कहा था. साले चोद रहा है या मेरी जान निकाल रहा है!
राहुल को भी शायद अब अहसास हो रहा था कि कुछ ज्यादा हो गया- सॉरी कविता डार्लिंग, तुमने ही तो बोला था!
‘भोसड़ी के, मादरचोद साले चोदने के लिए बोला था या मारने के लिए!’
मैं थोड़ी देर में बिस्तर से उठी, मुझसे उठा भी नहीं जा रहा था.
मेरी गांड ऐसे दर्द कर रही थी कि जैसे गांड में किसी ने गर्म गर्म लावा डाल दिया हो.
मैं हिम्मत करके उठी और बाथरूम में गई, थोड़ा सा पानी पिया, फ्रिज में से कुछ खाने के लिए निकाला और राहुल को भी दिया और मैंने भी कुछ खाया.
राहुल मुझे बार बार सॉरी बोल रहा था. पर अभी भी मेरी चूत की प्यास बाकी थी.
मैंने उसे प्यार से बिठाया और फिर से उसके चेहरे को चूमने लगी.
फिर से मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसके लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी.
मैंने राहुल के कान में कहा- यार राहुल, अभी मेरी प्यास अधूरी है, मेरी चूत को भी अपने अमृत से भर दो राहुल!
मेरी काम वासना मुझ पर इतनी हावी हो गयी थी कि मुझे लंड के अलावा कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था.
मेरी गांड का मीठा मीठा दर्द भी मुझे अच्छा लग रहा था.
इतना सुनते हुए राहुल ने मुझे गोदी में उठा लिया, मेरी दोनों चूचियों को बारी-बारी से चूसने और काटने लगा और मुझे सीधा बिस्तर पर पटक कर मेरे ऊपर आ गया.
उसने अपने मूसल लंड को सीधा मेरी चूत के दरवाजे पर लगाकर एक झटके में ही अन्दर पहुंचा दिया.
फिर मुझे अपने लंड से जोरदार धक्कों से चोदने लगा.
राहुल मुझे अपनी नीचे लेकर ऐसे ही चोद रहा था, जैसे रवि मुझे चोदते थे.
कुछ देर तक मुझे ऐसा ही महसूस हो रहा था, जैसे रवि ही मुझे चोद रहे हों.
राहुल ने मुझे बहुत ही बेदर्द तरीके से मेरी चूत और गांड और मेरा मुँह तीनों ही बेदर्द तरीके से चोदे थे.
लगभग 3 घंटे से हम दोनों ही इस काम क्रीड़ा में व्यस्त रहे थे.
राहुल एक बजे आया था और अब लगभग 4 बज चुके थे.
थोड़ी देर सुस्ताने के बाद मैंने राहुल से को एक प्यारी से पप्पी दी और उसका धन्यवाद किया- राहुल, अब तुम चले जाओ, मैं तुम्हारी दासी हो गई हूं. अब जब भी तुम चाहो मुझे चोद लेना … और ध्यान रखना हमारा और तुम्हारा रिलेशन अकेले में कविता वाला है और सबके सामने मम्मी जी वाला रहेगा!
राहुल- हां मॉम मैं ध्यान रखूंगा.
उस दिन तीन घंटे तक राहुल से मैं चुदती रही, अपनी गांड, चूत और अपने मुँह को मैंने राहुल से कितनी बार ही चुदवाया था.
शायद जीवन में एक दिन इतना सेक्स तो मैंने रवि के साथ भी नहीं किया था.
राहुल से सेक्स के बाद मेरा शरीर ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने मेरे साथ बहुत मारपीट की हो, मुझसे चला भी नहीं जा रहा था. मेरी गांड बुरी तरह से दर्द कर रही थी.
मेरी चूचियों पर राहुल के काटने के निशान साफ नजर आ रहे थे.
इतने सालों बाद चूसने के कारण मेरी छाती भी दर्द कर रही थी.
शाम को 6 बजे अवनि घर आई.
मैं बिस्तर पर लेटी थी.
अवनि- माँ क्या हुआ?
‘कुछ नहीं बेटा, बस तबियत ठीक नहीं है!’
मैंने अवनि से दर्द की गोली ली और खाना खाकर सो गई.
अगले दिन सुबह ही मेरी आंखें खुली, पर मेरा रोम रोम अभी भी दर्द कर रहा था.
राहुल के साथ बिताये हुए पल मुझे अन्दर ही अन्दर असीम आनन्द दे रहे थे.
दोपहर को राहुल का फोन आया- मॉम, आप कैसी हैं!
मैंने धीमी आवाज में कहा- साले, तूने इतना चोदा है कि सही से खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा है. मेरी गांड तो तूने फाड़ ही डाली!
राहुल- तुम ही तो बोल रही थी मुझे निर्मम तरीके से चोदना तो बस मैंने चोद दिया.
फिर वह हंसने लगा.
कुछ देर बाद वह बोला- अब तो तुम्हें ऐसे ही चोदूंगा कविता डार्लिंग!
उस दिन से शुरू हुआ ये रिश्ता, मेरे आने वाले जीवन में नया घमासान लाने वाला था.
अवनि की राहुल के साथ शादी हो गयी और वह अपनी ससुराल चली गई.
राहुल के संग मेरा जिस्मानी संबध भी तभी से शुरू हुआ था.
हम दोनों को जब भी टाइम मिलता, हम एक दूसरे को तृप्त कर लेते थे.
जब से मेरे जीवन में राहुल आया था, मेरे दिलो-दिमाग और मेरी पर्सनेलिटी में अंतर आ गया था.
अब मैं खुश रहने लगी थी.
कोई कह नहीं सकता था कि मेरी एक बेटी भी है.
मैंने अपने आप को एक 30 साल की लेडी की तरह मेंटेन कर लिया था.
जब भी हम मां बेटी एक साथ होती थीं तो कोई भी हम दोनों बहनें ही बोलता था.
अपनी तारीफ सुनकर मुझे बड़ा अच्छा लगता था.
पर एक दिन वही हो गया, जो मैंने कभी सोचा भी नहीं था.
अवनि की सहेली अम्बिका की शादी थी.
उसने मुझसे से कहा- मॉम आज अम्बिका की शादी है और राहुल भी बाहर जाने के लिए बोल रहे हैं, तो आप ही मेरे साथ अम्बिका की शादी में चलना.
मैंने अवनि से शादी में जाने के लिए हां बोल दी.
बहुत दिनों से राहुल और मुझे एक दूसरे से मिलने का मौका नहीं मिल पाया था.
तभी थोड़ी देर बार राहुल का फोन आया- कविता डार्लिंग, क्यों ना आज रात हनीमून मना लें?
राहुल अकेले में मुझे कविता डार्लिंग कह कर ही बात करता था.
शायद आज राहुल ने पहले ही प्रोग्राम बनाया हुआ था.
तो मैंने भी मौका और दस्तूर देखते हुए राहुल से रात के लिए हामी भर दी.
मैंने राहुल से कहा- अवनि को अम्बिका की शादी में जाना है और मैं तबियत का बहाना बनाकर उसे मना कर दूंगी.
इस तरह से हम दोनों का प्रोग्राम रात का बन गया था.
अवनि मेरे घर आई- मॉम, शाम को अंबिका की शादी में चलेंगे, बहुत मजा आएगा!
मैंने उससे कहा- बेटी, मुझे अपनी तबियत ठीक नहीं लग रही है, ऐसा करो तुम ही चली जाओ.
अवनि कुछ नाराज हुई.
पर मेरी तबियत को देखते हुए उसने अकेले ही शादी में जाने का निर्णय कर लिया.
वह शाम को अपनी कुछ और सहेलियों के साथ अम्बिका की शादी में जाने के लिए निकल गई.
मैं अब निश्चिंत हो गयी थी कि अब अवनि अगले दिन ही आएगी.
आज फिर बहुत दिन बाद राहुल और मैं अपनी प्यास बुझाएंगे.
मैं आज बहुत खुश थी.
रात को करीब 9 बजे राहुल घर आया.
मैंने अपने आपको राहुल के लिए बहुत सजाया था, अवनि के जाने के बाद मैं पार्लर में जाकर अपना हल्का मेकअप भी कराकर आयी.
लाल रंग की ड्रेस जो रवि मेरे लिए 15 साल पहले लाये थे, उनका फैवरेट कलर था … मैंने आज राहुल के लिए वह ड्रेस पहनी और अपने आपको शीशे में निहार रही थी.
मैं ऐसा महसूस कर रही थी, जैसे कोई नवयौवना अपने पति का इंतजार करती है.
वैसे ही मैं भी राहुल का बेसब्री से इंतजार कर रही थी.
करीब रात के 9 बजे डोर बेल बजी.
मैंने दरवाजा खोला तो देखा सामने राहुल ही खड़ा था, उसके हाथ में एक बड़ा सा फूलों का बुके था और एक गिफ्ट उसके हाथ में था.
मुझे देखते हुए राहुल बोला- हैलो कविता डार्लिंग कैसी हो?
मैंने भी उसे हग करते हुए ‘हैलो जानेमन’ कहा.
उसने गुलाब के फूलों का वह बुके और गिफ्ट मुझे देते हुए मेरे गाल पर एक प्यारा सा चुम्मा दे दिया.
मैंने भी उसके होंठों से अपने होंठ लगा लिए और खड़े खड़े ही हम दोनों एक दूसरे के होंठों में खो गए.
फिर हम दोनों अन्दर कमरे आ गए.
मैं राहुल से बोली- यह गिफ्ट मेरे लिए?
राहुल- हां मेरी जान, बिल्कुल तुम्हारे लिए ही है!
मैंने जल्दी से गिफ्ट का रैपर फाड़ा तो अन्दर एक डिब्बा था.
मैंने डिब्बा फाड़ा तो देखा उसमें लाल रंग की 3 पीस वाले सैट की जालीदार मैक्सी थी और विहस्की की एक बोतल थी.
तब मैंने राहुल की ओर देखा और उससे पूछा- यह क्या है यार!
राहुल बोला- आज इसे ही पहनाकर तेरी लूंगा. पहले विहस्की पीकर मूड बना लेते हैं.
मैंने वैसे तो बढ़िया ड्रेस पहनी हुई थी उस ड्रेस में बहुत सेक्सी लग रही थी.
पर राहुल की जिद के कारण मैं उसकी लाई हुई 3 पीस मैक्सी पहनने के लिए बेडरूम में आ गई.
राहुल भी मेरे पीछे ही रूम में आ गया.
उसने खुद ही मेरे शरीर से मेरी वह ड्रेस उतार दी और मुझसे बोला- अब मेरे सामने ही इस ड्रैस को पहनो.
राहुल एकटक मेरी शरीर को घूर रहा था.
मैं राहुल से बोली- राहुल क्या बात है आज तो बहुत ही रोमांटिक मूड में हो यार! आज क्या इरादा है?
मैंने हंसते हुए उससे यह पूछा तो राहुल बोला- जानेमन, आज तुम्हें खा जाने का इरादा है. जो कशिश तुम में है, वह तुम्हारी बेटी में नहीं है. तुम जैसा मजा देती हो … खुलकर मजा लेती हो और देती हो … वह मजा तुम्हारी बेटी में नहीं है यार. तुम तुम ही हो. आज तुम्हें उस दिन जैसा ही प्यार देना है मेरी कविता जान!
‘हां यार मैं भी तुम्हें मिस करती हूं. आज मैं तुम्हें उस दिन से ज्यादा मजा दूंगी मेरे यार!’
राहुल मेरे पास आया, मेरी ठुड्डी ऊपर उठाई और मुझसे बोला- यार, तुम वास्तव में हॉट हो … यू आर टू सेक्सी!
यह कहकर उसने मेरे होंठों को अपने होंठों से चूम लिया और मैं उससे लिपट गई.
मैंने विहस्की के दो पैग बनाए.
एक राहुल को दिया और एक पैग मैंने पी लिया.
मैं और राहुल लगभग विहस्की की आधी बोतल खाली कर चुके थे.
मुझ पर अब नशा हावी होने लगा था.
अब हम एक दूसरे से लिपट गए और उसने मुझे बेड के बजाए कारपेट पर ही लिटा दिया और मेरे ऊपर आकर मेरे दोनों हाथों को पकड़ लिया.
अपने होंठों से होंठ जकड़ लिए, अपने दोनों पांवों से मेरी टांगों को खोल दिया और वह मेरी जांघों के बीच आ गया.
उसने अपने लंड का सुपारा मेरी चूत के सिरहाने रखकर जोर से एक ही धक्के में मेरे अन्दर तक पेल दिया.
मुझे उसका लंड मेरी बच्चेदानी तक महसूस हो रहा था.
अगले ही पल उसका मोटा मूसल लंड सटासट मेरी चूत में अन्दर बाहर हो रहा था.
एक तो विहस्की का मजा और उसके लंड का खुमार मुझे पागल किए जा रहा था.
मुझे असीम आनन्द की प्राप्ति हो रही थी.
राहुल लगातार अपने लंड से मेरी प्यास, मेरी Antravasana बुझाये जा रहा था.
उस दिन भी हमने पहली बार की तरह ही सारी हदें पार कर दी थीं.
जब पहली बार राहुल ने मेरी गांड मारी थी, मुझे दर्द तो बहुत हुआ था पर मजा भी बहुत आया था.
आज भी मैंने राहुल से कहा- राहुल, आज भी मेरी गांड को फाड़ दो यार.
हम दोनों ही एक दूसरे के साथ ऐसे गुंथे हुए थे कि कोई भी हार मानने को तैयार नहीं था.
गर्मी के दिनों में एसी फुल पर होने के बावजूद भी हम दोनों पसीनों में तरबतर थे.
हम दोनों ही पति पत्नि की भांति एक दूसरे के अंगों से खेल रहे थे.
मैं उसके लंड को चाट रही थी और वह मेरी गांड को, मेरी चूत को चाट रहा था.
बहुत मजा आ रहा था.
दो घंटे के घमासान सेक्स के बाद हम दोनों ही एक दूसरे के ऊपर ऐसे ही लेट गए और दोनों ही नंगे सो गए.
उधर दूसरी ओर:
अवनि अपनी सहेली अम्बिका की शादी में गई थी, उसकी कॉलेज की सारी सहेलियां वहां थीं.
कुछ सहेलियों के साथ उसने कॉलेज के दिनों में बहुत मजा किया था.
सिगरेट पीना, विहस्की पीना, लड़कों के संग फ़्लर्ट करना … और भी न जाने क्या क्या.
शादी में अवनि की सारी सहेलियां मजे ले रही थीं.
सभी एक कमरे में शराब और सिगरेट का आनन्द ले रही थीं.
अपनी सहेलियों के साथ कुछ ज्यादा ही शराब पीने की वजह से अवनि का पेट खराब हो गया.
वह रात में ही घर के लिए वापिस आ गई.
रात को करीब 1 बजे वह वापिस आई, फ्लैट की एक चाबी उसके पास भी थी.
वह दरवाजा खोलकर अन्दर आई और देखने लगी.
टेबल पर दो गिलास, व्हिस्की की बोतल, पानी, सोडा, नमकीन, खाना आदि सभी कुछ वहां बिखरा हुआ था.
अवनि यह देखकर हैरान थी.
वह धीरे से अन्दर आई और दूर से ही कार्पेट पर दो नंगे जिस्म उसे दिखाई दिए.
पास आकर उसने देखा तो वह एकदम चौंक गई.
अपनी माँ को और अपनी पति राहुल को एक दूसरे से यूं लिपटा देखकर अवनि अपना सिर पकड़कर वहां बैठ गई.
अवनि ने जोर से शोर मचाकर राहुल को जगाया- राहुल राहुल, उठो!
राहुल ने जैसे ही अवनि को वहां देखा, राहुल और मेरा, हम दोनों का नशा भाग गया और हम दोनों ही उठकर बैठ गए.
अवनि ने मुझको गाली बकना शुरू कर दिया- छिनाल साली, अपनी ही बेटी के पति के संग गुलछर्रे उड़ा रही है कुतिया! राहुल तुम तो बाहर गए हुए थे. फिर ये सब क्या है?
राहुल पर अवनि चीखती हुई और रोती हुई कहने लगी- कुत्ते हरामी, मुझसे तेरा मन नहीं भरा जो इस कुतिया को चोद रहा है!
फिर वह हम दोनों को वहीं छोड़कर दूसरे कमरे में चली गई और अन्दर से उसने दरवाजा बंद कर लिया.
दोस्तो, आपको मेरी Antravasana सेक्स स्टोरी कैसी लगी.
आप अपना फीडबैक अनुराग जी को दीजिएगा.
मुझे अब क्या करना चाहिए मेरा मार्गदर्शन करने में भी मेरी मदद करें.
मैं आपका प्यारा अनुराग. मेरे प्यारे पाठको, मेरे ई-मेल पर आप अपनी प्रतिक्रियाएं भेज सकते हैं.
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