Latest Hindi Sex Stories added for who looking to read Sexy Mami Ki Chut – मुमानी की लंड की भूख जाग गई to make every night hot about Sexy Mami Ki Chut – मुमानी की लंड की भूख जाग गई story.
Story Start Here :
सेक्सी मामी की चूत का मजा मैंने लिया. मेरी मामी बहुत चुदक्कड़ थी. एक दिन मैंने उसे 5 मर्दों से एक साथ चुदाई का मजा लेती देखा तो मैंने भी उसे चोदने की ठान ली थी.
फ्रेंड्स, मैं अल्ताफ़ फिर से अपनी सेक्स कहानी का अगला भाग लेकर हाज़िर हुआ हूँ.
आपने मेरी इस पिछली कहानी
मुमानी ने खेला 5 लड़कों के साथ सेक्स का खेल
में पढ़ लिया था कि मेरी शबनम मुमानी ने 5 लड़कों के साथ सेक्स का खेल खेला था.
उसका लिंक दे रहा हूँ, प्लीज एक बार जरूर पढ़ें.
इस सेक्स कहानी में मैंने आपको बताया था कि कैसे उन 5 लोगों ने मिल कर मुमानी की जबरदस्त चुदाई की थी.
ऐसी चुदाई मुमानी ने अपनी पूरी ज़िंदगी में नहीं करवाई थी.
अब आगे सेक्सी मामी की चूत का मजा:
जब शबनम मुमानी घर पहुंचीं, तो मामू ने पूछा- क्या हुआ, ऐसे क्यों चल रही हो?
तब मुमानी ने बहाना कर दिया कि अरे कुछ नहीं जरा पैर लचक गया था, तो गिर गई थी और उसी की वजह से पैर में मोच आ गई है. आपके पास कोई दर्द की दवा हो, तो दे दो!
तो मामू ने उन्हें पेन किलर दे दी और मुमानी दवा खाकर सो गईं.
वे चूंकि काफी थक गई थीं तो शाम के 4 बजे तक सोती ही रहीं.
इधर मैंने भी मुमानी की चुदाई के बारे में सोच सोच कर एक बार और मुट्ठ मार ली.
जब शाम को मुमानी उठीं तो नहा कर अपने काम में लग गईं.
ऐसे ही एक हफ़्ता निकल गया था.
मुमानी टहलने भी नहीं जा रही थीं और मैं बेचैन होने लगा था क्योंकि मैं मुमानी को देख कर मुट्ठ नहीं मार पा रहा था.
एक दिन में ऐसे ही सुबह के समय मैं टहल रहा था तो मुझे कोई औरत आती हुई दिखी.
मेरे दिमाग में न जाने क्या आया कि मैं तुरंत छिप कर देखने लगा.
जब वह औरत थोड़ा पास आई तो मैं उन्हें देख कर खुश हो गया क्योंकि वे शबनम मुमानी ही थीं.
इसका अर्थ यह हुआ था कि मुमानी सुबह के समय वापस टहलने आने लगी थीं.
कमाल की बात यह थी कि मुमानी उस हादसे वाली जगह पर ही टहलने आने लगी थीं.
मैं पहले की तरह छिप कर मुट्ठ मारने लगा.
मुमानी वहां जितनी देर तक टहलतीं, मैं उनको देख कर उतनी ही देर तक मुट्ठ मारता रहता था.
कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा.
मुमानी टहलने आतीं और मैं उनको देख कर मुट्ठ मारा करता.
असल में मुमानी वहां उन लोगों को ढूँढने के लिए आती थीं क्योंकि उन लोगों ने मुमानी की इतनी जबदस्त चुदाई की थी तो अब मुमानी के मन में भी बार बार चुदाई की इच्छा जाग चुकी थी और अब मुमानी जम कर चुदाई करवाना चाहती थीं.
लेकिन उस दिन के बाद वे लोग कभी दिखाई ही नहीं दिए.
मैं भी रोजाना एक ही काम करते करते बोर हो चुका था.
अब मैं भी शबनम मुमानी को चोदना चाहता था लेकिन मुझे मौका ही नहीं मिल रहा था.
और मुझे समझ में भी नहीं आ रहा था कि उन्हें चोदने के लिए क्या करूं.
कभी कभी तो मैं सोचता था कि जैसे उन लोगों ने मुमानी को पटक कर चोद दिया था, वैसे ही मैं भी उनको पकड़ चोद दूँ … पर डर भी लगता था कि काम ना बना तो मेरा क्या होगा.
क्योंकि वे लोग तो 5 लोग थे और मैं अकेला था. ये काम अकेले मेरे बस का नहीं था.
ऐसे ही एक दिन शबनम मुमानी टहल रही थीं तो मैंने सोचा कि क्यों ना मैं भी जाऊं.
मैं भी उधर जाकर टहलने लगा.
जब मुमानी ने मुझे देखा तो वे एकदम से चौंक गईं और कुछ सेकेंड्स चुप रहीं.
फिर उन्होंने मुझसे पूछा- तुम इधर कैसे आ गए?
मैंने बहाना बनाते हुए कहा- मैं अपने दोस्त के साथ जाता था, लेकिन उसने आना बंद कर दिया इसलिए मैंने सोचा इधर ही आस-पास ही कहीं टहल लेता हूँ, तो बस इधर आ गया.
फिर मैंने मुमानी से पूछा- आप इधर कैसे आ गईं, इधर तो कोई आता-जाता भी नहीं है?
इस पर मुमानी ने कहा कि घर के करीब में यही एक जगह है … और यहां पर सुकून भी रहता है.
इतना कह कर मुमानी टहलने लगीं और मैं भी उन्हीं के साथ साथ टहलने लगा.
मुमानी कुछ बोल नहीं रही थीं, बस टहल रही थीं.
टहलते टहलते मैंने कहा- मुमानी मुझे आपसे कुछ बात करनी है!
तो मुमानी ने कहा- क्या हुआ, बोलो?
मैंने कहा- अभी नहीं, अभी तो सुबह होने वाली है … और आपके जाने का टाइम भी होता होगा!
तो इस पर मुमानी ने बोला कि जो बोलना है, जल्दी बोलो!
मैंने कहा कि आप कल इधर टहलने मत आना. मैं सुबह में 4 बजे छत पर रहूँगा. आप सीधे ऊपर ही चली आना. मुझे आपसे बहुत ज़रूरी बात करनी है … और ये बात इत्मीनान से ही हो सकती है.
एक पल के मुमानी ने सोचा, फिर उन्होंने ओके बोल दिया.
मैं वहां से घर आ गया और कुछ देर बाद मुमानी भी आ गईं.
वे अपने काम में लग गईं.
अब मेरा दिल धक धक कर रहा था.
मैंने मुमानी को बुला तो लिया था लेकिन उनसे बात क्या करूंगा, क्या कहूँगा, यह सब सोचने लगा.
फिर मैंने अपने आपसे कहा कि जो होगा, देखा जाएगा.
मैं अगले दिन का इंतज़ार करने लगा और अपने काम में लग गया.
अगले दिन में 4 बजे से पहले ही छत पर चला गया और स्टोर रूम में मुमानी का इंतज़ार करने लगा.
मेरी छत पर एक रूम बना हुआ है, जिस पर फालतू सामान डाला हुआ है. सारा सामान उसी में रखा रहता है.
मैं उसी कमरे में बैठ कर मुमानी का इंतज़ार करने लगा.
कुछ देर के बाद मुमानी आईं और छत पर टहलने लगीं.
मैंने कमरे से हल्की सी आवाज़ देकर उनको बुलाया.
मेरी आवाज़ सुन कर वे अन्दर आ गईं और बोलीं- क्या हुआ, जल्दी बोलो मुझे जाना है!
मैंने कहा- थोड़ी देर बैठो ना … तब तो बताऊंगा.
वे बैठ गईं और पूछने लगीं.
मैंने एकदम बेधड़क होकर बोल दिया कि उस दिन जो कुछ भी हुआ था, मैंने वह सब देखा था.
मेरी बात सुन कर मुमानी एकदम डर गईं और हकलाती हुई बोलीं- किस दिन?
मैंने कहा- उसी दिन, जिस दिन आप उन 5 लोगों के साथ मज़े कर रही थीं.
मेरी बात सुन कर मुमानी के हाथ पैर कांपने लगे और मुमानी तुरंत ही रोने लगीं.
वे बस लगातार रोये ही जा रही थीं लेकिन धीमी आवाज में रो रही थीं … मतलब चिल्ला कर नहीं रो रही थीं.
कुछ देर बाद मुमानी ने झूठ मूठ कहा- उन लोगों ने मेरे साथ ज़बरदस्ती की थी! वह सब मैंने जानबूझ कर नहीं किया था!
मैंने कहा- जब वे लोग आपको उठा कर ले गए थे, तो मैं भी वहीं था. मैं उनको रोकने वाला था लेकिन फिर मैंने देखा कि आप भी उन सबसे मज़े से चुदवा रही हैं, तो मैं रुक गया.
मैंने ‘चुदवा रही हैं’ यह लाइन मुमानी से खुल कर बोल दी थी.
मेरी बात सुन कर मुमानी पुनः रोने लगीं और मुझसे बोलने लगीं- अगर किसी को पता चला, तो मेरी ज़िंदगी बर्बाद हो जाएगी. तुम प्लीज़ किसी से कुछ मत कहना. मैं आज के बाद कभी किसी के साथ कुछ नहीं करवाऊंगी!
वे मेरे सामने रोती हुई मिन्नतें करने लगीं.
तो मैंने मुमानी से कहा- अगर मुझे किसी को बोलना होता तो मैंने अब तक तो कभी का बोल दिया होता. मैं तो सिर्फ़ ये जानना चाहता हूँ कि आपने ऐसा क्यों किया?
मुमानी रोती हुई बोलीं- जब उन सबने मेरे साथ वह सब करना शुरू किया तो मुझे अच्छा लगने लगा था. मैं खुद को रोक ही नहीं पाई इसलिए मैंने वह सब होने दिया.
मैंने पूछा- आपको चुदवाने में अच्छा लगा क्या? मेरा मतलब आपको वह सब करने में मज़ा आया क्या?
तो इस पर मुमानी ने कुछ नहीं बोला, बस चुप रहीं और रोती रहीं.
मैंने फिर से जोर देते हुए पूछा- बोलो … आपको मज़ा आया क्या चुदवाने में!
तो उन्होंने सिर्फ़ हां बोला और चुप हो गईं.
मैंने कहा कि अगर आप चाहो तो मैं आपको वह मज़ा फिर से दिलवा सकता हूँ.
मेरी बात सुन कर मुमानी एकदम से चुप हो गईं और मुझे गौर से देखने लगीं.
कुछ देर मुझे देखने के बाद वे बोलीं- मुझे अब ये सब नहीं करना है!
उन्होंने यह कह कर अपना सर झुका लिया.
मैंने मुमानी को समझाते हुए कहा- अब तो जो होना था, वह तो हो ही गया है … और इसमें ग़लत भी क्या है! आपको खुश रहने का पूरा हक़ है!
मुमानी चुप थीं, वे कुछ बोल नहीं रही थीं.
कुछ पल ठहरने के बाद मैंने फिर बोला- आपको कुछ नहीं करना पड़ेगा, जो करना है … मैं करूंगा. मैं आपके लिए लंड का इंतज़ाम करूंगा. आपको बस जाकर चुदवाना होगा.
मेरी बात सुन कर मुमानी बोलीं- अगर किसी को पता चल गया तो क्या होगा?
मैंने कहा- किसी को कुछ पता नहीं चलेगा. मैं जो भी करूंगा सोच समझ कर करूंगा.
कुछ पल सोचने के बाद मुमानी ने कहा- तुम उसका इंतज़ाम कैसे करोगे?
मैंने पूछा- किसका इंतजाम?
मुमानी ने धीरे से बोला- लंड का इंतजाम कैसे करोगे?
उन के मुँह से लंड सुन कर मेरा लंड एकदम टाइट हो गया था.
मुमानी ने भी अब रोना बंद कर दिया था और वे मेरी बात एकदम ध्यान से सुन रही थीं.
लेकिन फिर भी मैं जल्दी बाज़ी नहीं करना चाहता था.
मैंने मुमानी से कहा- मैं सब कुछ करूंगा लेकिन मेरी भी एक शर्त है!
तो मुमानी ने पूछा कि क्या शर्त है, बोलो?
मैंने कहा- मुमानी आप मुझे बहुत अच्छी लगती हैं. जब से मैंने उन लोगों को आपको चोदते हुए देखा है, मुझे भी आपको चोदने का मन करने लगा है. मैं भी आपको चोदना चाहता हूँ.
मुमानी ने कहा- तुम तो मेरे भानजे हो … हम दोनों में ये सब कैसे हो सकता है?
मैंने मुमानी का हाथ पकड़ा और बोला- आप क्या चाहती हो? मैं आपके लंड का इंतजाम करूं और बदले में मुझे कुछ भी ना मिले? मेरी सिर्फ़ ये ही शर्त है और अगर आपको मंज़ूर ना हो, तो कोई बात नहीं. यहां हम दोनों के बीच में जो भी बात हुई है, मैं उसको भूल जाऊंगा. आज के बाद आप अपने रास्ते और मैं अपने रास्ते!
ये सब बोल कर मैं मुमानी का हाथ छोड़ कर जाने लगा तो मुमानी ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे रोक लिया.
उन्होंने कहा- मुझे तुम्हारी शर्त मंज़ूर है. तुम मेरे साथ जो करना चाहो, कर सकते हो … लेकिन ये बात किसी को भी पता नहीं चलनी चाहिए!
मुमानी की बात सुन कर मैं बहुत खुश हो गया और उसी वक्त मुमानी को गले से लगा लिया.
मैंने उन्हें सहलाते हुए कहा- आप इधर ही रूको, मैं नीचे देख कर आता हूँ कि कोई उठा तो नहीं है.
मैं तुरंत नीचे चला गया.
सब लोग सो रहे थे.
मैंने सब कुछ चैक किया और फिर छत पर चला गया.
मुमानी के पास जाने के बाद मैंने उनका दुपट्टा उनकी छातियों पर से हटा कर साइड में रख दिया और मुमानी की चूचियां देखने लगा.
फिर मैं वहीं ज़मीन पर बैठ गया और मुमानी को अपने ऊपर बैठा लिया.
मैंने मुमानी के होंठों को हाथ से सहलाया और अपनी ज़ुबान निकाल कर मुमानी के होंठों को चाटने लगा, फिर उनके होंठों को चूसने लगा.
दोस्तो, मैं बता नहीं सकता कि मुझे कितना मज़ा आ रहा था.
जिसकी ख्वाहिश मुझे इतने दिनों से थी, आज वह शै मेरी गोदी में बैठी हुई थी.
मैंने अपनी ज़ुबान मुमानी के मुँह में डाल दी और तेज़ी से अपनी ज़ुबान मुमानी के मुँह में घुमाने लगा.
साथ ही मैं मुमानी के होंठों को ज़ुबान को चूसने लगा और अपने दोनों हाथों से मुमानी की दोनों चूचियों को दबाने लगा.
मैं काफ़ी देर तक मुमानी के होंठ और ज़ुबान को चूसता रहा और उनकी चूचियां दबाता रहा.
फिर मैं उठा और मैंने अपने कपड़े उतार कर साइड में रख दिए.
फिर मुमानी के कपड़े भी उतार कर साइड में रख दिए.
मुमानी पैंटी नहीं पहनती थीं, वे सिर्फ़ ब्रा पहनती थीं.
उनकी चूत के बाल भी साफ थे.
मैंने मुमानी से पूछा- ये कब शेव किए?
मुमानी ने कहा- उस दिन की चुदाई के बाद शेव किए थे. मुझे लगा वे लोग फिर मिलेंगे तो उनसे फिर से चुदवाऊंगी … लेकिन वे लोग मिले ही नहीं!
मैंने कहा- अब आप फिक्र मत करो, मैं हूँ ना … मैं सब कुछ करूंगा.
मैं मुमानी की गर्दन को चाटने लगा और उनकी दोनों चूचियों को बारी बारी से चूसने लगा.
मैंने मुमानी के जिस्म के हर एक हिस्से को चाट चाट कर अपने थूक से गीला कर दिया था.
वे पांचों लोग जैसे मुमानी को हर तरफ से चूम चाट रहे थे, बिल्कुल वैसे ही मैं भी मुमानी के हर हिस्से को चाट रहा था.
फिर मैं मुमानी की चूत को चाटने और चूसने लगा. मैंने मुमानी की चूत को तब तक चाटा, जब तक उनका पानी नहीं निकल गया.
उसके बाद मैंने मुमानी से पूछा- मेरा लंड चूसोगी?
मुमानी ने हां बोला और वे मेरा लंड चूसने लगीं.
वे मेरा लंड इतनी जोर जोर से हिला हिला कर चूस रही थीं कि थोड़ी ही देर में मेरा पानी निकल गया.
मैंने पुनः एक राउंड और मुमानी को ऊपर से लेकर नीचे तक हर हिस्से को चाटा और अपने थूक से भर दिया.
पुनः गर्म हो चुकी मुमानी ने कहा- इससे पहले कि सब लोग उठ जाएं, तुम मुझे जल्दी से चोद दो.
उनका कहना सही था क्योंकि सुबह भी होने वाली थी.
मैंने मुमानी को ज़मीन पर लिटाया और अपना लंड मुमानी की चूत में डाल कर उनसे एकदम से लिपट गया.
लंड सेक्सी मामी की चूत के अन्दर घुस गया था तो मैं उनको चोदने लगा.
मैं मुमानी के होंठों और उनकी चूचियों को चूसते हुए उनको धकापेल चोदने लगा.
वे भी आह आह करती हुई चुदाई का मजा ले रही थीं.
कुछ देर चोदने के बाद मैंने सेक्सी मामी की चूत में ही अपना पानी निकाल दिया और उनसे चिपक कर बैठ गया.
मुमानी उठ कर जाने लगीं तो मैंने उनका हाथ पकड़ कर उनको रोक लिया और कहा- मुमानी, प्लीज़ एक बार गांड भी मारने दो ना!
तो मुमानी ने कहा- अब तो सुबह होने वाली है, कल कर लेना.
मैंने कहा- कल तो करूंगा ही लेकिन अभी एक बार और करने दो!
मुमानी हंस दीं और मान गईं.
मैंने अपना लंड मुमानी के मुँह में डाल दिया और वे मेरा लंड चूसने लगीं.
थोड़ी ही देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
मैंने मुमानी को पेट के बल लिटा दिया और अपना लंड उनकी गांड में डाल कर चोदने लगा.
भले ही उन लोगों की चुदाई से मुमानी की चूत एकदम खुल गई थी लेकिन मुमानी की गांड अभी भी टाइट ही थी.
मैं मुमानी की गर्दन चाटते हुए पूरी स्पीड से उनकी गांड मारता रहा और कुछ देर के बाद उनकी गांड में पानी छोड़ दिया.
फिर मुमानी उठीं और अपने कपड़े पहन कर नीचे चली गईं.
मैं भी कुछ देर के बाद चला गया.
अब मैं रोज़ मुमानी को छत पर बुलाता और उनको जी भर के चोद लेता.
मुमानी भी बड़े मज़े से मुझसे चुदवातीं.
हम दोनों रोज़ छत पर जाते और जब तक सुबह नहीं हो जाती, तब तक चुदाई करते.
मुझे मुमानी को चोदते चोदते 20 दिन हो चुके थे.
ऐसे ही एक दिन मैं मुमानी की चुदाई करके जाने लगा.
तो मुमानी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरे होंठों को चूमते हुए कहा- तुमने कहा था कि मुझे और लोगों से चुदवाओगे, पर अभी तक तुमने कुछ किया ही नहीं?
मैंने कहा- क्या मेरे साथ मजा नहीं आता है?
मुमानी ने कहा- तुम्हारे साथ चुदाई करवाने में मुझे बहुत मज़ा आता है … लेकिन मुझे और भी लंड चाहिए. एक लंड से मेरा गुज़ारा नहीं हो पा रहा है.
मैंने मुमानी को किस किया और कहा- मेरी जान आप फिक्र ना करो. मैंने सब कुछ सोच रखा है. मुझे बस सही मौके का इंतज़ार है. मैं आपको बहुत से लंड से चुदवाऊंगा.
फिर उसके बाद मैंने एक बहुत ही अच्छा प्लान बनाया और मेरा प्लान एकदम सही से काम किया.
मैंने अपनी मुमानी को बहुत से लोगों से चुदवाया है.
ये सब मैंने कैसे किया और उसके बाद क्या हुआ. वह सब मैं आपको अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा.
तब तक आप लोग मेरी सेक्सी मामी की चूत कहानी एंजाय करें और मुझे मेल ज़रूर करें.
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