Virgin Teen Xxx Kahani – पड़ोस की कुंवारी लड़की को गर्म करके चोदा

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Story Start Here :

वर्जिन टीन Xxx कहानी में मेरे पड़ोस में रहने वाली लड़की मस्त माल है. उसके उभरे हुए बूब्स, बड़ी मोटी गोल गांड बेहद सेक्सी लगती है. वह अपनी गांड को ज्यादा ही मटका कर चलती है.

मेरा नाम सुमित है और मैं इंदौर का रहने वाला हूँ.

मेरी उम्र 23 साल है और मैंने अभी अपना कॉलेज कंप्लीट किया है.
मैं कुछ महीने पहले ही घर वापस आया हूँ. इससे पहले मैं हॉस्टल में रहता था.

मैं दिखने में एक नॉर्मल इंसान हूँ, जिम से मैंने अपनी बॉडी मेंटेन की हुई है.

मैं अपने बारे में बताऊं तो मेरा लंड का साइज काफी अच्छा है.
यह 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है, जो किसी भी लड़की को संतुष्ट करने के लिए काफी है.

मुझे चूत चाटने में बड़ा मज़ा आता है.

आज मैं आप सभी के सामने अपनी भी एक सच्ची सेक्स कहानी बताने जा रहा हूँ.
यह वर्जिन टीन Xxx कहानी मेरी और मेरे पड़ोस में रहने वाली प्रांजलि (बदला हुआ नाम) की है.

प्रांजलि के बारे में बताऊं तो वह एक मस्त माल है.
उसके उभरे हुए बूब्स, बड़ी मोटी गोल गांड बेहद सेक्सी लगती है.
जब वह चलती है, तो अपनी गांड को कुछ ज्यादा ही मटका कर चलती है.

इसी वजह से उसको देख कर कोई भी लड़का उसे चोदने की बात सोचने लगेगा.

मेरी उम्र 23 साल है और मैंने अभी अपना कॉलेज कंप्लीट किया है.

बात कुछ चार महीने पहले की है जब प्रांजलि मेरे घर किसी काम से आई थी.
तब हमारी आंख मिली और मैं उसे देखता रह गया.

वह अच्छी कद-काठी वाली सांवली सी लड़की थी जिसके बूब्स काफी सुडौल और आकर्षक उभार वाले थे.
उसका फिगर साइज 34-28-36 का था और गांड काफी बड़ी और चौड़ी थी.

उसे देख कर मन हुआ कि यहीं पकड़ कर चोद लूं.

इतने में उसने ‘हाय.’ किया और हाथ आगे बढ़ाया.
मैंने भी हाथ मिलाया.

उसके हाथ के स्पर्श से मानो मुझमें करंट दौड़ गया.
फिर मैं अपने रूम में आकर उसके बारे में सोचने लगा और मुट्ठ मारकर सो गया.

फिर दूसरे दिन सुबह मम्मी ने मुझे जगाया कि बेटा उठ जा. पड़ोस वाली प्रांजलि के भइया बाहर गए हैं, तू उसे कॉलेज छोड़ दे.

यह सुनकर मेरी तो मानो लॉटरी लग गई.
मैं झट से उठा, रेडी हुआ और उसे अपनी कल्पनाओं में चोदने लगा.

इतने में प्रांजलि आ गई.

फिर से हमारी नज़रें मिलीं और मैं देखता रह गया.
आज तो वह कुछ ज्यादा ही हॉट लग रही थी.

प्रांजलि बोली- प्लीज, मुझे जल्दी से कॉलेज छोड़ दो, लेट हो गई हूँ!

मैं अपनी बाइक से उसे छोड़ने गया.
रास्ते में मैंने कई बार ब्रेक लगाया जिससे उसके बूब्स बार-बार मेरी पीठ से टकराए और मुझे मज़ा आने लगा.

उसे भी शायद मजा आ रहा था तो वह भी अपनी चूचियां मेरी पीठ से रगड़वा रही थी.

उसको कॉलेज छोड़ने के बाद मैं घर आ गया.
घर आकर सबसे पहले मैं लंड हिलाया और खुद को शांत किया.

उसके बाद कई कई बार हमारी बातचीत होने लगी थी.

फिर एक दिन मेरे घर वाले किसी रिलेटिव की शादी में गए थे, मैं घर पर ही था.
मैंने सोचा ब्लू फिल्म देखी जाए.

मैं ब्लू फिल्म देखते हुए प्रांजलि के बारे में सोचने लगा.

इतने में डोरबेल बजी, मैंने देखा प्रांजलि आई थी.

वह अन्दर आकर बोली- आंटी से काम है!
मैंने कहा- सब बाहर गए हैं.

इतना सुन कर वह जाने लगी.
मैंने सोचा इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा, आज इसके बूब्स पीकर इसकी चुत की चुदाई करनी ही है.

मैंने दिमाग लगाया और उससे कहा- अरे सिर्फ आंटी से ही मिलने का काम है क्या?
वह मुझे देख कर हंसती हुई बोली- नहीं तुमसे भी काम रहता है, जब तुम्हारे साथ कॉलेज जाना होता है.

मैंने उसकी बात को नजरअंदाज किया और उससे बैठने को कहा.
मगर वह नहीं बैठी.

मैं बोला- मैं मूवी देख रहा हूँ, तुम देखोगी?

अब उसने न जाने क्या सोच कर ‘हां’ कहा और मेरे पास बैठ गई.

उसने पूछा- कौन सी मूवी है?
मैंने उठ कर डोर लॉक किया और लैपटॉप ऑन करके ब्लू फिल्म लगा दी.

उसने एक दो पल तो फिल्म देखी, फिर कुछ ही पलों बाद वह अपनी गर्म होती सांसों को नियंत्रित करती हुई उठ कर जाने लगी.

मैंने उसका हाथ पकड़ कर रोका तो वह भारी सी आवाज में बोली- तुम ये सब देखते हो!
मैं उसके करीब गया और बोला- प्रांजलि, मैं तुमको पसंद करता हूँ!
यह सुनकर वह भी बोली- मैं भी तुमको पसंद करती हूँ, पर ये सब नहीं करूंगी!

इतना बोलकर वह बाहर को जाने लगी.

मैंने सोचा कि यदि आज नहीं किया तो फिर पता नहीं कब मौका मिलेगा!
बस मैंने उसको पकड़ कर किस कर लिया.

वह मुझसे छूटने की नाकाम कोशिश करने लगी.
मैं उसके बूब्स दबाने लगा, वह बोलने लगी- छोड़ दो प्लीज!
मैं किस करता रहा और उसका टॉप निकाल दिया.

वह नीले रंग की ब्रा में कयामत लग रही थी.
मैंने झट से उसकी ब्रा निकाल दी और एक बूब चूसने लगा.

वह मुझसे दूर हटने का बोलने लगी, पर मैंने उसकी एक ना सुनी.
फिर मैं उसको बेडरूम में लेकर गया.

उधर मैंने उसके होंठ चूसने शुरू किये तो वह साथ देने लगी.

मैंने उसे पलटाया और उसकी नग्न पीठ पर किस करने लगा.
वह मस्त होने लगी.

मैं उसकी जीन्स निकालने लगा.
वह पुनः रोकने लगी पर मैंने उसकी एक न सुनी.
मैंने एक झटके में उसकी जीन्स निकाल दी.

अन्दर उसने काले रंग की पैंटी पहनी हुई थी जो एकदम चुत गांड से चिपकी हुई थी.

उसकी भरी मोटी-मोटी जांघों के बीच चिपकी हुई पैंटी में वह कयामत लग रही थी.

मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैंने पैंटी के ऊपर से उसकी चुत पर किस किया.
उसकी चुत से बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी.

मैं नहीं रुका.
कुछ पल बाद मैंने उसकी पैंटी निकाल दी.

अब वह मेरे सामने बिलकुल नंगी थी और चूत पर हल्के हल्के बाल थे.
मैंने एक उंगली चूत में डाली, एकदम टाइट चूत थी.

उसकी आह निकल गई और उसने अपनी टांगें फैला दीं.
मैं समझ गया कि इसकी भट्टी में आग सुलग गई है.

मैं अपनी उंगली को उसकी कमसिन बुर में अन्दर-बाहर करता रहा.
ऐसा करने पर वह तड़पने लगी और मुझे अपनी चुत चाटने का इशारा करने लगी.

मैं उसकी चूत चाटने में लग गया.
उसे मजा आने लगा और वह मेरा सर अपनी टांगों में दबाती हुई अपनी गांड उठाने लगी.

कुछ देर बाद उसे काफी अच्छा लगने लगा और वह मेरा सिर अपनी चूत में ऐसे दबाने लगी मानो मुझे अपनी चुत में ही घुसेड़ लेगी.

ऐसे ही कुछ मिनट चूत चटाई चलती रही.

फिर मैंने अंडरवियर निकाला, तो वह मेरा लंड देख कर कांप उठी.
वह बोली- इतना बड़ा कैसे जाएगा? मेरी जान निकल जाएगी!

मैंने मज़ाक में बोला- वहीं तो निकालनी है!
वह मना करने लगी.

मैंने उसे समझाया कि पागल हो क्या? इसी चुत से ब/च्चा निकलता है तो चुत कैसे निकाल लेती है?
वह चुप हो गई.

मैंने लंड पर थूक लगाया तो वह देख कर बोली- आज मेरी चुत फाड़ कर ही मानोगे?

मैंने हां में इशारा किया और चूत पर लंड सैट करने लगा.
वह लंड की गर्मी से कुलबुलाने लगी और शायद उसे लौड़े के सुपारे से अपनी चुत का दाना रगड़वाने में मजा आने लगा.

वह गांड हिलाने लगी और अपना डर भूल गई थी.
तभी मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा तो मेरा आधा लंड उसकी कुंवारी चूत को फाड़ता हुआ अन्दर चला गया.

वह एकदम से चिल्लाई और रोने लगी.
वह कराहती हुई बोली- आह मर जाऊंगी … प्लीज निकालो!
मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया.

जब चुत ने कुछ पानी छोड़ा तो उसे लंड की मोटाई से राहत मिली.
वह सामान्य होती दिखी तो मैंने फिर से एक धक्का दे मारा.

उसकी आंख से आंसू आने लगे.
इधर मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर चला गया.

वह छटपटा रही थी.
मैं उसे चूमने लगा और उसके दूध सहलाने लगा.

कुछ देर बाद उसे राहत मिलने लगी और वह शांत हो गई.

अब मैं उसकी चुत की चुदाई करने लगा.

कुछ देर प्रांजलि को भी मज़ा आने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी.
मैं जम कर उसे चोदने लगा.

करीब 20 मिनट की इस चुदाई में प्रांजलि दो बार अपना पानी छोड़ चुकी थी.
और अब मेरा भी निकलने को था तो मैंने अपना लंड चुत से बाहर निकाला और वीर्य उसकी चिकनी जांघ पर निकाल दिया.

हम दोनों निढाल होकर एक दूसरे को प्यार करने लगे.
वह खुश थी.

मैंने उससे पूछा- इतनी खुश क्यों हो!
वह मेरे सीने पर मुक्का मारने लगी.

मैंने कहा- तुम भी मेरा लेने ही तो आई थी न!
वह हंसने लगी और उसने मुझे चूम कर हामी भर दी.

वह बोली- मुझे मालूम था कि आज घर में कोई नहीं है!
अब हम दोनों मस्ती से बातें करने लगे.

वह बोली- मुझे बाथरूम जाना है!
मैंने उसे जाने दिया, मगर उसे दर्द हो रहा था तो मैं उसे गोद में उठा कर बाथरूम ले गया.

उधर हम दोनों वापस से हॉर्नी हो गए और मैंने उसको बाथरूम में ही अपनी गोद में उठा कर चोदना चालू कर दिया.

फिर वाशबेसिन पर उसकी गांड टिका कर उसे ताबड़तोड़ चोदा.
उधर ही वह जब झड़ी तो मैं उसकी चूत से निकले पानी को पी गया और चूत चाटने लगा.

वह मुझसे बहुत खुश थी.
उस दिन मैंने उसको चार बार चोदा और उसकी चूत खोल दी.

उसने मुझे किस किया.
मैंने बोला- मज़ा आया या नहीं मेरी जान?

प्रांजलि बोली- तुम्हारे मोटे लंड ने मुझे बड़े प्यार से और जम कर चोदा है. मैं अपना ये पहला सेक्स कभी नहीं भूलूंगी.

इसके बाद वह अपने घर चली गई और मैं अपने काम में लग गया.

शाम तक घर के सभी लोग आ चुके थे.

रात को खाना खाकर मैं सोने के लिए चला गया.

कुछ देर बाद मेरा फोन बजा, देखा प्रांजलि का फोन था.
वह बोली- छत पर आओ, मैं इंतजार कर रही हूँ.

मैं छत पर गया, वह नाइटी में गजब लग रही थी.
हम दोनों ने थोड़ी देर बातें की.

फिर मैं उसके बूब्स को दबाने लगा और वह सिसकारी लेती रही.
मैंने कहा- छत पर कबड्डी हो जाए?

वह आंख दबाने लगी तो उसके इशारे में समझ गया था.

छत पर एक चटाई रखी थी, उसी को बिछा कर मैंने चुदाई करना सही समझा.

दोस्तो, उसने नाइटी के अन्दर कुछ नहीं पहना था.
मैं प्रांजलि को लेटा कर उसके ऊपर चढ़ गया और हम दोनों प्यार से किस करने लगे.

कुछ समय बूब्स से खेलने के बाद मैंने मोटी जांघों के बीच फूली हुई चूत में लंड डाल दिया और उसे चोदने लगा.
करीब 15 मिनट वर्जिन टीन Xxx चुदाई चली.

मैंने तेज़-तेज़ शॉट मारकर अपना माल निकाल दिया.

अब मेरी जॉब लग गई है और मैं बाहर चला गया हूँ.
लेकिन आज भी जब भी मैं अपने घर जाता हूँ, उस माल लड़की की चुदाई करता हूँ.

मैंने उसके फिगर को भी काफी बढ़ा दिया है.
उसकी सब सहेलियां इस बात को जान चुकी हैं कि वह मुझसे चुदवाती है.

मैंने उसको कई बार चोदा है. उसकी गांड भी कई बार मारी है.
वह सेक्स कहानी मैं फिर कभी लिखूंगा.

मैं आशा करता हूँ कि आप सबको मेरी वर्जिन टीन Xxx कहानी अच्छी लगी होगी.
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