Desi Chut Chudai Kahani – गर्लफ्रेंड की भाभी की जबरदस्त चूदाई

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Story Start Here :

देसी चूत चुदाई कहानी में मेरी GF की भाभी सांवली सलोनी है. मैंने मजाक में गर्लफ्रेंड को कहा कि अपनी भाभी से मिलवा दे. उसने सच में मिलवा दिया और मैंने उसे सेक्स के लिए सैट कर लिया.

दोस्तो, कैसे हो आप सब!
मैं आकाश (नाम बदला हुआ) आप सभी का अपनी दूसरी कहानी में स्वागत करता हूं.

मेरी पहली कहानी
दिवाली के दिन भाभी की चूत चोदी
को पढ़कर लड़कों ने अपने लन्ड को मसल दिया होगा और लड़कियों, भाभियों और आंटियों ने अपनी चूत का सारा पानी छोड़ दिया होगा।

अगर आपने मेरी पुरानी कहानी को न पढ़ा हो तो जरूर पढ़ें.

मैं एक 23 वर्षीय युवक हूँ. मेरे लंड का साइज 6 इंच का है जो किसी भी लड़की या औरत को पूरी तरह से खुश कर सकता है.

यह देसी चूत चुदाई कहानी मेरे और मेरी गर्लफ्रेंड अंजलि की भाभी के बीच की है.
मैं अपनी गर्लफ्रेंड को तो कई बार चोद चुका हूं. अपनी गर्लफ्रेंड की चुदायी की कहानी अगली बार लिखूंगा.

सबसे पहले मैं आपको अपनी गर्लफ्रेंड की भाभी का फिगर बता देता हूं, उसके बाद हमारी चुदायी की दास्तान शुरू कैसे हुई, बताता हूं.

मेरी गर्लफ्रेंड की भाभी जिसका नाम साक्षी है, उसका फिगर 34-36-38 है, रंग सांवला है लेकिन उनको जो भी एक बार देख ले अपना पानी छोड़े, मुट्ठ मारे बिना रह नहीं सकता।

यह हादसा या यूं कहो कि मेरी किस्मत का जगना कुछ ऐसे शुरू हुआ कि मैं अपनी गर्लफ्रेंड को कई बार चोद चुका था और मैंने उससे सुना था कि उसकी एक भाभी भी है.
गर्लफ्रेंड ने बताया कि उसका भाई भाभी को समय नहीं दे पाता और भाभी चूदाई के लिए तड़पती है.

और मुझे लड़कियों से ज्यादा भाभियों और आंटियों को चोदने का शौक है तो मैंने एक दिन मजाक में कह दिया- अंजलि, मैं तेरी भाभी से मिलना चाहता हूं.
तो उसने कहा- हां बाबू, जब भी आप चाहो!

मैंने कहा- कभी भी क्यों … दो दिन बाद रविवार है. उन्हें मोंटा पार्क ले आओ.
दिल्ली वाले मोंटा पार्क के बारे में अच्छे से जानते होंगे, मुझे बताने की जरूरत नहीं है.
तो मेरी गर्लफ्रेंड भी जानती थी मोंटा पार्क के बारे में!

लेकिन उसने फिर भी मेरी खातिर एक बार में हां कर दिया.
और मुझे उस समय महसूस हो गया था कि उसने मेरे अंदर के भाव जान लिए थे कि मैं उसकी भाभी को भी चोदना चाहता हूं.
लेकिन उसे इस बात से बिलकुल भी ऐतराज नहीं था क्योंकि वो जानती थी कि उसका भाई उसकी भाभी को संतुष्ट नहीं कर पाता.
यह बात भाभी ने खुद मेरी गर्लफ्रेंड को बताई थी और मेरी गर्लफ्रेंड जानती थी कि मैं उसकी भाभी को एक बार में ही संतुष्ट कर सकता हूं।

फिर शाम को जाकर उसने अकेले में अपनी भाभी से बात की- मेरा बॉयफ्रेंड आपको रविवार को मोंटा पार्क मिलने के लिए बुला रहा है.
भाभी पहले से जानती थी की अंजलि का बॉयफ्रेंड है.

मेरी गर्लफ्रेंड का भाई गांधी नगर मार्केट में काम करता है और उसकी छुट्टी सोमवार को रहती है तो भाभी रविवार को आराम से मिलने आ सकती है.

लेकिन उसने मोंटा पार्क का नाम सुनकर मना कर दिया.

फिर मेरी गर्लफ्रेंड ने मेरी बात अपनी भाभी से कराई.
तो मैं मिलनसार मुंडा हूं और भाभी भी मिलनसार है तो मैंने बात की भाभी से तो वे आसानी से मान गई.

तब मेरी गर्लफ्रेंड ने बोला अपनी भाभी से- इतनी देर से मैं मना रही थी तब आप मना कर रही थी लेकिन अब उसके (मतलब मेरे) कहने पर मान गई?
तो भाभी कहने लगी- ठीक है, मैं नहीं जाती.

तभी मेरी गर्लफ्रेंड ने तुरंत मुझे फोन लगा दिया और बोली- भाभी नहीं आ रही!
तो मैंने बोला- तो जरूर तूने कुछ बोला होगा.
तभी पीछे से भाभी ने फोन ले लिया और बोली- ये कह रही है कि मैं इसके कहने पर नहीं मानी और आपके कहने पर आ गई.

मैंने भाभी के सामने अंजलि बहुत सुनाया लेकिन झूठ मूठ का … क्योंकि उसकी भाभी की चुदायी वही तो सफल कराएगी।

फिर दो दिन बाद रविवार आ गया.
मैंने उन्हें 11 बजे का समय दिया था लेकिन 10:30 बजे पहुंच कर मैंने सारी तैयारी कर ली थी जैसे कि भाभी को कैसे अपनी तरफ आकर्षित किया जाए.
सारी तैयारी मेरी 10 मिनट में हो गई थी.

वे करीब 11:30 तक आई.
तो मैं तो भाभी को देखते ही उनके ख्यालों में खो गया.
मैंने सोचा कि अंजलि ने जितनी बताया, यह तो उससे भी ज्यादा हॉट एंड सेक्सी माल है.
तो मेरी गर्लफ्रेंड ने मुझे चिकोटी काटी और मैं होश में आया।

मेरे होश में आने के बाद भाभी को देखा.
तो वह हंस रही थी.
मुझे अच्छा लगा कि चलो मेरी वजह से कोई खुश हुआ.

फिर मैंने पूछा- इतना लेट कैसे हो गई मैडम?
तो मेरी गर्लफ्रेंड कुछ बोलती, उससे पहले भाभी बात काटती हुई बोली- वो हमें थोड़े घर के काम थे और ट्रैफिक था इसलिए!

मैं बोला- ठीक है, कोई बात नहीं!

मैंने उनके हाल चाल लिए और उन्हें सॉफ्ट ड्रिंक लेने के लिए बोला.
उन्होंने ले ली.

तब मैंने पूछा- यहां तक आने में कोई तकलीफ तो नहीं हुई आपको?
तो दोनों ने कहा- नहीं, कोई परेशानी नहीं हुई. बस वो थोड़ा ट्रैफिक था.
मैं बोला- भाभी जी, दिल्ली में इतना तो ट्रैफिक रहता ही है.
उन्होंने बोला- हां ये तो है।

फिर उसके बाद मैंने इशारे से अपनी गर्लफ्रेंड को थोड़ा दूर जाने का इशारा किया और वह तुरंत समझ कर वहां से 10-15 मिनट के लिए चली गई.

और मैं हूं चूत मारने के लिए मनाने के लिए एक्सपर्ट!
मैंने उन्हीं 10-15 मिनट के अंदर ही भाभी के साथ काफी हंसी ठिठोली की और उन्हें इम्प्रेस किया.

वैसे जरूरत नहीं थी क्योंकि उन्हें एक लंड की और मुझे चूत की जरूरत थी.
पर फिर भी मैंने सोचा किसी लड़की भाभी या आंटी को चोदने से पहले उन्हें आरामदायक महसूस कराया जाए ताकि चुदाई करते समय वो अजीब महसूस न करे।

फिर क्या था … मेरा काम हो गया भाभी को मैंने अपने मायाजाल में ऐसे फंसाया कि वह खुद बेसब्री से मुझसे चुदने के लिए तैयार हो गई.

अब हमें जरूरत थी अब एक ऐसे मौके की जब मैं भाभी को चोद सकूं।

फिलहाल के लिए भाभी और मैंने नंबर एक्सचेंज कर लिए थे.

और तभी अंजलि, मेरी गर्लफ्रेंड, भी आ गई.
भाभी को देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था, ये उन दोनों ने नोटिस कर लिया था।

फिर मैंने भाभी से कहा- भाभी आप जाओ, आपको देर हो रही होगी. मैं अंजलि को छोड़ दूंगा बाद में!
तो भाभी समझ गई और उसने अंजलि को आंख मार दी।

भाभी के जाने के बाद मैं अंजलि को एक बढ़िया होटल में ले गया और वहां मैंने उसकी गांड और चूत दोनों दबाकर मारी.

हम दोनों की चुदाई के बाद हमने साथ में शॉवर लिया और मैं अंजलि को उसके घर छोड़ आया।

अंजलि के घर जाने की देरी थी कि भाभी ने अंजलि के ऊपर सवालों की बरसात कर दी.
और अंजलि ने सब कुछ अपनी भाभी को बताया जो मेरे और अंजलि के बीच पहले भी और आज होटल में हुआ।

इसके बाद भाभी की चूत भी पानी छोड़ने लगी.

2 दिन बाद भाभी का फोन आया मेरे पास!
हम दोनों में सेक्स बातें होने लगी.
और मैं उन्हें साथ सेक्स वीडियो कॉल भी करने लगा उन्हें अपने लंड के दर्शन करा के … और वह अपनी चूत के दर्शन कराती थी.

और ऐसे मैं हमसे ज्यादा दिन रुका नहीं जा रहा था तो ऐसे में हम दोनों के भाग्य ने हमारा साथ दिया।

2 दिन बाद अंजलि के भैया को किसी काम से 1 दिन के लिये दिल्ली से बाहर जाना पड़ा और अंजलि अपनी मां के साथ अपनी नानी के घर गई हुई थी.

5-6 दिन के लिए और अंजलि के पापा थे नहीं … तो भैया के ऑफिस के काम से जाने के बाद भाभी उस रात अकेली थी घर पर!
तो उन्होंने मुझे फोन करके बताया- आकाश 2 दिन बाद अंजलि के भैया एक दिन के लिए दिल्ली से बाहर जा रहे हैं तो तुम कोई भी बहाना करके आ जाना।

मेरे लिए चुदाई के लिए बहाना बनाना बड़ी बात नहीं थी तो मैंने ओके कहा.
पर अब ये दो दिन काटने भारी पड़ रहे थे.
इन 2 दिनों में मैंने और भाभी ने सेक्स वीडियो की और सेक्सी कन्वर्सेशन (बातचीत) की।

फिर जैसे तैसे 2 दिन निकले और अंजलि के भैया शाम 6 बजे की गाड़ी से जा रहे थे तो भाभी ने मुझसे कहा तुम 7-8 बजे के बीच आ जाना।

मुझे कुछ छोटे मोटे काम थे वो निपटाकर और घर पर ‘दोस्त का बर्थडे है, आज वहीं रुकूंगा’ यह कहकर मैं घर से निकल गया.

मैं 8 बजने में 10 मिनट पर भाभी के घर पहुंच गया।

भाभी क्या मस्त माल लग रही थी.
उन्होंने हरे रंग का गाउन पहन रखा था जिसमे वो कयामत ढा रही थी.
आज उन्होंने ब्रा पेंटी भी नहीं पहनी थी उनके झूलते बूब्स से पता चल गया था।

मैंने अंदर आते ही मैन गेट को लॉक कर दिया और भाभी को बाहों में लेकर किस करने लगा.

भाभी कहने लगी- बड़े उतावले हो रहे हो?
मैं बोला- भाभी, आपको जबसे देखा है मोंटा पार्क में … मुझसे तो रुका नहीं जा रहा! और आप कह रही हो मैं उतावला हो रहा हूं. आपको नहीं पता कि मैंने ये दिन कैसे निकाले हैं।

भाभी हंसने लगी, कहने लगी- अच्छा ऐसी बात है तो आज पूरी कसर निकाल लेना. आज मैं सिर्फ तुम्हारी हूं.
फिर भाभी बोली- सच कहूं तो जबसे अंजलि ने मुझे तुम्हारे बारे में बताया है, मैं भी तुमसे चूत की खुजली मिटवाना चाहती थी. पर डर था कि कहीं कोई मुझ पर लांछन न लगाए।
मैंने कहा- भाभी, आप चिंता न करो. अगर बात आप तक आई तो मैं सारी बात अपने ऊपर ले लूंगा।

भाभी बोली- तुम कितने अच्छे और सेक्सी हो!

फिर भाभी मुझे अंदर अपने बेडरूम में ले गई.

बेडरूम में आते ही मैंने हम दोनों के लिए खाना ऑर्डर कर दिया था.

खाना आने तक मैं भाभी के साथ स्मूच करने लगा और भाभी भी मेरा साथ देने लगी.
सच में भाभी बवाल लग रही थी हरे गाऊन में!

भाभी के बाल भी बड़े थे तो खुले बाल भाभी मेरे ऊपर बिखेर रही थी और हम लगातार स्मूच करके एक दूसरे को गर्म कर रहे थे।

मैं स्मूच करते करते भाभी के गाऊन में हाथ डालकर उनकी चूचियों को दबाने और मसलने लगा जिससे भाभी गर्म होने लगी।

फिर मैंने भाभी का गाऊन उतार दिया.
भाभी पूरी ऊपर से नीचे तक नंगी हो गई क्योंकि उन्होंने अंदर कुछ नहीं पहना था.

अब भाभी शर्माने लगी और कहने लगी- तुम भी तो अपने कपड़े उतारो!
मैंने कहा- आप ही उतार लो.

भाभी ने पहले मेरी टीशर्ट उतारी, उसके बाद मेरी पैन्ट उतारी.
मैंने भी अंदर कुछ नहीं पहना था।

इतनी देर में घर की डोरबेल बजी.
मैं तौलिया लपेट कर खाना ले आया और फिर मैंने और भाभी ने खाना खाया।

उसके बाद मैंने भाभी को इतनी बेरहमी से किस किया कि भाभी इतने में ही झड़ गई और मेरा लंड भी एकदम कड़क हो गया.

उसके बाद भाभी ने मेरा तौलिया उतारा जैसे वो जन्मों की प्यासी हों.

तौलिया उतरते ही भाभी के सामने मेरा फनफनाता हुआ लंड सामने आ गया जिसे देखकर भाभी की आंखें चौड़ी हो गई.

मैंने कहा- भाभी, लंड देखते ही आंखें चौड़ी हो गई तो अंदर जब लंड जाएगा तो क्या होगा?
वे हंसने लगी।

फिर मैं भाभी के दोनों बूब्स को लगातार चूसता रहा और भाभी मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी.
मैंने कहा- भाभी, इतनी जल्दी क्या है? आज तो पूरी रात अपनी है.

पर भाभी बोली- मुझसे रुका नहीं जा रहा. तेरा लंड कितना बड़ा है आकाश!
मैंने कहा- आपको देखकर हो गया।

फिर मैंने भाभी के दोनों बूब्स को चूसकर पूरा खाली और लाल कर दिया.
भाभी अह आह आह करने लगी.

फिर मैं उनकी नाभि के अंदर जीभ डालकर चाटने लगा.
भाभी की सिसकारी निकलने लगी और वे झड़ गई.

मैंने कहा- भाभी, अगली बार झड़ने से पहले बता देना. मैं आपका अमृत पीना चाहता हूँ.
भाभी हंसती हुई बोली- ठीक है।

मैं और भाभी एक दूसरे से चिपककर फिर एक दूसरे को किस करने लगे और एक दूसरे की जीभ से जीभ लड़ाने लगे जैसे हम में शर्त लगी हो कि कौन अच्छे से चूस सकता है.

फिर मैं और भाभी एक दूसरे की लार को पीने लगे.

भाभी ने बड़ी कातिलाना लिपस्टिक लगा रखी थी जिससे उनकी लार में उनकी लिपिस्टिक का स्वाद आ रहा था।
मैं तो उस समय जन्नत की सैर कर रहा था।

भाभी कहने लगी- अब और मत तड़पाओ. अब जल्दी से मेरे अंदर अपना लंड डाल दो. अब मुझसे रुका नहीं जा रहा!

फिर मैं भाभी के ऊपर आ गया और लंड को भाभी की चूत में डालने लगा.
पर उनकी चूत बहुत टाइट थी क्योंकि उनका पति नामर्द था जो चुदाई शुरू होने से पहले की खत्म कर देता था।

मैंने भाभी से पूछा- भाभी तेल कहाँ है?
वे बोली- ड्रावर में रखा हुआ है.

ड्रावर में नारियल का तेल रखा था.
मैंने बहुत सारा तेल भाभी की चूत में डाला और थोड़ा तेल अपने लंड पर लगाया और नीचे तकिया रख दिया ताकि आराम से लंड चूत में जा सके।

तेल डालते के साथ ही उनकी चूत थोड़ी ढीली पड़ी तो मैंने भाभी को किस करते हुए बातों में लगाए हुए एक जोर का झटका उनकी चूत में लगा दिया.
अभी मेरे लंड का आगे का टोपा ही अंदर जा पाया था कि भाभी की आंखें फैल गई, वे चिल्लाने को होने लगी.
पर मैंने उनके होंठों को दबाकर रखा था जिससे आवाज बाहर तो नहीं आ रही थी पर उनके चेहरे के हावभाव से पता चल रहा था कि वे कितने दर्द में हैं।

मैं थोड़ी देर रुका रहा, भाभी के चूचे मसलता रहा और किस करता रहा.
जिससे वे थोड़ी नॉर्मल हो पाई.

जैसे ही मैंने देखा कि वे अब ठीक हैं, मैंने मौका पाते ही एक और जोर का झटका लगा दिया जिससे मेरा लंड पूरा अंदर चला गया.
और भाभी रोने को होने लगी।

मैंने उनके होंठ नहीं छोड़े और उन्हें समझाया- जान, शुरू में थोड़ा दर्द होगा. पर बाद में बहुत मजा आएगा.

पर भाभी रोते जा रही थी.

फिर मैं लंड अंदर रखे हुए ही उनके मुंह में जीभ डालकर चूसने लगा।
थोड़ी देर बाद भाभी बोली- अब चोदो जानू!

मैंने सिग्नल पाते ही ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी.
लंड दनादन अंदर बाहर करने लगा.

मेरा लंड भाभी की बच्चेदानी तक जाने लगा।

भाभी इतने में दो बार झड़ चुकी थी, तीसरी बार झड़ने वाली थी.
और यहां मेरा भी पानी निकलने को हुआ तो मैं बोला- भाभी, मेरा निकलने वाला है, कहां निकालूं?
उन्होंने कहा- अंदर ही निकाल दो. मैं तुमसे अपना बच्चा चाहती हूं।

भाभी का पति नामर्द था, यह भाभी ने टेस्ट नहीं कराया था.
उनकी शादी को 3 साल हो गए थे और उनका कोई बच्चा नहीं था.
और भैया भाभी हफ्ते में एक से दो बार सेक्स करते हैं पर भाभी का पति पांच मिनट में ही झड़ जाता है।

मैंने भाभी से कहा- मैं अंदर डाल देता हूं. पर मेरे बाद तुम अपने पति के साथ कम से कम एक से दो बार सेक्स करना जिससे अगर मेरा बच्चा तुम्हारे अंदर ठहर जाता है तो किसी को शक न हो ऐसे में!

मैं और भाभी साथ में झड़ गए.
भाभी के अंदर से तो एकदम से गरम लावा सा निकल रहा था.
मेरी धाकड़ चुदाई से भाभी की बंद सील भी टूट गई क्योंकि भैया के लंड में इतना दम नहीं था कि वे भाभी की सील तोड़ पाते।

मेरे और भाभी के एक साथ झड़ने ओर भाभी की सील टूटने के चलते भाभी की चूत से दोनों का स्पर्म और खून बाहर निकलने लगा।

देसी चूत चुदाई के दौरान भाभी इतना क्यों रो रहीं थी अब समझ आया उनकी सील टूट जाने के चक्कर में!

हम दोनों बहुत थक गए थे.
भाभी का पहली बार था ऐसा सेक्स!
इसलिए वे थक गई थी.
और उसी दिन के दोपहर में मैं अपनी दूसरी गर्लफ्रेड को चोदकर आया था।

हम दोनों चुदाई के बाद किस करते करते एक दूसरे से चिपककर सो गए.

फिर मेरी आंख सीधा सुबह खुली 7 बजे के आस पास!
वो भी भाभी ने लंड मुंह में लेकर जगाया.

मैंने सोचा था पूरी रात अगली सुबह तक जमकर भाभी को चोदूंगा.
लेकिन दो दिन से भाभी की चुदाई के बारे में सोचते हुए नींद ही नहीं आई फिर भी हम 4 बजे के आस पास सोए थे।

भाभी ने सुबह उठते ही मुझे उठाया और फ्रेश होने जाने लगी.

सुबह उठते ही मेरा लंड चरम सीमा पर था, मैंने भाभी को वही पटककर फिर से चोद दिया.
और भाभी ‘आह आह आह’ करती हुई झड़ गई.

सुबह भी भाभी का काफी ज्यादा मात्रा में पानी निकला.
मेरा अभी तक नहीं निकला था तो मैंने भाभी से कहा- भाभी, मुंह में ले लो और मेरा पानी भी निकालने में मदद करो!
भाभी हंसती हुई बोली- जी पतिदेव!
मैंने हंसते हुए कहा- ओह ओह पतिदेव?

भाभी ने मेरा लंड मुंह में लेकर चूस चूस कर मेरा सारा पानी निकाल कर पी गई।

फिर मैं और भाभी वॉशरूम में नहाने चले गए.
भाभी से चला भी नहीं जा रहा था.

मैं भाभी को उठाकर वॉशरूम में ले गया और वहां मैंने उन्हें और उन्होंने मुझे नहलाया और एक छोटा सा राउंड हमने शॉवर के नीचे भी लिया.
बाहर आकर हम एक दूसरे को किस करने लगे.

फिर भाभी और मैंने साथ में नाश्ता किया जो मैंने बाहर से ऑर्डर किया था।

नाश्ता करके मैंने भाभी के लिए मेडिकल स्टोर से दर्द की गोली लाकर दी और उन्हें एक लंबा स्मूच करके वहां से निकल गया।

उसके बाद मैंने उनकी दबाकर गांड भी मारी.
उसके बारे में अगली बार लिखूंगा.

आपको यह देसी चूत चुदाई कहानी कैसी लगी?
मेल करके मुझे जरूर बतायें.
मुझे आपके कमेंट का भी इंतजार रहेगा।
[email protected]

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