Chudai Chudai Chudai Katha – भाभी की तड़फती चूत देवर ने चोदी

Latest Hindi Sex Stories added for who looking to read Chudai Chudai Chudai Katha – भाभी की तड़फती चूत देवर ने चोदी to make every night hot about Chudai Chudai Chudai Katha – भाभी की तड़फती चूत देवर ने चोदी story.

Story Start Here :

चुदाई चुदाई चुदाई कथा में मेरे भाई की शादी हुई तो भाभी को देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. शादी के बाद भाभी मुझे खुश नहीं दिखी. मैंने पूछ लिया.

हाय दोस्तो, मेरी ये पहली सेक्स स्टोरी है और पूरी तरह सच्ची है.

इस कहानी में मैं हीरो हूँ और मेरी सगी भाभी जी मेरी हीरोइन हैं.

मैं उत्तर प्रदेश के एक गांव से हूँ और मेरी जॉब मुरादाबाद में है.

मैं अक्सर घर जाता रहता हूँ.

हम दो भाई हैं और मेरे भाई की शादी को एक साल हो चुका है.
मेरी उम्र 32 साल है और मैंने अभी शादी नहीं की है.

मेरी लाइफ की ये घटना नवंबर 2023 में घटी.
चुदाई चुदाई चुदाई कथा में आगे बढ़ने से पहले मैं आपको अपनी भाभी के बारे में बता देता हूँ.

भाभी की उम्र 28 साल है और उनका फिगर एकदम कातिलाना है.
उनकी जवानी बिल्कुल उभार पर है, मस्त-मस्त चूचे और गांड थोड़ी बाहर की तरफ निकली हुई है.

वे दिखने में बिल्कुल कृति सेनन जैसी लगती हैं, उनका फिगर बहुत हॉट है.

जब मैंने उन्हें पहली बार देखा था, तभी मेरा मन डोल गया था.
लेकिन वे मेरी सगी भाभी हैं इसलिए मैंने ये ख्याल अपने मन से निकाल दिया था.

यह जन्मदिन की रात का वाकिया है.

नवंबर के महीने में मैं अपने जन्मदिन पर घर गया था.

घर पहुंचते ही सबने मेरा स्वागत किया.
मेरी आंखें भाभी को तलाश रही थीं.

तभी भाभी बाहर आईं, उन्होंने प्यारी सी स्माइल के साथ मैंने भी स्माइल दी.
वे मेरे लिए पानी और चाय लेकर आईं.

अब तक सब कुछ बिल्कुल सामान्य था.

रात को सबने मिलकर केक काटा और खाना खाकर अपने-अपने कमरे में चले गए.

रात को मैं अपने कमरे में लेटा था.
हल्की-हल्की ठंड लग रही थी.

तभी अचानक भाभी मेरे कमरे में आईं.
उन्होंने मुझे दूध दिया और बिना कुछ बोले जाने लगीं.

मैंने तुरंत पूछा- भाभी, आप कैसी हैं?

ये बस एक सामान्य सवाल था.
दिन में सब लोग होते हैं, इसलिए मैं थोड़ा हिचकिचा रहा था.

भाभी ने बहुत ही प्यारी सी आवाज में कहा- सब अच्छा है देवर जी, बस मैं थोड़ा कम खुश रहती हूँ. मेरा मन यहां घर पर नहीं लगता.

मैंने पूछा- क्या हुआ भाभी?
वे बोलीं- कुछ नहीं, बस ऐसे ही!

मैंने जोर दिया, फिर भी वे कुछ नहीं बोलीं.

फिर मैं उठा और उनके सामने जाकर खड़ा हो गया.
मैंने उन्हें बिस्तर पर बैठने को कहा.

पहले तो भाभी मना करती रहीं, फिर मेरे बेड पर बैठ गईं.
थोड़ी देर इधर-उधर की बात हुई.

उन्होंने मेरी जॉब के बारे में पूछा और फिर पूछा- कोई गर्लफ्रेंड बनाई या नहीं?
मैंने कहा- बनाई है, भाभी हम दोनों खूब एंजॉय करते हैं.

भाभी बोलीं- तुम्हारी लाइफ अच्छी है, खूब एंजॉय करो.
मैंने कहा- आप भी करिए, क्या दिक्कत है?

भाभी उदास आवाज में बोलीं- मेरी जिंदगी में तो बस खाना बनाना और सोना लिखा है.
मैंने कहा- भाभी, कुछ तो है जो आप छिपा रही हैं?

वे बोलीं- नहीं, ऐसा कुछ नहीं है. बस तुम्हारे भैया …
और फिर वे चुप हो गईं.

मैंने कहा- भाभी, बताइए न क्या हुआ? शायद मैं आपकी मदद कर सकूँ!
वे बोलीं- रहने दो यार, ये सब घर का मामला है.

मैं समझ रहा था और मेरा लंड भी थोड़ा टाइट हो रहा था.
मैंने लोअर और टी-शर्ट पहना हुआ था.

मैंने नोटिस किया कि भाभी की नजर बार-बार मेरे लोअर पर जा रही थी.

भाभी बोलीं- तुम सो जाओ, कल बात करते हैं.
मैंने कहा- भाभी, अगर कुछ है तो बताइए न … मैं जरूर मदद करूँगा.

वे ठंडी सांस भरती हुई बोलीं- चलो मैं जाती हूँ. तुम्हारे भैया मेरा इंतजार कर रहे होंगे. अगर नहीं गई तो गुस्सा करेंगे.

मैंने कहा- भाभी, मैं देर तक जागता हूँ. अगर आपको मुझसे बात करना अच्छा लगता है, तो आप फिर से आ सकती हैं.
इस बार मेरी बात में एक अर्थ छिपा हुआ था, शायद उसे भाभी ने समझ लिया था.

भाभी ‘गुड नाइट’ बोलकर जाने लगीं और जाते वक्त उन्होंने मुझसे जोर देते हुए ये भी कहा कि ये दूध ध्यान से पी लेना.

उनके जाते ही मैंने दूध पिया और अन्तर्वासना फ्री सेक्स कहानी पढ़ने लगा.

मुझे भाभी की चुदाई की स्टोरी पढ़ना पहले से ही बहुत पसंद है.
उस रात मुझे अपने लंड में कुछ ज्यादा ही तनाव महसूस हो रहा था.

रात को करीब 12:30 बजे मुझे अपने कमरे के बाहर किसी के आने की आहट सुनाई दी.

आपको बताना भूल गया, हमारा घर बहुत बड़ा है.
ऊपरी माले पर सिर्फ मेरा कमरा है और भैया-भाभी का कमरा है.

मैं चुपचाप लेटा रहा.

तभी कमरे का दरवाजा खुला और मैंने देखा कि भाभी एक चादर ओढ़े मेरे कमरे में आईं.

उन्होंने हल्की सी आवाज दी- देवर जी, सो गए क्या?
मैंने कहा- अरे भाभी, आपको नींद नहीं आ रही क्या?

भाभी बोलीं- तुम्हारे भैया खर्राटे मारकर सो रहे हैं और मुझे तुम्हारी बात याद आ गई, तो सोचा कि चलो थोड़ी देर बात करती हूँ. मुझे नींद नहीं आ रही थी.

मैंने उन्हें अपने पास खड़े होकर बात करते देखा तो उनसे बैठने को कहा.

उन्होंने मेरे बिस्तर पर बैठ कर मेरे चादर को अपने ऊपर लेने की कोशिश की.

लेटते वक्त जैसे ही उन्होंने अपने बदन पर ओढ़ी हुई चादर हटाई, मैं बता नहीं सकता वह नजारा … भाभी ने एकदम ट्रांसपेरेंट नाइटी पहनी हुई थी. उसमें से उनके चूचे साफ दिख रहे थे.

वे अचानक से मेरे साथ लेट गईं और रोने लगीं.

भाभी बोलीं- मेरी जिंदगी नर्क हो गई है. जैसा मैंने सोचा था कि एंजॉय करूँगी, वैसा बिल्कुल नहीं हुआ!
मैं थोड़ा समझ रहा था, लेकिन जानबूझ कर उनके मुँह से सुनना चाहता था.

वे बोलीं- मैं तुम्हें कैसी लगती हूँ?
मैं एकदम से बोल उठा- भाभी, आप माल हैं … इतनी हॉट माल तो मैंने कभी नहीं देखी.

भाभी उदास होकर बोलीं- किस काम की ये तारीफ? जिसे करना चाहिए, वह करता ही नहीं.
मैंने भाभी का हाथ पकड़ा. उनका हाथ एकदम नर्म, मक्खन जैसा था.

जैसे ही मैंने उनका हाथ पकड़ा, उन्होंने अपनी आंखें बंद कर लीं.

मैं धीरे-धीरे उनका हाथ सहलाने लगा.
उनके चेहरे पर सेक्स की इच्छा साफ दिख रही थी.

मैंने अपना हाथ उनकी पीठ पर रखा.
जैसे ही मेरा हाथ लगा, वे सिहर उठीं और मेरे कंधे से चिपक गईं.
उनकी सांसें किसी मोटर की तरह तेज चलने लगीं.

मन तो कर रहा था कि अभी उनकी चूत फाड़ दूँ.
लेकिन मैं इस पल को पूरी खुशी के साथ एंजॉय करना चाहता था.

मैं सोच रहा था कि ये मौका जिंदगी में दोबारा नहीं आएगा.

मैं भाभी की पीठ सहलाता रहा.
उनकी नाइटी इतनी हल्की थी कि मेरा हाथ उन्हें आसानी से फील हो रहा था.

भाभी बोलीं- देवर जी, मैं तुमको नाम से बुलाऊं? राहुल, कोई दिक्कत तो नहीं?
मैंने कहा- भाभी, मैं भी आपको नाम से बुलाऊंगा … प्रिया (नाम बदला हुआ है).

भाभी ‘उम्म … उम्म …’ सिसकारियां लेती हुई मेरे स्पर्श का आनन्द ले रही थीं.
ऐसा लग रहा था जैसे वे कह रही हों कि जल्दी से हर जगह टच करो.

मैंने तुरंत उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
भाभी ने कुछ नहीं कहा और ऐसा लगा जैसे वे मेरे साथ चुंबन में खो गई हों.

वे भी मुझे बेताबी से चूमने लगीं और ऐसा लगने लगा मानो वे मेरे होंठों को खा ही जाएंगी.

मैं भी भाभी के होंठ चूमता रहा.

हम दोनों के बीच वासना की आग इतनी भड़क गई थी कि अब कुछ समझ नहीं आ रहा था.

हम दोनों की सांसें एकदम तेज थीं.
पूरे कमरे में बस ‘पिच-पिच-पुच’ और होंठ काटने की आवाजें गूँज रही थीं.

किस करते-करते वे मेरे ऊपर आ गईं, पता ही नहीं चला, कब उनके दूध मेरे सीने पर मुझे गड़ने लगे थे.

ऐसा लग रहा था मानो भाभी के दूध बाहर निकल कर मेरे मुँह में चले जाएंगे.

मैंने उनके कान में सरगोशी की- प्रिया मेरी जान, मुझे दूध पीना है.

भाभी ने एक बार हल्की सी जुंबिश देते हुए अपने एक स्तन को मेरे मुँह में दे दिया और मैं उनके दूध को पूरी बेदर्दी से चूसते हुए अन्दर तक खा लेने की कोशिश करने लगा.

उसी वक्त भाभी ने मेरे हाथ को पकड़ कर अपने दूसरे वाले दूध पर रख कर मसलने का इशारा किया.
अब मैंने उन्हें अपने नीचे पलटा लिया और उनके दोनों मम्मों के साथ जी भर कर खेलने लगा.

कुछ ही समय में हम दोनों नंगे हो गए और मैंने भाभी के हाथ में अपने लंड को पकड़ा दिया.

वे मेरे लौड़े को पकड़ कर इतनी ज्यादा खुश थीं मानो किसी को खेलने के लिए उसकी मन पसंद वस्तु पकड़ा दी गई हो.

भाभी नीचे को खिसकने की कोशिश करने लगीं तो मैं समझ गया और मैंने आसन बदल कर 69 का पोज बना लिया.

अब मैं भाभी की चूत पर अपना मुँह मार रहा था और वे मेरे लंड को चूसने में व्यस्त हो गई थीं.

मैंने कहा- पहले एक बार मुँह में माल लेना है या चूत में?
वे बोलीं- चूत में!

मैंने झट से चुदाई की पोजीशन बनाई और उनकी टांगों के बीच में खुद को सैट करते हुए उन्हें इशारा किया.

वे कामक्रीड़ा की अनुभवी थीं तो उन्होंने झट से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद टिका लिया.

वे ‘हम्म’ करके मुझसे चुदाई के लिए बोलीं.
और उसी पल मैंने अपनी कमर को झटका दे दिया.

वे ‘आह मर गई’ कह कर कराहीं और अपने होंठ भींच कर मीठ दर्द का मजा लेने लगीं.

भाभी खूब बोल रही थी- चोदो मुझे … मुझे चुदाई चाहिए … चुदाई चुदाई चुदाई बस चुदाई करो मेरी.

मैंने दस मिनट तक भाभी को रगड़ा और उनसे पूछ कर उनकी चूत में ही झड़ गया.

झड़ने के बाद हम दोनों कुछ मिनट यूं ही पड़े रहे.
फिर भाभी ने मुझे अपने ऊपर से हटाया और कहा- कल फिर आऊंगी.

मैं उन्हें देखता रहा.
वे खुश थीं और अपनी नाइटी पहन कर वापस चादर ओढ़ कर कमरे से चली गईं.

मैं उनकी चुदाई को याद करते हुए मन ही मन मुस्कुरा दिया और अब यह चुदाई चुदाई चुदाई हम दोनों का अक्सर खेला जाने वाला खेल हो गया.
उसके बाद से तो बस जब भी भाभी को मौक़ा मिलता … हम दोनों चुदाई चुदाई चुदाई ही करते.

आपको मेरी चुदाई चुदाई चुदाई कहानी पढ़ कर कैसा लगा, प्लीज जरूर बताएं.
मुझे मेल करें.
आपका अपना राहुल
[email protected]

Similar Posts