Swallow Cum Sex Kahani – मामा के लंड संग जीवन के रंगीन पल

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Story Start Here :

स्वेलो कम सेक्स कहानी में मुझे मामा के लंड की लत लग गयी थी. रात को लंड चूसने का मजा लेने के बाद सुबह उठा तो मेरा मन मामा के लंड का रस पीने का हुआ.

दोस्तो, मैं आपको अपने मामा के साथ हुए गे सेक्स कहानी के रंगीन पलों को लेकर अपनी बात सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
मामा का बड़ा लंड और मेरी गांड
में अब तक आपने पढ़ा था कि मामा बाथरूम में एकदम नग्न खड़े थे. उनका लंबा और मोटा लंड मेरे सामने झूल रहा था.

अब आगे स्वेलो कम सेक्स कहानी:

तभी उन्होंने अपने लंड को हिलाया और मुझे इशारा किया अपनी तरफ आने का.

मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और उनके पास चला गया.
हमने एक-दूसरे को किस करना शुरू किया.

शायद उन्होंने भी अपनी पूरी ज़िंदगी में किसी को इतना नहीं चूमा होगा, जितना आज सुबह से हम कर रहे थे!

ठंडे पानी का शॉवर ऑन करके उन्होंने मुझे फिर से किस करना शुरू किया.
नीचे हमारे दोनों के लंड आपस में टकरा रहे थे.

उनके और मेरे हाथ एक-दूसरे की पीठ को सहला रहे थे.
हम दोनों थोड़ा-थोड़ा आगे-पीछे हिल रहे थे जिससे बदन में कंपकंपी हो रही थी.

जल्दी ही हम दोनों ही गर्म हो गए थे!
उन्होंने अब मुझे छोड़ा और पास में रखा साबुन उठाया.

शॉवर बंद किया और मुझे पलटाकर मेरी पीठ को अपने सीने से लगाया.

साबुन को मेरी छाती पर लगाया, फिर मेरे लंड पर और नीचे पैरों तक लगाया.

फिर मेरी पीठ से होते हुए मेरी मुलायम-सी गांड पर लगाया.
मैंने भी उनसे साबुन लेकर वैसा ही किया, उनके सीने पर, पीठ पर साबुन लगाकर मैं नीचे बैठ गया.

मैंने उन्हें अपनी टांगें चौड़ी करने को कहा.
मेरे मुँह के सामने उनका लंड लटक रहा था.

मैं अपने आप को रोक न सका, मैंने उनके लंड का टोपा अपने मुँह में भर लिया.
उनकी हल्की-सी सिसकारी निकल गई.

मैं उनके लंड को लॉलीपॉप की तरह चूस रहा था और उनकी गांड को पीछे से साबुन लगा रहा था.
ऐसा करते हुए मैंने उनके पैरों को भी साबुन लगाया और फिर रुक गया.
मैं बस उनका लंड चूसता जा रहा था!

मामा- हाय … मेरी रानी, तेरे आगे सब फीके हैं! कहां थी तू इतने दिनों से!
मैं बस उनका लंड चूस रहा था.

तब मैं नीचे दीवार से सटकर बैठ गया, पर उनका लंड मुँह से नहीं निकाला.
उन्होंने अपने हाथ दीवार पर टिका दिए और अपना लंड आगे-पीछे करने लगे.

मैं बस उनका टोपा ही मुँह में ले सकता था.
उनका लंड बहुत बड़ा था तो मुँह में नहीं जा पा रहा था.

मामा- रानी, अपना मुँह ढीला छोड़, आगे का काम मैं करता हूँ!
मैंने वैसा ही किया.

उन्होंने धीरे-धीरे प्रेशर बढ़ाना शुरू किया जिससे उनका लंड मेरे मुँह में और अन्दर जाने लगा.
मुझे खांसी आने लगी तो मैंने उसे निकाल दिया.

मामा- जान … थोड़ा और अन्दर ले, कुछ नहीं होगा! मैं धीरे से करूँगा. बस पहली बार थोड़ा दर्द होगा और लंड सीधे अन्दर!

मैं- जानू आपका बहुत बड़ा है, इससे आगे नहीं जाएगा!

मामा- तुझे जब तकलीफ होगी, तब मैं निकाल लूँगा. आखिर तू मेरी जान ही है!
मैं- ओके!

मैंने फिर से उनके लंड को मुँह में भरा.
अब वे प्रेशर बढ़ाने लगे.
उन्होंने मेरे मुँह को अच्छे से सैट किया और एक हल्का-सा झटका लगाया.

मुझे गले में तकलीफ होने लगी क्योंकि उनका आधा लंड मेरे मुँह से गले तक था.

मुझे ज़ोर से खांसी आई तो उन्होंने लंड निकाल लिया.
ऐसा उन्होंने कई बार किया.

अब शायद मेरे गले को भी पता चल गया था कि आज उसे अपनी प्यास बुझानी है.

मैं अब उनका लंड आसानी से ले सकता था.
उन्होंने अब स्पीड बढ़ा दी.

उनका लंड अब मेरा मुँह चोद रहा था और मेरे मुँह से निकलने वाली आवाज़ से पूरा बाथरूम गूँज रहा था.

वे बस मदहोशी भरी आवाज़ निकाल रहे थे और मेरे मुँह में लंड अन्दर-बाहर कर रहे थे.
उनकी खुशी उनके चेहरे से झलक रही थी.

मैंने थोड़ा सांस लेने के लिए उन्हें रोका, फिर उन्हें मेरे साथ नीचे फर्श पर बिठा लिया.
वे दोनों पैर फैलाकर नीचे बैठे हुए थे.

अब मैं उनके बीच जाकर उनके हथौड़े जैसे लंड को अपने मुलायम हाथों से पकड़ कर फिर से उसे चूसने लगा.

जैसा कि मेरा मुँह अभी खुल चुका था, मैं जितना लंड ले सकता था, उतना लेने की कोशिश कर रहा था और अच्छे से उसे चूस रहा था.

उन्होंने अपनी आंखें बंद कर रखी थीं. वे अब सातवें आसमान पर जा पहुंचे थे! मैं लगातार उनका लंड बस चूस ही रहा था.
आधा घंटा से ज़्यादा हो गया होगा, पर उन्होंने अब तक अपना रस नहीं छोड़ा था.

उन्होंने मुझे रोका, उठाया और कहने लगे- मेरी जान, मैंने पहले ही कहा था … इस ऑप्शन में मेहनत ज़्यादा करनी पड़ेगी!

मैं- लेकिन ये निकल क्यों नहीं रहा?
मामा- इसके लिए और मेहनत करनी पड़ेगी! पर तुम अपने मुँह को थोड़ा आराम दो, तब तक हम दोनों नहाते हैं!

मैंने भी उनकी हां में हां मिलाते हुए उनके शरीर पर साबुन लगाना शुरू किया.

मैं अब उनके लंड को अच्छे से साबुन के साथ मसल रहा था.
उनकी आंखें अभी बंद होने लगी थीं.

उन्होंने मुझे पलटा दिया और मेरे निप्पल पर साबुन लगाकर उसे दबाने लगे.
मैं उनसे चिपक गया और अपना सिर उनके कंधे पर दे दिया.

वे मेरे निप्पल को मसल रहे थे और नीचे उनका लंड मेरी गांड की दरार में हिचकोले खा रहा था.
मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था!

मैं अपनी गांड उनके लंड पर पीछे से रगड़ रहा था.

मैंने अपने दोनों हाथ पीछे करके उनकी गर्दन पकड़ ली थी.
मेरी लचीली कमर उनके लंड के हल्के झटके झेल रही थी और उनके कड़क हाथ मेरे नाज़ुक निप्पल को पीस रहे थे.

किसी प्यासी औरत की तरह मैं उनकी बांहों में अंगड़ाई ले रहा था.

वे भी अपनी गांड पीछे करके … और उनका लंड पूरी ताकत से मेरा गुरूर तोड़ने की कोशिश में था!
उन्होंने मेरा मुँह अपनी ओर किया और इस हालत में किस करने लगे.

ऐसा लग रहा था मानो कोई हिरण एक शेर के कब्ज़े में हो और शेर उसका लहू पी रहा हो!
उनके लंड के झटके मुझे बेकाबू कर रहे थे.

तकरीबन दस मिनट तक हमने ये सब किया.

फिर मैं उनसे छुटकारा पाते हुए अलग हुआ और सीधा अपने पैर फैला कर दीवार की तरफ झुक गया.

मैं- जानू, अब नहीं सहा जाता! मुझे भी सेक्स का मज़ा लेना है! आप ये लंड डाल दीजिए ना!

मेरी गांड का छेद देखकर वे कुछ देर उसे बस निहारते रहे.
फिर उन्होंने शॉवर ऑन किया.

पानी सीधा मेरी गांड पर गिर रहा था.
उन्होंने उसे अच्छे से धोया और फिर अपना लंड मेरी गांड पर रगड़ने लगे.

उस घर्षण से मेरे बदन में आग लग चुकी थी.
मैंने अपने पैर और फैलाए और अपने हाथों से गांड को चौड़ा किया.

मामा ने शॉवर बंद किया और नीचे बैठकर मेरी गांड को चाटने लगे.

उनकी जीभ मेरे अन्दर करंट पैदा कर रही थी, जिससे बचना मुश्किल था.

मैं किसी भी हालत में आज बस चुदवाना चाहता था.
लेकिन हुआ कुछ और ही.

उन्होंने मुझे खड़ा किया और अपनी मजबूत भुजाओं से मुझे अपनी बांहों में भर लिया.

मुझे हवा में ही उल्टा घुमाया, मेरे दोनों पैर उनके कंधों पर डाल दिए और मुझे नीचे लटका दिया.

इस वजह से मेरी गांड उनके मुँह के पास थी और उनका लंड मेरे मुँह के पास.

मैं समझ गया कि मुझे क्या करना है. मैंने उनका लंड अपने मुँह में भर लिया और उसे चूसने लगा.

वे मेरी गांड को बस चाटे ही जा रहे थे.
उनकी जीभ की गर्मी और मुलायमियत मुझे महसूस हो रही थी.

मैं बहुत हॉर्नी हो रहा था और उनका लंड ज़ोर से चूस रहा था.

मैंने अपने दोनों हाथों से उनके लंड को जकड़ रखा था.
जैसे ही वे अपनी जीभ मेरे छेद में डालते, मैं उनका लंड और ज़्यादा अपने मुँह में भरता था.

उन्होंने अब मुझे नीचे उतारा और दीवार से सटाकर बिठाया.

फिर से उसी पोज़ीशन में अब वे मेरा मुँह चोदने वाले थे, जैसा उन्होंने पहले किया था.

मैंने उनका लंड मुँह में भर लिया और मेरे मुँह की चुदाई शुरू हो गई.

अब वे कुछ ज़्यादा ही जोश में लग रहे थे!
मुझे अब दर्द भी होने लगा था.

उनका टोपा सीधा मेरे गले में उतर रहा था.
वे धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ा रहे थे.

मेरी हालत अब खराब हो रही थी.
जैसे ही मैं मुँह ढीला छोड़ता, उनका आधा लंड मेरे गले तक घुस जाता था.

मुझे अब इसकी आदत हो गई थी.
मैं उनका पूरा लंड खाना चाहता था.
उनके धक्के शुरू हो गए थे.

उनकी लटकती गोटियां आगे-पीछे हो रही थीं.
मैं उन्हें सहला रहा था.

उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरा मुँह पकड़ा और अपने पैर और फैलाए, अच्छे से पोज़ीशन बनाई … और फिर धक्के चालू!
वे मेरा सिर पकड़ कर मुझे चोद रहे थे और अपने मुँह से बस सिसकारियां निकाल रहे थे.

मैं तो सिर्फ ‘गु … गू … गू … गू …’ कर रहा था.
मामा- आहहा … मेरी रानी… ओह … यस … ले … और ले … आह ये लंड तेरा गुलाम है .. इसके बूँद-बूँद पर तेरा ही हक है … आह ले ले, मेरी रानी … तूने मुझे जन्नत का सुख दिया है आह आज से तू सिर्फ मेरी है … तू जो कहेगी, मैं करूँगा … जो मांगेगी, वह दूँगा! तुझे किसी रानी की तरह रखूँगा! तेरी सारी मुराद पूरी करूँगा!

ऐसा कहते हुए वे मुझे चोद रहे थे.

मैं भी नीचे अपना लंड हिला रहा था और उन्हें और ज़्यादा मज़ा आए, इसलिए उनके आधे से ज़्यादा लंड को अपने मुँह में भरने की कोशिश कर रहा था.
मामा- आहहा … ऊऊऊ … म्म्म्म … फक यू बेबी आह … तू कितनी हॉट है … तेरे बदन का कतरा-कतरा मैं ही चूसूँगा … तेरे बदन में खून के साथ-साथ मेरा रस भी बहेगा मेरी जान आई लव यू.

ऐसा कहते हुए उन्होंने एक चीख के साथ-साथ मेरे सिर को अपने लंड पर ज़ोर से दबा दिया, जिससे उनका लंड सीधा मेरे गले में जा अटका.
मुझे खांसी आ रही थी, पर उन्होंने रोककर रखा और उनका रस मेरे गले से नीचे जाने लगा.

उनका लंड बस पिचकारी मार रहा था और मैं उसे पीता जा रहा था.

अब उन्होंने मेरे मुँह से लंड निकाला और सीधा खड़े हो गए.

उनका लंड मेरे थूक से चिकना हो गया था.
उसके सिरे पर रस की एक बूँद उभर कर आई थी, जिसे मैंने चाटकर साफ किया.

स्वेलो कम सेक्स करके फिर मैं पागलों की तरह उनका लंड फिर चूसने लगा क्योंकि अब शायद मेरा भी पानी निकलने वाला था.

मैं ज़ोर से अपना लंड हिला रहा था और उनका चूस रहा था.
वे अब भी वैसे ही खड़े थे और अपना लंड चुसवा रहे थे.

इतना लावा छोड़ने के बाद भी उनका लंड बैठने का नाम नहीं ले रहा था.
लेकिन मैं अब उत्तेजना से भर चुका था.

मैंने फिर से उनका लंड गले तक ले लिया और वैसे ही रखा.
अपने पैर थोड़े मोड़ लिए और मेरा लावा भी छूट गया.

मैंने अपने मुँह से उनका लंड निकाला और अच्छे से चाटकर उसे साफ किया.

फिर मामा ने मुझे उठाकर अपने गले से लगाया और मेरा माथा चूमा, मुझे किस किया.

मैंने भी उन्हें किस किया और नीचे झुककर उनके लंड को भी किस किया.

मैं- जानू मैं बहुत थक गया हूँ … क्या तुम मुझे नहलाओगे?
मामा- क्यों नहीं मेरी जान!

फिर उन्होंने मुझे नहलाया.
अपनी गोद में उठाकर मुझे बाथरूम से बाहर ले आए.

हम दोनों रूम में नंगे ही थे.
फिर उन्होंने मुझे शर्ट पहनाई.

जब वे मेरे पीछे खड़े होकर शर्ट के बटन लगा रहे थे, तब उनका लंड पीछे मेरी गांड में चुभ रहा था.

मैं बार-बार उसे अपनी गांड से घिस रहा था.
मामा पीछे हो जाते, मैं फिर से और पीछे जाता.

उन्हें सताने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था मानो उन्हें पाकर मुझे सब कुछ मिल गया हो!

उन्होंने मुझे अंडरवियर पहनाई और फिर पैंट.
अब वे अपने कपड़े पहनने लगे.

मैंने उन्हें रोक दिया.
मैंने उन्हें पहले बनियान पहनाई.
मैं बस उन्हें निहार रहा था.

उनका बड़ा-सा लंड अभी सो रहा था पर फिर भी वह मस्ती से हिचकोले खा रहा था.

मैं कभी उसे पकड़ लेता, तो कभी दबा देता.

मेरी मस्ती तो रुक ही नहीं रही थी.
मामा भी हंस देते थे.

फिर मैंने उन्हें शर्ट पहनाई.
जब उन्होंने मुझे अंडरवियर दिया, तो मैंने उसे फेंक दिया.

वे मेरी तरफ देखने लगे.

मैं- जानू, आज आप इसे नहीं पहनेंगे!
मामा- वह क्यों?

मैं- मेरा गला फिर से सूख रहा है! इसलिए नहीं पहनेंगे!
मामा- जो हुकुम, मेरी रानी!

हम दोनों हंस पड़े.

फिर मैंने उन्हें बेड पर बिठाया और उनके पैरों से पैंट ऊपर चढ़ाई, उन्हें खड़ा किया.

उनका लंड हवा में ही झूल रहा था.
मैंने उसे मुँह में ले लिया.

मामा- जान … अभी अभी तो रसपान हुआ है … उसे थोड़ा आराम तो दो!
मैं- क्या करूँ, ये है ही इतना प्यारा कि उसे चूसने का मन करता है!

मामा- जान, ये तुम्हारा ही है! जब चाहो, जहां चाहो, मुँह में ले लेना … पर अभी नहीं, अभी तुम्हारी मम्मी मार्केट से आती होंगी!
मैं उदास हो गया.

मेरी उदासी देखकर मामा बोले- ओके, ले लो एक बार मुँह में, जब मन करे तब छोड़ना!
मैंने फटाक से उसे मुँह में भर लिया और चूसने लगा.

उनका लंड भी अपना आकार ले चुका था.
मैंने कुछ देर तक उसे चूसा, फिर प्यार से उसे चूमा और पैंट को ऊपर कर लिया.
फिर चैन को भी लगा दिया.

मामा ने मुझे उठाया, किस किया और बोले- आई लव यू!
मैंने भी उन्हें ‘आई लव यू’ कहा और हम नीचे आ गए.

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