Latest Hindi Sex Stories added for who looking to read Desi Virgin Chudai Kahani – पड़ोस की सेक्सी लड़की की सीलतोड़ चुदाई to make every night hot about Desi Virgin Chudai Kahani – पड़ोस की सेक्सी लड़की की सीलतोड़ चुदाई story.
Story Start Here :
देसी वर्जिन चुदाई कहानी में मेरे पड़ोस में एक माल लड़की रहती थी. मैं उससे हाय हेलो कर लेता था. एक बार मैंने उसे रास्ते में रोक कर अपने प्यार की बात कही.
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अभिमन्यु है.
मैं 28 वर्षीय एक बैचलर हूं और एक बार पुनः आपके सामने हाजिर हूँ। मैं अपने साथ हुए एक खास अनुभव को आप सभी के साथ बाँटना चाहता हूं।
जिन्होंने मेरा पिछला अनुभव
शादीशुदा गर्लफ्रेंड को जंगल में चोदा
नहीं पढ़ा है, कृपया एक बार ज़रूर पढ़ें।
उसमें मैंने मेरी शादीशुदा गर्लफ्रेंड के साथ हुए मेरे सेक्स अनुभव को शेयर किया था।
यहां मैं अपनी पहली गर्लफ्रेंड की पहली चुदाई के बारे में बताने जा रहा हूं।
यह देसी वर्जिन चुदाई कहानी आज से कुछ साल पहले की है जब मैं अपनी इस गर्लफ्रेंड से मिला था।
हालांकि वह अब किसी और की बीवी है।
उस वक्त मैं उससे कैसे मिला और उसकी चूत की सीलतोड़ कर उद्घाटन किया था, उसकी चुदाई की कहानी का आनन्द लें।
आगे बढ़ने से पहले मैं आपको उसके बारे में बता देता हूँ।
उसका नाम मिशी है, उस वक्त उसकी उम्र 18 वर्ष थी।
आज वह साढ़े पांच फीट हाईट की है, एकदम दूध सी गोरी-चिट्टी और चिकने बदन की कमाल की लड़की है।
उसके 34 इंच के गोल मटोल बोबे, चिकनी और मखमल सी 30 इंच की कमर और 36 इंच की उभरी और ऊपर की ओर उठी हुई गांड है।
आज भी एक बच्चे की मां होने के बाद भी उसकी सेक्सी अदाओं और नटखट स्वभाव में कोई कमी नहीं आयी है।
हालांकि आज से कुछ साल पहले जब वह स्कूल की हायर क्लास में थी, तब एकदम कमसिन थी और तब भी उसका फिगर उसकी उम्र के हिसाब से बहुत ही कामुक था।
तब उसके 32 इंच के गोल मटोल चूचे, 26 इंच की चिकनी कमर और 32 इंच की उभरी हुई गांड देख कर किसी का भी लंड कड़क हो जाना लाजिमी था।
सच में वह कड़क माल थी।
कई लौंडे उसे पटा कर चोदने के चक्कर में थे लेकिन उसकी चूत का ताला मेरे लंड से ही खुलना था और हुआ भी ऐसा ही!
तो हुआ यूं कि जब वह स्कूल से लौटती थी, उसी वक्त 2 बजे के आस-पास मैं भी कॉलेज से वापस घर आया करता था।
उस समय मेरी उम्र 21 वर्ष थी। वह मेरे घर के पास ही रहती थी और मैं आते जाते उससे कभी कभी हाई बाई कर लिया करता था।
उसे भी यह अच्छा लगता था क्योंकि उसके घर वाले उसे ज्यादा किसी से बात नहीं करने देते थे।
एक दिन मैंने मौका पाकर उसे हमारे घर से काफी दूर पहले ही स्कूल से आते टाइम रोक लिया।
वह कहने लगी- प्लीज, मुझे जाने दो … अगर लेट हुई तो घर में डांट पड़ेगी।
मगर मैंने उसे रोक कर रखा था तो उसने मुझे उसकी मम्मी का मोबाइल नंबर दे दिया और मेरा नंबर लेकर कॉल पर बात करने का वादा करके चली गई।
मैं रात भर सोचता रहा कि यार क्या ये कॉल करेगी भी कभी … या नहीं करेगी।
मैं काफी कशमकश में था।
अगले दिन मुझे एक नंबर से एस एम एस आया।
उस टाइम लोग एस.एम.एस. करते थे।
यह वही टाइम था, जब वह स्कूल में होती थी।
उसमें लिखा था ‘हाई … यह मैं हूँ, जल्दी कॉल करो.’
मैंने भी तुरंत कॉल किया तो पता चला ये मिशी है।
मिशी- क्यों जी कल क्यों परेशान कर रहे थे आप मुझे! अच्छा लगता है क्या ऐसे किसी लड़की को परेशान करना?
‘अरे, मैं तुम्हें परेशान नहीं कर रहा था, तुम्हारी एक हेल्प चाहिए, इसलिए बात करने को बोल रहा था।’
मिशी- अच्छा जी, बोलिए क्या हेल्प करूं आपकी?
‘मैं एक लड़की को पसंद करता हूं, उससे बहुत प्यार करने लगा हूं। वह मुझे बहुत क्यूट लगती है।’
मिशी जरा नाराज होती हुई बोली- अच्छा कौन है वह? और मैं क्यों आपकी हेल्प करूं!
‘कर दो यार हेल्प, मैं उससे बहुत प्यार करने लगा हूं। अब उसके बिना रहा नहीं जाएगा!’
मिशी- कौन है वह जल्दी बताओ!
‘वह तुम हो मिशी, आई लव यू … बहुत दिनों से कहना चाह रहा था पर कह नहीं सका। आई रियली लव यू!’
अचानक वहां से उसके रोने की आवाज सी आई, तो मैं डर और पूछने लगा- क्या हुआ?
तो मिशी ने कहा- आप ऐसा क्यों बोल रहे थे कि किसी और को प्यार करते हो … मुझे बुरा लग रहा था न, आई लव यू टू.. मैं भी आपसे प्यार करती हूं लेकिन आपने कभी अच्छे से बात ही नहीं की मुझसे!
अब धीरे धीरे हम लोगों की बात होने लगी और करीब एक महीना निकल गया।
अब मैं उससे नॉनवेज बातें भी करने लगा था और वह भी उम्र के उस मोड़ पर थी कि अब धीरे धीरे मेरी बातों से समझने लगी थी कि मैं क्या चाहता हूं।
कभी हम बात करते कि सुहागरात कैसे मनाएंगे तो कभी सीधा सीधा मैं उसे कॉल में ही चोदने लगा था।
वह शुरू शुरू में काफी नखरे भी करती थी।
जब कभी मैं लंड, चूत या बोबे जैसे शब्दों का उपयोग करता, तो वह शर्मा जाती और मुझे चुप रहने बोलती।
मगर मैं जानता था कि मेरी बातों से ये अब गर्म हो जाती है क्योंकि बात करने में ही समझ आ जाता थी कि उसकी सांसें चढ़ रही हैं और उसके बात करने के स्वर भी बदल जाते थे।
आखिरकार वह दिन आ ही गया, जब मैं उसे चोदने वाला था।
मेरे घर वाले सब मामा जी घर किसी फंक्शन में गए थे और 3 दिन बाद ही आने वाले थे।
मैंने यह बात मिशी को बताई और उससे कहा- आज जब स्कूल के लिए निकलो तो मेरे घर के सामने से जाना।
वह सुबह आठ बजे के पहले निकली और मेरे घर तक पहुंची।
मैंने देखा कि किसी का ध्यान नहीं है, तो उसे इशारे से बुलाया।
वह भी जल्दी से अन्दर आ गयी।
मैंने भी अन्दर से दरवाजा बंद किया और उसे गले से लगा लिया।
यह पहली बार नहीं था कि हम गले मिल रहे थे लेकिन उस दिन की बात ही कुछ और थी।
मिशी- आई लव यू अभि, आप मुझसे कभी दूर नहीं जाना और हमेशा मुझसे प्यार करना।
यह कह कर वह रोने लगी।
‘आई लव यू टू मेरी जान, मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूं। आओ यहां बैठो और बताओ इतने दिन से हम जो एस.एम.एस. और कॉल पर प्यार कर रहे थे, आज रियल में करने को तैयार हो न!’
मिशी- यार बहुत डर लग रहा है और घबराहट भी हो रही है, अगर मैं प्रेगनेंट हो गई, तो घर वाले मार ही डालेंगे मुझे और आपको भी नहीं छोड़ेंगे!’
‘कुछ नहीं होगा यार, ये देखो मैंने सेफ्टी के लिए कॉन्डम ले लिए हैं।’
वह अब भी डर रही थी क्योंकि उसे पता था पहली चुदाई में बहुत दर्द होता है, यह सब उसको उसकी एक भाभी ने पहले से बता कर रखा था, लेकिन मेरे बार बार बोलने पर वह मान गई।
अब हमने किस करना शुरू किया, उसे तो बिल्कुल नहीं बन रहा था क्योंकि यह उसका पहली बार था।
फिर मैंने उसे बताया कि आंखें बंद करके मुँह को हल्का सा खोलो और अपनी जीभ भी हल्की सी बाहर की ओर निकालो … बस मजा आएगा!
वह बिल्कुल वैसा ही करती गई, जैसा जैसा मैं उसे बता रहा था।
वह उस समय इतनी कामुक और सेक्सी दिख रही थी कि क्या ही कहूँ।
आप खुद कल्पना करो कि कोई अपने आपको पूरी तरह से आपको सौंप दे तो कैसा लगेगा।
मेरी भी बिल्कुल वही हालत थी।
खैर … अब मैंने उसे फिर से किस करना चालू किया और इस बार वह मेरा पूरा साथ दे रही थी।
धीरे-धीरे उसे जोश चढ़ने लगा था और वह किसी जंगली बिल्ली की तरह मुझ पर हावी होती जा रही थी।
अब उसके चूमने की रफ्तार और सांसें भी बढ़ती जा रही थीं।
हम दोनों एक दूसरे को लगातार फ्रेंच किस किए जा रहे थे।
कभी-कभी मैं उसके निचले होंठ को काट देता तो वह एकदम से तिलमिला जाती और मुझे ज़ोर से पकड़ कर और दुगुने जोश के साथ किस करने लगती।
हमारी सांसें अब पूरे कमरे में गूंज रही थीं।
मैं मिशी को किस करते करते उसके चूतड़ दबाने लगा था। मैं उन्हें पूरी ताकत से मसल रहा था जिससे वह और जोर से मुझमें समाती जा रही थी।
उसने अभी भी अपनी यूनिफॉर्म पहनी हुई थी जिसमें नीचे स्कर्ट और ऊपर शर्ट होती है … तो मैं नीचे स्कर्ट के अन्दर से हाथ डाल कर उसकी गांड को दबाता जा रहा था।
अब तो मैंने अपनी उंगलियों से उसकी चड्डी को नीचे सरका दिया था और उसकी गोल मटोल गांड को अपने हाथों में भर लिया और आटे की तरह गूंथने लगा था।
मिशी- थोड़ा आराम से किस करो न, खा ही जाएंगे क्या … और इन्हें भी थोड़ा आराम से मसलो यार … बहुत दर्द हो रहा है!
‘आज मत रोको मेरी जान, कर लेने दो मुझे मेरे मन की … और फिर तुम्हें भी तो मजा आ रहा है न … और ये इन्हें मतलब क्या होता है! इसको गांड बोलते हैं … तुम भी गांड ही बोलो!’
मिशी- मजा तो बहुत आ रहा है लेकिन दर्द भी हो रहा है। मैं तो सोच रही हूं कि आज रहने देते हैं। आज के लिए इतना काफी है क्योंकि मुझे तो बहुत डर लग रहा है।
‘मत डर यार, बहुत ही प्यार से करूंगा और तुम्हारा दर्द मजे में बदल जाएगा। एक काम करते हैं, अन्दर बेडरूम में चलते हैं … और आराम से करते हैं। अभी सिर्फ 9 बज रहा है और हमारे पास 2 बजे तक का समय है। फुल इंजॉय करेंगे!’
मिशी- ठीक है, जैसा आप कहो मेरे हुजूर!
अब और सब्र करना मेरे बस का नहीं था, तो मैंने झट से अब इस कमसिन कली को अपनी बांहों में भरा और उसे अपने ऊपर बैठा लिया, जिससे वह मेरी गोद में दोनों पैर कमर पर क्रॉस करके मेरे लंड के ऊपर बैठ गई थी।
मैं उसको किस करने लगा और उसकी शर्ट के बटन खोलने लगा।
उसने एक सफेद ब्रा पहनी हुई थी, जिसमें उसके दोनों दूध मुझे बड़े ही कमाल के लग रहे थे।
मैं उसके दोनों दूध अपने एक एक हाथ में लेकर उन्हें ब्रा के ऊपर से ही मसलने लगा, जिससे वह अपना आपा खो बैठी।
उसके लिए ये सब एकदम नया अनुभव था।
इसलिए वह अपनी कामुकता नहीं छुपा पा रही थी और पागलों की तरह मुझे किस किए जा रही थी।
वह मेरे बालों को सहला रही थी और कह रही थी- ओह अभि … माय लव … ये क्या कर दिया आपने मुझे … आह सच में बहुत अजीब सा लग रहा है! मैं मर जाऊंगी प्लीज कुछ करो, ओह बेबी… प्लीज़ कुछ करो!
मैंने भी जल्दी से उसकी ब्रा को निकाल फेंका और उसके एक दूध को मुँह में भर लिया।
दूसरे दूध को मैं हाथ से दबाए जा रहा था। कभी निप्पल को मसल देता तो कभी दांतों से काट देता, जिससे वह एकदम मदहोश हो जा रही थी।
‘मिशी, आई लव यू!’
मैंने अपनी सांसों को काबू करते हुए कहा- बेबी चल अब तुझे असली मजा देता हूं। यहां लेट जा अब!
वह ऊपर से आधी नंगी मेरे सामने मेरे पलंग पर लेटी हुई थी और मुझे बहुत ही कामुक अंदाज से देख रही थी।
उसकी भी सांसें चढ़ी हुई थीं और कामवासना उस पर हावी हो चुकी थी।
इसलिए अब वह कुछ बोल नहीं रही थी, बस अपने पास आने का इशारा कर रही थी।
मैं भी अब कहां रुकने रुकने वाला था … मैंने जल्दी से अपनी टी-शर्ट निकाल कर अलग की और शॉर्ट्स भी निकाल कर सिर्फ अंडरवियर में आ गया।
वह अंडरवियर के अन्दर मेरे तने हुए लंड को देख कर कहने लगी- अभि ये क्या है चड्डी के अन्दर … और ये ऐसे बार बार हिल क्यों रहा है!!
तब मैंने उससे कहा- मेरी जान ये वह है, जिससे आज तेरी चूत का मिलन होगा और तेरी चूत कली से फूल बन जाएगी!
मिशी- अच्छा भला वह कैसे?
‘रुक अभी तुझे बताता हूँ साली मादरचोद … चल खड़ी हो जा पलंग में!’
वह हँसती हुई जैसे ही खड़ी हुई, मैंने उसे मेरे पास खींचा और उसके दोनों दूध मसलने लगा, उसकी नाभि में अपनी जीभ फिराने लगा।
इससे उससे गुदगुदी तो हो रही थी लेकिन उसे मजा भी खूब आ रहा था।
अब मैंने उसकी स्कर्ट उतारना शुरू किया तो वह मेरा हाथ पकड़ने लगी.
लेकिन मैंने फिर भी जोर जबरदस्ती करके उसकी स्कर्ट को उतारा और किस करते करते नाभि से नीचे आने लगा।
पहले तो उसकी चूत को मुट्ठी में भर कर दबाने और थपथपाने लगा, जिससे वह और भी ज्यादा गर्म हो गई और मुझे जोरों से अपने से चिपकाने लगी।
वह मादक सिसकारियां लेने लगी और कहने लगी- आह… आह … ओह … म्म्म … अभि … ये क्या कर रहे हो आप! प्लीज़ मत करो न … आह … मैं मर जाऊंगी मम्मी … ओह मां… आह…आह … प्लीज यार … इतनी जोर से मेरी चूत दबाओगे तो कहीं मेरी सुसु न निकल जाए!
वह सही भी थी, लेकिन चूत से उसकी सुसु नहीं निकल रही थी बल्कि उसकी चूत पानी छोड़ रही थी, जिससे वह एकदम से खड़े खड़े मेरे ऊपर ही गिरने लगी।
क्यूंकि सच में मैंने उसकी चूत कुछ ज़्यादा ही जोर से मसल दिया था।
अब वह निढाल हो चुकी थी और बुरी तरह से हांफ रही थी।
करीब पांच मिनट बाद जब वह सामान्य हुई, तब मैंने उससे पूछा- कैसा लग रहा है जान?
मिशी- अभि, आप एक नंबर के कमीने हो, मुझे तो ऐसा लग रहा था कहीं मैं मर न जाऊं!
‘ऐसे कैसे मर जाओगी, अभी तो चुदाई करनी बाकी है!’
मिशी- जी नहीं, देखो मुझे अब नहीं करना, प्लीज कल कर लेंगे!
‘नहीं, अगर मुझसे प्यार करती हो तो अभी करना होगा, वरना मैं किसी और को पटा लूंगा और उसके साथ ये सब कर लूँगा!’
ओ भाई साहब, इस बात पर अब उसका मुँह देखने लायक था, किसी और लड़की का सुन कर उसकी झांटें सुलग गईं और वह गुस्से से मुझे देखने लगी।
फिर उठ कर तुरंत मेरे पास आई, मुझे धक्का देने लगी और बहुत गुस्से में कहने लगी।
मिशी- पटा कर दिखाओ किसी और को, मां चोद दूंगी उस साली छिनाल की और तुम्हें भी नहीं छोड़ूँगी। चुदाई ही करनी है न आपको … चलो लेकिन दुबारा किसी और लड़की की बात की तो छोडूंगी नहीं!
मुझे उसकी बातें सुन कर हंसी आ गई।
मैंने उसे किस करना चालू किया और वह भी तरीके से किस कर रही थी।
मैं उसके दूध दबाते हुए उसके एक हाथ से उसकी चूत को चड्डी के अन्दर से सहला रहा था।
यार, उसकी चूत कितनी मस्त और चिकनी थी … झांट के बाल भी नहीं थे, अभी तक उगे ही नहीं थे शायद … बस दो चार रोंए ही थे।
वह फिर से गर्म होने लगी और मैं किस करते करते नीचे आने लगा, उसकी चड्डी को अपने दांत से पकड़ कर उतारने लगा तो मेरी नाक उसकी चूत में टच होने लगी।
मैं चूत चाटते हुए उसकी गोल मटोल गांड भी दबाने लगा.
उसकी जांघों पर किस करने लगा, उसकी चूत के आस-पास किस करने लगा और एक उंगली से उसकी चूत को कुरेदने लगा।
अब वह तड़पने लगी थी।
फिर मैंने उसे बिस्तर पर लेटाया और अपना अंडरवियर उतार कर उसके ऊपर चढ़ गया।
फिर से उसे किस करते हुए ड्रॉअर में से कॉन्डम निकाला और उसे देकर लंड पर सैट करने को बोला।
पहले तो वह मना कर रही थी।
मैंने बिना सोचे समझे एक तमाचा उसके मुँह में मार दिया, जिससे वह मुझे देखने लगी।
मैंने कहा- देख क्या रही है, अभी तो बोल रही थी न कि चोद लो तो अब नखरे क्यों चोद रही है। चल अब किस कर पहले मेरे लौड़े को … और कॉन्डम सैट कर!
उसने मेरे लौड़े को तीन चार बार किस किए तो मैंने लौड़ा उसके मुँह में दे दिया।
वह लंड मुँह से निकालने को करने लगी।
मैंने उसका सर पीछे से पकड़ रखा था लेकिन फिर छोड़ दिया।
उससे कंडोम सैट करवाया और उसे फिर से किस करने लगा।
‘आराम से लेटो डरना मत कुछ नहीं होगा, बड़े ही प्यार से चोदूंगा आज तुम्हें!’
वह चुपचाप मेरी बातों को सुन रही थी और हां में हां मिला रही थी।
फिर मैंने उसकी दोनों टांगों को ऊपर उठाकर फैलाया तो उसने शर्म के मारे मुँह दूसरी तरफ घुमा लिया।
खैर … मुझे क्या!
मैं उसकी दोनों टांगों के बीच आकर उसके पैरों को अपने पैरों के ऊपर रख कर उसकी चूत में … और आस पास थोड़ा थोड़ा वैसलीन लगाने लगा, उसकी चूत में उंगली करने लगा ताकि मुझे लंड सैट करते बन जाए।
फिर जब उसकी चूत गीली हो गई और वह भी तड़प रही थी तो मैं अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रख कर रगड़ने लगा।
वह मचलने लगी।
मैं पहले तो उसके ऊपर थोड़ा वजन देकर लेट गया और उसे किस करते करते उसकी चूत में लंड रगड़ने लगा।
वह कसमसा रही थी, तो सबसे पहले उसके दोनों हाथों से मैंने उसे मुझे गले लगाने को बोला और उसके दोनों कंधों को पकड़ कर चूत में थोड़ा जोर देने लगा।
फिर मौका देख कर अचानक से लंड को उसकी चूत में घुसेड़ दिया।
वह एकदम से तिलमिला उठी- मां … मर गई उई मम्मी … ओह … प्लीज निकाल लो इसे … निकाल लो इसे प्लीज … आह..आह … ओहम्म्म.. अभि … प्लीज़ निकाल लो इसे … नहीं तो मैं मर जाऊंगी … आह … मैं मर जाऊंगी मम्मी … ओह मां!
देसी वर्जिन चुदाई में हुए दर्द से वह रोने लगी।
‘चुप हो जा यार … हो गया। देख मैं तो लंड हिला भी नहीं रहा चूत के अन्दर … अब चुप कर। अब तू कली से फूल बन गई है। देख तेरी सील टूट गई!’
उसने अपनी चुत देखी, उसकी चूत से हल्का सा खून निकल रहा था तो वह और घबरा गई और फिर से रोने लगी।
तब मैंने उसे समझाया कि तुम्हें तो पता ही था न कि पहली बार चुदाई करने में ब्लड आता ही है।
इस तरह से मैंने उसे बातों में लगा लिया लेकिन लौड़ा अभी तक बाहर नहीं निकाला था।
उससे बात करते करते उसे किस करने लगा और उसके दूध भी सहलाने लगा।
कभी मैं उसकी गर्दन का मर्दन करता तो कभी उसके कान की लौ को जीभ से चुभलाता।
अब वह काफी रिलैक्स हो गई थी और नीचे से अपनी कमर हिलाने लगी थी।
मैं समझ गया कि अब इसकी चूत लंड मांग रही है, तो मैं धीरे धीरे अब लंड को अन्दर बाहर करने लगा।
अब उसे पहले जितना दर्द भी नहीं हो रहा था तो मैं धीरे धीरे उसे चोदता गया और वह सिसकारियां लेती हुई बार बार मुझे ‘आई लव यू अभि … आई लव यू .. मैं आपसे बहुत प्यार करती हूं … आप भी हमेशा मुझे ही प्यार करना …’ कहती जा रही थी।
मैंने भी धीरे धीरे उसको चोदने की रफ्तार को बढ़ा दिया और जोर जोर से चोदने लगा।
वह भी अब जोर जोर से सिसकारने लगी और मुझे मेरे होंठों पर काटने लगी।
मेरी पीठ पर नाखून से कुरेदने लगी और मैं भी उसे चोदता चला गया।
चूंकि वह पहले से ही काफी गर्म हो चुकी थी तो वह झड़ गई और बिस्तर पर निढाल होकर लेट गई।
वह मुझे थोड़ा रुकने को कहने लगी।
चूंकि ये उसकी पहली चुदाई थी तो उसके चहरे पर शर्म के साथ साथ परम आनंद भी अलग ही दिख रहा था लेकिन मुझ पर तो हवस अभी भी बरकरार थी।
मैंने उसे फिर से चूमना शुरू किया और वह मेरा दुबारा साथ देने को तैयार हो गई।
इस बार मैंने उसे मिशनरी पोजीशन में तो चोदा ही लेकिन साइड वाली पोजीशन में भी चोदा और चोदता रहा।
करीब पंद्रह मिनट बाद मैं भी झड़ गया और निढाल हो गया।
अभी 12 बज रहे थे और हमारे पास 2 बजे तक का समय था तो हमने थोड़ी देर आराम किया और फिर एक बार और चुदाई की।
दिक्कत ये हो गई थी कि उसे चलने में बहुत दर्द हो रहा था तो मैंने वहीं पास से उसे एक पेन किलर लाकर दिया।
फिर दो बजे करीब वह अपने घर के लिए निकली।
हम इस बात का भी ध्यान दे रहे थे कि कोई उसे नोटिस न करे।
दोस्तो, यह थी मेरी गर्लफ्रेंड की चूत की सील तोड़ चुदाई की कहानी।
हमारे पास अभी भी दो दिन थे, इन दो दिनों में हमने क्या क्या किया, यह जानने के लिए हमारे साथ बने रहें और देसी वर्जिन चुदाई कहानी ओअर मुझे अपने विचार मेल करें।
धन्यवाद।
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