Bur Chudai Ki Kahani Hindi

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बुर चुदाई की कहानी हिंदी में पढ़ें कि मैं कुंवारी लड़की अपने पहले लंड के लिए मचल रही थी. गोआ में मेरी सहेलियों ने मेरे लिए जुगाड़ किया और मुझे एक लड़के के साथ भेज दिया.

यह कहानी सुनें.

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दोस्तो, मैं हूँ आपकी शबनम खान की ख़ास सहेली नूरी.
पिछली कहानी
मैंने सबको बताई मेरी चुदाई की दास्तान
में तो आपने देख ही लिया कि मेरी सहेली शबनम मजे ले ले कर अपनी चुदाई के किस्से सुना रही थी और उसकी बातें सुनकर जलन और गम के मारे मेरी रुलाई फूट गई थी.

आखिर रोना क्यों ना आता?
इधर शबनम का कुंवारापन भी चला गया लेकिन मैं अभी तक बिना चुदी बैठी हूँ.

बात यह है कि मेरे वालिद बहुत पिछड़े ख्यालों के हैं और उनको मेरा मर्दों के साथ उठना बैठना पसंद नहीं है.

इधर घर पर अब्बू के जाते ही मेरी अम्मी का यार आ जाता है और दोनों कमरा बंद करके ना जाने क्या क्या करते रहते हैं.

एक दिन मैं अम्मी के दरवाजे पर कान लगाकर सुनने लगी तो अंदर से अम्मी की आवाज आ रही थी- अनवर मियां, मुंह में डालो ना, मलाई खिलाओ ना!
मुझे लगा कि अम्मी मुझ से छुप कर मिठाई खा रही है तो मैंने भड़ाक से कमरे का दरवाजा खोल दिया.

अंदर देखा तो अनवर मियां का पाजामा खुला हुआ था और अम्मी उनके आगे घुटने पर बैठी थी.

मुझे देखते ही अनवर मियां भाग गए और अम्मी मेरे पैरों पर गिर कर रोने लगी- माफ़ कर दे नूरी, अब्बू को कुछ मत बताना!
मैंने अब्बू को तो कुछ नहीं बताया लेकिन उस दिन ही मैं जवान हो गई थी.

बस तभी से मरी जा रही हूँ कि कोई तो मिले जो मेरी जवानी का रस चूस डाले, मुझे मसल मसल कर आटे की तरह गूंथ डाले और मेरी जवानी की गर्मी ठंडी कर दे.

इधर इस कलमुंही शबनम को दो दिन में छह छह मर्द मिल गए और मैं अभी तक सूखी सूखी हूँ. याल्ला, मुझ पर भी रहमत की बारिश कर!

अब मेरी असली बुर चुदाई की कहानी हिंदी शुरू होती है.

सब सहेलियों को मुझ पर तरस आ गया था.

मोना बोली- यार, मुझसे तो इसका रोना देखा नहीं जाता. चलो इसके लिए भी लंड का जुगाड़ करते हैं!
शकीला बोली- अरे, तू चिंता मत कर, लंड का ढेर लगा देंगे तेरे लिए!

शबनम बोली- नहीं नहीं, पहली बार में एक ही लंड ठीक रहेगा!
मोना बोली- ओके, तो फिर आज ही इसके लिए एक गबरू जवान सुन्दर सा लौंडा ढूंढते हैं!

शाम को हम सब सहेलियां तैयार होकर बीच पर घूमने चली गईं.

सबने मिलकर मुझे कुछ ज्यादा ही तैयार कर दिया था.
मैं इतनी सुन्दर लग रही थी कि अगर मेरा बस चलता तो मैं खुद को ही चोद डालती.

सारी सहेलियां बीच पर घूम रही थीं और पराये मर्दों को देख कर उनके लंड की लम्बाई का अंदाजा लगा रही थीं.
शकीला एक आदमी के बाजू से निकली और हम लोगों की तरफ छह उँगलियाँ दिखाईं.

तभी मोना ने एक आदमी के बाजू से निकलते हुए दो उँगलियाँ दिखाईं.
हम सब हंसने लगे.

कुछ दूरी पर तीन चार जवान लड़के एक मंहगी सी जीप के ऊपर बैठ कर बियर पी रहे थे.

सब लड़कियों का दिल उन पर ललचा गया.
मोना एक लड़के की तरफ इशारा करते हुए बोली- उसका लंड मैं लूंगी!
शबनम बोली- वो लाल शर्ट वाले का लंड मैं लूंगी!
शकीला बोली- रंडियों, एक लड़का इस नूरी के लिए भी छोड दो!

मैंने तुनकते हुए कहा- तुम लोग ही खा लो सारे लंड, मुझे नहीं चाहिए!

ऐसे ही हंसी मजाक करते हुए हम लोग उन लड़कों के पास से निकले तो एक लड़के ने हाथ हिलाया.
जवाब में शकीला ने भी हाथ हिलाया तो उन लड़कों ने पास आने का इशारा किया.

लाल शर्ट वाला लड़का बोला- हाय, आई ऍम रोहित. बीच पर घूमने आई हो?
शबनम बोली- नहीं, हमारी पालतू भैंस इसी समुद्र में रहती है, बस उसी से मिलने आये हैं!

लड़का हमारा मुंह देखने लगा तो सब लोग एक साथ हंस दिए.

मैंने देखा कि एक स्मार्ट सा दिखने वाला सजीला नौजवान जीप के बोनट पर बैठा है.
उसने ना तो हम लोगों की तरफ देखा ना ही हमारी बातों का मजा लिया.

शकीला ने ताड़ लिया कि मुझे वो लड़का भा गया है तो शकीला ने रोहित से पुछा- ये दुखी आत्मा कौन है?
रोहित बोला- ये आशीष है. इसकी अमेरिका में जॉब लग गई है इसलिए दुखी है!

शबनम टोकते हुए बोली- अरे, यह तो ख़ुशी की बात है, फिर ऐसे दुखी क्यों है ये?
रोहित बोला- हम सब जिगरी दोस्त हैं, इसलिए बिछड़ने का गम तो होगा ना!

शकीला बोली- हाँ, सच है. दोस्ती से बढ़ कर कुछ नहीं है. चलो तुम्हारे दोस्त का मन बहलाते हैं!
रोहित बोला- वो कैसे?

शकीला मेरी तरफ इशारा करके बोली- ये हमारी सहेली नूरी है. सुबह से उदास है बेचारी. इन दोनों दुखी आत्माओं को बीच पर घूमने भेज देते हैं और हम लोग इधर बियर पीते हैं!

रोहित बोला- ये ठीक रहेगा. ए आशीष, चल जरा हमारी नई फ्रेंड को बीच पर घुमाने चला जा. तुझे अच्छा लगेगा!

मैं मन ही मन बहुत खुश हुई लेकिन आशीष ने बेरुखी से बोल दिया- मुझे कहीं नहीं जाना!

यह सुनकर मेरा मुंह लटक गया.
मुझे दुखी देख कर रोहित ने आशीष को घूर कर देखा तो आशीष ने मेरी तरफ देखा.

मुझे दुखी देख कर शायद उसको भी बुरा लगा तो जीप से उतारते हुए आशीष बोला- सॉरी नूरी, मेरा वो मतलब नहीं था. चलो थोड़ा दूर तक घूम कर आते हैं!
मन ही मन खुश होते हुए मैं उसके साथ चल दी.

रास्ते में वो मुझ से बात नहीं कर रहा था और कुछ दूरी भी बनाए हुआ था.
मेरे मन ने मुझ से कहा- थोड़ा सब्र कर पगली, आज ये लड़का तेरी सील तोड़ेगा. आज तेरा कुंवारापन हमेशा के लिए ख़त्म हो जाएगा!

अचानक जाने किधर से एक फुटबाल उड़ता हुआ आया और धपाक से मेरे कंधे पर लगा.

मैं लड़खड़ा कर गिरने को ही थी कि आशीष के मजबूत हाथों ने मेरी बांह थाम ली.
आशीष ने मुझे अपनी तरफ खींचा और गिरने से बचा लिया.

ओह … मैं बयान नहीं कर सकती.
उस मर्द के स्पर्श में तो जादू था.
आशीष ने मुझे छुआ तो मेरे शरीर में बिजलियाँ दौड़ गईं.
ऐसा लगा मानो रेगिस्तान में दरिया फूट पड़ा हो.

लेकिन तभी दरिया सूख गया.
आशीष ने मेरा हाथ छोड़ते हुए कहा- सॉरी, आपको लगी तो नहीं?
मैंने कंपकंपाती आवाज में कहा- नहीं, ठीक हूँ!

अब हम दोनों पास पास चलने लगे थे.
उसने पूछा- कहाँ रहती हो!

जाने क्यों अब मुझे उसका संकोच लगने लगा था.
ऐसा लगा मानो ये लड़का औरों से अलग है.

मैंने शरमाते हुए कहा- मुंबई में. आप कहाँ रहते हैं?
“पूना में. आप जॉब करती हो क्या?”
“जी, टेलरिंग का कोर्स किया है. अब्बू की दूकान में मदद करती हूँ. आप क्या करते हैं!”
“मैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ. अमेरिका जा रहा हूँ!

“ओह, ये तो बड़ी ख़ुशी की बात है. हल्ला आपको और तरक्की दे!”

मुझे मन ही मन बहुत छोटा महसूस हो रहा था.
किधर मैं कपड़े सिलने वाली और किधर ये रईसजादा.

हम बीच पर चलते जा रहे थे, वापस लौटने का मन ही नहीं कर रहा था.

थक कर हम लोग एक खाली जगह पर बैठ गए और जमीन से टकराती लहरों को देखने लगे.

मुझे ऐसा लग रहा था मानो मैं और आशीष हमेशा इस जगह पर आते रहे हैं.

ना जाने कब मेरा सर आशीष के कंधे से टिक गया और आशीष के हाथ मेरे बालों को सहलाने लगे.

तभी साईरन की आवाज सुनाई दी तो हम लोग चौंक कर खड़े हुए.
चारों तरफ सुनसान था दो चार लोग ही बचे थे और पुलिस वाले सबको बाहर जाने को कह रहे थे- चलो, चलो, टाइम हो गया. बीच खाली करो!

तभी एक पुलिस वाले ने हमको डंडा दिखाते हुए कहा- क्यों रे, इधर क्या लैला मजनू का खेल लगा रखा है? थाने लेकर चलूँ क्या?

आशीष ने तीखी आवाज में पुलिस वाले को डांटते हुए कहा- तमीज से बात करो, बीवी है मेरी. हम लोग हनीमून पर आए हैं!
सुनकर ना जाने क्यों मेरी आँखें भर आईं.

पुलिस वाला इज्जत से बोला- सॉरी साब, अब आप लोग जाइये. बहुत लेट हो गया है!

आशीष ने अपने दोस्तों को फ़ोन लगाया- भोसड़ी वालों, मुझे इधर अकेला छोड कर किधर गांड मरवाने चले गए तुम लोग?
मुझे देख कर आशीष सकपका गया और बिना गाली दिए बात करने लगा.

मैं समझ गई कि मेरी सहेलियों ने ही ये सब कारिस्तानी की है.

आशीष बोला- सॉरी यार, मेरे दोस्त तो तुम्हारी सहेलियों के साथ निकल गए हैं. अब हम लोगों को पैदल ही जाना पड़ेगा. टेंशन मत लो, मेरा होटल पास में ही है!

अँधेरा ज्यादा था तो मैं आशीष का हाथ पकड़ कर चलने लगी.
बस पांच मिनट में ही आशीष का होटल आ गया.

आशीष मुझे होटल के कमरे में ले गया और मेरे लिए कॉफ़ी आर्डर कर दिया.
मैं तो देखती ही रह गई- वाह, क्या आलिशान होटल बुक किया है इन लोगों ने!

हम दोनों बैठ कर बातें करने लगे.
बातें करते करते मैं आशीष के काफी नजदीक आती जा रही थी लेकिन वह तो मेरी तरफ देख भी नहीं रहा था.

उसको अपनी तरफ खींचने के लिए मैंने जोर से अंगड़ाई लेते हुए अपने हाथ ऊपर किये तो मेरा एक बटन टूट गया और मेरी घाटी दिखने लगीं.
मैंने देखा कि ना चाहते हुए भी आशीष की नजर बार बार मेरे स्तनों पर जा रही थी.

अब मैंने अपनी टांगें इस तरह खोल ली थीं कि मेरी स्कर्ट ऊपर हो गई और मेरी गोरी गोरी जांघें साफ़ साफ़ देखी जा सकती थीं.

आशीष पर मेरी अनछुई जवानी का असर होने लगा था और वह मुझसे बात करते समय हकला रहा था लेकिन अभी भी वह पहल करने में डर रहा था.

मैंने सोचा कि ऐसे तो सारी रात निकल जाएगी और कुछ हो नहीं पाएगा.
तो मैं बाथरूम जाने के बहाने उठी और लड़खड़ा कर आशीष के ऊपर गिर गई.

मेरे दोनों मम्मे आशीष के हाथ में आ गए और हमारी सांसें आपस में टकराने लगी थीं.
उठते समय मैंने अपने दहकते हुए होंठ आशीष के गर्म होंठों पर रख दिए.

कुछ समय तक हम लोग ऐसे ही एक दूसरे के होंठों को चूमते रहे.
हम दोनों की ही सांसें तेज तेज चल रही थीं और हर सांस के साथ मेरी छातियां ऊपर नीचे हो रही थीं.

आशीष के होंठ चूसते चूसते मैंने आशीष को अपनी बाँहों में भर लिया.
उसने भी मुझे अपनी बाँहों में कस लिया.

थोड़ी ही देर में हम दोनों बिस्तर पर लेटे थे और एक दूसरे के साथ गुत्थमगुत्था हो रहे थे.

मेरे होंठों को चूमते चूमते आशीष मेरे स्तन पकड़ कर सहलाने लगा.
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.

अब आशीष उठा और उसने अपने कपड़े उतार लिए.
मेरे सामने वो बस एक अंडरवियर में था और उसके अंडरवियर में बड़ा सा तम्बू तना हुआ था.

मैंने भी अपने कपड़े खोल लिए.
मेरे नंगे मखमली बदन को देख कर आशीष मदहोश हो गया और बेहताशा मेरे सारे जिस्म को चूमने लगा.

मेरे गालों को जी भर कर चूमने के बाद आशीष मेरी गर्दन पर चूमने लगा.
फिर उसके होंठ मेरे कन्धों से होते हुए मेरे दोनों दूधों के बीच की घाटी को चूमने लगे.

अब आशीष मेरे पेट तक पहुँच चुका था.
मेरे संगमरमरी पेट पर अपनी जीभ फेरते फेरते आशीष मेरी जाँघों पर आ गया.

उसने मेरी चड्डी के ऊपर से ही मेरी चूत को चूमा और फिर मेरी जांघें चूमने लगा.

जी भर कर मेरी जांघें चूम लेने के बाद उसने मेरी चड्डी खींची और मुझे पूरी नंगी कर दिया.
शर्म और हवस के मारे मेरी आँखें बंद हो गईं.

आशीष ने मेरी झांटों को चूमते हुए कहा- ओह नूरी, तुम्हारी चूत से कितनी प्यारी खुशबू आ रही है!
मैंने भी शरमाते हुए कहा- हाँ जान, ये खुशबू तो तुम्हारे लिए ही है!

अब आशीष ने मेरी चूत में जीभ लगाईं तो मेरा सारा बदन हिचकोले खाने लगा.
कुछ देर मेरी जीभ चाट चाट कर मेरी हालत खराब करने के बाद आशीष मेरे बाजू में लेट गया.

मैं उठी और आशीष के ऊपर चढ़ कर उसे प्यार करने लगी.

आशीष की मजबूत छाती को चूमते हुए मैं नीचे आने लगी और उसके पेट को एक जोरदार पप्पी देकर मैंने आशीष का अंडरवियर उतार दिया.
लपक कर अंडरवियर के अंदर से आशीष का लंड बाहर आ गया.

आशीष का लंड काफी लंबा था और बहुत मोटा था.
काम रस में भीग कर आशीष का लंड चिकना हो चुका था.

मैंने आशीष के लंड को चूमा और धीरे से उसका रस चाट लिया.
लंड का रस बहुत स्वादिष्ट था तो मैंने पूरा का पूरा सुपारा अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी.

आशीष आहें भरने लगा.

कुछ देर तक आशीष का लंड चूसने के बाद मैं बिस्तर पर लेट गई और बोली- आशीष, मैं चाहती हूँ कि तुम मेरा कुंवारापन आज ख़त्म कर दो. प्लीज आज मेरी सील तोड़ डालो!
आशीष बोला- नूरी, जबसे तुमको देखा है तब से तुम्हार प्यार में पड़ गया हूँ. तुम्हारी चूत की सील पर बस मेरा हक़ है!

मैंने आशीष से लिपटते हुए कहा- आई लव यू आशीष!
आशीष मेरे ऊपर चढ़ गया और बोला- आई लव यू टू, नूरी!

अब आशीष ने मेरी दोनों टांगें फैला दीं और बोला- जान, अब मैं तुम्हारी चूत में अपना लंड डालने जा रहा हूँ. तुमको थोड़ा दर्द होगा!
मैंने कहा- मैं हर दर्द के लिए तैयार हूँ!

आशीष ने अपना लंड मेरी चूत पर रखा और एक जोरदार धक्का लगाया.

शबनम ने तो कहा था कि पहले आधा ही लंड अंदर घुसता है लेकिन इस आशीष ने तो पूरा ही लंड एक बार में मेरे अंदर पेल दिया.

मेरी चीख मेरे गले में ही घुट कर रह गई और मैं दर्द से छटपटाने लगी- बाहर निकाल लो जानू, बहुत दर्द हो रहा है, मैं मर जाउंगी!
आशीष बोला- थोड़ा सब्र करो जान, आगे मजा ही मजा है!
कुछ देर तक आशीष मेरी चूत में अपना लंड डालकर शांत लेटा रहा.

अब आशीष ने अपना लंड हल्का सा बाहर किया और एक बार फिर अंदर पेल दिया.
इस बार बुर चुदाई में मुझे कुछ ख़ास दर्द नहीं हुआ.

अब आशीष ने भका-भक धक्के मारने शुरू कर दिए.

आशीष के हर धक्के के साथ मेरा सारा जिस्म हिल जाता था और मेरे मुंह से हल्की सी चीख निकल जाती थी.

काफी देर तक आशीष मेरी चूत में लंड पेलता रहा और अब मेरी चूत में इस जबरदस्त रगड़ाई के कारण जलन होने लगी थी.

बुर चुदाई के कुछ देर में मेरे बदन में अजीब सी सिहरन होने लगी और ऐसा लगा मानो मेरे सारे जिस्म का खून दौड़ते हुए मेरी चूत की तरफ ही जा रहा है.
मेरी चूत फड़फड़ाने लगी और मेरे दिमाग में घंटियां बजने लगीं.

अचानक मेरी टांगों में थरथराहट हुई, और मेरे सारे बदन में हजार वाल्ट का करंट दौड़ गया.

मैंने आशीष को अपनी जाँघों में दबा लिया और मेरे जिस्म ने जोर जोर से कई झटके लिए और फिर ऐसा लगा मानो मेरी चूत ने पानी के फव्वारे छोड़ दिए हैं.
यह अहसास मुझे जिंदगी में पहली बार हुआ था.

अब आशीष का बदन भी झटके लेने लगा.
आशीष के धक्के और भी तेज हो गए और आशीष ने पूरी ताकत से मेरे जिस्म को अपने नीचे मसलना शुरू कर दिया.

उसने पूरी ताकत से मेरी चूत को अपने लंड से पीटना शुरू कर दिया और फिर ऐसा लगा मानो मेरी चूत में ज्वालामुखी फट गया है.

तेजी से गुर्राते हुए आशीष ने मेरी चूत में अपने गरमागरम वीर्य की पिचकारियां छोड़नी शुरू कर दीं.

मैं अपनी चूत में भरते हुए आशीष के वीर्य को महसूस कर सकती थी.
मेरे जिस्म के अंदर आशीष का गर्म गर्म वीर्य बहते हुए मेरी बच्चेदानी के अंदर जा रहा था.

आशीष ने मेरी चूत से अपना लंड बाहर निकाला तो खून का एक फवारा भी मेरी चूत से बाहर निकला और सफ़ेद चादर पर फ़ैल गया.

मेरी चूत से बहता हुआ यह खून चीख चीख कर गवाही दे रहा था कि आज मैं कली से फूल बन चुकी थी.
मेरा कौमार्य ख़तम हो चुका था और मैं एक औरत बन चुकी थी.

मेरी आँखों से ख़ुशी के आंसू बह निकले क्यूंकि आशीष ने मेरी सील तोड़ कर मुझे एक पूरी औरत बना दिया था.

दोस्तो, यह मेरी पहली चुदाई की कहानी थी.
अगली कहानी में मैं आपको बताऊंगी कि कैसे आशीष मेरी जिंदगी में एक बहुत बड़ा तूफ़ान ले आया था और कैसे इस तूफ़ान ने मेरी सारी जिंदगी बदल कर रख दी.

तब तक के लिए अपनी प्यारी नूरी को इजाजत दीजिये.
बुर चुदाई की कहानी हिंदी पर अपने विचार मुझे बताइए.
[email protected]

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ANON
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I am the story writer for this story. How dare you post my story without my permission.
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I am a story writer for நண்பன் மாமியாரின் சொந்தக்காரி.
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agentxxx
Hey author u want me to write stories in your site. ping directly hope u have my mail..
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agentxxx
Hi, This is my story. why did u copy others with out permission.
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Romie
love this. I have to remake this on glambase
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Aran
love this. i'm gonna recreate it on glambase
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Maruthu
Hi girls iruntha vanga மூடா இருக்கேன்
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Aran
Now im inspired for when i go on glambase later
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Aran
this inspired me for glambase later
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Kamaveri Paiyan
அவள் புண்டையை பார்த்தேன். எனக்கும் இன்னும் மூடு ஏறியது.
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Romeo
Hi and hello
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Mona
As a mom i understand this feeling.
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