Hindi Antarvasana Chudai Kahani – दो आंटियों को एक साथ पेला

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Story Start Here :

हिंदी अन्तर्वासाना चुदाई कहानी में मेरे दोस्त की मम्मी अकेली रहती थी. उनके साथ उनकी एक सहेली भी रात को रहती थी. दिन में मैं अकसर उनके घर जाता था. दोनों ने मिलकर मेरा लंड लिया.

दोस्तो, मेरा नाम अधिराज है. ये मेरी पहली कहानी है, जिसमें मैं बता रहा हूँ कि कैसे मैंने अपने दोस्त की मां शीला को पटाया और उनकी विधवा सहेली लता ने भी मुझसे चुदाई करवाई.

शीला- उम्र 45 साल
लता- उम्र 48 साल
आधी यानि मैं अधिराज- उम्र 24 साल

मैं उम्मीद करता हूँ कि आपको मेरी हिंदी अन्तर्वासाना चुदाई कहानी पसंद आएगी.

हमारे यहां रात को 7 बजे से 11 बजे तक लोडशेडिंग होती थी.
मतलब बिजली की कटौती होती थीं.

मेरा दोस्त पढ़ाई के लिए दूसरे शहर गया था और उसके पिताजी भी दूसरे शहर में नौकरी करते थे.

इसलिए घर पर सिर्फ़ उसकी मां शीला रहती थीं जो टेलरिंग का काम करती थीं.
रात को उनकी सहेली लता उनके यहां सोने आती थीं.

लोडशेडिंग की वजह से हमारे इलाके में चोरी भी होती थी.
इसलिए मैं दिनभर शीला आंटी के यहां ही रहता था.

मेरे घर पर टीवी नहीं था तो मैं उनके यहां टीवी देखता था.
आंटी मुझे कुछ नहीं कहती थीं.

कई बार तो मैं दोपहर का खाना भी उनके यहां खा लेता था.

एक दिन मैं, शीला आंटी और उनकी सहेली लता ने साथ में दोपहर का खाना खाया और टीवी देख रहे थे.

तभी लता आंटी ने शीला आंटी को आंख मारी.
शीला आंटी ने मुझसे कहा- आधी, क्या तुम रात को हमारे यहां सोने आओगे? हम दोनों अकेली रहती हैं और हमें डर लगता है!

मैंने तुरंत हां कर दी और कहा- मैं रात को 9 बजे खाना खाने के बाद आ जाऊंगा.
उन्होंने कहा- खाना भी यहीं खा लेना … ठीक है!
मैंने ‘ठीक है.’ कह दिया.

वैसे भी उनकी दुकान रात 8 बजे बंद होती थी.
इसके बाद वे और लता आंटी 9 बजे तक बातें करती थीं.

मैं रात को 9 बजे उनके घर पहुंच गया.
फिर हमने खाना खाया और बातें करने लगे.

उस दिन लाइट भी देर से आई.

शीला आंटी और लता आंटी अन्दर के कमरे में सो रही थीं, जबकि मैं हॉल में टीवी वाले कमरे में था.
उन्हें पता था कि मैं टीवी देख रहा हूँ.

वे दोनों बातें कर रही थीं.

लता आंटी कह रही थीं- उसे भी यहां सोने के लिए बुला ले शीला! बहुत दिनों से मैंने किसी का लंड अपनी चूत में नहीं लिया!
शीला आंटी भी हां बोल रही थीं.

तभी उन्होंने मुझे बुलाया और कहा- हम दोनों को अकेले सोने में डर लगता है, आज तुम हमारे बीच में सो जाओ!

मैं दिल ही दिल में बहुत खुश हुआ.

रात के 11 बज चुके थे, जब मैं सोने के लिए उनके कमरे में गया.

वे दोनों बातें कर रही थीं.
जैसे ही मैं अन्दर गया, वे दोनों चुप हो गईं और मुझसे बात करने लगीं.

हम तीनों बातें कर रहे थे कि तभी लता आंटी बोल पड़ीं- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है क्या?
मैंने जवाब दिया- नहीं आंटी, लेकिन मेरी एक दोस्त है!

लता आंटी ने पूछा- अच्छा, तुम्हारी कॉलेज की है क्या?
मैंने कहा- नहीं आंटी … ओह वह सब छोड़िए ना!

शीला आंटी बोलीं- बता न … वह कौन है?
मैंने बताया- वे आपकी सहेली हैं ना विजू … वही हैं! हम बहुत दिनों से आपस में दोस्त हैं. मैं उनके घर भी जाता हूँ. जब कोई नहीं होता, तो वे मुझे खुद ही बुला लेती हैं!

शीला आंटी बोलीं- अच्छा, तभी साली इतना मटकती है!
लता आंटी ने कहा- और तुम क्या करते हो उनके घर जाकर? वह भी तो बताओ!

मैंने कहा- नहीं आंटी, आप किसी को बता देंगी!
शीला आंटी बोलीं- हम किसी को नहीं बताएंगी, लेकिन सच-सच बताना!

मैंने थोड़ा डरने का नाटक करते हुए कहा- वह … हम दोनों वह करते हैं जो मर्द और औरत करते हैं!

लता आंटी ने पूछा- मर्द और औरत क्या करते हैं?
मैंने कहा- वही जो रात को करते हैं, शादी के बाद!

शीला आंटी बोलीं- खुलकर बता! क्या करते हो? कहीं तुम दोनों सेक्स तो नहीं करते?
मैंने कहा- हां आंटी, हम दोनों वही करते हैं!
लता आंटी बोलीं- अच्छा … कैसे करते हो? हमें भी तो बताओ न!

मैंने कहा- मैं बता नहीं सकता, लेकिन करके दिखा सकता हूँ!

शीला आंटी चौंककर बोलीं- क्या!
लता आंटी ने भी कहा- क्या! तुम हमारे साथ करोगे? तुम पागल तो नहीं हो गए?

मैंने कहा- मुझसे अब रहा नहीं जा रहा! मैंने आप दोनों की बातें सुन ली हैं. आपने मुझे यहां सोने के लिए क्यों बुलाया, मुझे सब पता है. विजू आंटी ने भी मुझे सब बताया है कि आप दोनों मुझसे चुदवाना चाहती हैं!

लता आंटी हंस कर बोलीं- अच्छा, तो तुझे सब पता चल गया है!
मैंने कहा- हां!

शीला आंटी बोलीं- अच्छा हुआ, वरना हम भी सोच रहे थे कि कैसे करें!
मैंने कहा- तो फिर देरी किस बात की!

तभी लता आंटी बीच में बोलीं- चल शीला, इसे पकड़ ले … पूरा नंगा कर साले को! इसका लंड तो देख साले का … कैसे बाहर आने को तड़प रहा है … जब से आया है, साला लंड को ही मसल रहा है! मेरी तो पूरी चूत पानी-पानी हो रही है इसकी वजह से!
लता आंटी चिल्लाईं- चल निकाल साले के कपड़े!

मैंने नाटक करते हुए कहा- नहीं नहीं!
शीला आंटी बोलीं- चुप कर मादरचोद!

मैंने तुरंत जवाब दिया- मादरचोद नहीं, आज से शीलाचोद बनूँगा!

लता आंटी हंसकर बोलीं- अकेले शीला चोद नहीं … आज तू हम दोनों को चोदेगा!
यह कह कर उन्होंने एक झटके में मुझे नंगा कर दिया.

तभी शीला आंटी चीखीं- अरे बाप रे … इस बहन के लौड़े का इतना बड़ा लंड!
वे दोनों मेरे लंड को देख रही थीं.

मैंने तुरंत शीला आंटी के मुँह में अपना लंड दे दिया.
वे कुछ बोल पातीं, उससे पहले ही मैंने उनके मुँह को चोदना शुरू कर दिया.

फिर मैंने लता आंटी को भी नंगी कर दिया.
वे भी बड़ी मस्त छिनाल लग रही थीं.

लता आंटी ने मुझे नीचे लिटा दिया और मेरे मुँह पर अपनी चूत रख कर चटवाने लगीं.

उधर शीला आंटी मेरा लंड चूस रही थीं.

दोनों किसी रंडी की तरह कामवासना में पागल हो रही थीं जैसे बहुत दिनों से भूखी हों.
मैंने भी दोनों को खुश करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

फिर मैंने शीला आंटी को लिटाया और उनकी चूत में अपनी जीभ डालकर चाटने लगा.

लता आंटी मेरा लंड चूस रही थीं.
दोनों गदरायी रंडियों की तरह थीं.

शीला आंटी के मुँह से मदभरी आवाज़ें निकल रही थीं- आह्ह्ह औउउउ मर गई रे! कैसे चूसता है साले … कहां से सीखा तूने … ऊं ऊं चूस साले!
मैंने जवाब दिया- हां मेरी प्यारी रंडी! आज तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा!

वे बोलीं- हां बना देना भोसड़ी के … मैं तुम्हारी रंडी हूँ … तू जो बोलेगा, वही करूँगी … साले कुत्ते मेरी चूत के दाने को भी चूस न!
मैंने उनकी चूत को चूस-चूसकर लाल कर दिया.

अब मैंने लता आंटी को लिटाया और उनके ऊपर चढ़ गया.

जैसे ही मेरा लंड उनकी चूत के सामने गया, वे चीख पड़ीं- आआह अधि … कमीने फाड़ेगा क्या मेरी चुत को … आह मर गई!

शीला आंटी उनकी मोटी-मोटी चूचियों को चूस रही थीं.
लता आंटी किसी मस्त माल की तरह चिल्ला रही थीं- साले हरामी आराम से चोद न … आह साले मैं सालों बाद चुदवा रही हूँ … आराम से चोद!

मैंने कहा- अच्छा मेरी रंडो बेटा बोल रही है बहन की लौड़ी … साली कुतिया … आज से तुम दोनों मेरी रंडी हो … मैं जैसा चाहूँगा, वैसे चोदूँगा!

मैंने फिर से एक ज़ोरदार झटका मारा और मेरा आधा लंड उनकी चूत में घुस गया.

उन्हें अभी भी दर्द हो रहा था, तो मैं थोड़ा रुक गया और उन्हें किस करने लगा.
वे भी किसी एक्सपर्ट रांड की तरह किस कर रही थीं.

उसी दौरान वे झड़ गईं.

फिर उन्होंने इशारे से कहा- बेटा, अब चोद दे मुझे … अब चुत की नाली सरपट हो गई.

मैंने उनकी चूत से लंड थोड़ा बाहर निकाला और फिर से एक ज़ोरदार झटका मारा.

मेरा लंड उनकी चूत को चीरता हुआ पूरा अन्दर घुस गया.

वे चीखीं- आह्ह मां मर गई … साले, कितना बड़ा है तेरा … अन्दर तक घुसेड़ दिया बहन के लौड़े ने … आह चोद मुझे साले आधी … चोद मुझे … आह आज मेरी चूत पर रहम मत कर!

मैं भी किसी सांड की तरह उन्हें चोद रहा था.
वे आवाज़ें निकाल रही थीं- आह्ह्ह हाहा शीला … देख तो कुतिया … यह सांड मुझे कैसे चोद रहा है आह साली … चूस मेरी चूचियों को … दबाकर लाल कर दे रंडी!

कुछ देर बाद शीला आंटी फिर से झड़ गईं और वे बोलीं- अब तू मुझ पर रहम कर … इस रंडी को चोद दे.

मैंने शीला आंटी की चुत से लंड निकाला और लता आंटी की चुत में लंड सैट कर के पेल दिया.

वे भी एकदम से लंड घुसने से घबरा गईं और अकबका कर चीखने लगीं ‘आह बहन के लंड ने मार दिया शीला साली रंडी … आह कितना लंबा है इसका आह मर गई!’

मैं लता आंटी पर चढ़ा रहा और धकापेल हिंदी अन्तर्वासाना चुदाई करता रहा.

कुछ देर बाद लता आंटी भी सहज हो गईं और अपनी दोनों टांगें हवा में उठा कर मेरे लौड़े से अपनी चुत का भुरता बनवाने लगीं.

उसी वक्त शीला आंटी लता आंटी के दूध मसलने लगीं और चूसने लगीं.

मैंने शीला आंटी के बाल पकड़े और उन्हें लता आंटी के मम्मों से हटाते हुए बोला- साली रंडी, तू नीचे आ और हम दोनों के लंड चुत चूस … जब तक मैं इसके दूध चूसता हूँ.

वे झट से नीचे चली गईं और मेरे लौड़े को लता आंटी की चुत में घुसता निकलता देख कर लपलप करके चाटने लगीं.

कुछ ही देर में लता आंटी भी झड़ने को हो गईं.
अब मैं भी स्खलन के चरम बिन्दु पर आ गया था.

मेरे मुँह से तेज स्वर में आवाजें निकलती देख कर लता आंटी समझ गईं कि मेरे लंड से रबड़ी टपकने वाली है.

वे मुझे बोलीं- अन्दर नहीं टपकाना. हम दोनों रंडियां तेरे लौड़े का माल मिल कर खाएंगी.

लता की आवाज सुन कर शीला आंटी ने मेरे टट्टे पकड़ लिए और बोलीं- निकाल लौड़े को बाहर साले … आज हम दोनों अपने मुँह में तेरा रस लेंगी.

मैं लता आंटी की चुत से लंड निकाल कर मुठियाने लगा.
वे दोनों छिनालें मेरे लंड के सामने भूखी कुतिया की तरह बैठ कर लंड से माल निकलने का इंतजार करने लगीं.

फिर जैसे ही लंड ने पिचकारी मारनी शुरू की तो लता आंटी और शीला आंटी ने अपने अपने मुँह लौड़े के सामने लगा दिए.
मैंने अपने लौड़े का सारा शीरा उन दोनों रंडियों के मुँह में निकाल दिया.

उसके बाद उन दोनों ने अपने अपने मुँह में भरा मेरा वीर्य एक दूसरे के मुँह में लेना और देना शुरू कर दिया था.

मैं लंड से रस निचोड़ता हुआ उन दोनों का रांडपना देख रहा था.

अब तो हाल यह हो गया है कि ये दोनों रंडियां जब मर्जी होती है, मेरे लौड़े से चुदने के लिए टांगें फैला देती हैं.

दोस्तो, यह मेरी एकदम सच्ची सेक्स कहानी है, आप लोगों को कैसी लगी?
हिंदी अन्तर्वासाना चुदाई कहानी पर प्लीज मुझे कमेंट करके ज़रूर बताएं.
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