Gandu Ki Chudai Kahani – पूरे विभाग की रंडी बन गया


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Story Start Here :

गांडू की चुदाई कहानी में मुझे गांड मरवाने का चस्का लग गया था. मेरे सहकर्मी मुझे चोदने लगे थे. मुझे मजा आता था. वे मुझे रंडी कहते थे तो मैं भी उनसे पैसे लेने लगा था.

पाठको, आपने पिछले भाग
गांड मरवाने की चाहत
में पढ़ा था कि राहुल को 20 की उम्र में सरकारी विभाग में क्लर्क की नौकरी मिली.

विभाग के काफी लोगों को शहर से दूर साइट पर, जहां सरकारी कंस्ट्रक्शन का काम चलता है … रहना पड़ता है.

राहुल की पोस्टिंग साइट पर हुई.
राहुल कॉलेज के दिनों अपने दो दोस्तों से मजे से गांड मरवाता था.
साइट पर सीनियर क्लर्क विशाल और राहुल एक कमरे में रहते थे. जबकि तीन इंजीनियर उसी साइट पर अलग अलग मकान में अकेले रहते थे.

राहुल को दोस्तों की याद आती थी, जो उसकी गांड मारते थे.

कुछ दिनों बाद राहुल के विशाल से शारीरिक सेक्स संबंध बन गए.
एक रात जब राहुल विशाल के लंड की सवारी कर रहा था, उसे लगा खिड़की से कोई देख रहा है. राहुल खिड़की के पास गया पर उसे कोई नहीं दिखा.

अब आगे की गांडू की चुदाई कहानी राहुल की जुबानी :

सुबह जब हम दोनों ऑफिस गए, हमारे साइट के सबसे सीनियर इंजीनियर, जिन्हें हम बड़े साहब कहते थे, ने मुझे और विशाल को अपने कमरे में बुलाया.

बड़े साहब 45 उम्र के सांवले से मगर हट्टे-कट्टे थे.

बड़े साहब बोले- राहुल और विशाल, मैंने देखा तुम दोनों कल रात खूब मजे कर रहे थे. साइट पर किसी लड़की को लाने की सख्त मनाही है, तुमने अच्छा उपाय निकाला. हम पांचों यहां सब साथ में काम करते हैं. विशाल सिर्फ तुम राहुल के साथ यौन आनन्द लो, यह ठीक नहीं है, हमें भी उसका आनन्द लेने दो. तुम दोनों आपस में बात करके 15 मिनट बाद मिलो.

मैं मन में खुश था कि मुझे नए लंड का मजा मिलेगा.
कॉलेज के दिनों में दो दोस्त मेरी गांड मारा करते थे.

बड़े साहब की बात सुनकर हम दोनों बाहर आए.

मैं- विशाल अब क्या करना है?
विशाल- मज़बूरी है, बड़े साहब नहीं छोड़ेंगे, तुम राजी हो जाओ. नहीं माने तो वे मेरी बदली करा देंगे.

मैंने बड़े साहब को बताया कि मैं आपसे गांड मरवाने के लिए राजी हूँ.
विशाल ने यह भी बताया कि पत्नी के अलावा उसने सिर्फ मेरे साथ सेक्स किया है.

बड़े साहब मुझे जीप में पास के शहर ले जा रहे थे.
बीच रास्ते में हम लोग एक ढाबे में रुके.

बड़े साहब- राहुल, क्या तुम पहले भी किसी के साथ सेक्स कर चुके हो या पहली बार विशाल के साथ किया? झूट मत बोलना, मेरा यह सब जानना जरूरी है. यह सवाल तुम्हारे स्वास्थ के लिए भी है. मैं किसी को नहीं बताऊंगा.

मैं- मैंने कॉलेज के जमाने में मेरे दो दोस्तों के साथ सेक्स किया. कॉलेज के बाद उनका साथ छूट गया. उसके 6 महीने बाद मेरी पोस्टिंग यहां हुई

बड़े साहब- मैं तुम्हारी डॉक्टरी जाँच करवाऊंगा, पता करने तुम्हें कोई यौन रोग तो नहीं है.

बड़े साहब मुझे डॉक्टर के पास ले गए, उन्हें बताया 6 महीने पहले मैंने अनसेफ सेक्स किया, यौन बीमारी तो नहीं है, यह जाँच करवानी है.

डॉक्टर ने जाँच की खून के नमूने लिए और कहा कि 3 दिन में रिपोर्ट मेल कर देंगे.
उसके बाद बड़े साहब ने बाजार के मेडिकल स्टोर से काफी किस्म के कंडोम और के-वाई जैल आदि खरीदा.

उन्होंने मुझे बताया कि कंडोम पर तेल नहीं लगाना होता है, इससे कॉन्डोम फट सकता है. तेल की जगह के-वाई जैल लगाना चाहिए, यह चिकनाई भी देता है और गांड में दर्द से निजात भी दिलाता है.

उन्होंने यह भी कहा कि जब तक रिपोर्ट नहीं आती है, तब तक तक कंडोम लगाकर ही सेक्स करना होगा.

फिर 3 दिन बाद बड़े साहब ने मुझे बताया- डॉक्टर की रिपोर्ट आयी है. तुझे कोई यौन बीमारी नही है. आज रात मेरे मकान में आना.

बड़े साहब शौकीन इंसान थे.
उन्होंने मुझे विशाल के साथ शहर के ब्यूटीपार्लर भेज दिया.
उधर मेरे पूरे शरीर के बाल वैक्सिंग से साफ़ करवाए.

मुझे वैक्सिंग के समय काफी दर्द भी हुआ, लेकिन एक सुकून भी था.

वैक्सिंग के बाद मैंने नहाया, मेरे शरीर पर क्रीम लगाई गयी.
इससे मेरा पूरा बदन चिकना हो गया.

हल्के फुल्के डिनर के बाद मैं बड़े साहब के साथ उनके कमरे में गया.
बड़े साहब ने खिड़की दरवाज़े बंद किये.

मेरे कपोल, आंख आदि पर चूमने के बाद मेरे होंठों को अपने होंठों से लगा लिया और मेरे होंठों पर साहब ने लम्बा चुंबन दिया.

मुझे आलिंगन में लेकर वे काफी देर खड़े रहे, मैं उनका खड़ा लंड अपने पेट पर महसूस कर रहा था.

फिर धीरे धीरे साहब मेरे कपड़े उतारने लगे.
मैं कमर तक नंगा हो गया तो बड़े साहब मेरे फूले हुए पुरुष चूचे और चिकना बदन देख कर जोश में आ गए.

वे मेरे एक चूचे को दबाने और दूसरे को चूसने लगे.
मैं आनन्द से सिसकारी लेने लगा.

बड़े साहब ने मेरे बाकी और अपने सब कपड़े उतार दिए.
मैंने देखा कि बड़े साहब का खड़ा लंड भुजंग काला, करीब 7 इंच लंबा और 2 इंच मोटा था.

मैंने इतना बड़ा लंड पहली बार देखा था, मैं डर गया.

बड़े साहब ने मेरा चेहरा देख कर समझ गए कि मैं डर रहा हूँ.
साहब मुझे पुचकार कर बोले- डरो नहीं, धीरे धीरे से शुरू करूँगा!

साहब मुझे पलंग पर लिटा कर मेरे चूचे चूसने दबाने लगे, मैं फिर से जोश में आ गया.

बड़े साहब पलंग के पास रखी बोतल से तेल अपने लंड पर लगाने लगे.
मुझे अपनी गांड के अन्दर तेल लगाकर पेट के बल लेटने को कहा.

मैंने गांड में तेल लगाकर पेट के बल लेटकर अपने कूल्हे हाथ से फैला दिए.
बड़े साहब मेरे प्यार के छेद पर अपना लंड घिसने लगे.

मैंने गांड ढीली छोड़कर कहा- साहब अब डाल दीजिये.

बड़े साहब ने एक झटके में पूरा लंड मेरी गांड में पेल दिया, मैं चीख पाता कि उससे पहले साहब ने मेरे मुँह पर हाथ रखा और मेरे ऊपर लेट गए.

मेरी गांड में तेज दर्द हुआ, मैं चीखा तो सही, पर मुँह पर साहब का हाथ था तो आवाज़ बाहर न जा सकी.

कुछ देर मैं दर्द से छटपटाया.

कुछ देर बाद मेरा दर्द कम हो गया, मोटा लंड अन्दर जाने से मेरी गांड पहली बार इतनी फ़ैल गयी थी, यह अलग ही अनुभूति थी.

बड़े साहब ने अपना हाथ मेरे मुँह से हटा लिया, पूछने पर मैंने बताया कि दर्द कम हो गया है.

बड़े साहब इत्मीनान से मेरी गांड मारने लगे. मुझे दर्द कम मजा ज्यादा आने लगा.

साहब कुछ देर गांड मारते, फिर मेरे ऊपर लेट जाते मेरी गर्दन और कान के पीछे चूमने लगते.
फिर वापस गांड मारने लगते.

इससे मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मैं दो बार झड़ गया.

इतना मजा मुझे पहली बार आया.

बड़े साहब गांड मारने की कला में माहिर थे.
उन्होंने मेरी गांड करीब 25 मिनट मारी, फिर अचानक से उनकी गति बढ़ गई और उन्होंने मेरी गांड वीर्य से भर दी.

हम दोनों बाथरूम में आ गए.
मैंने साहब का लंड साबुन से धोया.

साहब ने मेरी गांड धुलवाने में मदद की.
साफ सफाई के बाद हम कमरे में आ गए.

बड़े साहब ने कपड़े नहीं पहने और मुझे भी नहीं पहनने दिए.

अलमारी से अच्छी व्हिस्की की बोतल, दो गिलास निकाले … दोनों गिलास में व्हिस्की डाली, पानी मिलाया और मुझे गिलास उठाने का इशारा कर दिया.

हम दोनों नंगे बैठे चखने के साथ पी रहे थे.
साहब ने बताया कि उनकी पत्नी का दो साल पहले एक्सीडेंट में देहांत हो गया था.
उन्होंने दो साल बाद सम्भोग किया.

हमने काफी बातें की, मुझे अपनी गांड खाली खाली लग रही थी.

बड़े साहब- राहुल तुम वादा करो कि तुम सिर्फ विभाग के मर्दों से ही शारीरिक संबंध रखोगे. जिसके साथ करो, उससे पूछ लेना … यदि वह अपनी बीवी के अलावा और किसी से सेक्स करता है तो उसके साथ कंडोम का इस्तेमाल जरूर करना.

साहब ने मुझे यौन बीमारियों के बारे में बताया.

करीब आधा घंटा बाद.
बड़े साहब- राहुल मेरी एक बार और करने की इच्छा हो रही है.
यह कहकर उन्होंने मेरे होंठ चूमे और चूचे दबा दिए.

चूचे दबवाना मेरी कमजोर है, मैं जोश में आ गया.

बड़े साहब ने आधे खड़े लंड की तरफ इशारा कर कहा- इसे चूसकर खड़ा करो!
मैं लंड चूसने लगा, लंड खड़ा हो गया.

साहब बोले- अबकी बार मिसनरी आसन में!
मैंने चित लेटकर पांव छाती की तरफ कर लिए, साहब ने लंड पर तेल लगाकर मेरी गांड में पेल दिया, इस बार दर्द कम हुआ.

साहब इत्मीनान से थोड़ी देर मेरी गांड मारते, फिर रूककर मेरे चूचे चूसते दबाते … फिर शुरू हो जाते.

थोड़ी देर बाद मेरी कमर दुखने लगी, मैंने फर्श पर खड़े होकर झुककर हाथ पलंग पर रख दिए और पांव फैला दिया.

साहब मेरी कमर पकड़कर गांड मारने लगे, मेरे कूल्हों पर चांटे मारने लगे.

मैं कमर हिलाकर लंड और अन्दर लेने लगा, काफी देर बाद साहब झड़े.

साहब की खासियत थी कि वे गांड मारते समय मुझे मजा आए, इसका ख्याल रखते.
रात को मैं साहब के कमरे में ही सोया.

अगली दो रातों को बाकी दो इंजीनियरों ने मेरी गांड मारी.
सबका गांड मारने का तरीका अलग था.

गांड मरवाने के बाद मैं जब अपने कमरे में जाता मेरा रूम पार्टनर विशाल कहता- आ गयी मेरी रंडी बीवी … चल मेरा मूड बना!

उसका मूड बनाने के बाद वह भी मेरी गांड मारता.
इस तरह से हर रात कोई न कोई मेरी गांड मारता, मैं खुश था.

एक बार जब विशाल ने मुझे रंडी कहा, तो मैं उससे बोला- आप मुझे रंडी कहते हो पर चोदने के रूपए नहीं देते, आज रूपए दीजिये तो मुझे रंडी वाली फीलिंग आएगी.
उसने मुझे रुपए दिए और मेरी गांड मारी.
यह एक अच्छा तरीका था.

तब से सभी मेरी गांड मारने के बाद मुझे रूपए देने लगे.

दो महीने बाद.

साइट से छुट्टी के दिन मैं विशाल और दो इंजीनियर जंगल में पिकनिक पर जाने वाले थे.
बड़े साहब नहीं जा रहे थे.

विशाल ने मुझे गुलाम सेक्स का वीडियो दिखाकर कहा कि आज गुलाम का खेल खेलते हैं? कुछ नयापन आएगा!
मैं राजी हो गया.

हम जीप से जंगल गए.
जंगल के अन्दर के रास्ते से काफी दूर एक बड़े पेड़ के पास हमने जीप रोकी, आस पास घनी झड़ी थी.
हमें रास्ते से कोई नहीं देख सकता था.

हमने दरी बिछाई, उस पर गद्दा बिछाया, सबने चाय नाश्ता किया.
फिर एक ने कहा कि अब खेल शुरू करते हैं.

विशाल ने मुझे पेड़ के पीछे ले जाकर नंगा कर दिया, मेरे हाथ सामने कर बांध दिए. मेरे गले में कुत्ते का पट्टा पहनाया, पट्टे में बंधी रस्सी पकड़ कर मुझे सबके सामने ले जाकर घोषणा की.

‘मैं गुलाम पकड़ कर लाया हूँ, आज इसके साथ मजे करेंगे.’

मेरे कूल्हे पर बेल्ट से मारकर कहा- गुलाम हाथ ऊपर करो!
मैंने किया.

विशाल दोनों इंजीनियर के पास बैठ गया- पहले माल चेक करो, फिर पहले मजे कौन करेगा … यह हम लोग नीलामी से तय करेंगे.

तीनों ने बारी बारी मेरे शरीर पर हाथ फेरा, मेरे चूचे दबाकर मेरे कूल्हों पर थप्पड़ मारे.

नीलामी शुरू हुई.

सबसे ज्यादा बोली एक इंजीनियर ने लगाई.
उसने नंगे होकर गद्दे पर खड़े होकर कहा- आओ गुलाम, गद्दे पर घुटनों पर खड़े हो जाओ!

मैं हो गया.

वह अपना लंड मेरे मुँह के पास ले जाकर बोला- लंड चूसो.
मेरे हाथ बंधे थे, मैं लंड चूसने लगा.

उसने मेरी पीठ पर बेल्ट मारा, चटाख की आवाज हुई तो मैं दर्द से बिलबिला उठा.

इंजीनियर बोला- साले लंड चूसना नहीं आता क्या? गले तक लेकर चूस.

कुछ देर बाद उसका लंड खड़ा हो गया.

इंजीनियर- अब खड़े हो जाओ और पेड़ पर हाथ रखकर झुक जाओ.
मैंने किया.

उसने मेरे कूल्हे पर बेल्ट मारकर कहा- पैर फैला.
वह लंड पर तेल लगाकर गांड मारने लगा.
विशाल और दूसरा इंजीनियर मेरे चूचे दबाने निप्पल मरोड़ने लगे.

गांड मारने वाला झड़ गया, तो मैं खड़ा हो गया. अब दूसरे इंजीनियर की बारी थी.

दूसरे इंजीनियर ने मुझे गद्दे पर पीठ के बल लिटा दिया.
मेरे हाथ सर की तरफ कर पेड़ से बांध दिए, मेरे पैर कंधों पर लेकर गांड मारने लगा.

थोड़ा रूककर मेरे गाल पर चांटा मारकर कहा- मुँह खोल!

उसने मेरे मुँह के अन्दर थूककर कहा- पी जा!
मैं पी गया.

उसने ऐसा कई बार किया.

उसके झड़ जाने के बाद विशाल की बारी थी.

मैंने कहा- मुझे प्यास लगी है!
विशाल ने गिलास में मूतकर कहा- ले पी जा!
मैंने पी लिया.

विशाल ने मुझे घुटनों पर खड़ा किया, मेरे हाथ पीछे करके बांध दिए.
फिर मेरी आंखों पर पट्टी बाँधी.

विशाल लंड मेरे होंठों पर फिराकर बोला- चूस!
मैं लंड चूसने लगा.

विशाल मेरा सर पकड़ कर गले तक लंड डालकर मुँह चोदने लगा.
उसने मुझे वीर्य पिला दिया.

मुझे और उन तीनों को मजा आया.
तब से हम महीने में एक दो बार गुलाम का खेल खेलते.
कभी एक के साथ, कभी सामूहिक.

बड़े साहब हफ्ते में एक दो बार जम कर मेरी गांड मारते.
उनके साथ मुझे सबसे ज्यादा मजा आता.

ऐसे ही गांडू की चुदाई को एक साल बीत गया.
हमारा यहां का काम ख़त्म हुआ तो हम शहर के ऑफिस में वापस आ गए.

बड़े साहब अकेले थे, वे मेरी गांड मारते, बाकी तीनों अपने पत्नियों के साथ थे.

एक नया प्रोजेक्ट शहर से दूर शुरू हुआ, तो बड़े साहब ने अपनी पोस्टिंग वहां करा ली.
वे मुझे भी साथ ले गए.

नई साइट पर 5 और कर्मचारी थे, वे सभी शादी-शुदा थे.
मेरी गांड मरवाने की ख्याति पूरे विभाग में हो गई थी.

मैं नई साइट पर अपनी गांड मरवाकर उन 5 कर्मचारियों की पत्नियों की कमी पूरी करने लगा.

बड़े साहब मेरी गांड नियमित मारते.
अलग अलग लंड लेने का मजा कुछ और ही है. जिसने गांड मरवाई है, यह उसे ही पता है.

मेरे शरीर की वैक्सिंग नियमित कराई जाती.
गांड मारने के बाद सभी मुझे रूपए देते, मैं पूरी तरह विभाग की रंडी बन गया था.

जब भी मेरी बदली नई साइट पर होती है, मैं डॉक्टर से जाँच करवाकर सर्टिफिकेट ले लेता हूँ कि मुझे यौन बीमारी नहीं है.

नई साइट पर ट्रांसफर लैटर के साथ यौन बीमारी नहीं है, इसका सर्टिफिकेट देखा जाता है.

मैं अपनी गांड का खास ख्याल रखता हूँ.
आम तौर पर बवासीर (पाइल्स) होने पर गांड नहीं मरवा सकते. बवासीर से बचने के लिए मैं कब्ज न हो ऐसा खाना खाता हूँ और मल त्यागने से पहले गांड के अन्दर उंगली से तेल लगा लेता हूँ.

मैं विभाग में 10 साल से नौकरी कर रहा हूँ, गांड चुदाई का आनन्द ले रहा हूँ.

आपको मेरी यह गांडू की चुदाई कहानी कैसी लगी, जरूर बताएं.
[email protected]

मेल भेजते समय कहानी का नाम लिखें, मैंने अनेक कहानियां लिखी हैं.
आपका रतन दत्त

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