Sex With Other Man – मेरी सेक्सी बीवी औलाद के लिए नौकर से चुदी


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Story Start Here :

सेक्स विद अदर मैन स्टोरी में मेरी शादी मुझसे 10 साल छोटी लड़की से हुई. लेकिन मैं उसे बच्चा ना दे सका तो वह हमारे घर के नौकर के लंड से बच्चा प्राप्त करने के लिए चुदने लगी.

पाठको, मैं गगन आपको अपनी बीवी की नौकर से चुदाई की कहानी सुना रहा था.

कहानी के दूसरे भाग
मेरी नखरीली बीवी ने नौकर से गांड मरवाई
में आपने अभी तक पढ़ लिया था कि मेरी बीवी मेरे नौकर बलवान से चुदने लगी थी क्योंकि उसे मेरे लंड से कुछ खास हासिल नहीं हो रहा था. बाद में जब मैंने अपने ईमेल पर अपनी पत्नी के द्वारा भेजी गई डॉक्टर की रिपोर्ट वाली ईमेल को पढ़ा तो उससे बात की.

अब आगे सेक्स विद अदर मैन स्टोरी:

‘देखो हनी हम इलाज करवा सकते हैं. डॉक्टर ने कहा था कि हमारे प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने की संभावना है. कम संभावना है … हां, लेकिन संभावना तो है!’
निकिता ने आखिरकार कहा.

तो मैंने उससे कहा- मुझे नहीं पता, मैं लागत देख रहा था!
दरअसल मैं अपने माँ-बाप पर निर्भर नहीं रहना चाहता था. मैं अपनी सभी चीज़ों की व्यवस्था खुद करना चाहता था.

मैं अभी भी अपनी कार और नए घर का भुगतान कर रहा था क्योंकि हमने अभी-अभी एक घर खरीदा था.
यह एक बहुत बड़ा घर था और मैं वास्तव में अपने नौकर को नौकरी से निकालना नहीं चाहता था.

यह भारत है और बड़े घर में आपको एक नौकर की मदद की ज़रूरत पड़ती है.

मैंने अपनी पत्नी को अपनी समस्या बताते हुए कहा कि हम अभी इस तरह के खर्च में नहीं पड़ सकते. इसके अलावा अगर मैं इलाज के लिए जाता हूँ, तो मुझे समय निकालना होगा!

वह मुझे सुन रही थी.
मैं आगे बोला- मैं वास्तव में अपने कैरियर से समय नहीं निकाल सकता. मुझे अभी-अभी पदोन्नति मिली है, तुम जानती हो!

मेरी पत्नी हिचकिचाई.
फिर अचानक से वह बोली- कृत्रिम गर्भाधान के बारे में क्या बेबी डॉल? यह भी महंगा है, लेकिन इतना नहीं. हम इसका खर्चा झेल सकते हैं!
‘हां, मगर मुझे इसके बारे में नहीं पता!’
मैं बुदबुदाया.

मेरी पत्नी ने कुछ देर तक कुछ नहीं कहा.
आखिर में उसने कहा- देखो यह बहुत अच्छा है. तुम इन सब को भूल जाओ, अभी रिलैक्स करो. शाम को घर आओ और हम इस पर चर्चा कर सकते हैं!

‘ज़रूर हनी!’ मैंने फोन रख दिया.

अगले कुछ हफ्तों तक मैं थोड़ा उदास था, जैसा कि आप उम्मीद कर सकते हैं.

शुरू में निकिता ने ज़्यादा कुछ नहीं कहा, लेकिन मुझे दिलासा दिया.

धीरे-धीरे जब जीवन सामान्य हो गया और हम रोज़मर्रा की चीज़ों में व्यस्त हो गए.
तो उसने इस बारे में और हमारे विकल्पों के बारे में बात करना शुरू कर दिया.

मुझे पता था कि मेरी पत्नी निकिता अपनी माँ नीलम से बात करती है.

मेरा मतलब है मैंने अपने परिवार से यह खबर छिपाई लेकिन निकिता ने मेरी सास से सब कुछ साझा किया.

‘उसे बस ज़्यादा उत्तेजक चीज़ खाने की ज़रूरत है!’
मेरी सास ने सलाह दी.

फिर इस तरह से कुछ मददगार सलाह की लगभग साप्ताहिक खुराक शुरू हुई, जो कुछ महीनों तक चलती रही.

‘उसे हर दिन दूध पिलाओ.’
‘गाय का दूध नहीं, बकरी का दूध!’

‘क्या तुम उस आश्रम में उस खास बाबा जी या उस गुरु के पास गए थे? उनका आशीर्वाद किसी भी बीमारी को ठीक कर सकता है. वे पहाड़ी वाले बाबा के भक्त हैं.’
‘क्या आप भरपूर मांस खाते हैं? तुम उनको रोज मांस खिलाओ.’
‘आपको पूर्णिमा की रात को सेक्स करना चाहिए.’
‘आप किस स्थिति में सेक्स कर रहे हैं?’

वास्तव में, जल्द ही मेरी सास को मुझसे ज़्यादा हमारी सेक्स लाइफ में दिलचस्पी होने लगी.

जैसे कि मेरे पास पहले ही कम परेशानियां थीं, अब मैं जिस तरह से सेक्स करना चाहता था, वह सब मेरी सास के द्वारा तय किया जा रहा था.

‘आपको इसमें कुछ नयापन लाने की ज़रूरत है. तभी आपके शुक्राणु जागेंगे!’
मेरी सास ने पूरी तरह से खुल कर कहा.

अफसोस … मेरी सास की सभी सलाह और काल्पनिक सिद्धांत बेकार साबित हुईं.
छह महीने बाद भी हमारी स्थिति वही थी.

फिर एक दिन मेरी पत्नी ने वैकल्पिक उपचारों के बारे में पुनः बात छेड़ी.

‘प्रिय कृत्रिम गर्भाधान के बारे में तुम क्या सोचते हो? यह अब बहुत लोकप्रिय है और किसी को भी इसके बारे में जानने की ज़रूरत नहीं है!’
उसने पूछा.

‘मुझे नहीं पता निकिता. मैं किसी और को तुम्हें गर्भवती कैसे होने दे सकता हूँ?’
मैंने अपने जवाब में ईमानदारी दिखाई.

उसने तर्क दिया- यह वास्तव में ‘कोई और’ नहीं है. ऐसा नहीं कि मैं किसी दूसरे आदमी के साथ सोने जा रही हूँ और उससे गर्भवती होने जा रही हूँ!’
काश हम तब जानते कि उसके शब्द कितने भविष्यसूचक होंगे.

हमारी स्थिति ने हमारे यौन जीवन और हमारी भलाई को प्रभावित करना शुरू कर दिया.
मुझे पता था कि निकिता दुखी थी. हालांकि उसने हमारे भाग्य के लिए मुझे दोष न देने की कोशिश की लेकिन किसी स्तर पर कुछ नाराज़गी ज़रूर रही होगी.

मैं इसके लिए उसे दोष नहीं दे सकता था, हर महिला माँ बनना चाहती है.

फिर एक दिन ऐसा पल आया, जिसने वास्तव में सब कुछ बदल दिया.
मैं शॉपिंग मॉल से निकिता को लेने जा रहा था और वह बाहर मेरा इंतज़ार कर रही थी.

जैसे ही मैं प्रवेश द्वार पर पहुंचा, मैंने उसे हंसते हुए देखा.
वह दो छोटी लड़कियों से बात कर रही थी और उनके साथ खेल रही थी, जो अपनी माँ के साथ इंतज़ार कर रही थीं.

निकिता बहुत सुंदर और खुश लग रही थी.
कभी-कभी आपके पास ऐसे पल होते हैं, जो आपके नज़रिए को बदल देते हैं … और यह उनमें से एक था.

जैसे ही वह कार में बैठी, मैंने कहा- हाय हनी!
जबाव में निकिता ने कुछ नहीं कहा, बस सिर हिला दिया.

जैसे ही हमने कार को पार्क किया, मैंने उसकी ओर मुड़कर कहा- चलो, शुक्राणु दाताओं के बारे में सोचते हैं!

यह सुनकर उसकी आंखें भर आईं और वह तुरंत रोने लगी.
हमने कुछ और बार चूमा, हमारे दिल आखिरकार एक-दूसरे के पास लौट आए.

‘क्या तुम सच में ऐसा चाहते हो? मैंने सोच रखा था कि शायद तुम गोद लेना पसंद करोगे!’ निकिता ने मुझसे पूछा.
मैंने रुककर कहा- नहीं निकिता. मैं तुमसे प्यार करता हूँ और मैं चाहता हूँ कि यह तुम्हारा बच्चा हो, ताकि तुम माँ बनो! मैं चाहता हूँ कि तुम मातृत्व के पूरे अनुभव का अनुभव करो!’

निकिता ने मुझे फिर से चूमा- चलो, अन्दर चलते हैं हनी!
उसने कहा, तो मैंने देखा कि उसकी आंखें चमक रही थीं.

‘इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि डोनर कौन है, मेरी नज़र में पिता हमेशा तुम ही रहोगे!’

हमें नहीं पता था कि हमारे होने वाले पहले बच्चे का पिता पहले से ही हमारे घर के अन्दर था.

मुझे आज भी वह रात याद है.
मैं अपने बिस्तर पर बैठा था, अपनी पत्नी निकिता को बिस्तर के लिए तैयार होते हुए देख रहा था.
वह अपनी ड्रेसिंग टेबल के सामने एक स्टूल पर बैठी थी, अपने लंबे-लंबे बालों को ब्रश कर रही थी.

उसने गुलाबी रंग की नाइटी पहनी हुई थी और मैं उसकी नाइट ड्रेस के पतले कपड़े के अन्दर उसकी ब्रा की रूपरेखा देख सकता था, जो उसके बड़े-बड़े खरबूजों को छिपा रही थी.
निकिता ने अपने बालों को ब्रश करते हुए कहा- बलवान को मुझ पर क्रश है!

इसे कहने का कोई और तरीका नहीं था … निकिता अभी भी एक खूबसूरत महिला थी.
मैं अब 36 साल का हो गया था लेकिन निकिता मुझसे छोटी थी.

वह 26 साल की थी, मुझसे दस साल छोटी.
हमारी शादी को अब लगभग छह साल हो चुके थे.
यह एक अरेंज मैरिज थी, लेकिन इससे मेरे सभी दोस्त ईर्ष्यालु हो जाते थे.

वे मुझे एक मध्यम आयु वर्ग के आदमी, एक कुंवारे … थोड़े से पेट वाले व्यक्ति के रूप में देखते थे, जो 30 साल की उम्र तक अविवाहित रहा था.

अब अचानक मुझे एक खूबसूरत पत्नी मिल गई थी.
दरअसल मैं मांगलिक था, इसलिए मेरी कुंडली से मिलने वाली लड़की नहीं मिल रही थी.

इस कारण मेरी शादी काफी देर से हुई.

मेरे सभी दोस्तों के ईर्ष्यालु होने का सबसे बड़ा कारण था कि मैं साउथ इंडियन था, मेरा रंग हल्का सांवला था, पर मेरी फैमिली में सभी रंग के सदस्य थे.
निकिता एक नॉर्थ इंडियन परिवार से थी. उसका बदन दूध की तरह गोरा था और निकिता ने व्यायाम और योग करके खुद को फिट रखा था.

अभी भी, हाल ही में 26 साल की उम्र पार करने के बाद भी निकिता का फिगर पतला था और बड़े बड़े स्तन थे.
उसमें ऊर्जा का भंडार बहुत अधिक था.

एकमात्र चीज़ जिसकी उसे चिंता थी, वह थी उसका पेट … जो हमेशा थोड़ा बड़ा था और जरा सा चलने पर हिलता रहता था.
मैंने उससे कहा- इसके बारे में बिल्कुल चिंता मत करो हनी. मुझे वास्तव में थोड़े पेट वाली महिलाएं पसंद हैं!’

लेकिन आप तो महिलाओं को जानते हैं … वे बेकार में चिंता करती हैं.

मेरी नज़र में निकिता सबसे बेहतरीन महिलाओं में से एक थी.
सुडौल शरीर, बड़े स्तन और कूल्हे जो धीरे-धीरे चौड़े होकर सुंदर नितंबों में बदल गए थे.

जब भी मैं उसके बारे में सोचता, मैं उसे चोदना चाहता था.

फर्टिलिटी क्लिनिक में उन परीक्षणों को लगभग एक साल हो गया था.
अब तक हम डोनर नहीं ढूँढ पाए थे, खासकर लागत के कारण.

मैं भी कोई ऐसा व्यक्ति चाहता था, जो मेरे जैसा दिखे और यहां तक कि डोनर के माता-पिता भी मेरे जैसे दिखें, क्योंकि मैं कभी भी किसी को बच्चे के पितृत्व और वंश के बारे में नहीं बताना चाहता था.

अभी तक हमें कोई व्यावहारिक जोड़ी नहीं मिली थी.

अब मैं बलवान के बारे में बात करता हूँ.
बलवान हमारा नौकर था. वह अब 20-21 वर्ष का था और मेरे गांव का एक युवक था.

जब मैंने घर खरीदा था, तो मेरी माँ ने मुझे बलवान के परिवार के बारे में बात करने के लिए बुलाया था.
वह मेरी माँ की एक बूढ़ी नौकरानी का पोता था.

हाल ही में बाढ़ के कारण उन्होंने सब कुछ खो दिया था और मेरी माँ चाहती थी कि मैं उनकी मदद करूँ.
हमें एक नौकर की भी ज़रूरत थी.

मैंने उनसे कहा- मैं उसे एक साल के लिए काम पर रख सकता हूँ. वह हमारे साथ रह सकता है!
पहले तो निकिता घर में किसी दूसरे आदमी के रहने से बहुत खुश नहीं थी लेकिन जल्द ही उसे बलवान की आदत हो गई.

बलवान के पास नीचे अपना कमरा और बाथरूम था और वह बहुत अच्छा नौकर था.
एक साल, दो साल और फिर तीन साल हो गए.

बलवान अभी भी हमारे साथ था.

निकिता (और मैं) अब बलवान को घर में रखने में बहुत सहज थे.
बलवान बहुत आज्ञाकारी था.

वास्तव में वह हमेशा निकिता के गुस्से से डरता और भयभीत रहता था.
निकिता हंसमुख और मुस्कुराती हुई स्वभाव की थी लेकिन नौकरों के मामले में वह हमेशा अधिकार जताती थी.

निकिता की सोच पारंपरिक वर्ग-उन्मुख थी.
हम उच्च वर्ग के थे और नौकर निम्न वर्ग के थे.

इस प्रकार हमारी सेवा करना और हमारी आज्ञा का पालन करना उनका कर्तव्य था.

इसके बाद वह हुआ जिसको लेकर मेरी बीवी ने मुझे अंधकार में रखा.

उसने बलवान के साथ संतान सुख लेने का फैसला ले लिया था और ऐसा जताया मानो किसी पहाड़ी वाले बाबा जी की भभूति से उसके पेट में मेरे वीर्य से गर्भ ठहर गया हो.

दोस्तो, ऐसा नहीं है कि बलवान ने अचानक से मेरी बीवी को चोदना शुरू कर दिया था.

दरअसल शुरू-शुरू में तो निकिता उसे बहुत डांट कर रखती थी.
फिर अचानक से निकिता ने महसूस किया कि वह उसकी तरफ लालसा से देखता है, जिस पर उसने मुझसे कहा भी कि वह मुझ पर पागल लगता है.

हम दोनों ने इस बात को लेकर खूब हंसी मजाक किया.

पर बाद में एक दिन जब मैंने उसे देखा कि जब बलवान कपड़े धोने के लिए ले जाता, उस समय वह निकिता की ब्रा पैंटी निकाल कर उसमें मुठ मार कर अपना वीर्य लगा देता है.

उसका लंड मैंने देखा था … वह बहुत बड़ा लंड था.
मुझसे भी दुगुना लंबा और मोटा!

मुझे बाद में मालूम हुआ कि हमारी पड़ोसन चड्ढा आंटी की नौकरानी ने भी बलवान के साथ मुहब्बत की पींगें बढ़ाई थीं, जिस वजह से बलवान के लौड़े को शायद चुत का स्वाद पसंद आ गया था.

शायद निकिता ने भी उसके लौड़े को देख लिया था या पता नहीं कैसे क्या हुआ कि मेरी बीवी निकिता उसके साथ सेक्स में पड़ गई और उन दोनों ने चुदाई शुरू कर दी थी.

बाद में जो कुछ भी हुआ, वह आपने मेरी सेक्स कहानी में पढ़ ही लिया है.

आप मेरे साथ बने रहिए और इस सेक्स विद अदर मैन स्टोरी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.
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