Latest Hindi Sex Stories added for who looking to read Porn Aunty Fuck Story – फेसबुक से बने दोस्त की मां ने चूत दी to make every night hot about Porn Aunty Fuck Story – फेसबुक से बने दोस्त की मां ने चूत दी story.
Story Start Here :
पोर्न आंटी फक स्टोरी में मेरा एक FB दोस्त कोलकाता रहता था. मैं उससे कभी मिला नहीं था. उसकी माँ तलाकशुदा थी. एक बार मुझे कोलकाता जाना हुआ तो उसी के घर रुका.
नमस्कार दोस्तो, मैं विकी एक बार फिर से अपने साथ घटित हुई एक नई घटना के साथ आपके सामने हाजिर हूं.
इससे पहले मेरी द्वारा लिखी गई कहानी
गर्लफ्रेंड की मॉम की भूखी चूत चोदने को मिली
पर आप अपना बहुमूल्य सुझाव देने के लिए और मुझे ईमेल करने के लिए आप लोगों का बहुत-बहुत धन्यवाद.
आज की मेरी यह सेक्स कहानी एक फेसबुक के दोस्त के साथ जुड़ी हुई है.
जैसे-जैसे पोर्न आंटी फक स्टोरी आगे बढ़ेगी, आपको पता चल जाएगा कि कैसे मेरे साथ यह घटना हुई क्योंकि मैं इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं था.
फेसबुक पर बहुत दिन पहले मेरी दोस्ती एक नवीन नाम के लड़के से हुई थी.
वह कोलकाता से था. उससे कभी-कभी बात हो जाया करती थी.
मैं भी बीच-बीच में काम के सिलसिले में कोलकाता जाया करता था.
फिर एक दिन नवीन ने बताया कि उसकी मां का तलाक हो चुका था और वह और उसकी मां दोनों साथ रहते थे.
नवीन जॉब करता था और उसकी मां भी जॉब करती थी.
हमारी कभी-कभी ऐसे ही बात होती रहती थी.
मुझे इसके बाद कोलकाता जाने का मौका प्राप्त हुआ तो मैंने उसे ऐसे ही बता दिया कि मुझे कोलकाता में कुछ काम है उसके लिए मैं आ रहा हूं.
इससे पहले हम लोग कभी फेस टू फेस मिले नहीं थे.
फेसबुक पर ही ऑडियो कॉलिंग से बात होती थी और वह मेरी चर्चा अपनी मां से भी करता था.
उसकी मां से भी मेरी कभी-कभी बात हो जाया करती थी.
धीरे-धीरे हमारी दोस्ती अच्छी होती चली गई और उससे अब रेगुलर बात होने लगी थी.
जब नवीन से बात होती, तो बीच-बीच में उसकी मां से भी बात हो जाती थी.
नवीन की उम्र वही 24 वर्ष की होगी और उसकी मां की उम्र 45 वर्ष की रही होगी.
जब मैंने नवीन को अपने आने का बताया, तो उस पर नवीन बोला- मेरे घर आ जाना … यहीं रुक जाना!
मैंने बोला- ठीक है.
मैंने भी सोचा कि चलो इस बहाने नवीन से कभी मिला नहीं हूं और तो उससे मिल भी लूंगा. देखते हैं मिलने से कैसा है!
जब मैं उससे बोला कि कोलकाता आ रहा हूं तो यह उसकी मां ने भी सुना था, वे मेरे आने से बहुत ज्यादा उत्साहित ओ गई थीं, यह मुझे नवीन ने बताया था.
मुझे उनकी यह खुशी समझ नहीं आई.
मैं सोच में पड़ गया कि आखिर उनके इतने खुश होने का कारण क्या है?
लेकिन जब मैं कोलकाता पहुंचा, तब मुझे उनकी खुशी का असली कारण पता चला.
निर्धारित दिन पर मैं कोलकाता पहुंच गया.
मुझे वहां दो दिन का काम था.
पहले दिन का काम खत्म करके मैं शाम को नवीन के बताए पते पर पहुंच गया.
नवीन ने बड़े जोश के साथ मेरा स्वागत किया- आओ विकी! बहुत अच्छा लगा तुम्हें देखकर!
उसकी मम्मी ने भी गले लगाकर मेरा स्वागत किया, जिससे मुझे बहुत अच्छा लगा.
नवीन की मम्मी का नाम मधु है.
जब मैंने उन्हें मधु आंटी कहा, तो उन्होंने बोला- आंटी मत बोलो, मधु ही बोलो!
हम सब लोग हंसने लगे.
नवीन और उसकी माँ मधु के बीच बहुत ही दोस्ताना रिश्ता था.
दोनों खुलकर बातें करते थे.
मधु की उम्र 45 वर्ष जरूर थी, मगर वे तीस बत्तीस से ज्यादा की नहीं लग रही थीं.
उनका रंग गोरा था, कद लगभग 5 फुट होगा और उन्होंने अपने आप को बहुत अच्छे से मेंटेन किया हुआ था.
वे किसी हीरोइन से कम नहीं लगती थीं.
जब मैं उनके घर गया, तो नवीन ने कहा- फ्रेश हो जाओ!
मैं पूरे दिन का थका हुआ था, मैं उनके बाथरूम में जाकर फ्रेश होने लगा.
जब मैं बाथरूम में फ्रेश हो रहा था, तो नवीन ने बाहर से कुछ बोला, लेकिन मैं स्नान करने की धुन में इतना व्यस्त था कि ठीक से सुन नहीं पाया.
जब मैं बाथरूम से बाहर निकला, तो नवीन कहीं दिखाई नहीं दिया.
मैंने मधु से पूछा- मधु जी, नवीन कहां है?
उन्होंने बताया- नवीन को कोई जरूरी काम आ गया है. वह बाहर गया है. उसे अचानक काम आ गया था, वह कल सुबह तक वापस आएगा!
मुझे ये सुनकर थोड़ा अजीब लगा.
फिर मैंने नवीन को फोन किया लेकिन उसका फोन नहीं लगा.
मैं इतना थका हुआ था कि ज्यादा दिमाग नहीं लगाया.
जब मैं अपने कमरे में गया, जो उन्होंने मुझे दिया था.
उधर जाकर मैंने कपड़े बदलने शुरू किए.
तभी मधु आंटी मेरे कमरे में आ गईं और मेरे शरीर को देखकर तारीफ करने लगीं- वाह, क्या बॉडी है तुम्हारी!
यह कह कर वे मुस्कुराने लगीं.
वे इतनी सुंदर लग रही थीं कि मेरा मन भी थोड़ा मचलने लगा.
लेकिन मैंने अपने आप को काबू में रखा, यह सोचकर कि वे मेरे बारे में क्या सोचेंगी.
पर जब उन्होंने मेरे बदन की तारीफ करके एक कातिलाना मुस्कान दी, तो मुझे हिम्मत मिली.
मैंने भी उनकी मुस्कान का जवाब मुस्कान से दिया.
फिर उन्होंने आंख मार दी और मेरे पास आकर मेरी छाती पर हाथ रखती हुई बोलीं- जल्दी तैयार हो जाओ … गर्मी का मौसम है, हल्के कपड़े पहनो!
लेकिन खुद उन्होंने टाइट कुर्ती और सलवार पहनी थी, जिसमें उनकी छाती साफ झलक रही थी.
मैं कपड़े पहनकर रूम से बाहर निकला.
तब तक उन्होंने खाना लगा दिया था.
हम दोनों डाइनिंग टेबल पर बैठकर खाना खाने लगे.
वे मेरे सामने थीं और मैं उनके सामने.
टेबल छोटा था, इसलिए हमारे पैर एक-दूसरे से टच हो रहे थे.
वे खाना खाती हुई मुझे बड़ी कातिलाना नजरों से देख रही थीं.
अब मुझे धीरे-धीरे अंदाजा होने लगा था कि आगे क्या होने वाला है.
मैंने उनसे पूछा- आप मुस्कुरा क्यों रही हैं?
उन्होंने जवाब दिया- तुम्हारा शरीर बहुत फिट है, बस यही मन में सोच रही थी.
यह कह कर वे फिर से मुस्कुरा दीं.
मैं भी उनकी तरफ देखकर मुस्कुराया.
खाना खाते समय उन्होंने अपने पैर से मेरे पैर को सहलाना शुरू कर दिया.
अब मुझे पूरा यकीन हो गया था कि आज मधु जी की चूत का मेरे लंड से चुदाई का इरादा मजबूत हो रहा है.
मेरे मन में भी उनके लिए वासना जागने लगी थी.
मैंने सोच लिया कि अब आगे बढ़ना है.
वह मेरे पैर सहलाती रहीं. मैं जानबूझ कर सिर नीचे करके खाना खा रहा था.
थोड़ी देर बाद वे परेशान होकर मेरी ओर देखने लगीं.
उन्होंने अब अपना एक हाथ मेरी जांघ पर रख दिया.
इससे मेरा लंड धीरे-धीरे खड़ा होने लगा था.
मुझे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था.
मैं सोच रहा था, आगे बढ़ूँ या थोड़ा इंतजार करूँ.
वे मेरी जांघ को सहलाने लगीं.
अब मुझे कोई शक नहीं था कि वे मुझे छेड़ना चाहती थीं.
मैंने उनकी ओर देखा, तो मधु मुझे ही घूर रही थीं.
उन्होंने फिर से आंख मार दी.
मैंने भी पूरा आगे बढ़ने का फैसला किया.
उनका एक हाथ, जो मेरी जांघ पर था, मैंने उस पर अपना हाथ रख दिया और सहलाने लगा.
धीरे-धीरे मैंने उनका हाथ उठाकर अपने लंड पर रख दिया और उनके चेहरे की ओर देखने लगा.
जैसे ही उनका हाथ मेरे लंड पर गया, उन्होंने शर्मा कर सिर नीचे कर लिया.
अब मैंने देर न करते हुए उनका दूसरा हाथ, जो ऊपर की ओर था … उसे पकड़ लिया और उन्हें चूमने लगा!
इसके बाद तो जैसे आग ही लग गई थी!
मैं दूसरी ओर उठकर उनके पास गया और वे मेरी आंखों में देखने लगीं.
मैं भी उनकी आंखों में हवस भरी नजरों से देखते हुए उनके करीब जाने लगा.
मैंने अपनी एक उंगली उनके होंठों पर फिराई और फिर धीरे-धीरे अपने होंठों को उनके होंठों से लगा दिया.
बस फिर क्या था … वे मेरे गले से लग गईं.
वे बोलने लगीं- विक्की … तुम मुझे प्यार करो … बहुत प्यार करो! मैं तुम्हें बहुत पसंद करती हूँ! मैं जानती हूँ कि हमारे बीच उम्र का फासला है, लेकिन तुम इसे चाहे प्यार कहो या हवस, मैं तुम्हारे प्रति बहुत ज्यादा आकर्षित हो गई हूँ!
मैं उन्हें सुन रहा था.
वे एक चुप रहने के बाद फिर से खुल कर बोलीं- तुमसे जब भी बात होती है, मेरी चूत में पानी आ जाता है, वह गीली हो जाती है! मैं अपने बेटे से दोस्त की तरह व्यवहार करती हूँ. उसे सब कुछ पता है, हमारे बीच तुमको लेकर बहुत मजाक भी होता है!
वे मुझे देखती हुई मेरी गर्दन को चाटने लगीं और मुझसे कहने लगीं- मैं तुम्हें बता नहीं सकती कि जब तुमने कहा कि तुम आने वाले हो, तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा! मैंने सोच लिया था कि इस बार मेरी चूत में तुम्हारा लंड जरूर जाएगा!
मुझे तो बड़ी उम्र की औरतें ज्यादा पसंद आती हैं. मुझे तो जैसे मनचाही चीज मिल गई थी.
मैं बस उस गर्म औरत को चोदकर अपनी हवस मिटाना चाहता था. मैं सिर्फ उस पल को इंजॉय करना चाहता था.
इसके बाद मैंने आंटी को चूमना शुरू कर दिया.
उनके होंठों को चूसने लगा और लगातार उनके होंठों को चूसता रहा.
साथ ही मैं उनकी चूचियों को जोर-जोर से दबाने लगा.
उनकी एक चूची को मैंने जब जोर से दबाया तो उनकी आवाज निकल पड़ी.
वे मादक आह लेती हुई बोलीं- आह … और जोर से दबाओ! मेरा सब कुछ तुम्हारा है, मेरे दर्द की परवाह मत करो!
मैं भी पूरा जोर लगाकर दबाने लगा.
फिर मैं उन्हें चूमते-चूमते कमरे में ले गया और बिस्तर पर लिटा दिया.
धीरे-धीरे मैंने उनके और अपने कपड़े उतार दिए.
अब मैं धीरे-धीरे उनके नीचे आने लगा.
उनकी चूची को चूसने लगा और उनकी चूत को ऊपर से सहलाने लगा.
उनकी आवाज धीरे-धीरे तेज होती जा रही थी.
वे बोलती जा रही थीं- आह चोदो मुझे! अपने लंड के पानी से मेरी बुर में अपना पानी भर दो … मुझे खूब चोदो, मेरी जान! यह कमीनी मेरी चूत तुम्हारा नाम सुनकर ही रोने लगती है!
मैंने उनकी चूची को और जोर-जोर से चूसना शुरू किया.
उनकी चूची 36 की ब्रा में आती थी, बड़ी-बड़ी चूचियां थीं.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मैं उनकी चूची चूसता रहा.
मैंने तो उम्मीद भी नहीं की थी कि इतनी सुंदर औरत मुझे चोदने को मिलेगी, वह भी एक अनजान शहर में, जहां मेरा खुलकर स्वागत होगा!
मैं उनकी चूची चूस रहा था और उनके मुँह से आवाज निकल रही थी- विक्की ऐसे ही करो … मुझे बहुत मजा आ रहा है! आह तुम बहुत अच्छे से चूस रहे हैं!
मैं कभी उनकी एक चूची चूसता, दूसरी को दबाता, फिर दूसरी को चूसता और पहली को दबाता.
उनकी चूचियां थोड़ी लटकी हुई थीं, लेकिन बहुत मजा दे रही थीं.
बीच-बीच में वे बोलतीं- आह पी जाओ प्लीज मेरा ब/च्चा … जल्दी से पी लो और मेरी चुदाई कर दो … मैं तेरी रखैल हूँ! आज के बाद अपनी रखैल की चूची का रस चूस-चूसकर पूरा पी जा!
कुछ देर के बाद मैं धीरे-धीरे नीचे आया.
कपड़ों के ऊपर से ही मैंने आंटी की चूत को जोर से मसल दिया … इससे उनकी चीख निकल गई.
एक बार फिर से कपड़े के ऊपर से जोर से उंगली कर दी … तो उन्होंने झट से उठकर मुझे किस करना शुरू कर दिया.
वे बोलीं- मेरे राजा … ऐसे ना पागल करो मुझे!
उन्हें दर्द भी हो रहा था, लेकिन मजा भी आ रहा था.
इसके बाद मैंने फिर से उन्हें किस किया और झट से उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया, पैंटी और सलवार को एक झटके में उनके शरीर से अलग कर दिया.
फिर मैंने उनके चूत को अपने अंगूठे से सहलाना शुरू कर दिया.
उनकी चूत पूरी तरह से साफ थी, एक भी बाल नहीं था.
मैंने कहा- कितनी सुंदर चूत है आपकी!
उन्होंने जवाब दिया- ये तुम्हारे लिए है, मेरी जान!
मैंने उनकी चूत के फांकों को दोनों हाथों से थोड़ा सा फैलाया और अपनी जीभ को नुकीला बनाकर पहले ऊपर से उनकी चूत को चाटना शुरू किया.
उनकी चूत से नमकीन पदार्थ निकल रहा था, जो मुझे बहुत ज्यादा उत्तेजित कर रहा था!
मैं उसका स्वाद लेकर और ज्यादा अन्दर जाने की कोशिश कर रहा था.
मुझे बहुत मजा आ रहा था और उनकी मदभरी सिसकारियों की गूंज पूरे कमरे में फैल रही थी. उनकी आवाज तेज हो रही थीं.
अब मैं अपनी जीभ को उनकी चूत के अन्दर-बाहर करने लगा.
वे तो जैसे पागल हो गईं!
उन्होंने मेरा सिर अपनी चूत में दबाना शुरू कर दिया और बोलीं- खा जा इसे!
उनकी आवाज में बहुत ज्यादा उत्तेजना थी. जब मैं उनकी चूत को चाट रहा था तो उनकी आवाज थरथरा रही थी.
वे इतनी ज्यादा उत्तेजित हो गई थीं कि थोड़ी देर चाटने के बाद उन्होंने अपनी चूत का पानी मेरे मुँह पर छोड़ दिया.
उनकी चूत से इतना पानी निकला कि लग रहा था जैसे किसी ने लोटा भरकर पानी अन्दर छोड़ दिया हो.
मैंने सारा पानी चाट लिया.
सारा पानी चाट लेने के बाद भी मैंने चूत चाटना नहीं छोड़ा.
वे पानी निकालने के बाद थोड़ी ढीली पड़ गई थीं लेकिन मेरे लगातार चाटने के बाद फिर से उत्तेजित होने लगीं.
उन्होंने फिर से मेरे सिर पर हाथ रखा और कहने लगीं- मैं तड़प रही हूँ! मुझे चोदो! मैं तुम्हारा इंतजार कर रही थी! मुझे चोदो!
मधु आंटी रंडी की तरह गिड़गिड़ाने लगीं और न जाने क्या-क्या बोल रही थीं.
‘आह मेरे राजा, मैं तुम्हारी रखैल हूँ, तुम्हारी रानी! जल्दी से मुझे चोदो!’
मैंने भी ज्यादा इंतजार करना ठीक नहीं समझा क्योंकि मेरा भी उन्हें चोदने का बहुत ज्यादा मन कर रहा था.
मैंने उन्हें एक लंबा सा किस किया और अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ने लगा.
जैसे-जैसे मैं उनकी चूत पर रगड़ रहा था, वे अपनी चूत को उठा रही थीं, जल्द से जल्द मेरा लंड अपनी चूत में लेना चाह रही थीं.
मैं उन्हें थोड़ा तड़पाना चाह रहा था और उनकी चूत को जोर से रगड़ रहा था.
उनकी कामुक सिसकारियां और तेज होने लगीं.
फिर उन्होंने कहा- जल्दी डाल दो ना! मैं पागल हो जाऊंगी विकी! इतना मत तड़पाओ न … तुम्हारी हो गई हूँ मैं!
धीरे-धीरे मैंने अपना लंड उनकी चूत में घुसेड़ना शुरू किया.
उनकी वासना से लबरेज सिसकारियां निकलने लगीं और आंखें बंद करके वे उस पल का आनन्द लेने लगीं.
अब मैंने धीरे-धीरे अपना लंड उनकी चूत में पूरी तरह डाल दिया और साथ ही साथ उनकी चूचियों को दबाने लगा.
उनकी आंखें बंद थीं और वे मेरे लंड को महसूस कर रही थीं.
उनके चेहरे के भाव से स्पष्ट नजर आ रहा था कि उन्हें कितना आनन्द आ रहा था.
अब मैं धक्के लगाने लगा.
उनके पतले शरीर में धक्के लगाने से मुझे और भी मजा आ रहा था.
जैसे-जैसे मैं धक्के लगाता, उनकी मादक आवाज कमरे में गूंजने लगती.
मैं उनकी चुदाई के साथ-साथ उनकी चूचियों को भी जोर-जोर से दबाता था.
उन्हें बहुत आनन्द आ रहा था और मुझे भी उनकी चुदाई करने में बहुत मजा आ रहा था.
मैं उन्हें चोदे जा रहा था, बार-बार झटके देकर चोदे जा रहा था.
कभी मैं जोर से धक्का लगाता, तो कभी धीरे-धीरे.
कभी मैं पूरा लंड बाहर निकाल कर फिर से जोर से उसकी बुर में घुसा देता.
मुझे बहुत मजा आ रहा था और उसे भी खूब आनन्द मिल रहा था.
आंटी का बिस्तर तो मानो ऐसे हिल रहा था, जैसे भूकंप आ गया हो!
घर में कोई नहीं था इसलिए वे जोर-जोर से अपनी आवाज निकाल रही थीं, अपने आनन्द को व्यक्त कर रही थीं.
मुझे भी आंटी की आवाज सुनकर बहुत अच्छा लग रहा था.
यह सब इसलिए क्योंकि मुझे अपने से ज्यादा उम्र की औरतें चुदाई के लिए ज्यादा पसंद हैं.
वे चुदाई का असली आनन्द लेना जानती हैं.
जब ज्यादा उम्र की औरतें सामने से मुझे चुदाई के लिए प्रपोज करती हैं, तो मैं भी ज्यादा नखरे नहीं करता.
मैं बस उनकी बातों को सुनता और उनकी चूत में अपने लंड के धक्के लगाता.
आंटी की मदभरी सिसकारियों का आनन्द लेते हुए मैं उनकी चुदाई करता रहा, कभी तेज धक्के मारता, तो कभी धीरे-धीरे.
उन्हें बहुत आनन्द आ रहा था.
अब वे जोर-जोर से कहने लगी थीं- आह और तेज करो … मेरी जान!
इस बीच में उनका पानी भी निकल गया था लेकिन मैं चुदाई के इतने जोश में था कि रुका नहीं.
मैंने चुदाई जारी रखी.
फिर आंटी ने कहा- जोर-जोर से चुदाई करो मेरी जान … आह और तेज!
मैंने आंटी की आवाज सुनकर और जोश में उनकी चुदाई शुरू कर दी.
उन्होंने कहा- अब तुम भी पानी निकाल दो, मेरे शरीर में अब दम नहीं बचा!
मैंने आंटी की बात समझी. मैं भी चाहता था कि उनके अन्दर ही अपना पानी निकालूं, क्योंकि अन्दर पानी छोड़ने का मजा ही अलग है!
मैं फिर से जोर-जोर से पोर्न आंटी फक करने लगा.
लगभग 20 मिनट तक चुदाई करते-करते मैंने और जोर से धक्के मारे और आखिरकार आंटी की चूत के अन्दर ही अपना पानी गिरा दिया.
इस 20 मिनट में वह तीन बार झड़ चुकी थी और इस बार मेरे साथ-साथ उनका पानी भी निकला.
मैं उनके शरीर पर लिपट गया और उन्होंने मुझे अपनी बांहों में कसकर जकड़ लिया.
वे बोलीं- मैं तुम्हें बहुत पसंद करने लगी हूँ … पता नहीं क्यों, तुमसे बात करने या तुम्हारा नाम सुनने से ही मैं उत्तेजित हो जाती थी. मुझे उम्मीद नहीं थी कि तुम इतनी जल्दी मान जाओगे. मैंने तो सोच रखा था कि किसी न किसी तरह तुम्हें मना ही लूँगी!
मैंने उनसे कहा- जब मैंने तुम्हें देखा, तो तुम्हारी खूबसूरती का दीवाना हो गया. ऊपर से तुम टाइट कपड़े पहनकर मेरे सामने आईं, तो मेरा तो मन उसी वक्त तुम्हें चोदने का करने लगा था. लेकिन मैंने किसी तरह खुद को रोका था!
उन्होंने हंसकर कहा- चलो जो भी हुआ, अच्छा हुआ!
उसी रात मैंने मधु आंटी की तीन बार चुदाई की.
सुबह उन्होंने बड़े प्यार से मुझे उठाया और एक लंबा सा किस दिया.
फिर बोलीं- मेरा बेटा तीन दिन तक नहीं आएगा. तुम इन तीन दिनों के लिए यहीं रुक जाओ प्लीज!
मैंने भी उन्हें अपनी बांहों में भींच कर चूम लिया और उनकी गांड को दबा दिया.
वे मेरा इशारा समझ गई थीं कि मैं उनकी गांड भी चोदना चाहता हूँ. उन्होंने मुस्कुरा कर हामी भर दी.
हम दोनों ने उन तीन दिनों में सेक्स को खूब एंजॉय किया.
मैं दिन में अपना काम खत्म करके आता और रात में उनकी चुदाई करता.
मुझे उनके साथ चुदाई करने में बहुत आनन्द आया और वे भी बहुत खुश नजर आ रही थीं.
तो यह थी मेरी सेक्स कहानी दोस्तो … आप मुझे मैसेज करके अपनी राय जरूर बताइएगा.
मेरी पोर्न आंटी फक स्टोरी पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद.
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