Desixxx Sis Sex Kahani – गर्म कजिन मेरा लंड पकड़ कर चुद गई


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Story Start Here :

DesiXxx सिस सेक्स कहानी में हमारे संयुक्त परिवार में मेरी चचेरी बहन मुझसे चिपक कर रहती थी. एक रात मेरी नींद खुली तो वह मेरे लंड से खेल रही थी.

दोस्तो, मेरा नाम ऋषभ है. मैं 23 साल का हूँ और मेरा कद 6 फुट से ज्यादा है.
मैं उत्तरप्रदेश का रहने वाला हूं.

यह DesiXxx सिस सेक्स कहानी मेरे और मेरी रिश्ते में लगने वाली चचेरी बहन के बीच हुई सेक्स की है.
मेरी उस रिश्ते में लगने वाली बहन का नाम कोमल है और वह अभी सिर्फ 19 साल की हुई है … लेकिन वह इतनी बड़ी वाली चुदक्कड़ लड़की है कि क्या ही कहूँ.

घर में भी उसका मेरे से चिपक कर रहना मुझे बड़ा अजीब लगता था.
एक रात को मैं छत पर सोया हुआ था. वह भी छत पर सोई थी.

मुझे आधी रात में कुछ ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई मेरा लंड छू रहा है.

मैंने आंखें खोलीं तो कोमल मेरे लंड से खेल रही थी.
मैंने कुछ नहीं कहा, तो उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.

कुछ देर बाद उसने अपनी कुर्ती को उतार दिया और मेरे साथ चिपक कर लेट गई.
कुछ पल बाद उसने मेरा हाथ उठा कर अपने बूब्स पर रख दिया और मिंजवाने लगी.

मैं भी गर्मा गया था तो मैंने उसके एक दूध को अपने मुँह में भर लिया और मजे से चूसने लगा.
मेरे यह करते ही वह एकदम रांड बन गई और मेरे साथ चूमाचाटी करने लगी.

अब मैंने कोमल की सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसे नीचे करने लगा.
उसने भी सहयोग किया और जल्द ही उसकी सलवार टांगों से अलग हो गई.

फिर मैंने अपना एक हाथ कोमल की पैंटी में डाल दिया और उसकी चूत में उंगली करने लगा.

वह अपनी चुत में मेरी उंगली पाते ही कस कर मुझसे चिपक गई.
वह बोली- अब चोद दो, मुझसे रहा नहीं जाता.

मैं उसके ऊपर चढ़ गया और अपने लंड को उसकी चूत पर सैट करने लगा.
उसने भी अपनी टांगों को फैला दिया और अपने छेद में मेरे लौड़े की नोक को लगा कर घिसने लगी.

उसकी चुत एकदम पनीली थी तो लौड़े को मजा आने लगा था.
उसने एक दो बार लंड के सुपारे को अपनी चुत में रगड़ कर अन्दर को किया तो मजा आ गया.

फिर उसने लंड सैट करके अपनी कमर हिला कर कहा- अब पेलो.
मैं धीरे से अपने लौड़े को उसकी चुत के अन्दर ठेलने लगा.

मेरा लंड मोटा है तो वह आह इस्स धीरे आह करने लगी.
मैं पेलता चला गया.

जब मेरा आधा लंड उसके अन्दर चल गया तो वह दर्द से एकदम से कराह उठी ‘आह बस करो … लग रही है!’

लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी और उनके होंठों से अपने होंठों को लगा कर पोजीशन बना ली.
उसके दोनों हाथों को अपने हाथों से पकड़ लिया और जोर लगाते हुए अपना पूरा लंड उसकी चुत की जड़ तक अन्दर पेल दिया.

वह कसमसा उठी और अपना मुँह मेरे मुँह से छुड़वा कर चिल्ला दी- आह … प्लीज मुझे छोड़ दो तुमको मेरी कसम है, मैं मर जाऊंगी!
मैंने उसकी एक नहीं सुनी और लंड को चूत में अन्दर बाहर करने लगा.

कुछ ही देर में चुत ने चिकना पानी छोड़ दिया और लौड़े को अन्दर आने जाने में सहूलियत हो गई.
उसका दर्द भी खत्म होने लगा.

अब वह ‘आह आह उफ येस फक मी हार्ड … आह आह’ करने लगी.
मैं उसको ताबड़तोड़ चोदता रहा.

करीब 15 मिनट के बाद मेरा माल निकलने को हुआ.
मैंने बिना कुछ पूछे अपने लंड का सारा माल कोमल की चूत में ही निकाल दिया.

उस दिन वह मुझसे चुदवा कर बहुत खुश थी.

मैंने आधा घंटा आराम करके एक बार फिर से उसे चोदा.

कुछ दिनों तक सब कुछ सामान्य रहा, फिर मेरा घर बनने वाला था तो मिस्त्री काम करने लगे.
घर का सारा सामान इधर-उधर पड़ा था.

रात को मैंने कोमल को खाने से पहले इशारा किया कि आज मिलना है.
उसने हंस कर इशारे से ही जबाव दिया कि देखती हूँ.

रात को सब लोग सोने के लिए अपने अपने कमरे में लेट गए.

वह दो बजे रात को उठ कर आई.
मैंने दबे पांव जाकर देखा तो पूरा घर एकदम शांत था और सब लोग सोए हुए थे.

मैं और कोमल एक सामान से भरे कमरे में घुस गए.
वहां घर का बहुत सारा सामान पड़ा हुआ था.

उसके पीछे थोड़ी सी जगह थी.
मैंने कोमल को उस जगह पर नीचे फर्श पर ही लेटा दिया और उसकी लैगी उतार दी.
वह मुस्कुराने लगी.

मैंने उसकी कुर्ती को उठा कर ऊपर को कर दिया.
मैं कोमल के बूब्स चूसने लगा और दबाने लगा.

वह भी मस्त होने लगी और मुझे अपने दूध चुसवाने लगी.
कुछ देर बाद मैंने उसकी चूत में उंगली डाल दी और अन्दर बाहर करने लगा.

वह गर्म होने लगी और उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया.
वह बोली- प्लीज जल्दी से डाल दो … अब रहा नहीं जाता.

मैंने उसके पैरों को ऊपर उठाया और उसके दोनों हाथों को पकड़ कर अपने लंड को चूत के ऊपर सैट कर दिया.
लंड गुर्रा रहा था.

मैं समझ गया कि यह एकदम से घुसेगा तो पक्का चिल्लाएगी.
इसलिए मैंने उसके मुँह को अपने एक हाथ से दबा लिया.

फिर अपने लंड को एक ही झटके में पूरा अन्दर डाल दिया.
वह छटपटाने लगी और उसकी आंखों से आंसू आने लगे, वह हाथ पैर फटकारने लगी.

मैंने उसको अपने नीचे दबा लिया और रुका रहा.
कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद जब वह सामान्य हुई तो मैंने फिर से लंड को चुत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.

अब वह मस्त होने लगी और ‘आह आह आह उफ उफ्फ़’ करने लगी.
मैं उसको कस कसके चोदने लगा और वह मस्ती से आवाज निकालने लगी- आह आह चोदो मुझे … पेल दो पूरा येस … और जोर से चोदो मुझे … मेरी चूत फाड़ दो … आह आह आह!

जब वह झड़ने के करीब आई तो मुझसे कसके चिपक गई.
वह चिल्लाने लगी- आह आह और जोर से … आह.

यही सब करती हुई वह झड़ गई.

फिर हम दोनों ने अपनी सांसों को नियंत्रित किया.
मैं अभी बाकी था तो मैंने अपने लंड को चुत से निकाल कर उसके मुँह पर रख दिया.

उसने लंड चूसा तो लौड़े ने वीर्य छोड़ना शुरू कर दिया.

मैं झड़ गया और सारा माल उसके मुँह में ही निकाल दिया.
उसने मेरे लौड़े से निकले रस को खा लिया.

फिर हम दोनों अपने अपने कमरे में जाकर सो गए.

ऐसे ही 3 दिनों तक हम दोनों उसी कमरे में जाकर चुदायी कर लेते थे.
उसके बाद कोमल की शादी हो गई और उसकी चुत मुझसे दूर हो गई.

अब जब भी वह घर आती है, तब मैं उसे जरूर चोदता हूँ.
कोमल के बाद मैंने उसकी बड़ी बहन को भी चोदा था. वह भी एक नंबर की रण्डी है.

कोमल एक बार शादी में गई थी, वहां भी तीन लोगों ने उसको मिल कर बहुत देर तक चोदा था.

उसके कुछ दिन बाद हमारी एक रिश्तेदार की शादी का फंक्शन था.
उस वक्त पूरे घर को शादी में जाना था तो सभी लोग वहां चले गए थे.

मैं और कोमल भी गए थे.
मैंने अपनी नजर कोमल के ऊपर ही टिका रखी हुई थी.

कोमल ने शादी में लाल लहंगा पहना हुआ था, जिसमें वह बहुत ही सेक्सी लग रही थी.
पंडाल की तेज लाइट की रोशनी में हर कोई उसको ही देख रहा था.

वह शादी में सभी मेहमानों के साथ बैठी बातें कर रही थी.

फिर वह वाशरूम जाने के लिए वहां से उठी, तभी वहां के कुछ लड़के उसको देख कर इशारे कर रहे थे.
मैंने देखा वह भी उन लड़कों को इशारे से कुछ कुछ बोल रही थी.

थोड़ी देर बाद वह वहां से वाशरूम की तरफ जाने लगी.
वे लड़के भी उनके पीछे जाने लगे.

वाशरूम घर के पीछे की तरफ था और वहां पेड़ भी लगे हुए थे.

रात हो गई थी तो अंधेरा भी था, मैं भी चुपके से उनके पीछे जाने लगा.
फिर मैं एक पेड़ के पीछे छुप गया और वे लड़के भी वहीं पर थे.

एक बोल रहा था कि साली क्या माल है, आज इसको चोद कर इसकी बुर फाड़ देंगे. साली को पटक कर चोद देंगे!

इतनी देर में कोमल भी वाशरूम से बाहर आ गई. वे लोग कोमल के आगे आ गए.

कोमल हंस कर बोली- तुम लोग मुझे घूर क्यों रहे हो?
एक लड़का बोला- तुम बहुत अच्छी लग रही हो, हमारी फ्रेंड बन जाओ और एक किस दे दो!

कोमल इठला कर बोली- तुम्हारा दिमाग खराब है क्या … हटो यहां से मुझे जाने दो वरना अच्छा नहीं होगा … मैं चिल्ला कर सबको बुला लूँगी. फिर देखना क्या होता है तुम्हारा!
वहां अंधेरा हो जाने की वजह से ठीक से दिख नहीं रहा था.

तभी उनमें से एक लड़के ने पीछे से कोमल को पकड़ लिया और उसके दूध दबा दिए.
वह आह उफ्फ करने लगी.

फिर आगे वाला लड़का कोमल के होंठों पर किस करने लगा और लहंगे के ऊपर से उसकी को चूत को मसलने लगा.

अब वह बेचैन होने लगी.
तभी आगे वाले लड़के ने उसके लहंगे को उठा कर पैंटी को घुटने तक खींच दिया और चूत को मुँह से चूसने लगा.

वह गर्म होने लगी.

उन लड़कों ने आपस में इशारा किया और सभी ने एक साथ अपनी अपनी पैंट खोल दी.
उन सभी के लंड 6-7 इंच के थे.

उनके हैवी लौड़े देख कर कोमल थोड़ी डर गई.
फिर साली की रंडी जाग गई और वह नीचे बैठ कर उनके लौड़ों को अपने दोनों हाथों में पकड़ लिया.

वह लंड हिलाने लगी और एक एक करके सभी के लंड बारी बारी से मुँह में लेकर चूसने लगी.

कुछ देर बाद आगे वाले लड़के ने उसको झुका दिया और पीछे से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया.
वह आह उह हम्म करके लंड अन्दर ले गई.

पीछे से वह लड़का उसको धकाधक चोद रहा था जबकि आगे वाले लड़के का लंड मुँह में लेकर चूस रही थी.

फिर आगे वाले लड़के ने अपना लंड मुँह से निकाला और कोमल को सीधा खड़ा कर दिया.
अब आगे वाला आगे से कोमल की चूत में अपना लंड डालने लगा. पीछे वाला मेरी कजन की गांड में लंड डालने लगा.

एक साथ दो लौड़ों से चुदने का शायद यह कोमल का पहला अवसर था तो उसकी चीख निकल गई ‘उई आह मर गई … मम्मी आह उफ्फ प्लीज निकाल लो. एक एक करके ले लो. आह मैं मर जाऊंगी छोड़ दो मुझे प्लीज!’

मगर वे लड़के कोमल की बात को अनसुनी करते हुए चोदने लगे.

कुछ देर बाद उन्होंने कोमल को गोदी में उठा लिया और उसको झूला झुला कर चोदने लगे.
थोड़ी देर बाद वह भी मजे लेकर चुदने लगी.

उसके मुँह से आवाज निकलने लगी ‘आह आह उफ्फ चोदो मुझे … आह बहुत दिन से एक साथ दोनों छेद में लेने का सोच रही थी आह मजा आ गया … मेरे दूध भी मसलो न आह!’

एक लड़का पीछे से उसकी गांड मार रहा था और आगे वाला चूत चोद रहा था.
तीसरा लड़का कोमल के मुँह पर अपना लंड हिला कर मुठ मार रहा था.

कुछ देर बाद उसने कोमल के मुँह पर अपना माल झाड़ दिया.
तभी पीछे वाले लड़के ने गांड में से लौड़े को निकाला और मुठ मार कर कोमल की गांड के ऊपर ही वीर्य झाड़ दिया.

कोमल को चोद कर वे तीनों लड़के वहां से चले गए; कोमल अपने आपको सही करने लगी.

मैं भी अब अपनी छिपी हुई जगह से निकल कर उसके सामने आ गया.

मैंने कहा- क्या बात है … तुम तो बड़ी मस्ती से चुद गईं? अब मेरा माल भी निकाल दो!
वह हंस कर बोली- यार, चूत में बहुत दर्द हो रहा है … पर लाओ मैं मुँह में लेकर वीर्य निकाल देती हूँ.

इसके बाद उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
मैंने उसका मुँह पकड़ा और कस कसके चोदने लगा.

जल्दी ही मैं अपने चरम पर आ गया था तो जल्द ही उसके मुँह में ही झड़ गया.
वह सारा माल पी गई.

उसने अपने आपको ठीक किया और वापस से औरतों के पास आकर बैठ गई.

उधर महिलाएं पूछने लगीं कि बहुत देर लग गई?
वह बोली- अरे मैं बाहर घूम रही थी.

तभी मैंने एक और नजारा देखा.
वहां के मेरे एक चाचा कोमल के पास आए और उसको कमर से उठा कर उसके साथ मस्ती करने लगे.

मैं वहीं पर था.
मैंने उस बात को ज्यादा ध्यान नहीं दिया.
वे लोग बैठ कर बातें करने लगे और मैं ब/च्चों के साथ खेलने लगा.

फिर रात का खाना सबका साथ में हुआ.

खाने के बाद लेटने की बारी आई.
सबके बिस्तर जमीन पर लगे हुए थे.

मैं चाचा के साथ में लेटा था.

मेरे पास में कोमल लेटी थी और उसके बाद बाकी के सब लोग लेटे हुए थे.

मैं दिन का थका हुआ भी था तो मुझे नींद आने लगी और मैं सो गया.

रात को करीब दो बजे मुझे कुछ आवाज आती लगी.

मैंने आंख खोल कर देखा तो चाचा कोमल से चिपके हुए थे और किस कर रहे थे.

मैं चुपचाप बिना हिले ऐसे ही लेटे हुए चाचा भतीजी को देखता रहा. फिर उन्होंने कोमल की ड्रेस को खोलना शुरू किया और जल्दी ही पूरा खोल दिया.
कोमल की ब्रा के ऊपर से ही चाचा दूध दबाने लगे.

कोमल धीमे से बोली- आह धीरे करो चाचा … दर्द हो रहा है!
चाचा कोमल की गोरी टांगों पर किस करने लगे. कोमल और गर्म होने लगीं.

कोमल के अन्दर बहुत आग भरी थी और वह बहुत ही बड़ी वाली चुदक्कड़ भी है … तो वह जल्द ही चुदासी हो गई.
चाचा ने कोमल की पैंटी निकाल दी और चूत में उंगली करने लगे.

उन्होंने कोमल की दोनों टांगें फैला दीं और अपना मुँह कोमल की चूत में लगा दिया.
वे अपनी भतीजी की चुत चूसने लगे.

कोमल अब अपने मुँह पर हाथ रखे हुए आह आह ओह उफ्फ करने लगी.
उन्होंने कोमल को कुछ इशारा किया और लेट गए. कोमल इशारा समझ कर उठी और उसने चाचा की पैंट खोल दी.

वह चाचा का लंड निकाल कर हिलाने लगी. फिर वह लंड को अपने मुँह में लेकर तेज तेज अन्दर बाहर करने लगी.
वह थोड़ी देर तक लंड चूसती रही.

फिर मुँह से निकाल कर चित लेट गई.
चाचा उठे और कोमल की दोनों टांगें फैला कर अपना लंड चूत पर सैट कर दिया.

फिर कोमल के मुँह पर हाथ रख कर एक झटका मारा और आधा लंड कोमल की चूत के अन्दर चला गया.
कोमल आह आह करके पैर पटकने लगी. चाचा ने फिर से एक और झटका मारा … उनका पूरा लंड कोमल की चूत के अन्दर घुसता चला गया.

चाचा तेज रफ्तार से लौड़े को अन्दर बाहर करने लगे.
कोमल- आह आह उफ्फ चोदो कसके … ओह मेरे राजा … चोदो मुझे … फक मी येस चोदो कस कसके!

वह अंट शंट बोलने लगी और चुदने लगी.
चाचा भी पूरी ताकत से कोमल को चोद रहे थे.

मैं चुपचाप लेट कर ये सब देख रहा था.
कुछ देर चोदने के बाद चाचा ने कोमल की चूत में ही अपना लंड का माल झाड़ दिया और गिर पड़े.

वे थक गए थे तो सो गए थे.

इधर मुझे नींद नहीं आ रही थी और उधर कोमल की चुत प्यासी रह गई थी.

फिर मैं धीरे से उठ कर कोमल के पैरों के पास गया और चूत पर हाथ रखा तो उसमें से चाचा का माल निकल रहा था.
मैंने अपना लंड हाथ में लेकर हिलाना शुरू किया और खड़ा किया.

कोमल की पैंटी से उसकी चूत को साफ़ किया और फ्रॉक ऊपर उठा कर चुदाई करने की तैयार करने लगा. मैंने उसके पैरों को फैला कर लंड को चूत पर सैट किया और अन्दर पेल दिया.
अचानक से हुए तेज हमले से कोमल अंजान थी. वह सोच रही थी कि चाचा ही उसकी चुत के साथ कुछ कर रहे हैं.

मेरा पूरा लंड चुत के अन्दर जाते ही कोमल रोने लगी. मैंने झट से उसके मुँह पर हाथ रखा और उसको किस करने लगा.
वह मुझे देख कर चुप हुई तो मैं उसको कस कसके चोदने लगा.

थोड़ी देर बाद वह मस्त हो गई और आह आह करके चुदने लगी.
मैं उसको चोदता गया.

वह लेटी हुई चुदवाती रही.
फिर लगभग 20 मिनट तक उसको चोदने के बाद मैं झड़ने को हुआ तो मैंने अपना लंड चुत से निकाल लिया.

मैं हाथ से लौड़े को हिलाने लगा.
मैंने सारा माल कोमल के चेहरे के ऊपर डाल दिया और उसका मुँह खोल कर लंड चुसवाने लगा.

फिर मैं अपनी जगह आकर सो गया.
सुबह उठा तो सब लोग उठ चुके थे और सब कुछ ऐसे नॉर्मल ही लग रहा था, जैसे रात को कुछ हुआ ही ना हो.

मैंने सबको गुड मॉर्निंग विश किया और फ्रेश होने चला गया.

इसके आगे की सेक्स कहानी फिर कभी!
आपको यह कहानी कैसी लग रही है, प्लीज मुझे जरूर बताएं.
धन्यवाद.
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