Virgin Pussy Fingering Kahani – मेरी छोटी बहन की अन्तर्वासना


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Story Start Here :

वर्जिन पुसी फिंगरिंग कहानी में एक रात मैं बीच में उठा तो मैंने देखा कि मेरी छोटी बहन अपनी चूत में उंगली कर रही है. तो मैंने उसे चोदने का फैसला किया.

दोस्तो, मेरा नाम वीर है. मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ.

मेरे पिता जी नहीं हैं.
मेरे घर में दादी जी हैं, उनकी उम्र 70 साल होगी. उनका शरीर 36-32-38 का है.
मेरी मम्मी हैं, उनकी उम्र 45 साल है. मम्मी का बदन 34-30-36 का है.
एक छोटी बहन है, जिसकी उम्र 19 साल है और उसका बदन 30-28-32 का है.

मैं आज आप सबको अपनी एक सच्ची घटना के बारे में इस वर्जिन पुसी फिंगरिंग कहानी में बताने जा रहा हूँ.
उस घटना के कारण ही मैं अपनी बहन, मम्मी और दादी तीनों को चोद पाया था.

एक दिन की बात है, मैं अपने कमरे मैं सेक्स स्टोरीस पढ़ रहा था.
उस वक्त रात के करीब ढाई बजे का समय हुआ होगा.
दूसरे कमरे में मेरी बहन, दादी और मम्मी सो रही थीं.

बहन नीचे बिछे गद्दे पर सोई थी.
मम्मी और दादी बेड पर थीं.

अचानक से मुझे स्टोरी पढ़ते हुए एक आवाज़ आई जैसे कोई सांसें तेज़ तेज़ ले रहा हो.

मैं खड़ा हुआ और अपने कमरे से बाहर निकला.
मेरे कमरे के सामने ही दूसरा कमरा है, उसका गेट खुला हुआ था.

अन्दर से सांसें लेने की आवाज़ आ रही थी, यह आवाज उधर से आ रही थी, जिधर मेरी बहन सोई हुई थी.
मेरे शैतानी दिमाग़ में उसी पल एक ख्याल आया कि छोटी (बहन को प्यार से छोटी बोलता हूँ) कहीं अपनी बुर में फिंगरिंग तो नहीं कर रही है.

यह ख्याल आते ही मेरे अन्दर पहली बार अपनी बहन को चोदने का ख्याल आया.
मैं चुपचाप अपनी बहन के बिल्कुल पास आ गया.

हल्की हल्की मीठी सिसकारियों की आवाज़ उसी के कंठ से आ रही थी.

अब मैं कन्फर्म हो गया था कि मेरी बहन अपनी बुर में फिंगरिंग कर रही है.
मैंने सोचा कि ऐसा मौका दुबारा नहीं मिलेगा.

बस मैंने थोड़ा दिमाग़ लगाया कि किस बहाने से उसके साथ सो सकता हूँ.

मैं अपने कमरे में गया ओर अपने बेड पर मैंने पानी गिरा दिया कि मैं अपने बिस्तर पर पानी गिर जाने के कारण उधर सो नहीं पा रहा हूँ इसलिए मैं इस कमरे में अपनी बहन के पास सोने आ गया हूँ.
चूंकि मम्मी वाले कमरे में सिर्फ़ एक ही बेड है, जिस पर बस दो लोग ही सो सकते हैं और नीचे एक गद्दा पड़ा था, जिस पर छोटी बहन सो रही थी.

मुझे सोने के लिए और कहीं जगह नहीं थी, तो मैं बहन के गद्दे पर ही सोने आ गया हूँ.

बस अब मैं अपने बेड पर पानी गिरा कर फटाफट दूसरे कमरे में गया और थोड़ी आवाज़ करता हुआ गया ताकि छोटी बहन समझ जाए कि मैं आ रहा हूँ.

वह अपनी बुर में फिंगरिंग करना बंद कर दे.
ऐसा ही हुआ.

मेरी आवाज़ सुनते ही बहन की कामुक सिसकारियों की आवाज़ आना बंद हो गई और मैंने भी उधर जाकर अपनी बहन को थोड़ा हिलाया कि वह उधर को खिसक जाए, पर वह तो सोने का नाटक कर रही थी.

मेरे थोड़ा हिलाने के बाद वह उठी और नींद में होने की एक्टिंग करती हुई बोली- क्या हुआ?

मैंने कहा- बहन खड़ी हो, तुझे एक चीज़ दिखाता हूँ.
मैंने उसे अपने कमरे में लाकर अपना बेड दिखाया.

वह बोली- ये पानी कैसे गिरा?
मैंने बोला- मैं बोतल खुली छोड़ कर बाहर चला गया था. मेरे जाते समय बोतल किसी झटके से गिर गई और पूरा बिस्तर गीला हो गया. अब मैं किधर सोऊं!

वह बोली- कहा सोओगे? घर में और कहीं जगह ही नहीं है!
मैंने कहा- मैं तेरे साथ तेरे गद्दे पर सो जाता हूँ. मेरी तबीयत भी कुछ खराब लग रही है!

वह थोड़ा सोचती हुई बोली- ठीक है. आ जाओ मेरे साथ ही सो जाओ.
अब हम दोनों जाकर उसी कमरे में नीचे बिछे गद्दे पर सो गए.

उन दिनों थोड़ी थोड़ी ठंड चालू हो गई थी, तो हम दोनों ने एक कंबल भी ओढ़ लिया था.
हालांकि यह कंबल डबल बेड का था, तो हम दोनों एक ही कंबल में घुस गए थे.

दो जन के हिसाब से गद्दे पर जगह कम होने की वजह से हम दोनों एकदम करीब होकर लेटे हुए थे.

मेरी बहन की उभरी हुई गांड बार बार मेरे लंड को छू रही थी, जिस वजह से मेरा लंड पूरा कड़क हो गया था और शायद यह बहन की चुदाई के लिए एकदम तैयार था.

मेरा 7 इंच का लौड़ा मेरे शॉर्ट्स से बाहर आने को हो रहा था.

हम दोनों को सोये हुए लगभग एक घंटा होने वाला था.
मैंने छोटी को धीरे से उठाने की कोशिश की.
मैं उसके कान में बोला- उठ जा छोटी!

उसने कोई जवाब नहीं दिया.
मैं समझ गया था कि वह नींद में है.

मेरी बहन ने मम्मी की नाइटी पहन रखी थी, जो उसे काफ़ी ढीली थी.
मैंने देर ना करते हुए धीरे से पूरी नाइटी उसकी कमर तक कर दी.

मैंने कंबल को उठा कर अन्दर झाँका तो मुझे अपनी छोटी बहन की पिंक कलर की पैंटी दिखी.

तब मैंने अपना आपा खो दिया और भूल गया कि मैं कहां हूँ.

मैंने तुरंत अपना हाथ उसकी चुत के ऊपर रखा तो मैंने पाया कि उसकी पैंटी काफ़ी गीली हो चुकी थी.
मैं समझ गया कि इसकी चुत भी लंड लेना चाहती है.

मैं पैंटी के ऊपर से उसकी चुत को रगड़ने लगा और मुझे उत्तेजना बढ़ी तो मैंने झटके से उसकी चुत में अपनी उंगली को डाल दिया.

मेरी हथेली भी उसकी चुत पर थी तो मुझे अहसास हो रहा था कि उसने अपनी चुत की झांटों की सफाई की हुई थी.
उसकी चुत एकदम चिकनी थी.

मैंने जैसे ही अपनी एक उंगली अन्दर डाली, उसके मुँह से सांस अन्दर लेने की आवाज़ आई.
मैं एक बार को तो डर गया और उधर ही रुक गया.

मेरी उंगली अभी भी उसकी चुत में थी.

एक दो पल बाद मैंने महसूस किया कि वह अपने पैर के अंगूठे से मेरे पैर को हल्का हल्का सहला रही है.

मुझे लगा कि इसे वर्जिन पुसी फिंगरिंग अच्छा लग रहा है तो मैं चुत में उंगली को रगड़ने लगा.
उसकी चुत को प्यार से मसलने भी लगा.

अब उसकी सांसें काफ़ी तेज़ हो गईं और उसने अपनी टांगों को थोड़ा सा और खोल दिया, जैसे कि वह मुझे न्योता दे रही हो कि उसे चोद दो.

मैं यह समझते ही अब पूरे जोश में आ गया और मेरा डर भी खत्म हो गया.

मैंने धीरे से उसकी पैंटी उतार दी और अपने फोन की टॉर्च जला कर उसकी कुंवारी बिन छुई चुत की लालिमा को देखने लगा.

मैं उसकी बेहद खूबसूरत बुर को काफ़ी देर तक देखता ही रहा.
वह भी अपनी टांगों को खोल कर मुझे अपनी चुत की मासूमियत का नजारा दिखाती रही.

फिर मैंने उसकी टांगों को और थोड़ा ज्यादा खोला और नाक लगा कर सूंघा.
मस्त महक आ रही थी.

मैंने अपनी बहन के कान में धीरे से कहा- छोटी, आज तेरा भाई तुझको दुनिया की सबसे बड़ी खुशी देने जा रहा है. तुझे भी मेरा साथ देना होगा. अगर तू राज़ी है तो मुझको कोई इशारा दे ताकि मैं समझ जाऊं कि मेरी बहन मेरे साथ है.

उसने जवाब में अपनी टांगें किसी बाजारू रंडी की तरह फैला दीं … पर अपनी आंखें बंद रखीं.
मैंने तेज़ी से उसकी चुत के मुँह पर अपना मुँह रखा और उसकी रसीली चुत को चाटने लगा.

दस मिनट तक मैंने उसकी चुत को पूरी शिद्दत से चाटा और जैसे ही मेरी बहन झड़ी, मैंने उसकी बुर से निकला सारा नमकीन पानी पी लिया.

मेरी बहन अभी भी सोने का नाटक कर रही थी लेकिन उसके शरीर की हलचल बता रही थी कि वह जाग रही है.

अब मैंने अपना लंड निकाला और उसके ऊपर चढ़ गया.

मैंने लंड का टोपा अपनी बहन की चुत की फांक पर रख कर उसके कान में आवाज दी ‘छोटी … थोड़ा दर्द होगा लेकिन आवाज़ मत करना … वर्ना मम्मी और दादी जाग जाएंगी!’

यह कह कर मैंने थोड़ा सा दबाव देते हुए धक्का दे दिया.
मेरा लंड उसकी बुर को चीरता हुआ आधा अन्दर चला गया.

वह बिन पानी की मछली की तरह मचल उठी और दर्द से कराहने लगी- आह भाई … आह मर गई … आराम से करो!

मैंने तुरंत टॉर्च उसके मुँह पर मारी.
उसकी आंखें खुल गई थीं और उसकी शक्ल से साफ लग रहा था कि वह बहुत घबराई हुई है कि मेरी नजरों से नज़र कैसे मिलाए.

मैंने उसे समझाते हुए उसके कान में कहा- छोटी मैं तेरा बड़ा भाई हूँ, तेरा बुरा नहीं चाहूँगा. मैं किसी को नहीं बताऊंगा. तुझे मेरे से घबराने की ज़रूरत नहीं है. मुझे तो अब से तू अपना सबसे अच्छा दोस्त मान और भूल जा कि मैं तेरा भाई हूँ. तू बस मजा ले और मेरा साथ दे.

उसने धीरे से कहा- भाई मैं बहुत दिनों से आपसे चुदना चाहती हूँ. मुझे याद है जब हम छोटे थे तो हम दोनों घर घर खेला करते थे. जिसमें आप पति और मैं पत्नी बनते थे. उस वक़्त हम दोनों ने एक बार सुहागरात भी मनाई थी. लेकिन हम दोनों छोटे थे इसलिए कुछ कर नहीं पाए थे. बस मम्मी पापा के जैसे नंगे होकर लिपट गए थे. अब मैं भी 19 की हूँ और आप भी 21 के हो गए हैं. हम दोनों जवान हो गए हैं. आज वह अधूरी सुहागरात पूरी करो भाई … मेरी बचपन की अधूरी ख्वाहिश पूरी कर दो. वह आपका छोटा सा लंड सोच सोच कर रोजाना मैं अपनी उंगलियों से अपनी चुत को शांत करती हूँ. अब आपका लंड बड़ा हो गया है. मेरी चुत को इसके बराबर गहरा कर दो भाई … चोदो मुझे!

वह एक सांस में ये सब बोलती चली गई.
मेरे अन्दर भी अब आग धधक रही थी.

मैंने उससे कहा कि अब तुम मेरे कमरे में चलो, बाकी का गेम उधर ही बजाऊंगा.
वह मस्ती से बोली- आप चलो … मैं आपके पीछे अभी आई.

मैं उसकी चुत से लंड खींच कर उठा और अपने कमरे में जाकर बैठ गया.
दो मिनट बाद वह भी आ गई.

वह कपड़े बदल कर आई थी.
उसने अब सेक्सी सी ब्लॅक कलर की ट्रांसपेरेंट नाइटी पहनी थी.

कमरे में आते ही वह मेरे पास आई और अपनी प्यासी आंखों से मुझको निहारने लगी.

वह मादक स्वर में बोली- भाई अब आपको मुझे उम्र भर चोदना पड़ेगा … मैं आपको इतना खुश रखूँगी कि आप शादी भी मुझसे ही करोगे. आज पहली बार आपका लंड मेरी चुत में जाएगा. लेने को मैं बहुत से लंड ले चुकी होती … लेकिन मुझे बचपन से सिर्फ़ आपके साथ सेक्स करने का मन कर रहा है. आपको बाथरूम के छेद में से नहाते हुए देखती रहती थी. आप जब अपने कमरे में मुट्ठी मार रहे होते थे, तब मैं खिड़की से देखती रहती. बस कभी हिम्मत नहीं हुई क्योंकि आपने मुझको कभी ऐसी नजरों से देखा ही नहीं था. मैं छोटे छोटे कपड़े पहनती तो आप मुझे डांट देते थे, इसलिए मैं कभी कह नहीं पाई. पर अब नहीं भाई … अब मैं आपकी होकर रहूँगी.

उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ लगा दिए और होंठों का रस चूसने लगी.

उसे स्मूच करनी नहीं आ रही थी तो मैंने अपना गीला गद्दा पलटा और उसे उसी पर धक्का देकर गिरा दिया.
वह भी मुझसे लिपट गई.

मैंने उससे स्मूच करना सिखाया.
वह बड़ी जल्दी सीख भी गई.

अब वह बहुत ज्यादा जोश में आ गई और एकदम से उठ कर बैठ गई.
वह मेरे कपड़े उतारने लगी.

मुझे पूरा नंगा करने के बाद मेरे 7 इंच के लंड को निहारने लगी.
मेरी बहन बोली- भाई आज आपका ये पूरा लंड मुझे मेरी चुत में चाहिए. मैं कितना भी चीखूँ चिल्लाऊं … आप रुकना मत. अपना पूरा लंड अन्दर पेलते रहना.

मैंने कहा- पगली … कहीं मम्मी, दादी उठ गईं और उन्होंने भाई बहन सेक्स को देख लिया तो क्या होगा?

वह उस वक़्त चुदने के जोश में थी तो एकदम निडर हो गई थी.
वह बोली- कोई बात नहीं, यदि मम्मी घर से भगा देंगी तो हम दोनों कहीं बाहर फ्लैट लेकर अकेले रहेंगे. पिता जी ने मरने से पहले मेरे बैंक खाते में बहुत पैसे डाल रखे हैं. मैं आपको जैसा बोल रही हूँ, आप बस वैसा ही करो मेरे भाई आह आज हचक कर चोद दो अपनी छोटी बहन को!

अपनी छोटी बहन के मुँह से इतनी दिलेरी वाली बात सुनकर मुझे बड़ा अच्छा लगा.

दोस्तो, इस सेक्स कहानी ने अगले भाग में मैं आपको आगे की बात लिखूँगा, जिसमें मेरी बहन के साथ मम्मी और दादी भी चुद गईं. वह सब कैसे हुआ, आपको पढ़ कर मजा आएगा.

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