Latest Hindi Sex Stories added for who looking to read Ghar Chudai Ki Story – चार बेवा और एक कुंवारी बीवी को चोदा to make every night hot about Ghar Chudai Ki Story – चार बेवा और एक कुंवारी बीवी को चोदा story.
Story Start Here :
घर चुदाई की स्टोरी में मैं चाची और दादी को चोद चुका था. फिर दादी ने मुझसे मेरी अम्मी को चुदवाया, मेरी शादी करवाई तो मैंने अपनी नई कोरी बीवी को चोदा, फिर सास को चोदा.
दोस्तो, मैं शोएब आपको अपनी फैमिली वाली चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
घर में चाची दादी की चुदाई
में अब तक आप पढ़ चुके थे कि कैसे मैंने अपने घर में रहने वाली बेवा चाची और दादी को चोद लिया था.
अब आगे घर चुदाई की स्टोरी:
सुबह 11 बजे जब चाची हमें जगाने दादी के कमरे में आईं तो बोलीं- अरे अम्मी, रात में तो आप बहुत बड़ी बड़ी बातें कर रही थीं और मुझे कलमुंही और रण्डी बोल रही थीं. अब क्या हुआ … अब आप ने रात भर इसके साथ क्या किया?
दादी- अरे कुतिया … थोड़ा धीरे बोल इसकी अम्मी सुन लेगी.
चाची- वे तो कब से काम पर चली गईं और आपके बारे में पूछ रही थीं. जब मैं आपको उठाने आई तो आप तो यहां नंगी शोएब के साथ सोई हुई थीं. तभी तो मैंने उन्हें बहाना बनाकर अन्दर आने से रोक दिया. फिर जब वे काम पर चली गईं, तब ही मैं आपको उठाने आई हूं!
दादी- अरे आलिया, अब तो वैसे भी तू इसके बच्चे की अम्मी बनने वाली है तो यह कहीं बाहर किसी और को न चोदने लग जाए, इस लिए मैं ही इससे चुद गई. मैं तो तेरे बारे में ही सोच रही थी.
चाची- अब जरा बाजू हो जाओ अम्मी … मुझे भी इसके लंड का थोड़ा मजा ले लेने दीजिए. रात भर चुद कर आपको चैन नहीं आया क्या?
दादी बोलीं- बाजू क्या हटना … तू इसे अपने कमरे में ही ले जा और मजा ले ले.
यह सुनकर चाची मुझे अपने रूम में ले गईं और वहां हम दोनों ने खुल कर चुदाई की.
उसके बाद हम तीनों नहा कर फ्रेश होकर हॉल में बैठ गए और बात करने लगे कि अम्मी को कैसे बताया जाए कि चाची मेरे बच्चे की मां बनने वाली हैं.
दादी- शोएब, मुझे लगता ही तेरी अम्मी भी मेरी तरह लंड की प्यासी है तो तुझे उसको चुदाई करने के लिए मनाना चाहिए. अगर एक बार वह तेरे लंड से चुद गई तो भी उसको सब बता देना. उसके बाद वह कुछ भी नहीं बोल पाएगी.
चाची और मुझे दादी का यह आइडिया सही लगा और हम तीनों ने अम्मी को चोदने का पूरा प्लान तैयार कर लिया.
अब बस हमें रात होने का इंतजार था.
हम सब खाना खा कर थोड़ी देर टीवी देखने लगे थे.
अम्मी को रात को रोने से पहले गर्म दूध पीने की आदत थी.
चाची ने अम्मी के दूध में सेक्स की गोली डाल दी जो कि मैंने उन्हें लाकर दी थी.
अम्मी वह दूध पीकर सोने चली गईं.
कुछ देर बाद मैंने अम्मी के कमरे का दरवाजा खटखटाया.
अम्मी ने दरवाजा खोला.
मैंने देखा कि अम्मी को पसीना आ रहा था और वे थोड़ी गर्म हो चुकी थीं.
अम्मी- क्या हुआ … इतनी रात को दरवाजा क्यों खटखटा रहा है?
मैं- अम्मी, मेरे कमरे का पंखा नहीं चल रहा है और मुझे बिना पंखे के नींद नहीं आती है. तो मुझे लगा मैं आज आपके कमरे में सो जाऊं.
अम्मी ने पहले तो मुझे ऊपर से नीचे तक देखा. मैंने सिर्फ लोअर को बनियान ही पहनी हुई थी.
उसके बाद उन्होंने मुझे अन्दर बुला लिया.
अम्मी ने मैक्सी पहनी हुई थी.
फिर हम दोनों बिस्तर पर लेट गए.
अम्मी पसीने से लथपथ हो रही थीं, मुझे लगा कि अम्मी को चोदने का यह मौका अच्छा है.
अम्मी मेरी तरफ पीठ करके लेटी हुई थीं.
मैं धीरे से उनके पास सरका, अम्मी कुछ नहीं बोलीं तो मैं थोड़ा और नजदीक आ गया.
अम्मी का कोई जवाब नहीं था तो मैं पूरा ही उनसे चिपक गया.
उसके बाद मैंने अपना एक हाथ उनके ऊपर रखा और मैं आंख बंद करके लेटा रहा.
जब अम्मी ने कोई हरकत नहीं की तो मैंने अपना एक पैर उनके पैरों के ऊपर रख दिया और थोड़ा इंतजार किया.
थोड़ी देर बाद जब अम्मी ने कुछ भी नहीं कहा तो मैंने अपने पैरों से उनकी मैक्सी को थोड़ा सा ऊपर सरका दिया.
अम्मी अब भी चुप थीं.
ऐसे करते करते उनकी मैक्सी घुटनों से थोड़ी ऊपर तक उठा दी.
जब अम्मी ने कोई हरकत नहीं की तो मैंने अपने लंड को उनकी गांड पर थोड़ा टच कर दिया.
जैसे ही मैंने ऐसा किया, अम्मी थोड़ा आगे को सरक गईं.
यह देख कर मैंने अपनी आंखें बन्द की और सोने का नाटक करने लगा.
थोड़ी देर बाद अम्मी ने अपना हाथ पीछे करके मेरे लंड को महसूस किया.
मैंने भी मौके पर ही अपने लोअर को नीचे कर दिया और अम्मी के हाथों में मेरा लंड आ गया.
अम्मी जोर जोर से सांसें लेने लगीं.
तभी मैंने भी थोड़ी और हिम्मत की और अपने हाथों से उनकी मैक्सी को पूरी तरह ऊपर कर दिया.
अम्मी ने चड्डी पहन रखी थी.
जैसे ही मैंने उनकी मैक्सी ऊपर की, अम्मी ने भी तुरंत अपनी गांड को थोड़ा पीछे किया और अपनी गांड को मेरे लंड से सटा दी.
अब वे अपनी गांड मेरे लंड पर रगड़ने लगीं.
तभी मैंने भी अम्मी को अपनी बांहों में भर लिया और हल्के से उनके कान में बोला- इस चड्डी को मैं उतार दूं या फिर आप उतारोगी?
अम्मी ने यह सुनते ही अपनी चड्डी थोड़ी नीचे कर दी.
मैंने अपने लंड पर थोड़ा थूक लगाया और थोड़ा सा थूक अम्मी की चूत पर लगा दिया.
अम्मी की चूत पर बहुत बाल थे और उनकी चूत पहले से ही गीली थी.
मैंने पीछे से ही अपना लंड उनकी चूत पर लगाया और धीरे से अन्दर डालने लगा.
अम्मी लंड के अन्दर घुसते ही थोड़ा सिसकने लगीं.
तो मैंने उनके मुँह पर अपना हाथ रखा और धीरे से पूरा लंड उनकी चूत में घुसेड़ दिया.
अम्मी की चूत मानो कोई गर्म भट्टी की तरह भभक रही थी और उनकी सांसें भी बहुत गर्म थीं.
थोड़ी देर तक मैंने ऐसे ही चोदा, फिर मैंने अपना लंड अम्मी की चूत से बाहर निकाल कर उनको सीधा लेटा लिया.
अब मैंने उनकी चड्डी को सही से पूरी उतार कर बिस्तर से नीचे फेंका और उन्हें चूमने लगा.
अम्मी अपनी आंखें बन्द करके बस गर्म गर्म सांसें छोड़ रही थीं.
मैंने अम्मी की दोनों टांगों को पकड़ कर चौड़ी कीं और अपने लंड को उनकी बालों वाली चूत पर फेरने लगा.
अम्मी बोलीं- अपनी अम्मी को इतना मत तड़पा … जल्दी से इसे अन्दर डाल दे.
यह सुनते ही मैंने एक ही जोरदार धक्का मारा और अपना पूरा लंड अम्मी की चूत में घुसेड़ दिया.
अम्मी ‘आआह्ह ऊउझ हम्म्म’ करने लगीं.
उनकी चूत बहुत गर्म और टाइट थी.
मैं ज्यादा देर तक टिक नहीं सका और उनकी चूत में ही ढेर हो गया.
झड़ कर मैं उनके ऊपर ही लेट गया.
अम्मी अभी भी आंखें बन्द करके लेटी हुई ही थीं.
कुछ देर ऐसे ही उनके ऊपर लेटे रहने पर अम्मी ने मेरे कान में हल्के से कहा- बस इतना ही दम था क्या मेरे बेटे में?
यह सुन कर मैंने भी उन्हें कान में बोला- अभी पूरी रात बाकी है … आज आपकी सारी गर्मी बाहर निकाल दूंगा.
मैं उनके ऊपर से हटा और मैंने अपने व अम्मी के सारे कपड़े उतार दिए.
अम्मी अब अपनी आंखें खोल चुकी थीं.
मेरे सामने अम्मी के बड़े बड़े बूब्स और बालों से भरी हुई काली चूत थी.
उस रात जो मैंने चुदाई करना चालू किया, तो सुबह 4 बजे तक हम दोनों चुदाई ही करते रहे.
मैं अम्मी की चुत में 4 बार अपना पानी छोड़ चुका था उसके बाद हम दोनों नंगे ही बिस्तर पर सो गए.
सुबह 8 बजे दादी ने जब अम्मी के कमरे का दरवाजा खटखटाया, तब हमारी नींद खुली.
अम्मी उठते से ही एकदम से हड़बड़ाने लगीं और अपने कपड़े देखने लगीं.
उन्होंने जल्दी जल्दी में मैक्सी पहनी और दरवाजा खोला.
दादी- क्या हुआ आयशा आज काम पर नहीं जाना है क्या? इतना लेट उठ रही हो?
अम्मी- जाना है ना अम्मी … मैं अभी तैयार होकर आती हूं.
दादी दरवाजे से मुझे देख अपनी स्माइल दी और वापस चली गईं.
फिर अम्मी ने दरवाजा बंद किया.
उन्होंने मुझसे कहा- शोएब तूने मेरी ब्रा और चड्डी रात में कहां फेंक दी थी, जरा ढूंढ कर दे!
मैं नंगा ही बिस्तर से उठा तो मेरा खड़ा लंड अम्मी के सामने आ गया.
अम्मी कहने लगीं- रात में मैंने इतना बड़ा और मोटा लंड ले कैसे लिया?
मैंने- अभी वापस ले कर देख लो, पता चल जाएगा.
मैंने अम्मी को उनकी ब्रा और चड्डी ढूंढ कर दी और नंगा ही कमरे से बाहर जाने लगा.
अम्मी- यह क्या कर रहा है, तू नंगा है ऐसे ही बाहर जाएगा क्या? बाहर तेरी दादी और चाची हैं!
मैं- मुझे पेशाब लग रही है, तो बाथरूम जा रहा हूं … और वैसे दादी और चाची के साथ मैं यह सब कर चुका हूं जो मैंने कल आपके साथ किया था तो अब उनसे कैसा शर्माना!
यह बोल कर मैंने दरवाजा खोला और बाथरूम में मूतने चला गया.
चाची और दादी दरवाजे के सामने ही खड़ी थीं.
मैंने उन दोनों को लिप किस किया और वहां से चला गया.
उसके बाद वे दोनों कमरे में गईं और दादी ने अम्मी को सब कुछ बता दिया कि कैसे मैंने चाची को चोदा और उनको पेट से कर दिया. फिर कैसे दादी ने मुझे अपनी चूत चोदने का मौका दिया.
अब अम्मी सब समझ चुकी थीं.
बस फिर क्या था.
कुछ दिनों बाद अम्मी ने चाची के अम्मी और अब्बू को घर बुलाया और अम्मी और दादी ने उनसे बातें की.
उनको बताया कि चाची अभी जवान हैं और उनका दूसरा निकाह करवाना चाहते हैं.
चाची के अम्मी अब्बू ने भी हां कर दी.
जब उन्होंने बड़ी अम्मी से पूछा कि दूल्हा कौन है?
तो दादी ने जवाब दिया कि मेरा पोता आपकी बेटी से निकाह करेगा.
पहले तो चाची के अम्मी अब्बू नहीं माने क्योंकि चाची मुझसे उम्र में बड़ी थीं, पर फिर चाची ने जब खुद यह कबूला कि वे भी मुझसे निकाह करना चाहती हैं.
अब उनके अम्मी अब्बू को तो मानना ही था.
उसके बाद जल्द से जल्द हम दोनों ने निकाह कर लिया.
सुहागरात वाले दिन तो मैं चाची सॉरी अब वह मेरी चाची नहीं बेगम थीं तो सुहागरात पर तो मैंने आलिया को नहीं चोदा क्योंकि वह पेट से थी.
पर मेरी 2 चूत और मौजूद थीं घर में … पर सुहागरात में तो सील तोड़ते हैं न और उन दोनों की चूत की सील तो पहले से टूटी हुई थीं.
इसलिए मैंने उन दोनों की गांड की सील तोड़ने की तमन्ना पूरी की.
सुहागरात वाले दिन दादी ने अपनी गांड की सील तुड़वाई.
उसके बाद जब हम सब हनीमून पर गए तो मैंने अम्मी की गांड की सील फाड़ी.
अपनी अम्मी की सील पैक गांड को मैंने जम कर पेला.
उसके बाद जब तक आलिया की डिलीवरी नहीं हुई, अम्मी और दादी रोज मुझसे चुदती रहीं.
कुछ समय बाद आलिया ने मेरी बेटी को जन्म दिया.
अब आलिया ने बच्चे न होने के ऑपरेशन करवा लिया.
उसके बाद मैंने आलिया की भी सील पैक गांड फाड़ कर रख दी.
ऐसे ही 3 साल बीत गए.
अब दादी की चूत की गर्मी भी खत्म हो गई.
आलिया और मेरी अम्मी अभी भी चुदाई करवाती हैं … पर उनका सारा माल ढीला हो गया.
उन दोनों के बूब्स लटक गए हैं. गांड और चूत का भोसड़ा बन गया.
तब मैंने दूसरा निकाह करने की बात घर में कही.
अब दादी चुदाई बंद कर चुकी थीं तो उनको तो मेरे दूसरे निकाह से कोई परेशानी नहीं थी.
पर अम्मी और आलिया समझ गईं कि उनके भोसड़े में अब मुझे मज़ा नहीं आ रहा है और नई चूत आने से उनकी चूत की चुदाई बंद हो जाएगी.
मैंने उन दोनों को मना लिया कि उनकी चुदाई मैं हफ्ते में एक बार कर दिया करूँगा.
वे दोनों भी मान गईं.
फिर वे सब मेरे लिए लड़की देखने लगीं.
अम्मी और आलिया ने मिलकर एक लड़की भी पसंद कर ली.
लड़की मेरी अम्मी की बुआ की बेटी थी, जो मुझसे लगभग तीन साल बड़ी थी.
उसका निकाह नहीं हो पा रहा था क्योंकि वह काली थी, पर उसका फिगर अच्छा था.
अम्मी ने उससे मेरे दूसरे निकाह की बात चलाई.
कोई लड़का ना मिलने के कारण उसके घर वाले भी इस निकाह को मान गए.
हमारा निकाह हो गया और सुहागरात में मुझे एक सील पैक चूत चोदने को मिली.
मैंने उसकी इतनी जोरदार चुदाई की कि कमरे से बाहर तक उसकी आवाज़ें निकलने लगीं.
सुबह अम्मी और आलिया ने उसकी सूजी हुई चूत पर क्रीम लगाई.
फिर हम हनीमून के लिए मनाली गए.
वहां मैंने उसकी सील पैक गांड को भी अच्छे से बजाया.
कुछ ही महीनों में मैंने उसके बदन को एकदम भरा हुआ बना दिया.
उसके बूब्स, जो पहले 28 के थे, उन्हें 34 कर दिया और उसकी गांड, जो पहले पतली और अन्दर थी, उसे चोद-चोदकर बड़ा और उभरा हुआ कर दिया.
हमने चार साल तक अपने निकाह के मज़े लिए बिना बच्चे की प्लानिंग किए.
उसके बाद जब मुझे लगा कि अब चुदाई बहुत हो गई है, तो उसके कहने पर हमने बच्चा प्लान किया और वह पेट से हो गई.
उसने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया.
इस बीच मेरी अपनी सास से कुछ ज़्यादा नज़दीकियां बढ़ गई थीं तो हम दोनों हमबिस्तर हो गए थे.
मैंने इस बारे में अम्मी और आलिया को बताया.
उनकी सलाह पर मैंने सास से रिश्ता लंबा समय तक नहीं चलने दिया.
हम सिर्फ़ चार महीने तक ही एक साथ सोए थे, वह भी इसलिए क्योंकि इस बीच मेरे ससुर का इंतकाल हो गया था और मेरी बीवी पेट से थी.
मैं अपनी सास को संभालने के लिए उनके घर कुछ दिन रुका हुआ था.
तभी हम दोनों नज़दीक आ गए.
फिर जब हमें समझ आया कि यह सही नहीं है, तो हमने एक-दूसरे को संभाला और चुदाई का खेल खत्म कर दिया.
तो यह थी मेरी पूरी ज़िंदगी की चुदाई की कहानी.
आपको यह कैसी लगी, मुझे मेल करें.
पूरी डिटेल में घर चुदाई की स्टोरी जाननी हो, तो आप मुझे मेल कर सकते हैं.
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