Dost Ladki Sex Kahani – बगल की खुशबू और चुदाई का मजा


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Story Start Here :

दोस्त लड़की सेक्स कहानी में एक लड़की मेरी दोस्त थी. हम काफी समय साथ बिताते थे. एक बार उसने स्लीवलेस शर्ट पहनी थी. मुझे उसकी नंगी बगलों ने गर्म कर दिया.

मेरा नाम आशु है.

मैं मध्य प्रदेश के विदिशा का रहने वाला हूँ.

यह दोस्त लड़की सेक्स कहानी मेरी एक फ्रेंड की है जिसका नाम नेहा है.
नेहा मेरी बहुत अच्छी दोस्त है.

हम दोनों स्कूल के दोस्त हैं.
मैं उसे कहीं न कहीं पसंद भी करता हूँ, पर यह बात उसे नहीं पता.

मैं दिल ही दिल में उसे चाहता भी हूँ.
मैंने नेहा को कभी भी गलत नजरिए से नहीं देखा, न ही मेरे दिल में कभी कोई गंदा ख्याल आया.

हम साथ रहते थे, खाते-पीते, उठते-बैठते, पर मेरे मन में कभी भी उसके लिए गंदा ख्याल नहीं आया.

मेरी उम्र 22 साल है और नेहा की 19 साल है.
नेहा दिखने में बहुत ज्यादा गोरी है … बिल्कुल सफ़ेद और वह चिकनी भी है.

फिर यह 3 जून 2019 की बात है, दोपहर का समय था. गर्मियों के दिन थे.

हम दोनों लेटे हुए थे, सामान्य रूप से बातें हो रही थीं.
नेहा मेरे पास लेटी हुई थी.

उसने गर्मी की वजह से स्लीवलेस टॉप पहना हुआ था.

मैं उसकी बाईं तरफ था और वह दाईं तरफ लेटी थी.
उसने एक हाथ उठाकर अपने सिर के नीचे रखा हुआ था.

उसकी महकती हुई बगल बिल्कुल मेरे नजदीक थी, साफ दिख रही थी.

पसीने में हल्की-हल्की भीगी हुई सी थी, उसमें से भीनी भीनी सी महक आ रही थी.
उफ्फ्फ … मैंने अपना मुँह उसकी बगल से छू दिया.

आह्ह … क्या मादक महक थी उसकी!
उसे गुदगुदी हुई तो वह उठ गई और हंसने लगी.

वह बोली- ये क्या कर रहा है?
मैंने कहा- अरे यार मेरा मुँह गलती से लग गया!

वह कुछ नहीं बोली.
जबकि उस वक्त मेरा मन तो कर रहा था कि उसकी बगल में अपना लंड डाल दूँ. उसकी बगल की गंध बहुत गजब की थी.
अब मैं बार-बार बहाने से उसकी बगल के पास मुँह ले जाता.

एक बार मुँह लग जाने के बाद भी वह मुझसे दूर नहीं हुई थी.
अभी भी उसकी बगल मेरे मुँह के पास थी.

मुझे उसकी बगल से ऐसी मादक महक आ रही थी जैसे पसीने और परफ्यूम की मिक्स जैसी गंध आ रही थी.

आह्ह्ह … मेरा मन मचलने लगा था.

वह मेरे साथ बातों में खोई हुई थी और बोलती ही जा रही थी, कुछ न कुछ सुनाती जा रही थी.

मैं उसकी बातों को सुनकर बस ‘हुं हां’ कर रहा था.

उसे खबर भी नहीं थी कि मुझे उसकी बगल की गंध से कितना मजा आ रहा था.
उसकी गंध से मेरा खड़ा होने वाला था.

मन कर रहा था कि मैं उसकी बगल को चाट लूँ, नेहा से लिपट जाऊं.
मगर मैंने उस दिन बहुत कंट्रोल किया.

उस दिन के बाद से मुझे नेहा की बगल का नशा चढ़ गया.
मैं हमेशा उसकी बगल देखता रहता था.
उसके स्लीवलेस टॉप पहनने का मैं बेसब्री से इंतज़ार भी करता था.

जब भी वह मेरे करीब होती तो मैं उसके पास जाकर उसकी बॉडी की गंध लेने लगता था.

अब बस मुझे उसकी बगल चाटने और उससे सेक्स करने का भूत सवार होने लगा था.
पर समझ नहीं आ रहा था कि कैसे करूँ, कहां करूँ, कब करूँ.

जब-जब मैं उसकी बगल देखता, उसके पास जाता, उसकी बगल की गंध ही मुझे आती.
मैं उसे अपने बिस्तर में नंगी इमैजिन करने लगता और लंड की मां चोद लेता.

जब तक लौड़े से फच फच करके पानी नहीं निकल जाता तब तक चैन ही नहीं मिलता था.

फिर एक दिन मैं उसके घर गया. घर पर सिर्फ उसकी मम्मी थीं.
आंटी की उम्र 42 साल रही होगी.

उस दिन वे भी स्लीवलेस पहने हुए थीं और कुछ काम कर रही थीं.
मैंने आंटी को नमस्ते किया और बाहर बैठकर उन्हें देखता रहा.

मैंने उनकी बगलें भी देखीं, उनके दूध भी बहुत मस्त थे.
लेकिन मुझे तो नेहा की बगल चाटनी थी.

मैंने उनसे नेहा के बारे में पूछा.
उन्होंने कहा- वह अपने रूम में होगी.

मैं रूम में गया तो वह सो रही थी.

मेरा दिल तो कर रहा था कि ऊपर जाकर लेट जाऊं, उसकी शर्ट के ऊपर से ही अपना लंड टिका कर साली को रगड़ दूँ. लेकिन मैंने नॉक किया.
वह नहीं उठी.

दोबारा नॉक किया, फिर भी नहीं उठी.

फिर मैंने पास जाकर उसे देखा, निहारता रहा.
वह शॉर्ट्स पहने हुए थी, ऊपर हाफ बनियान थी.

उसे देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा.
मैं धीरे-धीरे उसके पास गया.

पहले मैंने उसकी बॉडी की स्मेल ली.
उसके जिस्म से क्या मस्त खुशबू आ रही थी.

फिर मैंने धीरे से उसका हाथ ऊपर उठाया और उसकी बगल देखी.
मस्त बगल थी.

हल्के-हल्के से बाल आने शुरू हो रहे थे.
जब मैंने उसे सूंघा, तो मेरा लंड एकदम से तन गया.

उफ्फ … मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ.
मैंने जीभ निकाली और चाटना शुरू कर दिया.

मैं उसके ऊपर लेट गया और बहुत बुरी तरह से चाटने लगा.

तभी उसकी आंखें खुल गईं.
वह खुद को छुड़वाने की कोशिश करने लगी.

वह बोली- ये क्या कर रहे हो तुम आशु … पागल हो गये हो क्या?

मैंने उसकी एक ना सुनी और लगातार चाटता रहा.
इससे हुआ यह कि वह भी मादक सिसकारियां भरने लगी- आअहह चाट लो प्लीज आशु आ ह आह!

शायद वह भी गर्माने लगी थी इसलिए उसे भी मज़ा आने लगा था.

मैंने उसकी ब्रा हटाई और उसके बूब्स को दबाने लगा.
एकदम कम उम्र की लड़की जैसे छोटे-छोटे कच्चे बूब्स थे … उफ़्फ़.

फिर मैंने उसके मुँह में अपना लंड डाला.
क्या गर्म-गर्म था उसका मुँह … आह.
वह लंड चूसने लगी.
मुझे बहुत मज़ा आने लगा था.

मुझे उसके मुँह में लंड डाल कर मानो स्वर्ग का सुख मिल रहा था.

कुछ ही देर में मेरे लंड से उसके मुँह में ही पानी निकल गया और वह बिना कुछ कहे माल पी गई.

मैं झड़ जरूर गया था पर अभी बहुत कुछ बाकी था.
एक हाथ से मैंने उसकी चूत को सहलाना शुरू किया.
उसकी चूत पर बाल भी नहीं थे, पर वह गीली हो चुकी थी.

उसका पानी बहुत ज्यादा चिपचिपा सा हो रहा था.
मैंने उसके पानी को टेस्ट किया, नमकीन सा, बहुत मस्त था.

उसके पानी की स्मेल ली, फिर मैंने उसे भी उसकी बुर का पानी चटाया.
उसे भी अपना पानी चाटकर मज़ा आया.
सच में बड़ा ही मस्त था उसकी चूत का पानी.

फिर मैंने उसकी चूत को चाटा.
अहह … क्या मस्त टेस्ट था उसकी चूत का!

वह अपनी टांगों को पूरी तरह से फैला कर मेरे सर को अपनी टांगों में घुसेड़ लेने की कोशिश करने लगी थी.

यह देख कर मैं भी बिंदास हो गया था और अपनी पूरी जीभ उसकी बुर के अन्दर डाल कर रगड़ने लगा था.

वह मेरे सर को अपनी टांगों में जकड़ कर मुझे अपनी चूत की तरफ खींचती हुई चुत पर ऐसे दबाने लगी, मानो मुझे सर के बल अपनी चुत में ही घुसेड़ लेगी.

उस वक्त उसे भी बहुत ज्यादा मज़ा आने लगा था.
चूंकि उसकी चूत की महक और स्वाद दोनों ही गज़ब के थे तो मैं भी लगा रहा.

कुछ ही देर में वह चुदने को पूरी तरह से तैयार थी.
लेकिन मुझे उसकी बगल को चूमना था.

हालांकि यह एक लंडपने जैसी बात थी कि लड़की चुदने को तैयार थी और मुझे उसकी बगलों को चाटने और चूमने का जुनून सवार था!
खैर … मैंने उसके हाथ ऊपर किए और अपने लंड को उसकी एक बगल में डाल कर ऐसे रगड़ने लगा, जैसे चूत को लंड से चोदते हैं.

उसे मेरी यह हरकत कम समझ में आई लेकिन वह मेरे लौड़े की गर्मी का अहसास अपने मम्मे के बाजू से करने लगी थी.

मैं भी अपने कड़क लंड को उसकी बगल में फंसा कर धक्के देने लगा.
सच में उसकी कांख बहुत गर्म थी.

अब उसको भी बहुत मज़ा आने लगा था और यह तो आप भी जानते हैं कि जब दर्द नहीं होता है तो लड़की को लौड़े से रगड़वाने में कितना ज्यादा मजा आता है.

कुछ देर बाद वह अपने मुँह से बोली- अबे यार, उधर तुझे कौन सा छेद मिल गया है, जो तू उधर लौड़े को घिस रहा है. नीचे आ ना और मेरी चुत फाड़ दे!

मैंने यह सुना तो उसकी चूत में लंड लगाने लगा और जरा देर फांक में सुपारा घिसा और अन्दर डालने लगा.

वह कमसिन उम्र की वर्जिन लड़की थी.
लंड ने चुत में घुसने से लगभग इंकार ही कर दिया था.

वह मेरी बेबसी पर हंस रही थी.
मैंने उससे कहा- तुमको अभी हंसी आ रही है, लेकिन जब अन्दर घुसेगा तब तुम्हें पता चलेगा कि लंड का मजा क्या होता है!

मैं उससे यह भी नहीं कह पा रहा था कि तुमको बहुत दर्द होगा.
यदि मैं ऐसा कहता तो शायद वह डर जाती और चुदने से मना करने लगती.

उसने मासूम सी आवाज में पूछा- क्या हुआ? अन्दर क्यों नहीं जा रहा है?
मैंने उससे कहा- चिकनाहट जरूरी है!

वह बोली- तो लाओ, मैं फिर से चूस देती हूँ!
मैंने ओके कहा और उसके मुँह में लंड देकर चुसवाने लगा.

वह अपने गले के अंतिम छोर तक मेरे लौड़े को ले रही थी और मुझे कामुक नजरों से देखती भी जा रही थी.
मेरे चेहरे पर उत्तेजना के भाव थे और मेरा चेहरा तमतमाया हुआ था.

तभी उसने मेरे लौड़े के नीचे लटक रहे एक टट्टे को अपने हाथ में लेकर सहलाया और हल्का सा दबा दिया.
मेरी आह और कराह निकल गई.

फिर वह बोली- अब चोदो.
मैंने फिर से पोजीशन सैट की और लौड़े को चुत के छेद में फिक्स कर दिया.

काफी मशक्कत के बाद और बहुत मुश्किल से उसकी चूत में मेरा लंड घुस सका.

मेरे लंड पर उसके मुँह का ही थूक लगा हुआ ही था और साथ ही मैंने उसकी चूत का चिकना पानी भी लगा लिया था.

काफी देर बाद मेरे लंड का सुपारा ही उसकी बुर के अन्दर जा सका था.

उसकी चूत बहुत ही ज्यादा गर्म-गर्म सी थी.
जैसे ही मैंने और अन्दर डाला, वह चीखने लगी- आहह … प्लीज़ इसे निकालो … आहह … अहह!

मैं रुक गया और उसे सहलाने लगा और धीरे धीरे कोशिश करने लगा कि मेरा लंड उसकी चुत में धीरे धीरे ही सही अन्दर चला जाए.

हुआ भी यही.
उसकी चुत चिर कर फैल गई थी और लंड अन्दर चला गया था.

मैं उसे प्यार से चोदने लगा.
कुछ देर उसे दर्द हुआ, फिर थोड़ी देर बाद उसे वह दर्द मीठा लगने लगा.
अब वह दोस्त लड़की सेक्स को एंजॉय करने लगी.

फिर जब मैं झड़ने वाला हुआ तो मैंने खुद ही अपने लंड को चुत से बाहर खींच कर सारा पानी उसकी कांख में गिरा दिया.
वह हंस रही थी और मस्त नजरों से मुझे देख रही थी.

चुदवाने के बाद वह जब मुझसे आई लव यू बोली … तब मुझे इस बात अहसास हुआ कि वह भी मुझे चाहती थी.

दोस्तो, तब से लेकर आज तक मैं उसे खूब चोद रहा हूँ मगर चुदाई से पहले मुझे उसकी बगलों का रस चूसना बहुत पसंद है और वह भी अलग अलग किस्म की खुशबू लगा कर मुझसे अपनी बगल चटवाती है.

सच में मुझे बगल चाटने का न/शा ज्यादा है.

दोस्तो, मेरी दोस्त लड़की सेक्स कहानी कैसी लगी?
प्लीज जरूर बताएं.
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