Bad Sis Porn Kahani – चुदासी भाभी और बहन की चुदाई


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Story Start Here :

बैड सिस पोर्न कहानी में एक रात मैंने भाभी को चूत में खीरा लेती देखा. मेरा मन भाभी की चूत पेलने का हो गया. मैं मुठ मार के सो गया. अगली सुबह मेरी बहन ने मेरा लंड देखा.

हाय, मेरा नाम बल्ली है और मैं नागपुर का रहने वाला हूं.
मेरी उम्र 22 साल है और मेरी हाईट 5 फुट 9 इंच की है.
मेरा लौड़ा साढ़े सात इंच का है.
मेरा रंग सांवला है. शरीर कसरती है.

मेरे घर मैं हम पांच लोग हैं.
मां, भाई-भाभी, मैं और मेरी बहन.

मेरे भाई बाहर काम के लिए गए हैं, वे कभी कभी ही घर आ पाते हैं.

अब घर पर हम चार लोग ही रहते हैं.

यह बैड सिस पोर्न कहानी मेरी भाभी और बहन की है.

मेरी भाभी का नाम मीना है.
उनकी हाइट 5 फुट 5 इंच है. वे एकदम गोरी हैं और उनका फिगर 34-30-36 का है.
उन्हें देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए, वे ऐसी माल दिखती हैं.

मेरी बहन का नाम रितु है.
वह कॉलेज जाती है और माँ घर पर रहती हैं. यही मेरा परिवार है.

एक दिन की बात है. रात का समय था. हम सबने खाना खाया और सोने चले गए.

करीब दो बजे मेरी नींद खुली, तो मैं बाथरूम चला गया.
सब लोग सो रहे थे.

बाथरूम से वापस आने लगा, तभी मुझे भाभी के कमरे से कुछ आवाजें सुनाई दीं.
मैंने भाभी के कमरे में झाँका, तो मैं दंग रह गया!

रितु कमरे में नहीं थी और भाभी ब्रा में लेटी हुई थीं.
उनकी साड़ी पेट के ऊपर थी.

भाभी का एक हाथ उनके एक निप्पल को निचोड़ रहा था और उनके दूसरे हाथ में एक खीरा था, जो करीब 4 से 5 इंच का होगा.
भाभी उसे अपनी चूत पर रगड़ रही थीं.

ये सब देखकर मेरा लंड खड़ा हो चुका था.
मेरा मन तो कर रहा था कि अभी अन्दर चला जाऊं और भाभी के सामने लंड खोलकर खड़ा हो जाऊं; उनसे बोलूँ कि भाभी जी … खीरा क्या ले रही हैं, मेरा लंड अपनी चुत में ले लो.
पर मेरी हिम्मत ही नहीं हुई.

कुछ देर देखने के बाद रितु कमरे में आ गई और भाभी ने खुद को सही कर लिया.

मैं अपने कमरे में चला गया.

उस रात मैंने दो बार मुठ मारी, फिर भी लंड शांत नहीं हुआ.
भाभी की नंगी चूत मेरी नजरों के सामने घूम रही थी.

कुछ देर बाद मैं सो गया.

अगले दिन सुबह हुई और रितु मुझे उठाने आई.

रात को हुए उस वाकिये की वजह से मैं चड्डी में ही सोया था.

जब रितु चाय देने आई, तो मेरा लंड खड़ा था.

रितु ने उसे देख लिया.
पर वह कुछ बोले बिना ही चली गई.

मैं उठा और हाथ-मुँह धोकर तैयार हो गया.

जब मैं बाहर आया, तभी मेरी चाची का फोन आया.
उन्होंने माँ को उनके घर बुलाया था.

मैंने ये बात माँ को बताई.
माँ बोलीं- अरे चाचा बाहर जा रहे हैं कुछ काम से, इसीलिए चाची चाहती हैं कि मैं कुछ दिन वहां रहूँ!

मैंने कहा- तो चली जाओ न, हम लोग हैं ना यहां!

भाभी बोलीं- हां मम्मी आप चली जाओ. आपका भी मन लग जाएगा वहां.
माँ बोलीं- ठीक है बेटा, मुझे उनके घर छोड़ दे.

हम लोगों ने खाना खाया और उसके बाद हम दोनों माँ-बेटे चाची के घर के लिए निकल पड़े.

शाम सवा पांच बजे मैंने मां और चाची से कहा- अब चलता हूँ. चाची आपको कोई काम हो, तो मुझे फोन कर दीजिएगा.

चाची बोलीं- तू आज के दिन यहीं रुक जा … कल चले जाना.
माँ बोलीं- नहीं उसे जाने दे, मीना और रितु घर पर अकेली हैं.
चाची ने कहा- ओके बेटा, आराम से जाना.

करीब 8:45 बजे मैं घर पहुंचा.

घर पहुंचते ही मैंने देखा कि कोई नहीं है.
मैं भाभी और रितु को ढूँढने लगा.

तभी भाभी के कमरे से हँसने की आवाज सुनाई दी.
मैंने झाँका तो देखा कि रितु भाभी को कुछ बता रही थी.

ध्यान से सुना, तो वे दोनों मेरी ही बात कर रही थीं.

रितु बोली- भाभी पता है … जब मैं बल्ली को चाय देने गई, तो मैंने उसके लौड़े को एकदम कड़क देखा … भाभी सच कह रही हूँ … क्या लंड है उसका. आपने सही कहा था!
भाभी बोलीं- मैंने बोला था ना तुझे … उसका खड़ा लंड देखते ही तुझे उसे अपनी चूत में लेने का मन करेगा.

ये सब सुनकर मैं बहुत चकित रह गया कि रितु और भाभी ने मेरा लंड देखा है. उनके मन में मेरे लंड के लिए कामना है.

अब मैं और ध्यान से उन दोनों की बातों को सुनने लगा.

रितु बोली- पर भाभी … आपने बल्ली का लंड कब देखा था?
भाभी बोलीं- अरी पागल, एक दिन रात को मैं बाथरूम से वापस आ रही थी. उसके कमरे की लाइट जल रही थी. मैंने सोचा कि बल्ली सोया होगा, तो उसे बोल दूँ कि लाइट बंद कर ले … पर दरवाजा खोला, तो देखकर पागल हो गई थी! वह अपने लौड़े को हिला रहा था. उसका लंड देखते ही मैं हैरान हो गई थी.

रितु बोली- अरे हां भाभी, उसका लंड लेने की कुछ जुगाड़ करो ना. अपनी चुत में खीरा डाल डाल कर तो मैं थक चुकी हूँ. मुझे भाई का लंड दिला दो ना … प्लीज़ भाभी उसे सैट करो न!

मैं यह सोच कर मस्त हो रहा था कि रितु को मेरा लंड चाहिए.

उसके मुँह से ये सब सुनकर मैं बहुत खुश हुआ और सोचने लगा कि अब दोनों की चूत मिलेगी.

तभी भाभी बोलीं- अरे लंड की ज़रूरत तुझे ही नहीं … मुझे भी है! तेरे भाई के जैसा दमदार लंड मिले, तो मैं उससे रोज़ चुदवाऊं! रुक जा मैं आज रात को कुछ करती हूँ!
रितु बोली- उस दिन जैसे मत करना, नहीं तो आप यहां खीरा डालोगी और वह वहां मुठ मारेगा!

भाभी हंसती हुई बोलीं- ओके मेरी बन्नो! आज तेरी चूत की चुदाई करवा कर ही रहूँगी … आने तो दे उसे!

ये सब सुनकर मैं बहुत खुश हुआ और सोचने लगा कि अब रात कब होगी!

मैं बाहर गया और वापस आकर आवाज़ देने लगा- भाभी, रितु … कहां हो आप लोग?

वे दोनों ही मेरी आवाज सुनकर बाहर आ गईं.

मैं रितु को बड़ी ही सेक्सी नज़रों से देखने लगा.
आज तक मैंने कभी भी रितु को इस तरह नहीं देखा था.

भाभी बोलीं- आ गए देवर जी!
मेरे मुँह से निकलने ही वाला था- हां मेरी जान, आ गया तुम्हें चोदने!
पर मैंने खुद को रोका और बोला- हां भाभी जी, आ गया.

भाभी बोलीं- जाओ आप हाथ-मुँह धोकर तैयार हो जाओ … मैं खाना लगाती हूँ!

मुझे समझ आया कि चोदने के लिए तैयार हो जाओ जब तक हम दोनों नंगी होती हैं.

मैंने काम वासना से उन्हें देखा और हाथ-मुँह धोने चला गया.
वापस आकर हम तीनों ने साथ में खाना खाया.

कुछ देर तक हम सब टीवी देखते रहे.
रात के करीब 11:30 बजे का समय हो गया था.

रितु बोली- चलो भाभी अब सो जाते हैं!
भाभी ने कहा- हां चलो देवर जी, आज आप भी हमारे साथ ही सो जाओ.

मैं समझ गया कि आज मेरी तो चाँदी ही चाँदी है.
मैंने तुरंत हां कर दी.

अब हम सब सोने चले गए, पर मुझे नींद नहीं आ रही थी.
मैं यही सोच रहा था कि रितु और भाभी आज क्या करेंगी.

सोचते-सोचते रात को एक बजे का समय हो गया.

अचानक मुझे महसूस हुआ कि एक हाथ मेरी जांघों पर आ गया था और मुझे सहला रहा था.
मैंने कुछ नहीं कहा, क्योंकि मुझे पता था कि अब समय आ चुका है और चुदाई का खेल शुरू होने वाला है.

मैं सोने का नाटक करने लगा.

कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि अब कोई मेरी चड्डी में हाथ डाल रहा है.
मुझसे रहा नहीं गया और मैंने वह हाथ पकड़ लिया.
देखा तो वह रितु का हाथ था.

मैंने रितु को देखा तो वह डरकर रोने लगी और बोली- माफ कर दो!
मैंने तुरंत कहा- रोती क्यों है पगली … ये लंड तेरा ही तो है!

रितु ने चहकते हुए कहा- चलो भाभी … उठो … अब भैया मान गए हैं.

भाभी झट से उठीं और बोलीं- ले बन्नो … मिल गया तेरा लंड तुझे!
मैंने हँसते हुए कहा- क्यों भाभी क्या आपको नहीं चाहिए मेरा लवड़ा?

भाभी बोलीं- क्यों नहीं राजा … मैं तो मरी जा रही हूँ आपके इस मूसल लौड़े के लिए!

तभी रितु ने झट से अपनी टी-शर्ट उतारी और भाभी मेरे पास आकर मेरी शर्ट उतारने लगीं.

तब तक रितु पूरी नंगी हो चुकी थी और बोली- लो जल्दी से डाल दो अपना लंड मेरी चूत में!

भाभी ने कहा- अरे बाबा … थोड़ा तो सब्र कर ले … चुत है कोई ओखली थोड़ी है कि एकदम से पिलवा लोगी लंड!

अब तक भाभी ने मेरे सारे कपड़े उतार कर मुझे भी नंगा कर दिया था.

अब रितु मेरे पास आई और मेरे लौड़े से खेलने लगी.
मैं भी उसे खेलने दे रहा था.

उधर भाभी भी नंगी हो गईं. अब हम तीनों पूरी तरह नंगे थे.

भाभी को देखकर मेरे लौड़े पर कोई काबू नहीं था.
वह इतना टाइट हो चुका था कि क्या बताऊं.

तभी भाभी ने मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया और उसे चूसना शुरू कर दिया.

उधर रितु और मैं एक-दूसरे को किस कर रहे थे.
थोड़ी देर बाद भाभी बोलीं- चल मेरी बन्नो … ये लो चूसो इसे!

भाभी की बात सुनकर रितु भी जोश में आ गईं और वह मेरा लंड अपने मुँह में लेकर बड़े प्यार से चूसने लगी.
उधर भाभी ने मुझे किस करने को कहा.

मेरे होंठों में भाभी के गुलाबी रस भरे होंठ समा गए.
दस मिनट बाद भाभी बेड पर अपनी टाँगें फैलाकर लेट गईं और अपने हाथ पर थूक लगाकर अपनी चूत पर रगड़ती हुई मुझसे बोलीं- अबे साले बहनचोद, आ जा भोसड़ी के … अपना मोटा लौड़ा डाल दे मेरी चूत में … आआह.

वे कामुक सिसकारियां लेने लगीं.

मैंने भी ना आव देखा ना ताव, भाभी पर चढ़ गया, अपने लंड को भाभी की गुलाबी चूत पर सैट किया और एक ही झटके में आधा लंड उनकी चूत में घुसेड़ दिया.

भाभी चिल्ला उठीं- आआह बहन के लौड़े … आराम से डाल ना … मैं कहीं भागी जा रही हूँ क्या?
तभी मेरी बैड सिस रितु भाभी को किस करने लगी और मैं उतनी ही देर लंड अन्दर-बाहर करने लगा.

अब भाभी मस्त हो गईं और बोलीं- और अन्दर तक डाल ना चूत के लौड़े! आह मस्त लंड है तेरा आह चोद हरामी!

उनके मुँह से ऐसे गर्म शब्द सुनकर मैं और उत्तेजित हो गया.
मैंने अपना पूरा साढ़े सात इंच का लंड भाभी की चूत में पेल दिया.

भाभी चीख उठीं- आआह मेरी जान और जोर से डाल … साले कितनी अन्दर तक घुसेड़ दिया है आह!
वे चिल्लाती रहीं ‘आआह ऊऊऊ उम्म’ और मैं उन्हें चोदता रहा.

करीब आठ दस मिनट बाद रितु बोली- भाभी … मुझे भी इसका लंड अपनी चूत में लेने दो ना!

तब भाभी ने मुझे रोका और रितु को मेरे नीचे लिटा दिया.
मैं उसके ऊपर चढ़ने ही वाला था कि भाभी ने मुझे रोक दिया.

रितु की चूत टाइट होने की वजह से भाभी ने पहले उसे चूसा ताकि वह गर्म व चिकनी हो जाए.
चाटने से रितु की चूत से पानी निकलने गया और वह चुदासी हो गई.

उधर मैंने भी अपनी बहन रितु के दोनों निप्पलों को मस्ती से चूसा.

अब रितु पूरी तरह गर्म हो चुकी थी और चुदने के लिए गर्म गर्म सिसकारियां लेने लगी थीं.

वह कामुक आवाज़ें निकालने लगी थी- आआ आउईई ईई मा आआह अब चोदो न मुझे … आह मेरी चुत में लंड पेलो न भाई आह!

भाभी बोलीं- सुनिए देवर जी, अब चलाइए आप अपना लौड़ा अपनी बहन की बुर में.
मैंने लंड को बहन की चुत के छेद में सैट किया और डाल दिया.

मुझे उसकी टाइट चुत में लंड पेलने में इतना ज्यादा मज़ा आने लगा कि क्या ही बताऊं.
कुछ देर की दर्द और कसक भरी आवाजों के बाद उसने लंड झेल लिया.

अब मेरी बहन रितु ने मेरा साढ़े सात इंच का लंड अपनी चुत की जड़ तक ले लिया, पर वह चिल्लाई नहीं.
तब भाभी ने पूछा- क्या तुझे दर्द नहीं हुआ?

मेरी बैड सिस ने पोर्न मजा लेते हुए कहा- आआह भाभी … दर्द का नाम भी नहीं हुआ … मुझे तो भाई के लौड़े से चुदवाने में बड़ा मज़ा आने लगा है.
भाभी हैरत से रितु को देखने लगीं और बोलीं- साली खीरा से चुत को चुदवा कर भोसड़ा बनवा लिया है तूने … तभी तो तुझे दर्द नहीं हुआ!

मेरी पोर्न बहन हंसने लगी.

कुछ देर चुदाई के बाद रितु झड़ गई और मैं भी झड़ गया.
पर अभी भाभी नहीं झड़ी थीं.

अब भाभी ने मेरे लौड़े को चूसा और खड़ा करके बोलीं- चल जल्दी से मेरी चुत का काम भी उठा दे.

मैंने भाभी के मम्मों को चूसा और उनकी चुत में लंड पेल कर उनकी चुत का भोसड़ा बनाना शुरू कर दिया.

कुछ समय बाद भाभी भी झड़ गईं और मेरे प्यासे लौड़े ने पुनः अपनी बहन की चुत में घुस कर चुदाई का घमासान मचाना शुरू कर दिया.

इस तरह से मुझे अपनी बहन और भाभी की चुत से प्यार मिलना शुरू हो गया.

इसके बाद मैंने उन दोनों की गांड भी मारी … वह सब कैसे हुआ?
इस बैड सिस पोर्न कहानी पर आपके कमेंट्स अच्छे मिले तो आगे की सेक्स कहानी जरूर लिखूँगा.
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