Xxx Anal Fuck Story – पहले प्यार की पहली चुदाई


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Story Start Here :

Xxx एनल फक स्टोरी में अपनी कमसिन गर्लफ्रेंड की सीलबंद चूत का मजा लेने के बाद मेरी नजर उसकी गुलाबी गांड पर थी. मैंने उसे गांड मरवाने को राजी किया और …

हैलो फ्रेंड्स, मैं मनीष एक बार पुनः अपनी सेक्स कहानी का अगला भाग लेकर हाजिर हूँ.
कहानी के चौथे भाग
हॉट गर्लफ्रेंड की जोरदार चुदाई
में आप अब तक पढ़ चुके थे कि नेहा मेरे साथ सेक्स कर रही थी और मुझे उसकी गांड का छेद खुलता बंद होता बड़ा ही मोहक लग रहा था.

अब आगे Xxx एनल फक स्टोरी:

मैंने अपने अंगूठे पर थूक लगाया और फिर उस खुलते बंद होते छेद पर मसलने लगा.
मैंने दूसरे हाथ से नीचे उसकी चूत का दाना भी मसलना चालू रखा.
वह जोर जोर से अपने नितम्बों को हिलाने लगी थी.

मुझे लगा वह फिर से झड़ने वाली है.
तो मैंने अपना अंगूठा उसकी गांड के नर्म छेद में डाल दिया.

मेरा आधा अंगूठा अन्दर चला गया, उस के साथ ही नेहा की किलकारी गूँज गई ‘ऊईईई … मां … ओये … ओह … रुको …!’

उसने मेरी कलाई पकड़ कर मेरा हाथ हटाने की कोशिश की, पर मैंने अपने अंगूठे को दो तीन बार अन्दर बाहर कर ही दिया … साथ में उसके दाने को भी मसलता रहा.

उसके साथ ही मुझे लगा मेरे लंड के चारों ओर चिकना लिसलिसा सा द्रव्य लग गया है.
एक तेज सीत्कार के साथ नेहा धड़ाम से नीचे गिर पड़ी और मैं भी उसके ऊपर ही गिर पड़ा.

उसकी सांसें बहुत तेज़ चल रही थीं और उसका शरीर कुछ झटके से खा रहा था.

मैं कुछ देर उसके ऊपर ही लेटा रहा.

मेरा पानी अभी नहीं निकला था. मैंने फिर से एक धक्का लगाया.

नेहा- ओह … अब बस करो … आह … और नहीं … बस!
मैं- मेरी जान अभी मेरा नहीं हुआ!

नेहा- पर मेरी तो हालत खराब हो गई है … आह!
वह कसमसाने सी लगी.

ऐसा करने से मेरा लंड फिसल कर बाहर आ गया और उसी वक्त वह पलट कर सीधी हो गई.

मैंने उलाहना देते हुए कहा- इस बार तुमने मुझे कच्चा भुना छोड़ दिया!
नेहा- नहीं बस अब और नहीं … मैं बहुत थक गई हूँ … आपने तो मेरी हड्डियां ही चटका दी हैं.

मैं- मेरे लंड का तो कुछ इलाज करो!
नेहा- लाओ मैं हाथ से कर देती हूं बेबी.

वह मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी.
मैं- नहीं मेरी जान तुम्हारे पास एक और छेद है … उसी से होगा मेरे लंड का इलाज!
नेहा- ना बाबा ना … मैं बिल्कुल नहीं ले पाऊंगी वहां!

मैंने उसके माथे को चूमा और दूध सहलाने लगा, उसको गांड मरवाने के लिए मनाने लगा.

दस मिनट ना ना करने के बाद वह मान गई.

नेहा- अच्छा मगर आपका लंड बहुत मोटा और बड़ा है … ये मेरी गांड में कैसे जाएगा बाबू … मुझे बहुत दर्द होगा.
मैं- अरे जान कुछ नहीं होगा … जब यह चूत में चला गया तो गांड में क्यों नहीं जाएगा! बल्कि चूत में तो सील टूटी इसलिए इतना दर्द हुआ, गांड में ऐसा कुछ नहीं है. हां दर्द होगा, मगर उतना नहीं.

नेहा ने मेरी बातों से सहमत होते हुए मेरे लौड़े को हाथ से पकड़ कर देखा- देखो रात को ये इतना फूला हुआ नहीं था … अभी तो बहुत मोटा लग रहा है!
मैंने कहा- यह तुम्हारा वहम है!

नेहा- ओके, तो पहले मैं आपके लौड़े को चूस कर गीला कर दूँ ताकि आराम से अन्दर चला जाए.

मैं- अरे नहीं थूक से काम नहीं चलेगा मेरी जान … गांड में लौड़ा ऐसे नहीं जाता. तेरी गांड तो में तेल को लौड़े पर लगा कर मारूँगा. बस तुम 2 मिनट रुको, मैं अभी लाया.

मैंने एक प्याली में थोड़ा सा तेल लिया और कमरे में ले आया.

मैं- अब सही पोज़ में आ जाओ … मुझसे सब्र नहीं हो रहा है. तेरी मक्खन जैसी गांड मुझे पागल बना रही है.
नेहा घुटनों के बल आकर घोड़ी बन गई.

मैं- हां बस ऐसे ही रहना जानेमन. आज तेरी गांड में लौड़ा घुसा कर मैं धन्य हो जाऊंगा.

मैंने उंगली तेल में लिया और नेहा की गांड के सुराख पर रख कर धीरे-धीरे उसमें घुसाने लगा.

नेहा- आ आ आह्ह … आईईइ आह्ह … आराम से … कुंवारी गांड है मेरी!

मैं- अरे रानी अभी तो उंगली से तेल तेरी गांड में भर रहा हूँ ताकि लौड़ा आराम से अन्दर चला जाए.

नेहा- उंगली से ही हल्का दर्द हो रहा है … लौड़ा डालोगे तो मेरी जान ही निकल जाएगी.

मैं उसकी बात को अनसुना करते हुए उंगली से गांड को चोदने लगा.
उसको मज़ा देने के लिए दूसरे हाथ से उसकी चूत में भी उंगली करने लगा.

अब नेहा को बड़ा मज़ा आ रहा था और वह कह रही थी- आह्ह … अई आह आह … सनसनी भी हो रही है और मज़ा भी आ रहा है!

मैंने कुछ ही देर में काफी ज्यादा मात्रा में तेल को नेहा की गांड में अच्छे से लगा दिया था.
अब मेरा लौड़ा झटके खाने लगा था.

मैंने नेहा की गांड पर एक चुम्बन किया और लौड़े पर अच्छे से तेल लगा लिया.

अब मैंने लौड़ा गांड के सुराख पर रखा, दोनों हाथों से उसको थोड़ा खोला और लौड़े की टोपी को उसमें फंसा दिया.

नेहा दर्द के मारे सिहर उठी.
मैंने उसकी कमर को कस कर पकड़ा और जोरदार धक्का मारा, आधा लंड गांड में घुस गया.

यह तो तेल का कमाल था … वरना उसकी गांड इतनी टाइट थी कि टोपी भी नहीं घुस पाती.

नेहा- आआह आआह उउ!

मेरा लौड़ा एकदम फंस सा गया था.
इतना चिकना होने के बाद भी अब आगे नहीं जा रहा था.

मैं- आह उफ्फ़ … साली तेरी गांड है या आग की भट्टी … कैसी गर्म हो रही है. उफ़फ्फ़ लौड़ा जलने लगा है मेरा … और साली यह टाइट भी बहुत है. मेरा लौड़ा तो एकदम फंस सा गया है!

मैं आधे लौड़े को ही अन्दर-बाहर करने लगा.
उसको बड़ा मज़ा आ रहा था.

अब गांड में आधा लौड़ा ‘फॅक फॅक फॅक’ की आवाज़ से अन्दर-बाहर होने लगा.

तभी मैंने पूरा लौड़ा टोपी तक बाहर निकाला और ज़ोर से झटका मारा पूरा लौड़ा गांड में जड़ तक घुस गया.

इसी के साथ नेहा झटके के साथ ही बिस्तर पर गिर गई.
मैं भी उसकी पीठ के ऊपर उसके साथ ही नीचे गिर गया.

मैं वैसे ही पड़ा-पड़ा लौड़े को आगे-पीछे करता रहा.
दो मिनट में ही मैंने ना जाने कितने शॉट मार दिए थे.

नेहा- मनीष प्लीज़ उठो. मेरी जांघों में बहुत दर्द हो रहा है उफ्फ़ … उठो भी यार!

मैंने लौड़ा गांड से निकाल लिया और उकडूँ बैठ गया.
तब जाकर कहीं नेहा की जान में जान आई और वह एक तरफ सीधी लेट गई.

नेहा- आह आह उह्ह … ओ मां … ये आपने क्या कर दिया. अई मेरी गांड फट गई है … आह्ह .. बहुत जलन हो रही है. ऐसा लगता है अभी भी उसके अन्दर कुछ घुसा हुआ है.

मैं- अरे कुछ नहीं हुआ है. बस थोड़ी देर की बात है. उसके बाद आराम मिल जाएगा.

नेहा- नहीं .. नहीं … आहह … उफ्फ़ मुझे नहीं मरवानी गांड … बहुत दर्द हो रहा है. देखो बिस्तर पर भी ठीक से गांड नहीं टिका पा रही हूँ. आप चाहो तो चूत मार लो.

मुझको नेहा की बात समझ में आ गई- ओके ओके … अब तू घोड़ी बन जा. मैं तेरी चूत में लौड़ा डालता हूँ. चल जल्दी कर … मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है.

नेहा- आह्ह .. यार काहे का मज़ा … उफ्फ … लगता है मेरी गांड तो फट गई!

मैंने नेहा का हाथ पकड़ कर उसको उठा लिया- अरे कुछ नहीं हुआ है. अब चल जल्दी से घोड़ी बन जा यार … मेरा मज़ा खराब हो रहा है.

नेहा के चेहरे पर दर्द के भाव साफ नज़र आ रहे थे.
बुझे मन से वह घुटनों के बल आ गई.

फिर मैंने लौड़ा चूत में घुसा दिया और झटके मारने लगा.

अभी कोई 5 मिनट ही हुए थे कि नेहा को अब मज़ा आने लगा और वह गांड हिला-हिला कर चुदने लगी.

मैं- आह्ह … आह उहह … साली कसम से आह्ह … तू बड़ी मस्त चीज है. क्या गांड हिला हिला कर चुद रही है. और साली तेरी चूत भी क्या मस्त है … उहह उहह ले आ रानी मज़ा आ रहा है!
नेहा- आह्ह … आह्ह … बहुत मज़ा आ रहा है मेरे राजा … आह्ह … आह्ह.

मेरे दिमाग में पता नहीं क्या सूझी, मैंने उसी पल पूरा लौड़ा चूत से निकाल लिया और गांड के छेद पर रख कर ज़ोर से झटका दे मारा.

इस बार मैंने नेहा की कमर को अच्छे से पकड़ा हुआ था ताकि वह आगे ना जा पाए.

मेरे एक ही वार में लौड़ा गांड के अन्दर और नेहा की चीख बाहर!

नेहा- आह आआह्ह … प्लीज़ आराम से करो ना.. अई आप बहुत गंदे हो आह्ह. उईईइ आह!

मैं- अरे कुछ नहीं होगा. जब चूत का दर्द नहीं रहा तो ये भी ठीक हो जाएगा और इसमें भी मज़ा आने लगेगा.

मैं पागल सांड की तरह गांड में दे-दनादन लौड़ा पेल रहा था.
Xxx एनल फक से नेहा दर्द से कराह रही थी.

नेहा- अई आह मार लो आह्ह … अगर अई आपका मन गांड मारने का हुआ है … तो ठीक है आह्ह … मगर मुझे अधूरा क्यों छोड़ दिया.. मेरी चूत में बड़ी खुजली हो रही है आह्ह..

मैं- आह्ह … आह … मज़ा आ रहा है साली क्या चिकनी गांड है तेरी.. आह्ह … लौड़ा खुश हो गया आह्ह … आज तो.. हां जान.. रुक थोड़ी देर और गांड का मज़ा लेने दे.. आह्ह … उसके बाद तेरी चूत को भी शान्त कर दूँगा.

दस मिनट तक गांड मारने के बाद मैंने लौड़ा चूत में डाल दिया और रफ़्तार से चोदने लगा.

नेहा- आहइ आह मज़ा आ गया.. आह्ह … ज़ोर-ज़ोर से. आह्ह … मैं झड़ने वाली हूँ आह्ह.
मैं- ओह्ह ओह्ह ओह्ह मैं भी आहह … . करीब ही हूँ उफ़फ्फ़ मज़ा आ गया आज तो.. ओह्ह.

नेहा- रफ्तार से करो हम एक साथ ही झड़ेंगे आह्ह … मेरी चूत में आह्ह … तूफान उठ रहा है.

मैं अपनी पूरी ताक़त से झटके मारने लगा.

नेहा की चूत भी लौड़े के इतने तेज प्रहार को सहन ना कर पाई और उसका बांध भी टूट गया.
वह गांड को पीछे धकेलती हुई झड़ने लगी.

उसकी कमर कभी नीचे तो कभी ऊपर को उठ रही थी.

मैं- आह ह आह … साली ओह्ह ओह्ह ओह्ह … मुझसे पहले झड़ गई आअहह ले संभाल आह!

दो-चार धक्कों के बाद मैं एकदम रुक गया और नेहा की चूत को पानी पिलाने लगा.
मैं हांफने लगा था क्योंकि मैंने कुछ ज़्यादा ही रफ्तार से शॉट लगा दिए थे.

मैं एक तरफ बिस्तर पर लेट गया.
थककर हम लोग सो गए थे.
दो बजे के आस पास हमें भूख लगने पर हम दोनों उठे और खाना ऑर्डर कर दिया.

खाना आने तक हम लोग नहाने के लिए उठ गए.

बाथरूम में दोनों साथ नहाए और एक दूसरे को शॉवर के नीचे खूब चूमा चाटा.

मैंने नेहा के दोनों निप्पल पकड़ कर कसकर मसल दिए, जिससे उसकी चीख निकल गई.

नेहा- ऑय ओई शहह … आह आपकी तो!

उसने मेरे लौड़े को कसकर मुट्ठी में भींच लिया और खींच दिया जिससे मैं दर्द के मारे उछल पड़ा.

नेहा- हाहा हा हा अब आया मज़ा मेरे चोदूलाल!

हम मस्ती करते हुए नहाए और फिर खाना आ गया.

मेरे दोस्त का कॉल आया- और भाई क्या चल रहा है … कुछ किया भी या सोते ही रहे सारी रात?
मैं- अरे भाई, बहुत हसीन रात गई.

यह कहकर मैं नेहा के केशों को अपने एक हाथ से सहलाने लगा.
नेहा मुझे देखकर मुस्कुराने लगी.

रवि- सही है मज़े करो और 2- 4 दिन रुकना चाहो तो रुक जाओ, अभी साक्षी के घर वाले परसों आएंगे तो मैं तो परसों तक यहीं रुकूंगा.
मैं- अरे नहीं यार, नेहा ने अपनी मम्मी को शाम तक घर आने को कह दिया है.
रवि- चलो फिर एन्जॉय करो.

यह कहकर उसने फोन काट दिया.

नेहा कमरे में आकर शीशे के सामने टेढ़ी खड़ी होकर अपनी गांड देखने की कोशिश करने लगी.

मैं- ऐसे क्यों खड़ी हो. क्या देख रही हो?
नेहा- अपनी गांड देख रही हूँ. अभी भी ऐसा लग रहा है जैसे कोई चीज़ अन्दर घुसी हुई हो. दर्द भी हो रहा है गांड में!

मैं- अरे कुछ नहीं. कसी हुई गांड पहली बार चुदी है ना … तो ऐसा लगता है. चल आ जा बिस्तर पर. मैं थोड़ा सहला देता हूँ, तुझे आराम मिल जाएगा.
नेहा- हां यार मेरा पूरा बदन अकड़ गया है, आप थोड़ा दबा ही दो प्लीज़!

मैं- जान तू दो मिनट रुक. मैं सरसों का तेल थोड़ा गर्म करके लाता हूँ. उससे मालिश से तेरा सारा दर्द निकल जाएगा.

नेहा ने कुछ सोचा, उसके बाद बिस्तर पर पेट के बल लेट गई.

मैं रसोई में चला गया और वहां से एक प्याली में तेल को हल्का गर्म करके ले आया- ले जान … मैं आ गया. अब देख थोड़ी ही देर में तुझे आराम मिल जाएगा.

मैं बिस्तर पर बैठ गया और अपने हाथों पर ढेर सारा तेल लेकर नेहा की गर्दन से मालिश करना शुरू हो गया.
नेहा- आह … गर्म तेल का अहसास कितना अच्छा है. उफ यार … आपके हाथ में तो जादू है. हाथ लगाते ही बड़ा सुकून मिल रहा है आह्ह … दबाओ … उफ्फ हां … ऐसे ही … मज़ा आ रहा है.

मैं बड़े प्यार से मालिश करने लगा, गर्दन से पीठ पर होता हुआ गांड को रगड़ने लगा.
करीब आधा घंटा तक मैं मसाज करता रहा.

दोस्तो, इतनी कमसिन लड़की नंगी पड़ी हो और उसके जिस्म को मालिश हो रही हो तो जाहिर सी बात है कि उसकी उत्तेजना तो बढ़ेगी ही.
क्योंकि मैं गांड में तेल डाल कर उंगली अन्दर तक डाल रहा था, कभी उसकी चूत को दबा रहा था.

नेहा एकदम जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी.
वह एकदम गर्म हो गई थी.
इधर मेरा भी यही हाल था.

नेहा के यौवन को छूने से लौड़े में तनाव पैदा हो गया था और होगा भी क्यों नहीं! मैं 18 साल की कली को मसाज दे रहा था.
मेरा लौड़ा तो फुंफकार मारेगा ही.

नेहा- आह्ह … आह उफ़फ्फ़ आह्ह … बड़ा मज़ा आ रहा है. आपने तो आह … मेरे जिस्म में आग लगा दी. उफ्फ … अब तो आप अपने लौड़े से चूत और गांड के अन्दर तक मालिश कर ही दो आह्ह … तभी मुझे सुकून मिलेगा!

मैं- हां साली … तू है ही इतनी हॉट कि साला कोई भी तुझे देख कर गर्म हो जाए … और मैं तो कब से तेरे यौवन को मालिश कर रहा हूँ. साला लौड़ा फटने को हो गया. चल अब बन जा घोड़ी, पहले तेरी गांड बजाऊंगा.. उसके बाद चूत की आग बुझाऊंगा.

नेहा झट से घोड़ी बन गई और मैंने अपना लौड़ा गांड में डाल दिया.

करीब आधा घंटा तक मैं गांड मारता रहा.

अबकी बार नेहा को दर्द नहीं बल्कि मज़ा मिल रहा था.
लौड़ा गांड में घुस रहा था और उसकी चूत पानी-पानी हो रही थी.

जब उसकी आग ज्यादा ही बढ़ गई तो उसने मुझे नीचे धकेल दिया और वह मेरे ऊपर आ गई.

उसने अपनी दोनों जांघें मेरी कमर के दोनों ओर कर लीं और मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ने लगी.

मुझे तो लगा मैं अपने होश खो बैठूँगा. मैंने उसे अपनी बांहों में जकड़ लेना चाहा.

फिर उसने मेरे लंड का सुपारा अपनी चूत के छेद से लगाया और अपने नितम्बों को एक झटके के साथ नीचे कर दिया.

मेरा 7 इंच का पूरा लंड एक ही घस्से में अन्दर समा गया.

‘ईईई ईई ईईईइ… या…!’

कुछ देर वह ऐसे ही मेरे लंड पर तड़फ कर कराहती रही और चुपचाप बैठी रही.
फिर उसने अपनी कमर को हौले हौले ऊपर नीचे करना चालू कर दिया. साथ में वह मीठी आहें भी करने लगी.

नेहा- ओह … कितनी देर से मेरी चूत में बिच्छू काट रहे हैं और आपको गांड मारने की पड़ी है!

मैं क्या बोलता. मेरी तो उसने बोलती बंद कर दी थी.

नेहा- लो अब पी लो, जितना मर्ज़ी दूध …
यह कहते हए उसने अपने एक उरोज को मेरे होंठों पर लगा दिया और फिर नितम्बों से एक जोर का धक्का लगा दिया.

ऊपर दूध मेरे मुँह में और नीचे पूरा लंड चुत के अन्दर घुस गया.

अब तो वह पूरी मास्टरनी लग रही थी. मैंने किसी आज्ञाकारी बालक की तरह उसके उरोजों को चूसना चालू कर दिया.

वह ‘आह … ओह्ह.’ करती जा रही थी. उसकी चूत तो अन्दर से इस प्रकार संकुचन कर रही थी कि मुझे लगा जैसे यह अन्दर ही अन्दर मेरे लंड को निचोड़ रही है.

चूत के अन्दर की दीवारों का संकुचन और गर्मी अपने लंड पर महसूस करते हुए मुझे लगा मैं तो जल्दी ही झड़ जाऊंगा.
मैं उसे अपने नीचे लेकर तसल्ली से चोदना चाहता था, पर वह तो आह ऊंह करती अपनी कमर और मोटे मोटे नितम्बों से झटके ही लगाती जा रही थी.

मैंने उसके नितम्बों पर हाथ फिरना चालू कर दिया.

‘आह … उईइ … मां … बहुत मज़ा आ रहा है … आह!’

मैं- नेहा तुम्हारी चूत बहुत मजेदार है!

उसने अपनी चूत को मेरे लंड पर ऐसे घिसना शुरू कर दिया जैसे कोई सिल बट्टे पर चटनी पीसता है.

‘मेरी जान… आह …!’

मैंने कस कर उसे अपनी बांहों में भींच लिया. मैं अपने दबंग लंड से उसकी चूत को किरची किरची कर देना चाहता था. मज़े ले लेकर देर तक उसे चोदना चाहता था, पर जिस तरीके से वह अपनी चूत को मेरे लंड पर घिस और रगड़ रही थी और अन्दर ही अन्दर संकुचन कर रही थी, उससे तो मुझे लगा मैं अभी शिखर पर पहुंच जाऊंगा और मेरी पिचकारी फूट जाएगी.

‘आईई … ईईई …’
नेहा- क्या मेरे ऊपर नहीं आओगे?

मेरी अजीब हालत थी. मुझे लगा कि मेरे सुपारे में बहुत भारीपन सा आने लगा है और किसी भी समय मेरा तोता उड़ सकता है.
मैं झट उसके ऊपर आ गया और उसके उरोजों को पकड़ कर मसलते हुए धक्के लगाने लगा.

उसने अपनी जांघें खोल दीं और अपने पैर ऊपर उठा लिए.

नेहा दोबारा झड़ने को आ गई. तब कहीं जाकर मेरे लौड़े ने लावा उगला.

हम दोनों एक साथ झड़ गए और एक-दूसरे से लिपटे हुए पड़े रहे.

मैंने उसे कसकर अपनी बांहों में जकड़ लिया.

फिर शाम तक हमने आराम किया और शाम को 6 बजे हम लोग रवि के रूम से निकल गए.

उसके बाद मैंने नेहा को बहुत बार चोदा.
होटल के कमरे में, कॉलेज में, रवि के रूम पर.

हम दोनों रवि और साक्षी चारों लोग मसूरी घूमने गए, वहां हमने पहाड़ों पर खूब रोमांस किया.

इस सेक्स कहानी में फिलहाल इतना ही, बाकी की कहानियां आपको बाद में लिखूंगा.

उम्मीद है आप लोगों को मेरी सेक्स कहानी पसंद आई होगी.
Xxx एनल फक स्टोरी में कोई ग़लती हो गई हो तो माफ़ कर दीजिएगा.
आप अपने सुझाव आप मेरी ईमेल आईडी पर भेज सकते हैं.
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