Latest Hindi Sex Stories added for who looking to read Xxx Luv Sex Kahani – दोस्त की सहकर्मी के साथ प्यार भरी चुदाई to make every night hot about Xxx Luv Sex Kahani – दोस्त की सहकर्मी के साथ प्यार भरी चुदाई story.
Story Start Here :
Xxx लव सेक्स कहानी मेरे एक दोस्त की सहकर्मी के साथ प्यार और सेक्स की है. मैंने उसकी मदद की तो हम दोनों करीब आ गये और हमारे बीच सेक्स हुआ।
नमस्कार दोस्तो, मैं 35 साल का हूँ और फाइनेंस में लोन का काम करता हूँ. इस वजह से बहुत सारे लोगों से मिलना-जुलना होता रहता है और काफी जान-पहचान भी हो जाती है.
आज मैं अपने एक ऐसे फ्रेंड सहकर्मी के साथ हुए Xxx लव सेक्स कहानी को लिख रहा हूँ, जिसको लेकर मैंने कभी सेक्स की नजर से सोचा भी न था.
एक बार मुझे मेरे एक पुराने दोस्त का कॉल आया, जो अब दूसरी कंपनी में जॉब करता है.
उसने मुझसे एक जीएसटी वाला बिल माँगा जो उसके ऑफिस की एक सहकर्मी उर्वी को क्लेम करने के लिए चाहिए था.
मैंने अपनी पहचान से वह बिल बनवा कर दे दिया.
इसके बाद मेरा और उर्वी का कोई संपर्क नहीं हुआ.
मैं आपको उर्वी के बारे में बता दूँ.
उर्वी एक 35 साल की पढ़ी-लिखी औरत है और एक बच्चे की माँ है.
वह बहुत फिट और स्लिम है, जिससे वह बेहद आकर्षक लगती है.
एक दिन मुझे उर्वी का कॉल आया.
उसने कहा कि उसके पति को भी ऐसा ही 5000/- का बिल बनवाना है, क्या तुम मेरी इसमे मदद कर सकते हो?
जब उसने यह पूछा, तो मैंने उसके पति के डिटेल्स लिए और कहा- मैं कोशिश करता हूँ!
दो दिन बाद मैंने बिल उसके पति को व्हाट्सएप कर दिया.
उसके पति का नंबर मैंने बिल के लिए लिया था.
इधर मैं अपने काम में व्यस्त हो गया और यह बात मेरे दिमाग से निकल गई कि मैंने उससे जीएसटी के पैसे लिए ही नहीं.
करीब चार दिन बाद रात को लगभग 8 बजे उर्वी का कॉल आया.
उसने पूछा- तुमने मेरे पति को बिल भेजा, लेकिन मुझे बताया क्यों नहीं? और पैसे की भी कोई बात नहीं की!
मैंने कहा- अरे उर्वी … मैं काम में व्यस्त हो गया था और बताना भूल गया!
उसने मुझे थैंक्स कहा और पैसे पूछ कर कॉल रख दिया.
फिर उसने गूगल पे पर पैसे भेज दिए.
रात को एक बजे उसका मैसेज आया.
उसने मेरे स्टेटस पर रिप्लाई किया था.
मैंने उसे थैंक्स कहा और हमारी बातें शुरू हो गईं.
उसने पूछा- तुम इतनी रात तक क्यों जाग रहे हो?
मैंने जवाब दिया- थोड़ा घर का काम कर रहा था.
उसने तुरंत पूछा- घर पर कोई और काम नहीं करता, जो तुम रात के एक बजे काम कर रहे हो?
मैंने कहा- बीवी मायके गई है, तो मैं कर रहा हूँ. आज देर से घर पहुंचा.
हमारी ऐसी ही बातें होती रहीं.
पूरा एक घंटा बात करने के बाद हम दोनों ने एक दूसरे को गुड नाइट बोला और सो गए.
मेरे मन में तब तक कुछ नहीं था.
मुंबई में यह आम बात है, लोग देर रात तक ऑनलाइन रहते हैं.
सुबह मुझे उसका गुड मॉर्निंग का मैसेज आया.
मैंने भी जवाब दिया और अपने काम में लग गया.
लंच टाइम पर उसका कॉल आया.
उसने पूछा- कहां हो? लंच किया या नहीं?
फिर उसने बिल के लिए दोबारा थैंक्स कहा.
इसके बाद हमारी व्हाट्सएप और कॉल पर बातें होने लगीं.
एक दिन उसे ऑफिस में देर हो गई क्योंकि उनके ऑफिस की नई ब्रांच का उद्घाटन समारोह और पूजा थी.
इसके बाद वे लोग डिनर करने गए थे.
उस दिन उर्वी ने साड़ी पहनी थी और सोने के जेवर भी पहने थे.
रात को ट्रेन में भीड़ कम होने के कारण उसे थोड़ा डर लग रहा था.
उसने मुझे मैसेज किया, जैसा हम रोज करते थे और यह बात भी बताई.
संयोग से मैं भी उस वक्त अपने काम से घर की ओर जा रहा था.
मैंने उसे एक बड़े स्टेशन पर उतरने को कहा, जहां हमेशा भीड़ रहती है.
मैं उसी स्टेशन पर था तो हम दोनों ने वहीं ट्रेन पकड़ी और फर्स्ट क्लास में बैठ गए.
उसे जिस स्टेशन जाना था, वहां से मुझे वापस अपने स्टेशन आने के लिए आखिरी ट्रेन रात 12 बजे की थी और हम 12 बजे वहां से निकले थे.
हम पहले भी कई बार ऐसे मिल चुके थे, पर उस दिन उन कपड़ों में वह बहुत आकर्षक लग रही थी.
उसने अपने सोने के जेवर निकाल कर हैंडबैग में रखे थे.
मेरे साथ वह बहुत सुरक्षित महसूस कर रही थी.
हम बात करते-करते 12:40 बजे उसके स्टेशन पर उतर गए.
वहां से शेयर ऑटो पकड़ कर उसके घर के पास पहुंच गए.
मैंने वहां उतर कर अपने लिए रिटर्न उबर कैब बुक की और उसे जाने को कहा.
जब तक वह अपनी बिल्डिंग के अन्दर नहीं चली गई, मैं उसे सेफ्टी के लिए देखता रहा.
फिर जब उसने मुझे बाय कहा तो उसकी आंखों में नमी थी और चेहरे पर कुछ ऐसे ही भाव भी थे.
तब मैं यह नहीं समझ पाया कि वह ऐसा क्यों कर रही थी.
वहीं खड़े होकर मैंने एक सिगरेट निकाली और पीते हुए कैब का इंतज़ार करने लगा.
तभी उर्वी का कॉल आया.
उसने पूछा- तुम कहां हो?
मैंने कहा- मैं अभी कॉम्प्लेक्स के बाहर ही हूँ और अपनी कैब आने का इंतज़ार कर रहा हूँ!
उसने मुझे थोड़ा रुकने को कहा.
जब वह आई तो उसके हाथ में एक डिब्बा था.
उसने मुझे वह दिया और सड़क के किनारे जहां थोड़ा अंधेरा था, वहां ले जाकर मुझे झट से गले लगा लिया और चली गई.
तब तक मेरी कैब आ गई थी.
मैं कैब में बैठा और डिब्बा खोला.
उसमें रोटी और सब्जी थी.
उसने कॉल किया और कहा- तुम्हें घर पहुंचने में 2 घंटे लगेंगे … खा लो और कॉल करना!
मुझे भी भूख लगी थी, तो मैंने वैसे ही किया.
लेकिन मैंने उसे बाद में कॉल नहीं किया.
थोड़ी देर बाद उसका ही कॉल आया.
उर्वी ने कहा- मैं शब्दों में नहीं बता सकती कि आज मुझे क्या महसूस हो रहा है!
वह बोलती जा रही थी और मैं सुन रहा था.
उसका और उसके पति का थोड़ी देर पहले झगड़ा हो गया था क्योंकि वह सोने के जेवर पहन कर ऑफिस गई थी और इतनी रात को अकेली घर आ रही थी.
उसके पति उस वक्त मुंबई में नहीं थे.
उर्वी को बहुत डर लग रहा था, तभी मैं उसे घर तक छोड़ने आया.
यह तब हुआ, जब मुझे पता था कि वापसी की ट्रेनें बंद हो जाएंगी और सड़क मार्ग से बहुत समय लगेगा.
सच में, उस वक्त मैं सिर्फ उसकी मदद करने के इरादे से ही गया था क्योंकि रात की ट्रेन में कुछ गलत हो सकता था … जैसे चोरी या झपटमारी.
फिर आखिर में जब उसने मुझसे ‘आई लव यू!’ कहा तो मेरी खोपड़ी भक्क से खुल गई.
वह बोलती रही कि वह मेरी तरफ पहली मुलाकात से ही आकर्षित थी पर शादीशुदा होने की वजह से उसने मर्यादा नहीं लाँघी.
उसने मुझे अगली सुबह ऑफिस से छुट्टी लेकर मिलने को कहा.
जब उसने मुझे गले लगाया, तब से मेरे दिल में भी गिटार बजने लगा था और मैंने भी हामी भर दी!
पूरे रास्ते हमने बातें कीं और अगले दिन मिलने की जगह और समय तय किया.
मैं घर करीब ढाई बजे रात को पहुंचा.
रात को मैंने अपनी पत्नी के साथ सेक्स किया, पर मेरे दिमाग में उर्वी ही थी.
रात भर मुझे न के बराबर नींद आई.
सुबह मैं रोज की तरह तैयार होकर निकला और तय जगह पर पहुंचा.
उर्वी पहले ही वहां पहुंच चुकी थी.
मैंने उसे रात को बताया था कि मुझे उसे साड़ी में देखना है.
वह गुलाबी रंग की साड़ी पहनकर आई थी, बहुत प्यारी लग रही थी!
मैं उसे देखकर बहुत खुश हुआ.
वहां से हम दोनों एक ओयो होटल आ गए.
अन्दर आने पर हमने एक-दूसरे को अच्छे से देखा.
वह मेरे गले लग गई और हम बहुत देर तक ऐसे ही गले लगे रहे.
फिर वह मुझसे दूर हुई, मेरे माथे पर चूम लिया और बहुत प्यार से बोली- आई लव यू!
मैं बस उसे देखता जा रहा था.
मेरे दिमाग में हवस नहीं, बल्कि प्यार था.
उसने मुझसे पूछा- क्या मैं तुम्हें अच्छी नहीं लगती?
मैंने जवाब दिया- तुम मुझे बहुत प्यारी लगती हो!
उसने मुझे पास खींचकर अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और हम बहुत प्यार से एक-दूसरे को चूमने लगे.
माहौल बहुत रोमांटिक हो गया था.
हम कब बेड पर पहुंचे, समझ ही नहीं आया.
उसने मेरा शर्ट निकालना चाहा, पर मैंने उसे रोका और कहा- उर्वी, मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ! क्या मैं तुम्हारे बदन को अपना बना लूँ?
उसने आंखों से हां में इशारा किया.
मैंने धीरे से उसकी साड़ी का पल्लू उसके पेट से हल्का सा हटाया और उसके पेट पर चूमा.
फिर उसकी नाभि को चाटा, तो वह सिहर उठी.
मैंने उसे धीरे से खड़ी किया और उसकी साड़ी उतारना शुरू किया.
वह बस मुझे देखे जा रही थी, उसकी आंखों में प्यार था.
उसके ब्लाउज और पेटीकोट में उसे देखकर मैं गर्म हो रहा था, मेरे पैंट में तंबू बन रहा था.
मैंने उसे खड़े-खड़े चूमा और उसका ब्लाउज व पेटीकोट उतार दिया.
उसने भी मेरे कपड़े निकाल दिए.
अब हम दोनों सिर्फ अंडरगारमेंट्स में थे.
उसने मुझे बेड पर लिटाया और मेरे ऊपर आकर मेरे शरीर से खेलना शुरू कर दिया.
हमने बचे हुए कपड़े भी उतार दिए.
वह मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी.
जब मैंने उसे 69 की पोजीशन में आने को कहा.
तो उसने कहा- पहले मैं तुम्हें चूसूँगी, फिर तुम मुझे चूसना!
मुझे भी यह अच्छा लगा.
उसने मेरे लंड के साथ मेरी गोटियां भी चाटीं और मेरा पानी निकाल दिया, पर उसने उसे पिया नहीं.
अब मेरी बारी थी.
मुझे चूत चाटना ज्यादा पसंद नहीं था, तो मैंने उसकी चूत पर चॉकलेट रगड़ी और उसे चाटने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने उसकी चूत में चॉकलेट डाली और चाटने लगा.
कुछ समय बाद वह भी झड़ गई.
मैंने थोड़ा टेस्ट किया, पर मुझे मजा नहीं आया.
उस दिन हमें कुछ और ही खुमारी थी, हम प्यार में डूबे थे.
कुछ देर बाद उसने मुझे किस किया.
हम दोनों एक-दूसरे के शरीर से खेल रहे थे.
वह मेरे ऊपर आई और मेरी छाती को चूमने-चूसने लगी.
धीरे-धीरे वह नीचे आई और मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी.
फिर उसने उस पर कंडोम लगाया और उस पर बैठ गई.
मुझे बहुत प्यारा अनुभव हो रहा था.
वह बीच-बीच में मुझे किस करती, तो कभी अपने बूब्स चटवाती.
कुछ देर बाद मैंने उसे नीचे लिया और लंड पेल कर उसकी चुत में धक्के लगाना शुरू किया.
वह बहुत प्यासी लग रही थी.
मैंने उसको चोदते हुए पूछा भी कि क्या बहुत जोर से लगी थी!
वह हंस कर बोली- क्या?
मैंने कहा- चुदास!
वह फिर से हंसी और बोली- अभी बस चोदते रहो … बहुत मजा आ रहा है.
वह खुद से अपनी गांड उठा कर लंड से ऐसे लड़ रही थी मानो उसे मेरे लंड को अपनी चुत में से आर-पार करवाना हो.
चुदाई के दौरान मैंने उसे किस करते-करते उसके कंधों पर काटा तो वह और कामुक हो गई.
कुछ देर की चुदाई के बाद उसने अपनी चुत से पानी छोड़ दिया और मेरा भी पानी निकल गया.
मैं और वह पसीने से भीग चुके थे.
Xxx लव सेक्स के बाद कुछ देर मैं उसके ऊपर ही पड़ा रहा.
फिर हमने खाने के लिए ऑर्डर किया.
जब ऑर्डर आया, उसने मुझे अपने हाथों से खिलाया.
खाने के बाद हम दोनों एक-दूसरे से चिपक कर टीवी देख रहे थे.
मैंने कहा- अब सेक्स हो गया है तो बताओ न कि इतनी चुदास का क्या कारण था?
वह हंस दी और बोली- यार चार महीने से सेक्स नहीं किया था न इसलिए … और तुम मेरी पसंद के मर्द हो इसलिए कुछ ज्यादा ही उत्तेजना थी.
मैं मुस्कुराने लगा.
तभी उसने कहा- मुझे जोरदार सेक्स करना है … बहुत वाइल्ड सेक्स!
मैं भी इस बात पर खुश हो गया.
दोस्तो, मेरी इस Xxx लव सेक्स कहानी पर अगर आपके मेल में अच्छे रिप्लाई आए तो मैं आगे की सेक्स कहानी जरूर लिखूँगा.
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