Latest Hindi Sex Stories added for who looking to read Nurse Sex Kahani – सामने वाली आंटी की गांड भी मारी to make every night hot about Nurse Sex Kahani – सामने वाली आंटी की गांड भी मारी story.
Story Start Here :
नर्स सेक्स कहानी में मैं अपने घर के सामने रहने वाली नर्स आंटी को चोद चुका था. दूसरी चुदाई में मैंने उनकी गांड में उंगली डाली तो खुली सी लग रही थी.
मेरी पिछली कहानी
सामने वाली आंटी की प्यास बुझाई
की प्रतिक्रिया में आप सब ने ढेरों मेल लिख कर पहुंचाए, मुझे बहुत अच्छा लगा.
मैं चाहूंगा कि इस सेक्स कहानी के बाद भी आप अपनी प्रतिक्रिया पहुंचाएं.
औरतें भी मुझसे मेल पर अपनी बात कह सकती हैं.
अब नर्स सेक्स कहानी पर आते हैं.
उस दिन नर्स आंटी तैयार होकर अपने हॉस्पिटल जाने को तैयार हो रही थीं.
मैं भी अपने कपड़े पहन कर बिस्तर पर बैठ गया.
वे आंखों में काजल लगा रही थीं, तभी मैंने उन्हें पीछे से कमर में हाथ डालकर पकड़ लिया और अपने होंठ उनकी गर्दन के पास ले जाकर चूमने लगा.
आंटी के शरीर में हल्का-सा झटका लगा और वे एकदम से कांप गईं.
फिर आंटी ने अपने हाथों से मेरे हाथों को रोकते हुए मुझे आगे खींच लिया.
मैंने उन्हें जोर से गले लगाया तो वे हंसने लगीं और मेरे बाल सहलाते हुए बोलीं- क्या बात है आकाश … रात में इतना करने के बाद भी तुम्हारा मन नहीं भरा क्या? मैं तो बिल्कुल थक गई हूँ!
तो मैंने कहा- आपसे मन कहां भरता है डार्लिंग … और रही बात थकान की, तो थकान तो मुझे भी है, मगर कोई नहीं … आप हैं न विटामिन देने के लिए!
वे हल्की सी मुस्कुराहट के साथ वॉशरूम की तरफ चली गईं.
रात की घमासान चुदाई के बाद मैं भी थकान महसूस कर रहा था.
आंटी ने मुझे खाना दिया मगर मैंने खाना खाए बिना बस दूध पिया और सो गया.
जब मेरी नींद खुली, तो दोपहर हो चुकी थी और एक बजे का समय हो गया था.
मैं उठा, नहाया और कुछ खाना खाकर क्रिकेट मैच देखने लगा.
शाम को करीब 5 बजे मैं चौराहे की तरफ चला गया.
मगर मेरा फोन रूम में ही रह गया था.
चौराहे पर फोन का कोई काम नहीं था इसलिए मैंने वापस आकर ले जाना जरूरी नहीं समझा.
चौराहे पर जूस पीने के बाद मैंने मल्टी-विटामिन की कुछ गोलियां लीं और फिर वापस अपने कमरे पर आ गया.
आकर देखा तो आंटी ड्यूटी से लौट चुकी थीं.
मुझे देखते ही उन्होंने गुस्से भरा लुक दिया.
मैं कुछ समझ नहीं पाया, तो मैंने पूछ लिया- क्या हुआ … सब ठीक है न?
इसके बाद वह थोड़े गुस्से से बोलीं- किस दुनिया में रहते हो? फोन कहां है तुम्हारा?
तब मुझे याद आया कि फोन तो रूम में ही रह गया था.
जब मैंने अपने रूम में जाकर देखा तो मेरे फोन पर 9 मिस्ड कॉल आए थे.
उनमें से 7 आंटी के थे और बाकी 2 किसी नए नंबर से.
ये देखने के बाद मैं सीधे आंटी के पास चला गया.
वहां आंटी चाय बना रही थीं.
मुझे देख कर उन्होंने चाय दो कप में डाली और एक कप मुझे दे दिया.
मैंने चाय पीते हुए पूछ लिया- आंटी, आपने कॉल क्यों किया था? कोई बात हुई थी क्या?
वे बताने लगीं- स्कूटी रास्ते में बंद हो गई थी. स्टार्ट नहीं हो रही थी, इसलिए कॉल किया था. मेरे साथ मेरी फ्रेंड ने भी कॉल किया था, मगर तुमने उठाया ही नहीं. फिर किसी तरह से हम मिस्त्री के पास ले गई.
मैंने सॉरी बोलते हुए बता दिया- फोन रूम में ही रह गया था. आपके पूछने पर मैंने देखा कि कॉल आए थे.
मैंने उनकी फ्रेंड का नंबर भी ‘आंटी फ्रेंड’ नाम से सेव कर लिया.
बातों बातों में रात के 8 बज गए थे और आंटी खाना बनाने लगीं.
मैं छत पर टहलने चला गया और फोन में कहानियां पढ़ने लगा.
करीब 9 बजे मैं छत से वापस आकर अपने रूम में लेटा था.
तभी व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया.
आंटी ने लिखा था- कहां हो?
मैंने जवाब दिया- अपने रूम में हूँ.
उन्होंने बोला- बाहर का में गेट बंद करके ताला लगा दो.
मैं अपने रूम से निकला और गेट बंद करके वापस आ रहा था.
तभी मैंने देखा कि आंटी के रूम की लाइट बंद थी मगर खिड़की से गैलरी की लाइट रूम में आ रही थी.
मैंने ध्यान से देखा तो मुझे कुछ दिखा.
आंटी बेड पर लेटी हुई थीं.
मैंने रूम में कदम रखते ही पूछा- क्या बात है आंटी? लाइट क्यों बंद है?
उन्होंने जवाब दिया- कुछ सरप्राइज़ है तुम्हारे लिए!
मैं हंसते हुए बोला- अच्छा जी, क्या सरप्राइज़ है आंटी?
वह बोलीं- बड़ी जल्दी है तुम्हें जानने की?
मैंने कहा- अब सरप्राइज़ मेरे लिए है, तो जल्दी भी मुझे ही होगी न जानेमन!
वे हंसने लगीं और बोलीं- ठीक है, जरा लाइट तो ऑन करो.
मैंने लाइट ऑन की.
लाइट ऑन करने के बाद मेरा मुँह खुला का खुला रह गया और मैं आंटी को देखता ही रह गया.
आंटी सचमुच कड़क माल लग रही थीं. मेरा लंड देखते ही झट से खड़ा हो गया.
मैंने कहा- आप तो एक नंबर की रंडी लग रही हो डार्लिंग.
वे मुस्कुराने लगीं.
आंटी ने ब्लैक कलर की सेक्सी नाइट ड्रेस पहनी थी, जिसमें ब्रा और पैंटी के साथ शरीर का हर अंग दिख रहा था.
ऊपर से बल्ब की रोशनी की वजह से नेट वाली सेक्सी ड्रेस एकदम चमक रही थी.
मुझसे रहा नहीं गया.
मैंने कहा- यार, मन कर रहा है कि अभी के अभी आपकी गांड को चोद कर फाड़ दूँ!
आंटी हंसती हुई बोलीं- पहले चूत तो फाड़ लो डार्लिंग!
यह सुनते ही मैंने अपने लोअर और टी-शर्ट उतार कर एक तरफ फेंके और आंटी के ऊपर टूट पड़ा.
मैंने सबसे पहले आंटी की गर्दन पर चूमते हुए अपनी जीभ घुमानी शुरू की.
आंटी मदमस्त होकर मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगीं और मुझे चूमने लगीं.
मैं धीरे-धीरे आंटी के बूब्स को सहलाने लगा और ऊपर से उन्हें चूसने की कोशिश करने लगा.
फिर मैंने आंटी के दोनों हाथ सीधे करके उनकी ब्रा खोल दी और बूब्स को आज़ाद कर दिया.
मम्मों के आज़ाद होते ही मैंने आंटी की तरफ देखा.
वे मुस्कुराकर अपने दूध हिलाती हुई बोलीं- तुम्हें कुछ ज्यादा ही पसंद आ गए हैं ये!
मैंने झट से एक दूध को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और दूसरे को हाथों से मसलने लगा.
बूब्स के मुँह में जाते ही आंटी मचलने लगीं और मज़े की वजह से इधर-उधर होने लगीं.
मैं जीभ से उनके निपल्स पर अच्छे से फेर रहा था और दूसरे हाथ से दूसरे दूध के निप्पल को मसल रहा था.
आंटी अपना आपा खो चुकी थीं.
अब उन्होंने झटपट से मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और उसे आगे-पीछे करने लगीं.
मैंने भी बूब्स को बारी-बारी से चूसना जारी रखा.
अब उनसे सहन नहीं हो रहा था.
मैं उनकी बेचैनी देखकर समझ गया और बूब्स को छोड़कर उनकी ड्रेस को नीचे करते हुए निकाल दिया.
धीरे-धीरे मैं उनके पेट पर चूमते हुए नीचे नाभि की तरफ बढ़ गया और नाभि में जीभ डालकर घुमाने लगा.
आंटी अब अपना सिर उठाकर मेरे सिर पर हाथ रखकर दबा रही थीं.
धीरे-धीरे मैं नीचे की तरफ गया और चूत पर हाथ रखकर सहलाने लगा.
आंटी की नेट वाली पैंटी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी.
मैंने उसे अलग करके उनकी चूत को सहलाना शुरू किया और हाथों से उनकी जांघों को सहलाने लगा.
आंटी पूरी बेकाबू हो रही थीं और वे झटके देती हुई झड़ गईं.
मैंने तुरंत उनकी चूत में जीभ डालकर चूसना शुरू किया.
थोड़ी ही देर में आंटी फिर से गर्म होकर उछलने लगीं.
आंटी धीरे से बोलीं- डालो ना अब, करो ना.
मैंने पूछा- क्या करूँ आंटी?
वे शर्माती हुई बोलीं- मेरी चूत की चुदाई करो.
मैंने हल्की-सी स्माइल दी.
मैंने अपना लंड आंटी के हाथ में देकर उसे चूसने को कहा लेकिन आंटी बस उसे आगे-पीछे करती रहीं.
उन्होंने मुँह में लेने से मना कर दिया.
मैंने भी ज्यादा जोर नहीं दिया क्योंकि सेक्स में कोई भी कदम दोनों की सहमति से होना चाहिए, जबरदस्ती नहीं.
इसके बाद मैंने लंड को उनकी चूत पर लगाकर रगड़ना शुरू किया.
आंटी एकदम से कांपने लगीं और जोर-जोर से सिसकारियां निकालने लगीं.
अब आंटी से रहा नहीं गया और वे खुद ही मेरे लंड को लेने के लिए नीचे खिसक गईं.
उनकी इस हरकत से मेरा आधा लंड उनकी चुत के अन्दर चला गया क्योंकि उनकी चूत पूरी तरह गीली थी.
मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए.
अब आंटी भी पूरे जोश में थीं और ‘ओह यस’ जैसी सेक्सी आवाजें निकालने लगीं.
मुझे भी मजा आने लगा और मैंने भी अपनी रफ्तार बढ़ा दी.
मैं आंटी को जोर-जोर से चोदने लगा.
आंटी भी उछल-उछल कर मेरे लंड को अपने अन्दर ले रही थीं.
मेरा 7.5 इंच का लंड उनकी चूत की जड़ तक जा रहा था.
आंटी अब पूरे चरम पर थीं और मैं भी पूरे जोश में था.
मैं चोदते-चोदते रुक जाता और अचानक से जोर-जोर से चुदाई करने लगता.
मेरा अब निकलने वाला था तो मैंने आंटी को पूरे जोश से चोदना शुरू कर दिया.
आंटी अपनी गांड और बूब्स हिलाती हुई मस्ती से चुदवा रही थीं.
अचानक आंटी की सांसें तेज हो गईं. उन्होंने मेरी पीठ को अपने हाथों से जकड़ लिया और मैं भी फुल स्पीड में चोदते हुए उनकी चूत में झड़ गया.
आंटी भी झड़कर शांत हो चुकी थीं.
थोड़ी देर तक हम दोनों एक-दूसरे से चिपके रहे, पसीने से भीगे हुए एक-दूसरे से लिपटकर लेटे रहे.
थोड़ी देर बाद मैंने धीरे से आंटी के कान में कहा- आंटी, मुझे गांड मारने दोगी क्या?
आंटी ने धीरे से मुझे किस करते हुए कहा- मार लेना … पहले चलो खाना खा लो.
मैं मान गया और हम दोनों ने नंगे ही साथ में खाना खाया.
खाना खाने के बाद आंटी एक जैली जैसा लुब्रिकेंट लेकर आईं और मेरे लंड पर लगाकर मालिश करने लगीं.
थोड़ी देर में मेरा लंड खड़ा होकर एकदम तैयार हो गया और आंटी की गांड मारने को बेचैन होने लगा.
मैंने आंटी को पीछे से पकड़ा और उनकी गांड में उंगली डाली, तो उंगली आसानी से चली गई.
मैं समझ गया कि इन्होंने पहले भी गांड मरवाई है, इसलिए इन्हें ज्यादा दिक्कत नहीं होगी.
मैंने उन्हें किस करना शुरू किया और हम दोनों ने एक-दूसरे को पांच मिनट तक किस किया.
इसके बाद मैंने आंटी को बेड पर लिटाकर लंड को उनकी गांड से चिपकाया और धीरे-धीरे अन्दर डालने की कोशिश करने लगा.
चूंकि आंटी पहले से लंड ले चुकी थीं और लुब्रिकेंट भी लगाया हुआ था, लंड का कुछ हिस्सा आसानी से अन्दर चला गया.
आंटी को लंड से पता चल गया कि यह मोटा है तो दर्द दे सकता है.
वे बोलीं- तुम आहिस्ता आहिस्ता से करना. ये चूत का छेद नहीं है, गांड है.
मैंने हंसते हुए कहा- हां मालूम है कि ये आपकी गांड है.
इसके बाद मैंने धीरे-धीरे लंड को गांड में आगे-पीछे करना शुरू किया.
लंड ने अपनी जगह बना ली और पूरा अन्दर जाने लगा.
अब आंटी को भी मजा आने लगा.
मैं उनके एक हाथ से उनकी चूत में उंगली डालकर भी उनकी चुत को चोद रहा था.
मुझे लगा कि आंटी को भी मजा आ रहा है, तो मैंने स्पीड थोड़ी बढ़ा दी और उन्हें किस करते हुए चोदने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने आंटी को घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया.
आंटी जोर-जोर से आवाजें निकाल रही थीं और मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.
तकरीबन दस मिनट की चुदाई के बाद मैं आंटी की गांड में ही झड़ गया और उनके ऊपर ही सो गया.
हम दोनों अब एकदम थक चुके थे.
हम एक-दूसरे की बांहों में लिपटकर एक-दूसरे को सहला रहे थे.
तभी आंटी का फोन बजा.
आंटी ने थकी आवाज में फोन उठाकर कहा- हैलो!
उधर से किसी महिला का जवाब आया- क्या बात है, आजकल तुम बहुत थक जा रही हो. कोई बात है क्या?
आंटी बोलीं- नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है. कल सुबह बात करूँगी.
यह कहकर वे फोन रखने वाली थीं कि उधर से जवाब आया- क्या बात है? तेरा दंड बाबू … आई मीन तेरा बॉयफ्रेंड साथ में है क्या?
आंटी ने जवाब दिए बिना फोन काट दिया.
फोन रखने के बाद मैंने पूछा- ये कौन थी?
आंटी ने जवाब दिया- वही, जो दोपहर में मेरे साथ थी!
मैंने उनके बॉयफ्रेंड वाली बात उस समय पूछना उचित नहीं समझा और हम दोनों इधर-उधर की बातें करते हुए सो गए.
अपनी सेक्स कहानी के अगले भाग में मैं आपको बताऊंगा कि आंटी ने अपने बॉयफ्रेंड का क्या राज बताया और मैंने उनकी फ्रेंड की चुदाई कैसे की.
मेरी नर्स सेक्स कहानी का यह भाग आपको कैसा लगा, अपने मेल से जरूर बताइएगा.
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