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Story Start Here :
वर्जिन गर्ल फ्रेंड Xxx कहानी में पड़ोस का एक लड़का मेरा दोस्त था. एक दिन उसने अपनी छत से मुझे आंगन में नंगी नहाते देखा तो नेरी नंगी वीडियो बना ली और मुझे बाद में दिखाई.
मेरे प्यारे दोस्तो, आप सभी को प्यार भरा नमस्कार!
मेरा नाम अंजलि कुमारी राजपूत है.
मेरी उम्र अठारह साल है.
मैं एक छात्रा हूं.
मेरी हाईट केवल पांच फीट की है.
मेरा फिगर कुछ इस तरह से है.
मम्मे चौंतीस इंच के हैं, कमर तीस की है और गांड छत्तीस इंच की बड़ी ही गदरायी हुई है.
वह जाड़े का मौसम था.
मेरा एक दोस्त है ज्ञानी, वह बीए का छात्र है.
हम दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ने जाते हैं.
मैं आपको अपनी पहली चुदाई की कहानी सुनाती हूं.
आशा करती हूं आप भी मेरी वर्जिन गर्ल फ्रेंड Xxx कहानी सुनकर मेरी चुदाई करने को तैयार रहेंगे क्योंकि मैं चाहती हूं.
एक बार मैं घर में स्नान कर रही थी.
ज्ञानी किसी काम से अपनी छत पर चढ़ गया और उसने मुझे नहाती हुई देख लिया.
वह अपने मोबाइल से मेरी नहाने की वीडियो बना रहा था.
मैं नंगी होकर मस्ती से अपने दूध मसलती हुई स्नान कर रही थी.
मुझे पता ही नहीं चला कि मेरी छोटी छोटी चूचियां और मेरी चूत पर उगे छोटे छोटे झांट के बाल सभी उसकी वीडियो में आ गए.
जब दूसरे दिन हम दोनों पढ़ने जा रहे थे, तो रास्ते में ज्ञानी ने मुझसे कहा- यार मैं तुम्हें एक चीज दिखाना चाहता हूँ!
मैंने कहा- ऐसी क्या चीज़ है दिखा तो सही!
उसने कहा- यार पहले वादा कर कि तू मुझसे नाराज़ नहीं होगी!
मैंने कहा- नहीं होऊंगी … तू दिखा तो सही!
वह मुझसे वीडियो की बात बताते हुए बोला- आज तू नहाते समय मुझे बहुत अच्छी लग रही थी.
मैंने वीडियो देखी और उसकी बात सुनकर डर गई.
मैं बोली- बदतमीज तूने कहां से देखा मुझे नहाती हुई?
वह बोला- यार उस समय मैं अपनी छत पर था.
मैंने कहा- यार, तुझे मेरी कसम है, इस वीडियो को किसी को मत बताइओ … बल्कि इसे अभी डिलीट कर दे.
उसने कहा- नहीं बताऊंगा और डिलीट भी कर दूंगा. इसके बदले में तुझे अपनी चूत देनी होगी.
मैंने कहा- ठीक है, मैं तुझे दे दूंगी लेकिन मैं अभी तुझे देने लायक नहीं हूं. मैं अभी कच्ची हूं यार … मैं तेरा नहीं झेल पाऊंगी.
वह बोला- तू चिन्ता मत कर, मैं बिल्कुल आराम से करूंगा … तुझे पता ही नहीं चलेगा.
मैंने कहा- तो ठीक है … चल अभी ही ले ले!
वह मुझे लेकर सरसों के खेत में घुस गया और मेरी चूचियों को दबाने लगा.
मैंने मन बदलते हुए कहा- नहीं यार, अभी नहीं ले … अभी रहने दे … कोई आ जाएगा … चल पढ़ने चल!
वह नहीं माना और मेरी चूचियों को ज़ोर जोर से दबाने लगा.
मैंने उसका हाथ हटाते हुए कहा- छोड़ न … मुझे दर्द हो रहा है!
हालांकि दर्द के साथ साथ मुझे भी मजा आ रहा था.
जब वह नहीं माना तो मैंने उसकी पैन्ट के अन्दर अपना हाथ डाल दिया और उसके लंड को छुआ.
उसके लौड़े के स्पर्श से ही मेरे शरीर में एकदम सिरहन सी दौड़ गई और मेरे रोंगटे खड़े हो गए.
उसका लंड बहुत मोटा व बहुत लम्बा था … और गर्म हो रहा था.
ज्ञानी एक हाथ से मेरी चूचियों को दबा रहा था और दूसरे हाथ से मेरे चूतड़ों पर थपकी मारता हुआ मेरी गांड को सहला रहा था.
वह कभी कभी मेरी चूत को मसलता था और कभी मेरे मम्मों को मींजने लगता था.
फिर उसने मेरी सलवार के नाड़े को खोल दिया.
मैं कुछ कहने को हुई मगर उसने मेरे होंठों को अपने मुँह में दबा लिया और होंठों को चूसने लगा.
मैं गर्म होने लगी थी.
उसका लंड भी खड़ा हो गया था.
मैं उसके लंड को ऊपर नीचे करने लगी तो वह कामुक सिसकारियां लेने लगा.
मैं भी कराहती हुई बोली- यार अब तू जल्दी से कर ही लो.
उसने मेरे कपड़े उतार दिए और अपने कपड़े भी उतार दिए.
हम दोनों नंगे होकर एक दूसरे को चाटते चूमते हुए प्यार करने लगे.
वह मेरी चूत में उसने अपनी एक उंगली डाली और बोला- यार तेरी चूत तो चिकनी हो रही है और टाइट भी बहुत है.
उसने मुझे ज़मीन पर सीधा लिटाया और मेरी कोरी चूत में अपनी उंगली डालकर अन्दर बाहर करने लगा.
मैं आंह ऊंह करने लगी.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
फिर वह मुझसे बोला- रानी, ले तू अब मेरा लंड चूस!
मैंने मना किया तो बोला- नहीं रानी, बहुत मजा आएगा तू चूस कर तो देख!
यह कह कर उसने मेरा सिर पकड़ कर अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया और मेरे सिर को पकड़ कर आगे पीछे करने लगा.
तभी उसने एक तेज झटका लगाया तो लंड मेरे गले से टकरा गया और मैं घबरा गई.
फिर मैं उसके लंड को बड़े चाव से चूसने लगी.
लौड़े को चूसते चूसते उसमें से पानी की पिचकारी छूट गई और वह सीधी मेरे गले में जा पड़ी.
मैं उसके पानी को निगल गई.
अब वह मेरी चूत को चाटने लगा और अपनी जीभ को मेरी चूत में डालकर चोदने लगा.
मस्ती से मेरी आंखें बन्द होने लगीं.
मैं अपनी टांगों से उसके सिर को दबा कर भींचती हुई अपनी कमर से झटके देने लगी.
मैं बोली- आह मेरे राजा … आज मुझे शान्त कर दो प्लीज़!
उसने कहा- अंजलि डार्लिंग … बस रुक जा मेरी रानी … अभी तुझे शान्त करता हूं!
उसने मेरी दोनों टांगों को उठाकर अपने कंधों पर रख लिया और अपने लंड को मेरी चूत पर घिसने लगा.
मेरी चूत चुदवाने को तड़प रही थी और अन्दर से चिकना चिकना रस निकल रहा था.
उसने अपने लंड को चिकना किया और मेरी चूत के छेद पर रख दिया.
फिर उसने धीरे से लंड को दबाया तो मैं एकदम से उछल गई और बोली- आह दर्द हो रहा है!
उसका लंड दो इंच मोटा था और आठ इंच लम्बा था.
उसने दुबारा से लंड को चूत पर जमाया और जोर से अन्दर की ओर धकेला.
इस बार मैं जोर से चीख पड़ी- उई मम्मी मर गई … आह निकाल ले आह.
मेरी चूत से खू/न की धारा बहने लगी.
ज्ञानी ने अपने होंठ मेरे होंठों पर जमा दिए जिससे मेरी आवाज़ नहीं निकल सकी.
मैं दर्द से छटपटाने लगी और लंड का टोपा मेरी चूत को चीरते हुए अन्दर घुस गया.
मैं बिन पानी की मछली की तरह छटपटा रही थी.
लेकिन मेरे ऊपर भारी भरकम नौजवान ज्ञानी मेरी टांगों को फैलाए हुए मुझे जकड़े हुए था.
साथ ही वह अपनी कमर उठा कर पूरी ताकत से लंड से झटका दे रहा था.
मेरी चूत चिर गई थी.
उसका लंड ऐसा लग रहा था मानो कोई पैनी तलवार मेरी चूत में घुसेड़ी जा रही हो.
उसने जल्दी-जल्दी चार पांच धक्के लगा दिए और पूरा लंड अन्दर घुसा दिया.
मुझे सच में ऐसा लगने लगा था मानो कोई खूंटा मेरी चूत में गाड़ दिया हो.
मैं रो रही थी और गिड़गिड़ा रही थी- प्लीज़ मुझे छोड़ दो, मैं अब नहीं बचूंगी ऊऊई मम्मा मर गईई.
मेरा मुँह सूख रहा था.
ज्ञानी थोड़ी देर तक शांत पड़ा रहा और मुझे चूमते हुए बोला- डार्लिंग कुछ दर्द कम हुआ?
मैंने मरी हुई आवाज में कहा- हां.
बस उसने अपने लंड को मेरी चूत में अन्दर बाहर करना चालू कर दिया.
मेरी सील टूट गई.
अब तो उसने अपनी स्पीड और बढ़ा दी और खचाक पचाक फचफच की आवाज आने लगी.
कुछ देर बाद मुझे मीठा मीठा दर्द हो रहा था.
ज्ञानी मेरी धकापेल चुदाई करने में लगा था.
हम दोनों के शरीर पर पसीना छलक आया.
मेरी चूत में जलन होने लगी.
ज्ञानी ने मुझे करीब आधा घंटा लगातार चोदा और उसके बाद वह बोला- डार्लिंग मेरा पानी छूटने वाला है अन्दर डालूं या बाहर निकाल दूं?
मैंने अपने हाथों से ज्ञानी को भींच लिया और अपनी टांगों से उसकी कमर को जकड़ लिया.
मैं बोली- आह … लंड को बाहर मत खींचना … मुझे सींच दे!
वह भी मुझसे बोला- हां तो मेरी रानी ले न मेरा शीरा पी ले.
बस उसने जोर जोर से धक्का लगाते हुए चिंघाड़ भरी और बोला- आह मेरी रानी … मेरा पानी छूट गया!
वह झड़ कर मेरे ऊपर ही लेटा रहा.
मेरी चूत ने भींच भींच कर लंड का सारा रस चूस लिया.
उस दिन वह शाम तक मुझे चोदता रहा.
शाम तक उसने मुझे चार बार चोदा और हर बार उसने अपने लंड का पानी मेरी चूत को ही पिलाया.
उस दिन न जाने कितनी बार मेरा पानी छूटा होगा, मुझे होश ही नहीं है.
वर्जिन गर्ल फ्रेंड Xxx करके मेरी चूत सूज कर बहुत फूल गई थी और चूत में बुरी तरह से जलन हो रही थी.
शाम को जब छुट्टी का टाइम हो गया तो हम दोनों खड़े हो गए.
मुझसे चला नहीं जा रहा था.
जैसे तैसे मैं घर पहुंच गई.
शाम को पढ़ाई में मेरा मन नहीं लग रहा था क्योंकि मेरी चूत में जलन मच रही थी.
उस दिन मेरे मम्मी पापा घर पर नहीं थे तो मैंने ज्ञानी को अपने घर सोने को बुला लिया.
उस रात हम दोनों एक ही बिस्तर पर नंगे होकर सो गए.
मैंने कहा- यार, आज रात को सोना नहीं है.
उसने कहा- हां मालूम है.
बस उसने मुझे चोदना चालू कर दिया और पूरी रात मुझे चोदा.
अब तो दिन में या रात में, चाहे जब वह मेरी चुदाई कर देता है.
आपको यह वर्जिन गर्ल फ्रेंड Xxx कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.