Latest Hindi Sex Stories added for who looking to read Desi Sex In Family – मौसी की कुंवारी बेटी ने मुझसे बुर चुदवाई to make every night hot about Desi Sex In Family – मौसी की कुंवारी बेटी ने मुझसे बुर चुदवाई story.
Story Start Here :
देसी सेक्स इन फॅमिली कहानी में मेरी मौसी की बेटी हमारे घर रहने आई थी. हम दोनों एक बेड पर सोते थे. रात को वह मुझसे चिपक जाती थी. एक रात उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया.
दोस्तो, मेरा नाम अजीत है और यह नाम गोपनीयता के चलते मैंने बदल दिया है.
मेरी उम्र अभी 28 साल है.
आज मैं आपके लिए अपनी पहले सेक्स कहानी लिख रहा हूँ.
यह देसी सेक्स इन फॅमिली कहानी तब की है, जब मेरी मौसी की बेटी अपने 12 वीं के पेपर ख़त्म करके मेरे घर रुकने आई थी.
मैं आगे बढ़ने से पहले आपको उसके बारे में बता देता हूँ.
उसका नाम नेहा है, वह बहुत ही सेक्सी लड़की है.
उसका रंग एकदम दूध सा गोरा है और उसका साइज़ 32-28-34 का था.
वह एकदम नयी जवान लड़की होने के साथ साथ मस्त माल थी.
मेरे मम्मी पापा के जॉब पर जाने के बाद हम दोनों शाम तक घर में अकेले होते थे.
वह मुझे पसंद करती थी, मैं यह बात नहीं जानता था.
हम दोनों साथ ही एक बेड पर सोते थे.
मम्मी पापा अलग रूम में सोते थे.
एक बार रात को मेरी आंख खुली तो मैंने देखा कि मेरा हाथ उसके बूब के नीचे था.
मैंने सोचा कि ग़लती से चला गया होगा.
मैंने अपना हाथ हटा लिया.
उस दिन यह बात मुझे जरा अजीब सी लगी थी कि मेरा हाथ उसके दूध के पास कैसे चला गया.
खैर … उस दिन के बाद से मैं ध्यान रखने लगा था कि उससे किसी तरह का टच न हो.
फिर मैंने देखा कि जब भी हम दोनों घर में होते तो वह मुझको अजीब तरह से टच करती थी.
पिल्लो फाइट करते टाइम इधर उधर हाथ लगाना या खुद को मुझसे टच करवाना … यह सब मेरे लिए एक सोचने का विषय बन गया था.
फिर एक दिन हम दोनों सो रहे थे तो रात को मुझे अचानक से गर्मी लगने लगी.
उस वजह से मेरी आंख खुली तो मैंने देखा कि वह मुझसे चिपक कर सो रही है.
मैंने उसको अलग कर दिया और फिर से सो गया.
पर मुझे जल्दी नींद नहीं आई थी और मैं आधा जागा हुआ था.
तभी अचानक से उसने फिर से मुझे हग कर लिया.
मैंने कुछ भी रिएक्ट नहीं किया.
फिर वह अपने बूब्स मेरे सीना से रगड़ रही थी.
मैं भी जवान था तो मुझे भी अजीब सा अहसास होने लगा.
फिर जब उसने मुझे गले में और गाल में चूमना शुरू कर दिया … तो मामला गड़बड़ होने लगा.
मेरे लंड में तनाव सा आने लगा और मुझे थोड़ा सा डर लग रहा था.
पर मैं ऐसे कर रहा था जैसे मैं नींद में हूँ.
फिर वह रुक गई और मैंने आंख खोल कर देखा तो वह आंख बंद करके तेज तेज सांसें ले रही थी और अपनी बुर सहला रही थी.
मैंने उसकी तड़प देख कर सोचा कि चलो इस पर थोड़ा रहम कर दिया जाए और इसको भी शांति मिल जाएगी.
मैंने उसके होंठों पर अपने होंठों को रख दिया.
तो उसने भी मेरा साथ दिया पर एकदम से उसको होश आया और उसने मुझे अलग कर दिया.
वह बोली- सॉरी भाई!
मैंने स्माइल कर दी और प्यार से गाल पर किस करके कान में बोल दिया- एंजाय करें!
उसने थोड़ा सोच कर हां में सिर हिला दिया और मैंने फिर से उसके होंठों पर होंठों को रख दिया.
उसने अपना जोश दिखाया और वह तो प्यासी थी ही तो उसने बहुत तेज किस करना शुरू कर दिया.
फिर किस करते करते वह गले तक किस करने लगी.
मैं भी उसको चूम रहा था.
हम दोनों ने जोश में आकर एकदम से पूरे कपड़े निकाल दिए.
वह बस पैंटी में रह गई और मैं अंडरवियर में.
मैंने उसको घुटनों पर खड़ा कर दिया और उसके मम्मों को पीने लगा.
वह भी मेरा सिर पकड़ कर अपने बूब्स पर दबा रही थी.
साथ ही वह मेरे लौड़े को अंडरवियर के ऊपर से ही सहला रही थी.
मैंने धक्का देकर उसको बेड पर लिटा दिया और उसकी नाभि को किस करता हुआ नीचे आ गया. मैंने उसकी पैंटी निकाल दी.
उसकी चूत देखकर तो मैं पागल ही हो गया. वह एकदम साफ और चिकनी चूत थी.
मैंने तुरंत उसकी चूत पर अपने होंठ रख दिए और जीभ घुमाने लगा.
वह ‘सस्शह स्शह उम्म्म …’ करने लगी. मुझे भी उसकी चूत का टेस्ट अच्छा लग रहा था तो जीभ अन्दर तक डालकर चाटने लगा.
उसने कमर हिलाना शुरू कर दिया और मेरा सिर दबाने लगी.
कुछ मिनट बाद ही उसने मेरे बाल पकड़ कर मुझे अपने ऊपर खींच लिया और बोली- मैं और नहीं रुक पाऊंगी!
तो मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया.
उसने अन्दर हाथ डालकर मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी.
वह बोली- भाई, तेरा लंड तो काफ़ी बड़ा है.
मेरा लंड 7 इंच का है.
मैं लेट गया और उसने मेरा लंड सहलाना शुरू कर दिया.
मैंने बोला- इस पर किस करो!
वह बोली- ऊँह … मुझे यह गंदा लगता है!
मैंने बोला- एक बार ट्राइ तो करो!
तो उसने अपनी जीभ की नोक को हल्के से लंड के सुपारे पर लगाया, फिर स्वाद चखा.
उसे शायद लंड का स्वाद पसंद आ गया था तो वह मेरे लंड के सुपारे को मुँह में लेकर चूसने लगी.
उसको थोड़ा और ठीक लगा, तो वह लंड को मुँह में अन्दर तक लेने लगी.
इतने में अचानक से मैंने अपनी गांड को जुंबिश दी और आधा लंड उसके मुँह में डाल दिया.
उसने एकदम से लंड बाहर निकाल दिया.
मैंने पूछा- क्या हुआ?
नेहा- भाई क्या कर रहे हो. मुझे सांस नहीं आ रही थी!
मैं- इसको ही तो ओरल सेक्स या मुँह की चुदाई कहते हैं.
नेहा- तो थोड़ा आराम से करो ना!
मैं- अच्छा ठीक है, अब आराम से करूंगा.
मैंने फिर उसके मुँह को धीरे धीरे चोदना शुरू कर दिया.
उसको भी अच्छा लगने लगा था तो वह भी मेरा लंड पूरा अन्दर लेने लगी … गले तक लेकर गूओ गू करके चूस रही थी.
उसके थूक से मेरा लंड पूरा गीला हो गया था.
मैंने कहा- लेट जाओ!
वह लेट गई.
मैं उसकी टांगों के बीच में आ गया और लंड उसकी चूत पर सैट करके उसके होंठों को चूसने लगा.
फिर नीचे से हल्का सा धक्का दिया तो वह हिल गई और लंड फिसल गया.
मैंने फिर से लंड चूत पर रखा और उसको अच्छे से दबोच लिया.
पर जैसे ही ज़ोर लगाया … वह फिर से उठने लगी.
उसका यह फर्स्ट टाइम था तो उसको दर्द हो रहा था.
वह बोली- भाई आज रहने देते हैं, दर्द हो रहा है!
मैंने कहा- एक बार और ट्राइ करते हैं … वरना रहने देंगे!
उसने हां में सिर हिलाया.
इस बार मैंने लंड सैट करके उसको कंधों पर से टाइट से पकड़ लिया और थोड़ा तेज ज़ोर लगाया.
तो लंड सुपारे से थोड़ा ज़्यादा अन्दर घुस गया.
वह एकदम से चीख गई- भाईईइ उई!
मैंने उसके मुँह पर हाथ रख लिया, तो उसकी आंखें बड़ी हो गईं और आंसू निकल आए.
वह थोड़ा शांत हुई तो मैंने हाथ हटा दिया और एक झटका लगा दिया.
तो वह फिर से तड़फ उठी- भाई पागल हो गया है क्या! मैं मर गई … हटाओ जल्दी से!
मैंने देखा तो उसकी चूत से खून आ रहा था.
इतने में मैंने एक और झटका लगा दिया और उसने अपना सीना उठाकर मुँह खोल दिया.
उसकी आवाज़ नहीं निकल रही थी. उसका पसीना निकल रहा था … सांसें बहुत तेज हो गई थीं और वह दर्द से कराह रही थी.
मैं थोड़ी देर रुका रहा और उसके गालों पर, कान के आस-पास किस करने लगा.
फिर थोड़ी देर में जब वह शांत हुई, तो मैंने अपना लंड आगे पीछे करना शुरू कर दिया.
कुछ देर बाद उसको ठीक लगने लगा.
मैंने उसके पैर अपनी कमर से लगा लिए और तेज तेज झटके लगाने लगा.
वह ‘अह ऊफ्फ़ ओह …’ करने लगी.
मैंने पूछा- अब कैसा लग रहा है?
तो वह बोली- भाई दर्द हुआ बहुत … पर अब ठीक है थोड़ा!
मैंने कहा- स्पीड बढ़ाऊं?
उसने हां में सिर हिला दिया.
मैंने उसके होंठों पर एक तेज किस किया और उसके पैर अपने कंधे पर लेकर ताक़त वाले झटके देने लगा.
वह मस्त हो गई और आहह हन्णन्न् हन्न्न करने लगी.
कुछ मिनट ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसको डॉगी स्टाइल में कर लिया और पीछे से उसकी गांड पकड़ कर झटके लगाने लगा.
वह बोली- भाई, ऐसे बहुत मज़ा आ रहा है.
मैंने कहा- ये मेरी फेवरिट पोजीशन है.
तो वह बोली- तो मुझे भी मज़े करवाओ!
मैंने स्पीड बढ़ा दी और तेज तेज झटके लगाने लगा.
उसकी गांड हिल रही थी और झटके देने पर पट्ट पट्ट की आवाज़ आ रही थी.
मैंने उसकी कमर पकड़ कर पूरी ताक़त से झटके लगाने शुरू कर दिए.
वह दो बार झड़ चुकी थी.
मेरी स्पीड बढ़ने से मेरा पानी निकल गया और मेरी आवाज़ भी निकल गई … ‘नेहा आ …’ और मैं उसके ऊपर ही गिर गया.
हम दोनों ऐसे लेटे रहे.
फिर मैं साइड में लेट गया.
वह बोली- भाई किसी को पता तो नहीं चलेगा ना!
मैंने बोला- जब तू नहीं बताएगी तो कैसे पता चलेगा?
हम दोनों इस तरह दिन में और रात में चुदाई करने लगे.
फिर वह अपने घर चली गई.
अब जब भी कभी हमारा मिलना होता, हम दोनों मौका देख कर चुदाई कर ही लेते थे.
अब हमारी शादियां हो चुकी हैं.
पर अब भी कभी मन करता है तो हम आपस में प्रोग्राम बनाकर चुदाई कर लेते हैं.
तो कैसी लगी मेरी देसी सेक्स इन फॅमिली कहानी?
मुझे मेल से ज़रूर बताएं.
मेरी मेल आईडी है
[email protected]
धन्यवाद.