Hot Girl Xxxxxx Story – गबरू ने मुझे रण्डी बना कर चोदा

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Story Start Here :

हॉट गर्ल Xxxxxx स्टोरी में मुझे होटल के स्टाफ का एक लड़का मुझे चोद ना पाया तो उसने मुझे एक राजस्थानी लड़के से मिलवाया. उस लड़के ने मेरी चुदाई ऐसी की कि मेरी चूत से खून की नदियां बह निकली.

यह कहानी सुनें.

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दोस्तो, मैं आपकी अपनी शबनम एक बार फिर हाजिर हूँ अपनी कहानी
गर्म चूत के बाहर लंड ने धोखा दिया
से आगे की हॉट गर्ल Xxxxxx स्टोरी लेकर.

तो जैसा आप जानते ही हैं कि पिछली कहानी में मैंने जैसे तैसे डेविड से चुदवाने का जुगाड़ किया.
लेकिन डेविड चूतिया निकला और पांच मिनट में ही मेरे मुंह में उसकी पिचकारी निकल गई.

दोस्तो, अगर आप सब लोग भी मेरे मुंह में पिचकारी मार दो तो हल्ला कसम, मुझे तो जीते जी जन्नत नसीब हो जाएगी.
काश ऐसा हो सकता.

पंद्रह मिनट बाद डेविड का फ़ोन आया, वह बोला- मैडम जी, इंतजाम हो गया है, आप आ सकती हैं!

मैं तुरंत ख़ुशी ख़ुशी डेविड के सर्वेंट क्वार्टर तक पहुंची.

चुदाई के बारे में सोच सोच कर मेरी चूत से पानी वैसे ही टपक रहा था जैसे इस समय मेरे पाठकों के खूबसूरत लंड से टपक रहा होगा.

मैं पहुंची तो देखा कि डेविड ने कमरे को बहुत खूबसूरत सजाया हुआ था.
मैंने कमरा अंदर से बंद कर दिया.

एक कोने में मैनेजर और एक अजनबी बैठा था.
वह अजनबी देखने में बहुत लम्बा चौड़ा था.
उसका बदन एकदम कसा हुआ था और वह किसी मॉडल से कम नहीं लग रहा था.

मुझे देख कर मैनेजर बोला- मेडम, चूत की खिदमत करवानी थी तो मुझे बतातीं. क्यों इस गांडू डेविड के चक्कर में पड़ गईं?
सुनकर मुझे हंसी आ गई और डेविड का मुंह ऐसे लटक गया जैसे मुझसे चुसवाने के बाद आप सब के लंड लटक जाएंगे.

मैंने कहा- उम्मीद है कि आप निराश नहीं करेंगे.

मैनेजर उस अजनबी की तरफ इशारा करते हुए बोला- यह मेरा दोस्त गबरू है. अच्छों अच्छों की चीखें निकाल चुका है. उम्मीद है कि आप भी आज चीखें मारते हुए ही इधर से जाएंगी.
हम सब जोर से हंस पड़े.

मैंने कहा- तो बातें ही करनी हैं या काम भी होगा कुछ?
मैनेजर कुछ बोलने को हुआ तो उसको टोकते हुए गबरू बीच में बोल पड़ा- मैडम जी, चिंता कोनी करो, मैं धीरे धीरे पेलतो हूँ पण घड़ों पेलतो हूँ.

मुझे सुनकर बहुत ख़ुशी हुई और ख़ुशी के मारे मेरी चूत से दो-चार बूँद रस टपक गया.

गबरू ने मैनेजर और डेविड की तरफ घूर कर देखा तो दोनों की सिट्टी पिट्टी गम हो गई.

उसने इशारा किया तो दोनों भीगी बिल्ली की तरह दूसरे कमरे में चले गए.

गबरू मेरे पास आया और मुझे छोटी गुड़िया की तरह गोद में उठा लिया.
गोद में उठाकर गबरू ने मेरे हवस से दहकते होंठों पर अपने गर्म होंठ रखे तो मुझे ऐसा लगा मानो दो शोले आपस में टकरा गए हों और चिंगारियां फूट पड़ी हों.

उसने पूरी ताकत से मेरे होंठों का रस चूसना शुरू कर दिया.
उसकी जीभ मेरे मुंह में जाने कौन सा खजाना ढूंढ रही थी.

कुछ देर मेरे होंठ मसलने के बाद वह बोला- वाह, थारे होंठ तो बड़े मीठे हैं.

अब उसने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और धीरे धीरे मेरे कपड़े हटाने लगा.

उसने एक एक करके मेरी फ्रॉक के बटन खोल दिए तो मैं ब्रा और पेंटी में आ गई.

गबरू ने एक हाथ से झटका देकर मेरी ब्रा के हुक खोल दिए तो उछल कर मेरे दूध बाहर आ गए.
उसने मेरे दोनों दूध पर अपने दोनों हाथ रखे और पूरी ताकत से उनको निचोड़ दिया.
हॉट गर्ल Xxxxxx चीख निकल गई.

अब गबरू ने मेरी पेंटी पर हाथ फेरा और बोला- अरे वाह, थारी चड्डी तो बहुत गीली हो चुकी है.
गबरू ने मेरी पेंटी खींच कर उतार दी तो मेरी चूत का रस मेरी जाँघों पर फ़ैल गया.

उसने दो उंगलियाँ मेरी चूत में डाल कर फैलाईं और अंदर झांकते हुए बोला- वाह, अंदर तो पूरा तालाब भरा पड़ा है, आज तो जी भर का प्यास बुझाऊंगा.

गबरू ने अपनी दोनों उंगलियाँ मेरी चूत में घुमाईं और मेरी चूत का बहुत सारा रस अपनी उंगलियों में समेट लिया.
अब उसने मेरी चूत से अपनी उंगलियाँ बाहर निकाली और अपने मुंह में डाल कर मजे से चूसने लगा- वाह जवान लौंडी की चूत के रस से बढ़ कर दुनिया में कोई स्वाद ना है.

दोस्तो, काश मैं आप लोग को भी अपनी चूत का रस पिला सकती.

मैं भी बहुत गर्म हो चुकी थी तो मैं गबरू के कपड़े खींचने लगी.
मैंने उसको पूरा नंगा कर दिया.

जैसे ही मैंने गबरू का अंडरवियर खींचा तो फचाक से उसके अंडरवियर से एक काला नाग बाहर निकला और मेरे गालों से टकराया.
मेरे मुंह से निकल गया- बाप रे, कितना बड़ा और मोटा है.

गबरू का लंड भी रस से नहाया हुआ था.
मैंने बहुत प्यार से लंड पकड़ा, उसका टोपा खसका कर सुपारा बाहर निकाला और रस से भीगे सुपारे को हौले से मुंह में ले लिया.

अब गबरू ने मुझे एक बार फिर उठाया और अपने मुंह पर बैठा लिया.
मेरी गांड गबरू के मुंह पर थी और गबरू का लंड मेरे मुंह के पास था.

आपकी अम्मी की कसम दोस्तो, मैंने इस बार गबरू का लंड मुंह में नहीं लिया क्यूंकि मैं बस आपका लंड मुंह में लेना चाहती हूँ. और मैं ये भी चाहती थी कि गबरू का लंड मेरे मुंह में नहीं बल्कि मेरी चूत में जाए.

इधर मेरी गांड अपने मुंह पर रख कर गबरू मेरी चूत में उंगली अंदर बाहर करने लगा.

उंगली से चोदने के कारण मेरी चूत में भरा रस बूँद बूँद कर एक चूत से बाहर निकलने लगा और मेरी गांड की तरफ बहने लगा.
मुझे तो बहुत मजा आ रहा था.

मेरी गांड से होते हुए मेरा चूतरस गबरू के मुंह में टपकने लगा और गबरू पूरा मजा लेते हुए मेरी गांड में जीभ घुसा-घुसा कर मेरा चूतरस पीने लगा.

मैं चूत में लंड घुसवाने के लिए मरी जा रही थी तो मैंने गबरू से कहा- बस करो जान … वरना मेरी पाद निकल जाएगी.
गबरू मेरी गांड में जीभ घुसाए हुए ही बोला- आज तो चाहे तुम हग दो, लेकिन तुम्हारी गांड से ये जीभ नहीं निकलेगी.

दोस्तो, अपने लंड की कसम खाकर सच बताना क्या ऐसे हालात में आप लोग मेरी गांड से जीभ बाहर निकाल लेते?

मैंने धक्का मार कर गबरू को हटा दिया और उसके बाजू में लेट गई.
गबरू मेरे बाजू में लेटा था.

मैंने उसको चूत में लंड डालने का इशारा किया तो हरामखोर ने मन कर दिया.
तब मैंने पूछा- क्या हुआ जान, चोद क्यों नहीं रहे हो?

गबरू अकड़ते हुए बोला- पहले चुदाई की भीख मांगो, उसके बाद ही चोदूंगा.
मैंने मुस्कुराते हुए अपने हाथ जोड़ लिए और कहा- ठीक है जान, प्लीज चोद दो मुझे.
गबरू अकड़ते हुए बोला “ठीक से चुदाई की भीख मांगो.

मैंने कहा- जान प्लीज, अपनी शबनम को चोद डालो. मेरी चूत को फाड़ कर इसके तीन चीथड़े कर दो.
गबरू मुस्कुराते हुए बोला- अब मुझे मजा आ रहा है, और जोर से चुदाई की भीख मांगो.

मैंने भीख मांगते हुए कहा- प्लीज जानू, मैं तुम्हारी रंडी हूँ, मुझे सड़कछाप छिनाल की तरह चोद डालो. मेरी चूत से खून के फव्वारे निकाल दो. मेरी चूत का भोसड़ा बना कर मेरे अंदर अपना बीज डाल दो. मुझे अपने हरामी बच्चों की मा बना दो.

गबरू तेजी से उठा और मेरे ऊपर चढ़ गया.

मेरी दोनों टांगों के बीच घुसते हुए उसने अपने पैरों से मेरी दोनों टांगें चौड़ी करके मेरी चूत का दरवाजा खोल दिया और बोला- कुण्डी खड़काऊं या सीधे अंदर आऊं?
हवसी रांड की तरह आहें भरते हुए मैंने कहा- कुण्डी ना खड़काओ चोदू, सीधे लंड घुसाओ चोदू.

यह सुनते ही गबरू ने मेरी चूत के मुहाने पर अपना रसभरा लंड रखा और भचाक से मेरी चूत में पेल दिया.

इतना मोटा लंड चूत में गया तो मेरी आँखों में आंसू आ गए और मेरी चीख निकल गई- हायल्ला, मार डाला.
मेरी चूत में लंड डाल कर गबरू कुछ देर मेरे ऊपर शांत पड़ा रहा.

थोड़ी देर बाद मेरा दर्द कम हुआ तो मैंने गबरू को अपनी बाहों में कस लिया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.

सिग्नल मिलते ही गबरू ने भी अपनी रेलगाडी चालू कर दी.

गबरू अपना पूरा लंड बाहर निकालता था और पूरे झटके से फिर से मेरी चूत में पेल देता था.

मैं गबरू की टांगों के नीचे लेटी हुई उसके गर्मागर्म लंड के मजे ले रही थी.
मुझे लगता है कि कम से कम पंद्रह मिनट हो चुके थे मुझे चुदते हुए.

मेरी चूत सुलगने लगी थी और लग रहा था कि मैं फारिग होने वाली हूँ.

मैंने गबरू कि पीठ पर अपने नाख़ून धंसा दिए और अपनी गांड उछालती हुई बोली- और जोर से जान, और जोर से पेलो. फाड़ दो मुझे!
गबरू के धक्के तेज हो गए.

अचानक मेरी टांगों और पेट में झुरझुरी होने लगी, मेरा बदन थरथराने लगा और शरीर अकड़ने लगा.
मेरा दिमाग सुन्न पड़ने लगा और मुझे ऐसा लगा मानो मेरे बदन का सारा खून मेरी चूत में भर गया है.

मेरे बदन ने तेज तेज झटके लिए और फचाक फचाक करके मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया.
मेरा बदन लस्त पड़ गया और मुझे ऐसा लगा मानो मैं जन्नत की सैर कर के आई हूँ.

इधर गबरू अभी भी पूरी ताकत से मेरी चूत में धक्के मार रहा था.

काफी देर तक चुदते चुदते मेरी चूत में जलन होने लगी थी लेकिन गबरू तो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था.
मुझे शुरू शुरू में काफी मजा आ रहा था लेकिन अब मेरी चूत में दर्द उठने लगा था.

मेरे आंसू निकलने लगे और मैं गबरू से मिन्नतें करने लगी- प्लीज हल्ला के वास्ते अब रहम करो. इस लंड को और नहीं झेल सकती मैं!

लेकिन गबरू आज नहीं रुकने वाला था, वह बोला- ज्यादा नाटक मत कर छिनाल. जब तक मेरा पानी नहीं निकलेगा तब तक तेरी चुदाई चालू रहेगी.

मैं रोती हुई बोली- आज बक्श दो जान, कल फिर चोद लेना. मैं तुम्हारी ही रंडी तो हूँ. प्लीज निकाल लो, बहुत दर्द हो रहा है.
मुझ पर तरस खाते हुए गबरू बोला- तो फिर पानी किधर निकालूंगा?

मैंने कहा- कहीं भी निकाल दो, बस लंड बाहर निकाल लो.

गबरू को मुझ पर तरस आ गया और उसने मेरी चूत से लंड बाहर निकाल लिया.
लंड बाहर निकलते ही मानो मेरी चूत को आराम मिल गया.

लंड बाहर निकाल कर गबरू मेरे पेट पर बैठ गया और हाथ से मुठ मारने लगा.
मैंने देखा कि गबरू के लंड पर खून लगा हुआ था.

कुछ देर तेजी से मुठ मारते हुए गबरू का शरीर भी अकड़ने लगा और जोर से गुर्राते हुए उसने मेरे ऊपर ही पिचकारियां मार दीं.

वीर्य की पहली पिचकारी इतना तेजी से निकली की सीधा मेरे बालों और माथे पर आकर गिरी.
दूसरी पिचकारी ने मेरे गाल और होंठों पर लकीर खींच दी.

इसके बाद ना जाने कितनी पिचकारियां मेरे मम्मों पर आकर गिरीं.
आखरी की एक दो पिचकारियाँ गबरू ने मेरी गहरी नाभि में भर दीं.

मुझे ऐसा लग रहा था मानो मेरे ऊपर गर्म गर्म लावा बरस रहा है.

दोस्तो, मुझे पता है कि आप भी अपनी शबनम पर अपने वीर्य की पिचकारियां मारना चाहते हो लेकिन माफ़ करना, अब मुझमें हिम्मत नहीं है.

अपने टट्टे मेरे बदन पर खाली करके गबरू हाँफते हुए मेरे बाजू में लेटते हुए बोला- वाह शबनम जान, मजा आ गया आज तो!

इधर मेरी हालात खराब थी.
अपनी चूत की हालात देखने के लिए जैसे तैसे मैं उठी तो मेरी चीख निकल गई.
मेरी चूत से ढेर सारा खून निकल रहा था, मेरी चूत, जांघें और सारा बिस्तर खून से सने हुए थे.

“ये क्या किया मादरचोद, मेरी चूत बर्बाद कर दी, मूतने लायक भी नहीं छोड़ा मुझे?”

गबरू अपने कपड़े पहनते हुए बोला- ज्यादा नाटक मत कर छिनाल, खुद ही तो चिल्ला रही थी मुझे मसल डालो, फाड़ डालो. शुकर मना कि तेरी गांड नहीं मारी नहीं तो अभी डॉक्टर बुलाना पड़ता!

गबरू ने मेरी चूतरस में भीगी पेंटी उठाई और उसमें मेरी चूत से बहता खून पौंछ लिया.
फिर मेरी चूतरस और खून से सनी पेंटी को जोर से सूंघते हुए बोला- कसम से, तेरी खुशबू से प्यार हो गया है मुझे!
इतना कहते हुए मेरी पेंटी अपनी जेब में रख कर गबरू चला गया.

मैं अभी भी नंगी ही बिस्तर पर लेटी थी.
गबरू के जाने के कुछ देर बाद मैनेजर और डेविड कमरे से बाहर निकले और मेरी हालात देख कर अफ़सोस करने लगे.

मैनेजर- बाप रे, क्या हाल कर दिया बेचारी का!
डेविड- हाँ सर, आई थी तो मासूम कली थी, गबरू भाई ने बेचारी की हालात रंडी जैसी कर दी!

मैनेजर बोला- हम्म, मैंने सोचा था कि गबरू भाई के बाद मुझे भी चोदने मिलेगी लेकिन इसकी चूत का तो भोसड़ा बन गया.
डेविड बोला- हाँ सर, अब इसकी चूत में लंड नहीं, पूरा पैर डालना पड़ेगा.

हॉट गर्ल Xxxxxx की गांड फट गई कि साले कहीं पैर ही ना डाल दें.
तो मैं बोली- सर चिंता क्यों करते हो, लाओ मुंह में कर लो.

डेविड बोला- वाह शबनम … यह हुई ना बात. तुमने आज रंडियों की इज्जत रख ली.

मैनेजर ने मेरे मुंह के पास आकर अपना पेंट और अंडरवियर उतार दिया.
इस चूतिये का लंड भी डेविड जैसा ही छोटा और पतला था.

मैंने मैनेजर से अपनी छाती पर बैठने को कहा तो वह बोला इधर जगह किधर है, सब तरफ तो गबरू भाई का माल फैला हुआ है!
डेविड बोला- चिंता मत करो सर, गबरू भाई के माल पर बैठना भी फख्र की बात है.

मैनेजर बोला- हाँ, गॉड ने चाहा तो एक दिन हम भी गबरू भाई की तरह चुदाई करेंगे.
हम तीनों ने ही एक साथ कहा ‘आमीन’
और तीनों हंसने लगे.

तो दोस्तो, आज आपकी शबनम सरकारी तौर पर रंडी बन चुकी है.
अभी तो बस शुरुआत है, आगे देखिये कैसे कैसे गुल खिलाती है आपकी रंडी शबनम!

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