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Story Start Here :
बैड सेक्स विद बैड गर्ल करना पड़ा मुझे जब उस बंगाली लड़की ने कोई काला जादू करके मुझे अपने वश में कर लिया. वह लड़की बहुत गंदा सेक्स करवाती थी.
मेरा नाम बॉबी है. साल 2014 में मैं दिल्ली में रहकर पढ़ाई कर रहा था.
मेरे मकान में दो और कमरे थे.
एक कमरे में भैया-भाभी अपने नन्हे ब/च्चे के साथ रहते थे और दूसरे कमरे में एक बंगाली लड़की अपनी दुनिया बसाए हुए थी.
मैं वैसे तो उन लोगों से ज्यादा बातचीत नहीं करता था लेकिन भैया के ड्यूटी पर चले जाने के बाद भाभी फ्री हो जाती थीं.
वे अपने ब/च्चे को गोद में लिए खिलाने के लिए कमरे से बाहर आतीं और मुझसे हल्की-फुल्की बातें शुरू कर देती थीं.
मेरी कोचिंग का टाइम शाम को था जबकि भैया और वह बंगाली लड़की सुबह-सुबह ही अपने काम पर निकल जाते थे.
मैं उनके जाने का इंतजार करता और फिर भाभी के साथ मस्ती-मजाक में लग जाता.
उनके साथ वक्त बिताने में एक अलग ही न/शा था.
मैंने डरते-डरते भाभी को पटाने की कोशिशें शुरू कीं … उनके करीब आने की हर तरकीब आजमाई, पर भाभी टस से मस नहीं हुईं.
शायद वे अपने पति से पूरी तरह संतुष्ट थीं और उनका अपने पति को धोखा देने का कोई इरादा नहीं था.
मैं भी कभी सीधे-सीधे सेक्स की बात नहीं कर पाया.
बस उनके कपड़ों के ऊपर से उनके नाजुक, रसीले जिस्म को ताकता और मन ही मन उनके नंगे बदन की कल्पनाओं में खो जाता.
उनके कसे हुए ब्लाउज से उभरे उभार और साड़ी में लिपटी उनकी कमर को देखकर मैं बेकाबू हो जाता, पर हिम्मत नहीं जुटा पाता.
हालांकि मेरे इतने मजाक-मस्ती करने से भाभी मेरे साथ खुल गई थीं.
वे अब बेझिझक बातें करती थीं.
यहां तक कि अपने पीरियड्स की बात भी बता देती थीं.
एक दिन भाभी ने मुझसे मेरी लवर के बारे में पूछा.
मैंने कहा- कोई नहीं है.
पर भाभी को यकीन नहीं हुआ.
उन्होंने शरारती अंदाज में कहा- तुम इतने हैंडसम हो, पक्का दो-तीन लड़कियां पटाई होंगी. शरीफ बनकर मुझे भी फंसाने का प्लान है न तुम्हारा?
उनकी ये बात सुनकर पहले तो मैं सकपका गया, पर मुझे बुरा नहीं लगा.
तब भी मैंने ऐसे रिएक्ट किया मानो मुझे उनकी बात का बुरा लग गया हो.
मैं उनके पास से उठ कर बाहर निकल गया.
बाहर जाकर मैं सिगरेट पीने लगा और धुआँ उड़ाते हुए सोचने लगा कि मेरी जितनी भी लड़की दोस्त थीं, वे भी यही सोचती थीं कि मैं कोई प्लेयर हूँ, पर सच तो ये था कि कोई भी लड़की मेरे हाथ नहीं लग रही थी.
मैं बस भाभी के सेक्सी जिस्म को याद करके अपने हाथ से काम चला रहा था.
उनके रसीले होंठ, उनकी भरी हुई छाती और उनकी मटकती गांड की कल्पना में डूबकर पानी निकाल लेता था.
उसी वक्त मैंने यह भी सोचा कि भाभी भी नहीं फंस रही हैं तो क्यों टाइम बर्बाद करूँ!
फिर रात को कुछ कहानियां पढ़ीं, अपने लंड को शांत किया और सो गया.
अगले दिन मैं कमरे से निकल गया और काफी देर बाद कमरे में आकर सीधे कोचिंग चला गया.
शाम को जब लौटा तो भाभी बाहर खड़ी थीं.
मैं उन्हें देखकर चुपचाप निकल कर कमरे में आ गया.
तभी भाभी ने पीछे से आवाज लगाई- नाराज हो गए क्या?
मैं चुप रहा.
फिर भाभी ने करीब आकर कहा- नाराज मत हो, मैंने तो मजाक में बोल दिया था. चलो, मैं तुम्हारे लिए कोई लड़की देखती हूँ. तुम्हारा हथियार खुश हो जाएगा.
ये सुनकर मेरा दिल बल्लियों उछलने लगा.
भाभी ने सीधे-सीधे मुझे चूत दिलवाने का प्लान बना लिया था!
फिर भाभी ने शरारत भरी मुस्कान के साथ पूछा- रितिका के साथ करोगे क्या?
मैंने हैरानी से कहा- कौन रितिका?
भाभी ने उस बंगाली लड़की के बंद कमरे की ओर इशारा किया.
मैंने तपाक से कहा- भाभी, इससे तो अच्छा मैं अपने हाथ से ही कर लूँ.
भाभी जोर से हंस पड़ीं और बोलीं- ऐसा क्या हुआ? उसका साइज तो अच्छा है, मजा देगी तुम्हें.
मैंने नाक-भौं सिकोड़ते हुए कहा- भाभी, अच्छा साइज नहीं, वह तो मोटी भैंस है. और कितनी काली है … छी! देखकर ही उल्टी आ जाएगी.
भाभी ने मुझे डाँटते हुए कहा- ऐसे नहीं बोलते. रंग तो बस दो ही होते हैं.
मैंने तर्क दिया- भाभी, रंग की बात नहीं. एक बार मुझे देखो न … मेरे जैसे हैंडसम लड़के के साथ वह काली भैंस कैसी लगेगी? आप भी बिना सोचे कुछ भी बोल देती हैं.
भाभी बोलीं- तो गोरी वाली की चाहिए?
मैंने कहा- हां कम से कम आप जैसी न हो तो आपके अरीब-करीब जैसी तो हो!
भाभी मेरी बात सुनकर मुस्कुराईं.
लेकिन मेरे दिमाग में बस उनकी मादक छवि घूम रही थी.
उनका वह गदराया बदन, जो मुझे रातों को नींद नहीं लेने देता था.
भाभी ने मुझे आंखों से इशारा करते हुए कहा- मुझे खाना बनाना है, बाद में बात करेंगे.
मैं भी अपने कमरे में लौट गया.
अगले दिन मैं सोया हुआ था कि तभी मेरे दरवाजे पर खटपट की आवाज हुई.
मैंने गेट खोला तो सामने वह बंगाली लड़की खड़ी थी.
उसने पूछा- चीनी है क्या?
मैंने हां में सिर हिलाया.
वैसे तो मैं खाना बाहर खाता था, लेकिन दूध गर्म करने के लिए एक छोटा गैस, कुछ बर्तन और चीनी अपने कमरे में रखता था.
उस लड़की ने कहा- आज भैया-भाभी कहीं बाहर गए हैं, इसलिए तुमसे चीनी माँगने आई.
मैंने कहा- सामने रखी है, ले लो.
उसने फिर पूछा- तुम्हारा नाम क्या है?
मैंने जवाब दिया- बॉबी.
उसने शरमाते हुए कहा- तुम बहुत सुंदर हो.
मैं चुप रहा.
उसने मुझे एक टॉफी देते हुए कहा- लो मेरी तरफ से गिफ्ट है.
मैंने ले ली तो वह बोली- खाकर बताओ न … कैसी है!
मैंने उसे खोली और मुँह में रख ली. सच में बड़ी टेस्टी थी तो मैंने अंगूठा उठा कर उसे इशारा किया कि काफी अच्छी है.
वह मुस्कुरा कर चली गई और मैं दरवाजा बंद करके फिर से बिस्तर पर लेट गया.
थोड़ी देर तक तो मुझे नींद नहीं आई, बस सोचता रहा कि भाभी ने शायद इसे मेरे बारे में बताया होगा और अब ये काली भैंस रोज मुझे लाइन मारेगी.
फिर न जाने क्या हुआ कि उसी की याद करते हुए और भाभी के ख्यालों में डूबकर मैं सो गया.
दोस्तो, अब जो मैं बताने जा रहा हूँ, उस पर शायद आपको यकीन न हो.
क्योंकि 9 साल बाद भी मुझे खुद पर भरोसा नहीं होता कि मेरे साथ ऐसा हुआ.
चीनी देने के बाद मैं दरवाजा बंद करके सो गया था.
जब आंख खुली तो मैं पूरा नंगा था और वह बंगाली लड़की मेरे सामने खड़ी थी.
उसकी मोटी, झांटों से भरी चूत मेरी आंखों के सामने थी.
वह अपनी उंगलियों से उसे फैलाकर मुझे चूसने को कह रही थी.
मैं कुत्ते की तरह उसकी चूत पर टूट पड़ा.
उसकी गर्मी, उसका नमकीन स्वाद मेरे होश उड़ा रहा था.
फिर उसने मेरे मुँह को अपनी झांटों के बीच जोर से दबाया और अपनी चूत का सारा पानी मेरे चेहरे पर छोड़ दिया.
मैं पागलों की तरह उसकी झांटों को चूस रहा था, उसकी सिसकारियां सुनकर मेरा जोश दोगुना हो गया था.
फिर उसने कहा- चलो, अब खड़े हो जाओ.
हम दोनों बाथरूम से बाहर आए तो मैंने देखा कि मैं अपने कमरे में नहीं था.
हैरान होकर मैंने पूछा- मैं यहां कैसे आया? ये क्या गंदी हरकत कर रही हो मेरे साथ?
उसने बेफिक्री से कहा- मैं तो चाय बना रही थी. तुम खुद मेरे कमरे में आए और बोले कि मुझे तुम्हारी चूत चूसनी है. मैंने तुम्हें रोका, पर तुम नहीं माने. फिर मुझे नंगी करके मेरी चूत चूसने लगे. मैं वॉशरूम में पेशाब करने गई, तो तुम वहां भी चले आए और बोले कि मेरे मुँह पर पेशाब करो. मेरा पेशाब पीने के बाद तुमने फिर से मुझे खड़ा किया और मेरी चूत का पानी निकाल दिया. देखो, मेरी जांघों पर कितने निशान बना दिए.
मैंने उसकी काली, मोटी जांघों को देखा, सच में वहां लाल निशान पड़े थे.
मैंने ‘सॉरी’ कहा.
तो उसने जवाब दिया- कितनी जोर-जोर से चूस रहे थे. मेरी झांटों के बाल तक खींच-खींचकर मुझे दर्द दिया. पर तुम इतने प्यार से कर रहे थे कि मैंने सारा दर्द सह लिया.
मुझे गुस्सा तो आया और मन में सोचा- साली मोटी रंडी, तुझसे ही प्यार करूँगा क्या?
पर गुस्सा दबाकर मैंने बात घुमाई और पूछा- मेरे कपड़े कहां हैं?
उसने कहा- शायद तुम्हारे कमरे में हों. यहां आने से पहले ही तुम नंगे हो गए थे. तुम्हारा नंगा जिस्म देखकर मैं खुद को रोक नहीं पाई और सेक्स के लिए हां बोल दिया.
उसकी बात सुनकर मेरा दिमाग चकरा गया.
उसका वह मादक अंदाज, उसकी चूत की गर्मी और मेरी अपनी बेकाबू हरकतें.
सब कुछ किसी नशे की तरह था, जो मुझे अभी भी हैरान कर रहा था.
मैंने कहा- मुझे अपने कमरे में जाना है. कैसे जाऊंगा?
उसने मादक अंदाज में कहा- प्लीज, एक बार इसे अन्दर डाल दो ना, बहुत मन है मेरा. फिर चाहो तो अपने कमरे में चले जाना, मैं तुम्हें कपड़े दे दूँगी.
मेरा मन तो बिल्कुल नहीं था उसके साथ करने का, लेकिन सोचा कि जब उसकी गंदी झांटों वाली चूत चाट ही ली, तो लंड डालने में क्या हर्ज है.
मैंने उसे बेड पर पटक दिया और उसके ऊपर चढ़ गया.
मेरा लंड उसकी चूत में घुसा तो वह पहले से चुदी हुई थी, फिर भी ‘आह उई’ की ऐसी आवाजें निकालीं जैसे पहली बार चुद रही हो.
मैं बेमन से उसकी चूत में धक्के मारता रहा और वह मजे से सिसकारियां भरती हुई चुदती रही.
मेरे सिर को पकड़कर बार-बार मेरे होंठों पर किस करने की कोशिश करती, पर मैंने उसे किस नहीं किया.
गुस्से में मैंने रफ्तार बढ़ा दी और उसे तेज-तेज चोदने लगा.
इससे साली बैड गर्ल को बैड सेक्स में और ज्यादा मजा आने लगा.
वह जोर-जोर से ‘आह, ओह’ की आवाजें निकालती हुई तड़प रही थी.
मेरा पानी निकलने वाला था, तो मैंने लंड बाहर खींचा और उसके पेट पर सारा माल गिरा दिया.
वह तुरंत उठी, मेरे लंड को पकड़कर उस पर लगे वीर्य को चाट-चाटकर मजे लेने लगी.
फिर उसने अपने पेट पर गिरे वीर्य को उंगली से उठाया और मेरे मुँह में डालने की कोशिश की.
मैंने मना कर दिया.
उसने वह उंगली अपने मुँह में डालकर चूस ली और शरारती अंदाज में बोली- तुम्हें तो मेरी चूत का पानी अच्छा लगता है, खुद का पानी पीने में बुरा लगेगा क्या?
मैंने बात घुमाते हुए कहा- अब मुझे कपड़े दो, अपने कमरे में जाना है.
रितिका ने मुझे अपना तौलिया थमा दिया.
मैंने उससे अपनी गांड ढकी और अपने कमरे में आ गया. वहां देखा तो मेरे कपड़े बिखरे पड़े थे.
उन्हें साइड में रखकर मैं नहाने चला गया और नए कपड़े पहने.
पुराने कपड़े गंदे और बदबूदार लग रहे थे.
उसकी झांटों वाली चूत चूसने की बात याद करके उल्टी करने का मन हो रहा था.
खुद पर गुस्सा आ रहा था कि इतना घटिया काम मैंने कैसे कर दिया?
लेकिन फिर ये मेरा रोज का काम बन गया.
रात को मैं खुद ही रितिका के कमरे में चला जाता.
वह मेरे लिए खाना बनाती, हम साथ खाते और फिर अलग-अलग तरीकों से सेक्स के मजे लेते.
एक सुबह भाभी ने मुझसे कहा- तुम्हें क्या हो गया है? दस दिन से अजीब तरह से रहते हो. किसी से बात नहीं करते. रात को मैं तुम्हारे कमरे में आई थी, तुम वहां नहीं थे.
मैंने खुद पर गौर किया, सच में मैं अजीब हो गया था.
कोचिंग में भी किसी से बात नहीं करता था.
फिर मैंने भाभी से कहा- आपको एक बात बताऊंगा, बस गुस्सा मत करना.
वह बोलीं- हां, बताओ क्या बात है?
मैंने कहा- यहां नहीं, कमरे में चलो.
वे अपने बेटे को देखने लगीं जो अन्दर सो रहा था.
फिर मेरे साथ कमरे में आईं.
मैंने गेट बंद किया और उन्हें बैठने को कहा.
भाभी ने शरारत से कहा- रात में करेंगे. अभी दिन में तेरे भैया आ गए तो? कल रात वह बाहर गए थे, इसलिए मैं तेरे साथ करने आई थी, पर तू गायब था.
मैंने कहा- भाभी, कुछ करना नहीं, बस मेरी बात सुनो.
फिर मैंने चीनी माँगने से लेकर हर रात की सारी बातें बता दीं.
भाभी को यकीन नहीं हुआ, पर वे मूड में आ गईं.
मुझे बिस्तर पर गिराकर अपनी मैक्सी उतार दी और मेरे ऊपर चढ़ गईं.
मैं तो भाभी की खूबसूरती का दीवाना था. सोचा, जो होगा बाद में देखूँगा, अभी भाभी के साथ मजे लेता हूँ.
मैंने उन्हें नंगी करके उनकी चूत चूसी और खूब चोदा.
भाभी बोलीं- जैसे रितिका को अलग-अलग पोजीशन में करता है, वैसे कर!
मैंने उनकी टांगें उठाकर कुतिया बनाया, फिर अपने ऊपर बिठाकर जमकर चोदा.
भाभी का कई बार पानी निकला, पर मेरा देर से आया.
भाभी बोलीं- गोली खाई थी क्या? एक घंटे तक चोदा मुझे!
मैंने कहा- भाभी, रात में दो बार रितिका को चोदा था, तीसरी बार देर से आया.
भाभी चौंकीं- सच में तूने रितिका को चोदा? मैंने तो सोचा मुझे गर्म करने के लिए कहानी बना रहा है. मैं कब से सोच रही थी कि तू तड़प रहा होगा. अपने पति को धोखा देकर तेरी मदद करूँ, पर कुत्ते, तू तो रोज मजे लेता है!
मैंने कहा- भाभी, मेरी मजबूरी समझो. सच में मुझे वह अच्छी नहीं लगती. उसका चेहरा देखने का भी मन नहीं करता. पर शाम को जब वह ड्यूटी से आती है, मैं खुद बैड सेक्स विद बैड गर्ल करने उसके कमरे में चला जाता हूँ.
भाभी बोलीं- मुझे कुछ गड़बड़ लगती है.
मैं उनकी तरफ देखने लगा तो वे बोलीं- उस दिन जब तू उसे काली मोटी भैंस बोल रहा था, वह पीछे से सुन रही थी. मैंने बहाना बनाकर तुझे अन्दर भेजा था.
मैंने कहा- भाभी, पर उसने कभी मुझसे झगड़ा नहीं किया.
भाभी बोलीं- झगड़ने की क्या जरूरत? उस मोटी भैंस ने तुझे अपना गुलाम बना लिया.
फिर भाभी मुझे पास के मंदिर ले गईं.
वहां पंडित जी ने काली माँ की पूजा करने को कहा.
हम सुबह-सुबह पूजा करने लगे और मैं रितिका से दूर हो गया.
मेरा मन था कि कमरा बदल लूँ, पर भाभी मेरे बहुत करीब आ गई थीं.
वे मेरा खूब ख्याल रखतीं. पूरा दिन मेरे साथ रहतीं और जब उनका पति नहीं होता, दिन-रात पत्नी की तरह मेरे साथ रहतीं.
उनकी एक बेटी भी हुई.
भाभी कहती हैं वह मेरी है, पर उस वक्त मैं और उनका पति दोनों ही उनके साथ थे, तो पक्का नहीं कि वह किसकी है.
मैं 2 साल तक वहीं रहा, पर उसके बाद मैंने और भाभी ने रितिका से कभी बात नहीं की.
उसने भी कमरा छोड़ दिया था.
दोस्तो, मुझे नहीं मालूम कि रितिका ने मेरे साथ क्या टोना टोटका करवाया था या कौन सा बंगाल का जादू चलाया था, पर उसकी वजह से मुझे भाभी की चुत चोदने मिल गई थी.
आपको यह बैड सेक्स विद बैड गर्ल कहानी कैसी लगी?
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लेखक की पिछली कहानी थी: शहर वाली अमीर भाभी की वासना