Indian Hot Sex Kahani – चाचा भतीजी ने आपस में चुदाई का मजा लिया


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Story Start Here :

इंडियन हॉट सेक्स कहानी में मेरे भाई की बेटी जवान हुई तो मैं उसे चोदने की सोचने लगा. मैंने उसके बदन को छूना शुरू किया तो उसने कभी नहीं रोका. एक रात वह चुद ही गयी.

दोस्तो, मैं सागर चौधरी, अलीगढ़ का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 32 वर्ष है.

कैसे हो आप सभी! मुझे उम्मीद है कि जब आप इस सेक्स कहानी को पढ़ रहे होंगे तो अच्छे से अपने गुप्त अंगों का सुख ले रहे होंगे.
जिनको सेक्स की कमी है तो उनके लिए मेरा यही कहना है कि चिंता मत करो, आपको इस इंडियन हॉट सेक्स कहानी को पढ़ कर मजा आ जाएगा.

मेरे भाई की लड़की नाम सविता है, जिसकी उम्र अभी 19 साल है.
उसके चूचे अभी निकलना शुरू हुए हैं. वह देखने में बड़ी हॉट माल है.
जो भी उसको देखता होगा, पक्का उसका लंड पक्का खड़ा हो जाता होगा.

ऐसे ही मेरे साथ हुआ.

एक दिन सविता नहाकर बाथरूम से बाहर निकली तो उसके छोटे छोटे चूचों का उभार मुझे परेशान करने लगा था.
उस वक्त उसने ब्लू जीन्स और सफेद रंग का टॉप डाल रखा था, जिसमें वह क़यामत लग रही थी.
उसके निप्पल की नोकें मेरे लवड़े को कड़क करने लगी थीं.

कुछ देर तक उसे देखते रहने से मेरा लंड खड़ा होने लगा.
फिर मैंने सोचा कि नहीं यार, यह मेरी भतीजी है.

पर आपको तो पता ही है कि लंड के पास सिर्फ मुँड होता है, दिमाग नहीं होता है.
वह सिर्फ चुत को चुत समझता है, उसे रिश्ते समझ में नहीं आते हैं.

कुछ देर बाद मैं घर से निकल गया लेकिन दिमाग़ में सविता ही चलती रही.

जब रात हो गयी और हम सब खाना आदि से फ्री हुए तो सोने की तैयारी करने लगे.
हम सब एक साथ बरामदे में सोते हैं.

मैंने सविता से कहा- बाबू, आज मेरे पास सोएगी!
उसने कहा- हाँ चाचू!

वह मेरे पास सो गयी.

अब तो मेरी हालत ख़राब हो गई.
मैं सोचने लगा कि कैसे क्या करूँ!

कुछ देर बाद जब मुझे लगा कि वह सो गयी है, तो अब मैंने अपना हाथ उसके चूचों पर फेरना शुरू कर दिया.

उसकी तरफ से कोई विरोध नहीं था तो मैंने उसकी एक चूची को दबाना भी शुरू कर दिया.

काफी देर तक जब कोई दिक्कत नहीं हुई तो मेरी हिम्मत बढ़ने लगी थी.
मैं अब बिंदास जोर जोर से उसके छोटे छोटे अमरूद जैसे चूचों का दबाये जा रहा था.

कुछ देर बाद मैं उसकी जीन्स के ऊपर से ही उसकी चुत पर हाथ फेरने लगा.
फिर धीरे से उसकी जीन्स का बटन खोल कर उसकी चुत पर रख दिया.

वह सो रही थी और मैं मजे ले रहा था.

अब चुत पर धीरे धीरे हाथ फेरने लगा. फिर मैंने उसकी कुंवारी चुत में एक उंगली घुसाई देखा तो पाया कि उसकी चुत बड़ी गीली हो रही थी.

मुझे समझ में आ गया कि वह जाग रही है, सोने का सिर्फ बहाना कर रही है और उसे मेरा यह सब करना अच्छा लग रहा है.

अब मैंने उसके कान में हौले से कहा कि सविता यदि तुम जाग रही हो तो मैं तुमसे प्यार करना चाहता हूँ.

उसने कुछ नहीं कहा.
फिर ऐसे ही उसकी चुत में उंगली करते करते वह अकड़ कर झड़ गई और उसने करवट बदल ली.

तो मैं भी उसकी चुत से अलग हो गया और सो गया.

अब ये सब हमारा रोज का हो गया था.

मैं उसकी चूत में रोज उंगली करता तथा उसकी चूची दबाता, वह चुपचाप सोती रहती और मैं उसके साथ ऐसे ही मजे करता रहता.
मुझे उसको चोदने का मौका नहीं मिल पा रहा था.

एक दिन मैंने दिन में उससे कहा- मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ!
तो वह शर्मा गयी.

मैंने कहा- प्यार देते समय दिल मत तोड़ देना!
बड़ी मुश्किल से उसने हाँ में सिर हिला दिया.

अब धीरे धीरे मैं उसे रोज ‘आई लव यू’ कहता, वह भी ‘सेम टू यू’ कहती.
इस तरह धीरे धीरे हमारा प्यार परवान चढ़ने लगा.

जब भी हम दोनों को मौका मिलता, हम दोनों एक दूसरे की बांहों में आ जाते.

वह मेरे लंड पर हाथ फेरती, मैं उससे कहता कि ये तड़प रहा है तुम्हारी चूत में घुसने को!
वह कहती- सब्र करो, सब्र का फल मीठा होता है.

रात में वह रोज मेरे पास ही सोती थी लेकिन सभी के होने की वजह से चुदाई नहीं हो पा रही थी.
मैं रोजाना उसकी चुत में उंगली डालता और वह भी मस्ती से अपनी टांगें फैला कर मेरी उंगली का मजा लेती, मुझसे अपने दूध चुसवाती.

मैं अपनी उंगली से ही उसकी चुत का पानी निकाल देता तथा वह मेरे लौड़े की मुठ मार कर मेरा पानी निकाल देती.

एक दिन मैं और मेरी भतीजी सविता कमरे में सो रहे थे, वह अक्टूबर का महीना था.

उस दिन हम दोनों ही घर में अकेले थे.

मैंने उससे कहा- आज तो चुदाई करेंगे!
वह शर्मा गयी और उसने कहा- अभी नहीं!

मैंने कहा- जान बहुत मन कर रहा है … प्लीज मान जाओ!
लेकिन वह नहीं मानी और उसने कहा- लाइट बंद कर दो, मुझे नींद आ रही है.

मैंने लाइट बंद कर दी.
वह सो गयी लेकिन मेरा लंड तो उफान मार रहा था तथा मुझे लगा शायद इसको अपने चाचा से चुदवाने में शर्म आ रही है.

मैं उसके पास लेटा रहा.
वह सो गई थी.

मुझसे रहा न गया और मैं उसके छोटे छोटे चूचों को बुरी तरह से दबाए जा रहा था.

जब वह नहीं जागी तो मैं समझ गया कि उसका मन है.

मैंने उसका लोअर उतार कर अलग कर दिया और देखा कि उसने पैंटी नहीं पहनी थी, तो यह पक्का हो गया कि आज यह मेरे लौड़े को खाने के मूड में ही है.

अब मैंने उसकी चूत में उंगली डाल दी और अन्दर बाहर करने लगा.
उसका कोई विरोध नहीं था, वह बस सोने का नाटक कर रही थी.

मैं अपना पैंट उतार कर नंगा हो गया तथा उसको भी ऊपर से नंगी कर दिया.
वह सोने का नाटक करती रही.

मैं पक्का समझ चुका था कि ये मेरे लंड से चुदने को तैयार है.
मैं उसकी दोनों टांगों के बीच आया और उसकी चिकनी चूत को चाटने लगा.

उसने अपनी टांगें घुटनों से मोड़ कर फैला दी थीं और वह भी अपने तकिए को अपनी दोनों मुट्ठियों में पकड़ कर अपनी गांड उठाती हुई चुत चुसवाने का मजा ले रही थी.

सच में चुत चूसने में बड़ा मजा आ रहा था.
उसकी चूत एकदम गीली हो रही थी तथा चुत से ऐसे पानी टपक रहा था, मानो वह मूत रही हो.

मैं उसके पानी को पीता रहा, जो स्वाद में नमकीन था.

फिर मैंने देरी न करते हुए उसकी चूत पर अपना लंड टिका दिया और धीरे धीरे अन्दर डाल दिया.

लौड़ा अन्दर डालते ही मुझे ऐसा लगा कि मैंने अपना लंड किसी तप्त भट्टी में डाल दिया है क्योंकि उसकी चूत बहुत गर्म हो रही थी.

अब मैं लंड को चुत में अन्दर बाहर करने लगा.

कमरे में अंधेरा होने कि वजह से मुझे उसके चेहरे के भाव नहीं दिखाई दे रहे थे क्योंकि वह तो शर्म के मारे सोने का नाटक कर रही थी.
लेकिन वह अपनी पहली चुदाई का भरपूर मजा ले रही थी.

मैं उसको ऐसे ही आधा घंटा तक चोदता रहा.
अब मैं सातवें आसमान पर था क्योंकि जवान लड़की की चुदाई बड़े नसीब वाले लौड़े को मिलती है.

वह भी अप्सरा जैसी लड़की की चुत … क्योंकि वह अप्सरा से कम नहीं थी.

मैं अपनी चरम स्थिति पर था और वह अपनी चुत से शायद दो बार रस छोड़ चुकी थी.

काफी देर तक चुदाई करने के बाद मैं एकदम से तेज हुआ और उसकी चूत में ही झड़ गया.
मैं काफी थक गया था तो उसके ऊपर ही पड़ा रहा.

फिर उसने कसमसा कर मुझे अपने ऊपर से हटने का इशारा किया तो मैं उसके बाजू में लेट गया और उसको अपनी बांहों में भर लिया.
मैंने उसे चूम कर उससे कहा- आई लव यू!

लेकिन उसने कुछ नहीं कहा क्योंकि वह तो सोने का नाटक कर रही थी.

मैंने कहा- जान तुम जाग कर चुदवातीं, तो और भी मजा आता. सच में जान तुम बहुत प्यारी हो!

ये कह कर मैं उसके होंठ चूसने लगा.
वह अब भी सोने का नाटक कर रही थी.

फिर मैंने गुस्से में आकर उसका होंठ काट लिया.
तो वह झट से जाग कर कहने लगी- ऊई क्या कर रहे हो जान!

चूंकि अब हम एक दूसरे को जान कहकर ही बोलते थे.

मैंने कहा- मेरी हालत ख़राब हुई पड़ी है और तुम्हें सोने की पड़ी है!
वह कहने लगी- जान क्या हुआ मैं तुम्हारे पास ही तो हूँ!

मैंने कहा- जान, तुम्हारी सील तो टूट चुकी है, चलो अब बिना नाटक किए दुबारा से चुदाई के मजे लेते हैं.

यह कह कर मैं उसको किस करने लगा.
अब किस करने में वह भी पूरा साथ दे रही थी.

मैंने कहा- जान लंड पर हाथ फेरो!
वह मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी तथा मैंने उसकी चूत में उंगली डाल दी.

हम एक दूसरे को किस कर रहे थे, ऐसा लग रहा था कि कुछ देर में हम एक दूसरे में समा जाएंगे.

फिर हम दोनों एक दूसरे से खुल गए और एक दूसरे को गाली देकर बात करने लगे थे.

मैंने उससे कहा- भोसड़ी की मादरचोद साली कैसा नाटक कर रही थी … तेरी चूत में पर जब लंड बज रहा था तब भी बहन की लौड़ी केला सा खाए जा रही थी! भोसड़ी वाली ऐसा हो ही नहीं सकता कि तू चुदते समय सो रही हो! ऐसा कैसे हो सकता है!
वह कहने लगी- साले भड़वे रंडी चोद तू अपनी बेटी जैसी सगी भतीजी को चोद रहा है … मां के लौड़े तुझे तो झांट बराबर भी शर्म नहीं है … तो मैं तो कुछ शर्म कर लूँ!
मैंने कहा- साली कुतिया ये चूत लंड रिश्ते नहीं देखते बस चुदाई करते हैं.

यह सब कहते हुए हम दोनों एक दूसरे को मस्त किस किए जा रहे थे.
हमारी उत्तेजना पुनः जागृत हो गई थी.

अब कहीं से लग ही नहीं रहा था कि वह चुदाई में अनाड़ी है.
वह पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी और मैं भी!

उसने कहा- चाचू जान अब अन्दर घुसा भी दो!
मैंने कहा- ओके जान!

मैंने लंड अन्दर डाला तो वह सिसकारियां भरने लगी और कहने लगी- आह मादरचोद … धीरे से डालो भोसड़ी के … रंडी समझ कर क्यों लंड घुसा रहे हो!
मैंने कहा- साली गजब की रांड है तू बहन की लौड़ी … तूने पहली बार में तो बिना हल्ला किए लंड खा लिया था और अब चुदुर चुदुर कर रही है.

वह हंस दी और बोली- प्लीज धीरे धीरे मजे लो न!
मैंने कहा- ठीक है मेरी जान.

अब मैंने धीरे धीरे चोदना चालू किया और अपना लंड अन्दर तक पेल दिया.
वह भी लौड़े के पूरे मजे लेने लगी और आ आ आ करने लगी.

वह टांगें हवा में उठा कर कहने लगी- चाचू, मजे आ रहे हैं, मैं कब से तुमसे चुदवाना चाहती थी. आह और तेज करो.

मैं इंडियन हॉट सेक्स का मजा लेते हुए तेजी से धक्के मारने लगा.
वह सिसकारियां भरने लगी.

ऐसे ही हमारी चुदाई 20 मिनट तक चली.
अब तक उसका भी काम हो गया था और मेरा भी पानी उसकी चूत में छूट गया था.

हम दोनों एक दूसरे की बांहों में समा गए और आई लव यू कहने लगे.

वह कहने लगी- चचा जान, मजा आ गया!
मैं- अब हम को जिंदगी भर साथ रहना है!

वह कहने लगी- हां मगर कैसे होगा!
मैंने कहा- जान, मैं तुम्हारा साथ कभी नहीं छोड़ूँगा.

हम दोनों ने जिंदगी भर साथ रहने की कसमें खाईं और एक दूसरे की बांहों में सो गए.
उसके बाद मैंने अपनी भतीजी की बहुत बार ली और अभी भी लेता हूँ.
अब वह मेरे लंड के बिना रह ही नहीं पाती है.

तो दोस्तो, यह थी मेरी सच्ची देसी सेक्स कहानी.
आपको कैसी लगी प्लीज कमेंट करके जरूर बताएं.
यदि आप इस इंडियन हॉट सेक्स कहानी को प्यार देते हैं, तो मैं आगे बताऊंगा कि हमारा प्यार कैसे आगे चला तथा भाभी को पता चलने पर क्या हुआ.

नमस्कार.
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