Latest Hindi Sex Stories added for who looking to read Gaon Sex Desi Kahani – ननिहाल में पड़ोसन लड़की को चोदकर तृप्त किया to make every night hot about Gaon Sex Desi Kahani – ननिहाल में पड़ोसन लड़की को चोदकर तृप्त किया story.
Story Start Here :
गाओं सेक्स देसी कहानी में मैं नानी के गाँव में गया तो वहां पड़ोस की एक कमसिन लड़की से सामना हो गया. उसने मुझे पोर्न देखते देख लिया. वह उसी रात मेरे लंड के नीचे आ गयी.
मैं आपके लिए ये दिलचस्प सेक्स कहानी लाया हूँ जिसमें मैंने नानी के घर के पड़ोस में रहने वाली लड़की की तड़पती प्यास को अपने लंड से चोद कर बुझाई थी.
हर किसी की ज़िंदगी में कुछ न कुछ छुपे राज़ होते हैं, जो दिल में दबाकर रखे जाते हैं.
मैंने भी अपनी लाइफ में सेक्स का मज़ा लिया है.
आज मैं वह गर्मागर्म अहसास आप सबके साथ इस गाओं सेक्स देसी कहानी के माध्यम से बांटने जा रहा हूँ.
मेरा नाम विनय है और मैं 23 साल का जवान लड़का हूँ.
मेरा वजन लगभग 60 किलो है, हाइट थोड़ा कम है और यह 5 फुट 3 इंच की है.
मेरा गेहुंआ रंग मेरे जिस्म को एक अलग ही आकर्षण देता है.
मैं जिम जाता हूँ और मेरी बॉडी देखने में इतनी मादक लगती है कि कोई भी लड़की मुझे नज़रअंदाज़ नहीं कर पाती है.
जिस लड़की के साथ मैंने वे रातें गुज़ारी थीं, उसका नाम विनीता था.
वह गांव की लड़की थी, लेकिन उसकी खूबसूरती किसी शहरी हसीना से कम नहीं थी.
उसकी लचकती हुई पतली कमर बेहद दिलकश थी.
गोरा रंग जो चांदनी सा चमकता था, हल्के भूरे बाल जो हवा में लहराकर मन मोह लेते थे और काली आंखें जो देखते ही दिल में आग लगा देती थीं.
विनीता 20 साल की थी और सपनों की राजकुमारी सी लगती थी जिसे देखकर हर मर्द का मन उस पर फिसल जाता था.
मैं इंदौर में अपनी फैमिली के साथ रहता हूँ.
मेरे ढेर सारे दोस्त हैं, जिनमें विजय और कुमार मेरे सबसे करीबी हैं.
दोनों के पास अपनी-अपनी गर्लफ्रेंड हैं और मौका मिलते ही वे दोनों अपनी हसीनाओं के साथ रंगीन पल बिताते हैं.
वे लोग जब अपनी गर्मागर्म चुदाई की बातें मुझे सुनाते हैं, तो मेरा मन भी जोश से भर जाता है.
मुझे शर्मिंदगी भी होती है, डर भी लगता है, लेकिन उनकी बातें सुनकर एक अजीब सी सिहरन भी होती है.
सेक्स करने की तलब मेरे अन्दर भी धधकती है. काश मेरी भी कोई गर्लफ्रेंड होती, तो मैं भी उसके जिस्म की गर्मी को अपने सीने से चिपकाकर महसूस करता.
एक दिन नानी के घर कोई काम था, उन्होंने फोन करके मम्मी को गांव बुलाया.
अगले दिन मम्मी अपना सामान पैक कर रही थीं.
मैं कॉलेज से लौटा तो मैंने उन्हें सामान पैक करते हुए देखा.
मैंने मम्मी से पूछा- आप कहां जा रही हो?
मम्मी बोलीं- नानी के गांव जा रही हूँ.
मैंने कहा- ठीक है.
मैं उनकी बात सुनकर और उस बात पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त न करते हुए अपने कमरे में चला गया.
उसी वक्त मेरे दोस्तों ने कॉल करके बताया कि कल से कॉलेज की एक हफ्ते की छुट्टी है.
मेरी समझ में नहीं आया कि इस एक हफ्ते का क्या करूं!
तभी मुझे गांव जाने की बात याद आई और मैंने मम्मी के पास जाकर उनसे बात की.
मैंने मम्मी से कहा- नाना नानी से मिले हुए मुझे भी कई दिन हो गए. मुझे भी अपने साथ ले चलो.
तब पापा बोले- हां, इसे भी ले जाओ. वैसे भी बस में धक्के खाने से अच्छा है कि ये तुम्हारे साथ गाड़ी लेकर चला जाए. दोनों माँ बेटे अपनी गाड़ी से चले जाओ.
गाड़ी लेकर जाने की बात सुनकर मुझे मजा आ गया.
उसी वक्त मम्मी ने भी हां में सिर हिला दिया था मानो मेरे दिल की धड़कन को और तेज कर दिया.
अगले दिन हम गांव के लिए निकल पड़े.
रास्ते में हवा मेरे चेहरे को छू रही थी और मैं ख्यालों में खोया था.
साढ़े तीन घंटे बाद हम गांव पहुँच गए.
सफर की थकान मेरे जिस्म में समा गई थी.
मैं घर में अन्दर जाकर लेट गया, बिस्तर की नर्मी मुझे लुभा रही थी.
शाम ढलते ही मैं नाना जी के साथ खेतों में घूमने निकल पड़ा.
वहां मेरी नजर विनीता पर पड़ी.
उसकी खूबसूरती और मदहोश कर देने वाली अदाएं मुझे बेकाबू कर रही थीं.
वह अपनी सहेलियों के साथ कुएं पर पानी भर रही थी, उसकी कमर की लचक और गीले कपड़ों में छुपी वह नजाकत मेरे होश उड़ा रही थी.
गांव में रात को सभी बाहर सोते हैं, मैं भी खुले आसमान तले बिस्तर पर लेट गया.
पर उसकी वह सेक्सी मुस्कान और चंचल आंखें मेरे दिमाग में नाच रही थीं.
फिर धीरे-धीरे नींद ने मुझे अपनी आगोश में ले लिया.
सुबह आंख खुली तो पड़ोस वाली छत पर वह सोती हुई नजर आई.
उसका आधा खुला बदन सुबह की धूप में चमक रहा था.
थोड़ी देर में उसकी बहन आई और उसे जगाती हुई बोली- विनीता, उठ जा, माँ बुला रही हैं.
तब मुझे उसका नाम पता चला कि मोहतरमा का नाम विनीता है. उसका नाम मेरे दिल में एक आग सी भड़का गया.
मम्मी और नानी बाहर गई थीं, नाना खेत में थे.
घर पर मैं अकेला था.
मैं छत पर आ गया और कसरत करने लगा.
मेरे पसीने से तर जिस्म को उसने देखा तो वह मंत्रमुग्ध हो गई.
पर मेरी नजरें उस पर अभी नहीं पड़ी थीं.
हालांकि बाद में मैंने उसे देखा तो पाया कि उसकी नजरों में शरारत थी.
फिर भी उसने कुछ नहीं कहा.
मैं भी कुछ देर बाद नीचे आ गया.
घर सूना था तो मैंने अकेलापन मिटाने के लिए पोर्न चला दिया.
कई दिनों बाद ऐसा मौका मिला था.
टीवी स्क्रीन पर चुदाई के गर्म गर्म सीन मेरे जिस्म में सनसनी जगा रहे थे.
तभी अचानक विनीता नानी से मिलने घर आ धमकी.
उसने मुझे पोर्न देखते हुए पकड़ लिया.
उसकी आंखों में हैरानी और शर्म का मिश्रण था, फिर वह ब्लू फिल्म में मोटे लौड़े से एक गोरी लड़की की चुदाई का दृश्य देख कर एक पल को ठिठकी और तेजी से भाग गई.
मैं थोड़ा घबरा गया और मैंने झट से टीवी बंद कर दिया.
एक पल को मैं सकपका गया था कि क्या किया जाए.
फिर मैं नहाने चला गया.
नहाकर मैं छत पर आ गया और उधर अपनी अंडरवियर सूखने डाल कर बालों को हाथ से झटकारते हुए सुखा रहा था, निगाहें विनीता की छत पर लगी हुई थीं.
उस वक्त मेरे नग्न शरीर पर सिर्फ एक तौलिया बंधा था, जो मेरी कमर पर लिपटा था.
तभी बाजू वाले मकान से आवाजें आना शुरू हो गईं ‘आह आह … ओह ओह!’
मैंने छत की मुंडेर से उस आवाज की तरफ झांका तो हैरान रह गया.
विनीता छत की दीवार से टिकी बैठी थी. वह अपने फोन पर पोर्न देख रही थी और उसकी उंगलियां उसकी चूत को सहला रही थीं.
उसका चेहरा लाल था और सांसें तेज चल रही थीं.
मैं उसे चुपचाप देखता रहा, उसकी हर हरकत मेरे जिस्म में आग लगा रही थी.
थोड़ी देर बाद शायद उसका नेट खत्म हो गया.
वह बड़बड़ाई- साला थोड़ा और चलता तो पूरा मजा आ जाता!
मैंने मौका देखकर कहा- मेरे पास से नेट ले लो!
मेरी आवाज सुनकर वह चौंकी, उसने झट से अपने कपड़े ठीक किए और नीचे भागने लगी.
मैं सिर्फ तौलिए में था, उसकी चूत में उंगली करते देख मेरा लौड़ा तन गया था तो वह तौलिया में खूंटा सा उठा हुआ था.
उसने नीचे जाते हुए मेरे तने हुए लौड़े को देख लिया, उसकी नजरें मेरे जिस्म पर ठहर गई थीं.
फिर मैं भी नीचे आ गया.
नाना घर लौट आए और मैं मम्मी व नानी को लेने चला गया.
रात को मैंने नानी से कहा- मेरा बिस्तर छत पर लगा दो, मैं आज वहीं सोऊंगा.
नानी ने मेरा बिस्तर छत पर लगा दिया.
मैं उसकी चूत के ख्वाबों में डूबा हुआ लेटा था.
मेरा एक हाथ लंड सहलाया जा रहा था.
तभी वह छत पर आ गई.
हमारी नजरें मिलीं और कसक सी पैदा हो गई.
एक अनकही चाहत हम दोनों को बेचैन करने लगी थी.
उसने अपना बिस्तर मेरी छत की दीवार के पास खिसका दिया, मैंने भी अपना बिस्तर उसी ओर कर लिया.
मैंने उससे नाम पूछा, उसने बताया.
फिर हमारी बातें शुरू हो गईं.
आधी रात बीत गई, पता ही नहीं चला.
मैंने पूछा- दिन में क्या कर रही थीं?
वह शर्मा गई.
फिर उसने मुझसे पूछा- उस वक्त तुम क्या कर रहे थे, जब मैं आई थी?
मैंने बेशर्मी से कहा- पोर्न देख रहा था, अपना लौड़ा हिला रहा था, तभी तुम आ गईं.
वह कुछ नहीं बोली.
‘अब तुम बताओ!’
मैंने कहा, तो उसने मुझे पास आने का कहा.
मैं लपक कर उसकी छत पर चला गया.
वह बोली- मैंने अपनी बड़ी बहन को गांड मरवाते देखा है, उसे देखकर मेरे जिस्म में आग लग जाती है. इसलिए वीडियो देखकर मन बहलाती हूँ.
मैंने पूछा- क्या मेरे साथ अपनी चूत का पानी निकलवाना चाहोगी?
उसने शर्माते हुए हां कहा.
मैं उसकी छत से उसे अपनी छत पर ले आया और छत पर ऊपर आने का दरवाजा बंद कर दिया.
अब वह मेरे बिस्तर पर लेट गई.
उसकी सांसें तेज थीं, वह चुदने को बेताब थी और मैं उसे चोदने को.
मैंने उसके गोरे गालों पर होंठ रखे, उसकी नरम त्वचा मेरे जिस्म में सनसनी जगा रही थी.
वह सलवार कुर्ती में थी. मैंने लोअर और टी-शर्ट पहनी थी.
तभी उसने करवट ली और मेरे ऊपर चढ़ कर बैठ गई. उसके होंठ मेरे होंठों को चूम रहे थे.
वह बोली- मैंने ये सब वीडियो में देखा है.
उसकी गर्म सांसें मेरे चेहरे पर पड़ रही थीं.
उससे मेरे लंड ने अंगड़ाई ली.
उसने अपनी चुत पर मेरे लौड़े को महसूस किया, जो तन चुका था.
मैंने उसकी चूचियों को हाथों में लिया और मसलने लगा.
उसकी चूचियों की नर्मी मुझे पागल कर रही थी.
मैंने उसका कुर्ता उतारा, उसकी ब्रा में कैद चूचियां मुझे ललचा रही थीं.
मैंने ब्रा नीचे सरकाई और उन्हें चूमने लगा, फिर चूचियों को दबाया तो वह सिसकारियां भर रही थी.
उसने मेरी टी-शर्ट उतारी और मेरे सीने को चूमने लगी.
फिर मेरा लोअर नीचे खींच दिया.
वह मेरे जिस्म को चूम रही थी, उसकी बेताबी साफ झलक रही थी.
मैंने उसकी सलवार पर हाथ रखा. उसने अन्दर चड्डी नहीं पहनी थी.
वह बोली- रात को मैं बिना चड्डी सोती हूँ.
मैंने उसकी ब्रा खोली, उसकी चूचियों को चूसा, उनका रस मेरे मुँह में घुल रहा था.
दस मिनट बाद मैंने उसकी सलवार उतारी.
वह पूरी नंगी थी, उसका गोरा बदन चाँदनी में चमक रहा था.
मैं उसके पैरों को चूमते हुए उसकी चूत तक पहुँचा, अपनी जीभ से चुत को चाटने लगा.
वह कामुक सिसकारियां भर रही थी- आह आह, ओह ओह … मजा आ रहा है … ऐसे ही करो.
मैंने अपनी चड्डी उतारी.
विनीता ने मेरे लौड़े को हाथ में लिया, उसे सहलाया और मुँह में ले लिया.
मैं उसकी चूत चाट रहा था. हम दोनों एक-दूसरे के जिस्म में खोए थे.
पंद्रह मिनट तक हम दोनों यूं ही नंगे बदन एक-दूसरे से लिपटे हुए मजे लेते रहे.
मैंने उसे सीधा लेटाया, उसकी चूत पर अपना लौड़ा रखा और धीरे-धीरे अन्दर डालने लगा.
वह चिल्लाई- आह उई, आह उई दर्द हो रहा है.
उसकी चूत सील पैक थी.
मैंने उसकी चूत के नीचे अपनी चड्डी रख दी ताकि उसका खू.न आदि कुछ बिस्तर पर न लग जाए.
अब मैं धीरे-धीरे अपना लौड़ा अन्दर करने लगा.
वह दर्द से कराह रही थी.
अचानक मेरा लौड़ा उसकी चूत में पूरा घुस गया, वह जोर से चिल्लाई- मर गई रे, निकालो!
मैंने लौड़ा बाहर निकाला, तो र,क्त बह रहा था और उसकी आंखों में आंसू थे.
मैंने उसके आंसू पौंछे और फिर धीरे से लौड़ा उसकी चूत में डाला.
थोड़ी देर बाद वह बोली- अब दर्द कम हो रहा है, पूरा डाल दो.
मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत में अन्दर तक पेल दिया और कुछ ही देर बाद उसके सामान्य होते ही लंड को अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया.
वह गांड उठाती हुई बोली- आह मजा आ रहा है … ओह ओह … आह आह चोदो मुझे … आह और जोर से चोदो.
करीब 25 मिनट तक हम दोनों सेक्स करते रहे, फिर दोनों ही झड़ गए.
मैंने मोबाइल में देखा तो रात के एक बजे का समय हो रहा था.
गाओं सेक्स देसी करने के बाद भी मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत में ही घुसेड़े रखा और उसके ऊपर सो गया.
तीन घंटे बाद विनीता की नींद खुली, मैं उसके ऊपर था.
वह मुझे चूमने लगी, तो मेरी नींद खुल गई.
मेरा लौड़ा उसकी चूत में फिर से तन गया.
मैंने पूछा- फिर से चुदना चाहती हो?
वह बोली- तुम भी तो चोदना चाहते हो, तुम्हारा लौड़ा मेरी चूत में तन रहा है न!
इस बार मैंने उसे घोड़ी बनाया और 15 मिनट तक चोदा.
फिर उसे उल्टा लिटाकर उसकी गांड भी मारी.
उसे अपनी गांड में मूली लेने की आदत थी तो उसकी गांड खुली हुई थी.
हम दोनों मजे में डूबे थे, फिर मैंने उसकी चुत में उंगली की और हम दोनों एक साथ झड़ गए.
अब काफी थकान हो गई थी तो नंगे ही एक-दूसरे से लिपटकर सो गए.
विनीता की मम्मी घर पर नहीं थीं इसलिए उसकी बहन उसे उठाने नहीं आई.
इधर मम्मी ने आवाज लगाई तो मैं हड़बड़ा कर उठने को हुआ.
फिर ध्यान आया कि जीने की कुंडी लगी हुई है, कोई ऊपर नहीं आ सकता है.
तभी नानी की आवाज आई, उन्होंने मम्मी से कहा- सोने दे बच्चे को.
मैं बेफिक्र होकर सो गया.
मेरी बांहों में वह लड़की नंगी दबी हुई थी.
सुबह 9 बजे हमारी नींद खुली.
मैंने लोअर पहना, उसे अपने हाथों से सलवार पहनाई. उसकी चूत लाल हो गई थी.
मैंने उसे चूमा, गोद में बिठाया, उसकी चूचियों को चूसा, कुछ फोटो खींचे और उसका नंबर लिया.
हम एक-दूसरे को होंठों से होंठ मिलाकर चूम रहे थे. कुछ मिनट बाद हम छत से नीचे आ गए.
उसके बाद जितने दिन मैं नानी के घर रहा, मैंने विनीता को खूब पेला.
यह एक सत्य घटना पर आधारित गाओं सेक्स देसी कहानी है, आपको कैसी लगी प्लीज बताएं.
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