New Virgin Sex Partner – क्लासमेट को बनाया अपना सेक्स पार्टनर


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Story Start Here :

न्यू वर्जिन सेक्स पार्टनर मिला मुझे मेरी पहली चुदाई में. मैं सेक्स की शौकीन थी लेकिन लंड मिला नहीं. कॉलेज में आने पर मैंने एक हैंडसम लड़के से दोस्ती की। एक दिन मेरा चुदने का बहुत मन कर रहा था।

यह कहानी सुनें.

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दोस्तो, मेरा नाम आयुषी है।
मैं जयपुर की रहने वाली हूं।

मेरी उम्र 21 साल है। मेरा फिगर 32-28-34 का है।
मेरी हाईट 5 फीट 2 इंच है और रंग एकदम से दूध सा गोरा है।

जैसा कि हर लड़की का सपना होता है कि वह अपनी जिंदगी आजाद होकर जिए, खुलकर मजे करे।
इसी तरह मुझे मेरी आजादी तब मिली जब मैं कॉलेज में पहुंची।

दोस्तो, मैं बता दूं कि मैं बचपन से ही बहुत कामुक रही हूं।
लेकिन मुझे तब तक कोई भी अच्छा लड़का न्यू वर्जिन सेक्स पार्टनर सेक्स के लिए नहीं मिला था।

और दूसरी बात यह कि घर पर पकड़े जाने का भी डर था।
इसलिए अबतक मैंने अपनी सारी सेक्स इच्छाएँ दबाकर रखी थीं।

फिर जब मैं कॉलेज में आई तो मुझे वो सब करने का मौका मिला जो मैं इतने दिनों से सिर्फ सपना ही देख रही थी।

मेरे कॉलेज की क्लास में एक लड़का पढ़ता था।
वो मुझे बहुत पसंद था।
देखने में बड़ा हैंडसम, हाईट 6 फीट थी।
वो ज्यादा लोगों से बात भी नहीं करता था।

फिर ऐसे ही मैं भी कोशिश करती थी कि उसकी और मेरी कोई बात हो।

धीरे-धीरे हमारी कुछ बातें हुईँ।
फिर कुछ दिनों के बाद हमारी दोस्ती हो गई, लेकिन अभीतक वो मुझे सिर्फ अपनी दोस्त ही मानता था जबकि मैं उसे एक लड़के के रूप में सब तरह से पसंद करती थी।
या सीधे शब्दों में कहूं तो मैं उसके साथ सेक्स करने के लिए पूरी तरह से तैयार थी।

मैंने कई बार उसको जताने की कोशिश की कि मैं उसके साथ सेक्स करना चाहती हूं।
लेकिन वो पता नहीं मेरी बात समझ पाता था या नहीं।

एक बार की बात है कि मेरे पीरियड्स खत्म हुए थे और मुझे उन दिनों सेक्स करने का बहुत मन हो रहा था।
दिमाग में बस यही चल रहा था कि कैसे इसके साथ सेक्स करूं।

मुझे सेक्स की बहुत तलब हो रही थी।

फिर मैंने एक प्लान बनाया।
मैं झूठा बहाना किया कि वो मुझे मेरी एक दोस्त के पास बाइक पर लेकर चले।

उस दिन मौसम भी बारिश वाला हो रहा था और मेरी चूत भी नीचे से बार-बार गीली हुई जा रही थी।

किस्मत ने मेरा साथ दिया और बीच रास्ते में बारिश होने लगी।
फिर हम दोनों पूरी तरह से भीग गए।

मैंने कहा- ऐसे में तो जाने का फायदा नहीं है, हम मेरे रूम पर चलते हैं।
तो हम लोग मेरे रूम पर चले गए।

हम दोनों ऊपर से नीचे तक पूरे भीग चुके थे।

जब मैंने उसे ध्यान से देखा तो उसकी सफेद शर्ट पूरी पानी में तर-बतर थी।
इस कारण उसका बदन उस पतली शर्ट के चिपके होने के कारण साफ चमक रहा था।

एक बार तो मैं उसे देखती रह गई।

फिर मैंने उसको टॉवल दे दिया और कहा कि कपड़े उतार ले और ये टॉवल बांध ले।
पहले तो वो शर्माते हुए मना करने लगा लेकिन फिर बार-बार जोर देने पर मान गया।

फिर मैं भी कपड़े बदलने चली गई।

कपड़े चेंज करके मैंने हम दोनों के लिए मैगी बना दी।
फिर हमने साथ में मैगी खाई।

मेरा प्लान उसे रिझाने का था सो मैंने शुरू कर दिया।
मैंने उसके बालों को छेड़ना शुरू कर दिया।
उसके बाल अभी भी गीले थे।

वो धीरे-धीरे समझ रहा था कि मैं क्या करने की कोशिश कर रही हूं।
लेकिन वह नजर नहीं मिला रहा था।

टॉवल में उसकी जांघें मुझे आधी नंगी दिख रही थीं।
मेरा बहुत मन हो रहा था कि उसका लंड देखूं और उसको हाथ में लूं।

मुझे सेक्स की बहुत भूख लगी थी, और इतना हैंडसम लड़का मेरे सामने सिर्फ तौलिया में बैठा था।
मैं भला ज्यादा देर कैसे बर्दाश्त कर पाती।

जब मुझे लगा कि ये अपने से कुछ शुरुआत नहीं करेगा तो मैंने उसे साफ-साफ शब्दों में बताने की सोची।

मैं बोली- रोहित (बदला हुआ नाम), मैं तुम्हें पसंद करती हूं, तुम्हारी गर्लफ्रेंड की तरह महसूस करती हूं। तुम मेरे लिए क्या महसूस करते हो?
उसने एक बार मेरी तरफ देखा और फिर शर्मा गया।
वो दोबारा से नीचे देखने लगा।

मैंने कहा- अरे यार … तुम कितने बोरिंग हो, बिल्कुल भी रोमांटिक बातें नहीं करते हो। मुझे देखो! मैं कितनी रोमांटिक हो रही हूं तुम्हारे साथ, और तुम हो कि कुछ साथ ही नहीं दे रहे।

फिर उसने मुंह खोला और कहा- यार आयुषी, मुझे ये सब प्यार-व्यार, रिलेशनशिप वगैरह के चक्कर में नहीं पड़ना। तुम भी जानती हो कि इसीलिए मैं कॉलेज में भी किसी से बात नहीं करता।
मैं- हां जानती हूं, लेकिन मैं कब कह रही हूं कि मुझे तुमसे रिलेशनशिप चाहिए। मुझे तो बस सेक्स चाहिए है!

मेरे मुंह ये शब्द होकर वो जैसे हैरान सा रह गया।

मैंने फिर कहा- हां, सच बोल रही हूं, मुझे कोई रिलेशनशिप नहीं चाहिए है। मुझे बस तुम चाहिए हो, तुम्हारा जिस्म चाहिए है!

कहते हुए मैंने उसकी छाती पर हाथ फेरा।
वो हट्टा-कट्टा था और काफी शेप में था।

फिर उसके पेट और जांघों पर हाथ फेरते हुए मैंने उसको गालों पर किस कर लिया।
फिर उसके हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रखवा दिए।

मैंने कहा- मेरे दिल को छूकर देखो, मैं सच बोल रही हूं। मुझे तुमसे बस प्यार चाहिए है और कुछ नहीं। मैं कोई बंधन वाला रिलेशनशिप नहीं रखूंगी।

फिर आखिरकार वो बोल पड़ा- हम्म … चलो ठीक है!
इतना कहते ही मैं उस पर टूट पड़ी।

उसके होंठों को जोर से किस करते हुए मैंने उसको नीचे गिरा लिया।

मैं ठीक उसके बदन के ऊपर पड़ी हुई थी और उसके होंठों को चूस रही थी।

उसके हाथ उठकर धीरे से मेरी गांड पर आकर ठहर गए और उसको धीरे से भींचने लगे।

अब रोहित भी मेरा साथ दे रहा था।

मैंने बहुत देर उसके होंठों को चूसा और फिर उसकी गर्दन और चेस्ट पर चूमती हुई नीचे आने लगी।

मैंने नीचे देखा तो उसके तौलिये में बार बार झटके लग रहे थे।

मैंने जल्दी से उसका तौलिया हटा दिया जिसके हटते ही पाया वो नीचे से नंगा था।

उसने अंडरवियर नहीं डाला था और उसका लम्बा-मोटा और तगड़ा लंड नाग की तरफ फनफना रहा था।

मैंने उसके लंड को हाथ में ले लिया और अच्छे से नापकर देखा।

कम से कम 7 इंच का लंड था उसका।
मैंने पोर्न में बहुत बड़े-बड़े लंड देखे थे।
रोहित का लंड उतना बड़ा तो नहीं था लेकिन रियल में देखने में काफी बड़ा लग रहा था।

न्यू वर्जिन सेक्स पार्टनर पाकर मेरी तो खुशी का ठिकाना न रहा।
इतने बड़े लंड वाला बॉयफ्रेंड पाकर मैं तो खुशी से झूम उठी।

मैंने अगले ही पल उसकी जांघों पर मुंह झुकाते हुए उसके लंड को चूसना शुरू कर दिया।
मैं पागलों की तरह उसके लंड को चूसे जा रही थी।

उसके मुंह से भी अह्ह … आह्ह … बेबी … उफ्फ … यू आर सो हॉट … आह्ह और चूस … आह्ह बेबी … ओ माय गॉड … चूस मेरी जान! करके आवाजें निकल रही थीं।

मैंने इस मौके का फायदा उठाया और उससे वादा लिया- रोहित, तुम हफ्ते में मेरे साथ एक बार सेक्स जरूर करोगे ना?
रोहित- हां मेरी जान … बस चूसती रहो ऐसे ही।

फिर वो एकदम से उठा और मेरा टॉप उतारने लगा।
मैंने उसकी मदद की और झट से टॉप को उतार फेंका।
फिर शॉर्ट्स भी उतार दिए।

अब मैं सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं।
हम दोनों एक बार फिर से एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे।
अब वो मेरे बूब्स को जोर-जोर से दबाने लगा।

मेरी चूत को पैंटी के ऊपर से ही सहलाने लगा।
मैं पागल सी होती जा रही थी और मेरा चेहरा लाल होता जा रहा था।

मैंने जल्दी से अपनी ब्रा उतारी और चूचियां उसके सामने नंगी कर दीं।
वो जोर-जोर से मेरे बूब्स पीने लगा। वो किसी बच्चे की तरह उनको चूस रहा था।

मुझे तो कसम से बहुत मजा आ रहा था।

इस पल का इंतजार मैं कितने दिनों से कर रही थी कि ऐसा कोई हैंडसम लड़का इस तरह से मेरे बूब्स को दबाए और पीये।

फिर मैंने पैंटी भी उतार दी।
अब वो मेरे ऊपर आ गया और मुझे नीचे दबाकर चूचियों को पीने लगा।

उसका लंड अब मेरी चूत पर बार-बार आकर लग रहा था।
मैं चाह रही थी कि बस अब वो चूत में लंड घुसा दे और मुझे जोर से चोद दे।

फिर वो बीच में ही बोला- जान, सेक्स करने की भी कुछ शर्ते हैं।

मेरे अंदर इतनी चुदास भर चुकी थी कि मैं लंड से चुदने के लिए अब कोई भी शर्त मानने को तैयार थी।

इसलिए मैंने बिना कुछ सोचे ही हां कर दी।

फिर उसने मेरी गीली पड़ी चूत में लंड डालना शुरू किया।
मुझे दर्द होने लगा तो मैंने उसको रुकने को कहा।

रोहित का भी पहली ही बार था।
इसलिए मैंने उसको पोजीशन बदलने को कहा।
मैंने उसे नीचे लिटा दिया और मैं उसके ऊपर आ गई।

फिर मैं धीरे-धीरे उसके लंड पर बैठने की कोशिश करने लगी लेकिन उसका लंड अंदर नहीं जा रहा था और मुझे बहुत दर्द होने लगा।

फिर उसने मेरी कमर पकड़ कर मुझे जोर से बैठा दिया और उसका लंड मेरी चूत के अंदर घुसता चला गया।

मेरी हालत खराब हो गई; मेरी चीख निकल गई और मैं कांपने लगी।
लंड बहुत मोटा था और इतना दर्द होगा, मैंने सोचा नहीं था।

दर्द के मारे मेरी आंखों से आंसू आने लगे और मैं वैसे ही उसके ऊपर लेट गई।

मेरी हालत देख रोहित भी मेरे बदन को सहलाने लगा।
उसने मुझे किस करना शुरू किया।

ऐसे करते-करते कुछ देर बाद दर्द कम हुआ।
तब उसने धीरे-धीरे धक्का लगाना शुरू किया।

कुछ धक्कों के बाद मुझे भी मजा आने लगा और मैं भी उछल-उछलकर चुदने लगी।

दोस्तो, क्या बताऊं … बॉयफ्रेंड के लंड से चुदने में इतना मजा आ रहा था कि मेरी आंखें बंद होने लगीं, लग रहा था जैसे कि जीवन का असली मजा आज आया है।

कुछ देर में उसने उसके धक्के तेज लगाया शुरू किया और देखते ही देखते मैं तो झड़ गई।
फिर मैं उसी के ऊपर लेट गई।

वो अभी तक नहीं झड़ा था।
चुदाई के बीच में ही फिर रोहित बोला- जान मेरी शर्तें सुन लो!
मैंने हांफते हुए कहा- हां कहो जान …

उसने जो शर्तें बताईं मैं सुनकर दंग होती चली गई।

वो बोला- आयुषी, तुम्हारे कहने पर मैंने तुम्हारे साथ सेक्स किया है। इसलिए अब तुम सिर्फ मेरे ही लंड पर बैठकर अपनी चूत में उंगली करोगी।

उसकी दूसरी शर्त ये थी कि वो मेरी गांड में भी अपना लंड डालकर चोदेगा तभी मैं सुसु कर सकती हूं, वरना नहीं।

चूंकि मैं भी वादा कर चुकी थी तो मेरे पास उसकी बात मानने के अलावा और कोई चारा नहीं था।

फिर मैंने मोबाइल फोन में पोर्न फिल्म चला दी।
मैं उसके लंड पर बैठकर अपनी चूत को मसलने लगी।
वो मेरे बूब्स को दबाने लगा।

उसने नीचे से लंड के धक्के चूत में लगाना शुरू किया तो मुझे भी फिर से मजा आने लगा।

कुछ ही देर में मैं उसके साथ ही झड़ गई।

उसने अपना वीर्य मेरे अंदर ही छोड़ दिया।
चूंकि मैंने पहले से ही गर्भ रोकने वाली गोली खा रखी थी तो चिंता की कोई बात नहीं थी।

फिर उसने उसकी दूसरी शर्त पूरी करने की मांग की लेकिन मैंने उसे मना कर दिया।
हम काफी देर एक दूसरे के साथ बैठे रहे।

फिर उसने कहा- एक चैलेंज तुम्हें पूरा करना होगा।
वो बोला- तुम्हें ढेर सारा पानी पीना होगा।

मेरे लिए यह आसान था तो मैं मान गई।

मैंने काफी सारा पानी पी लिया।

उसके बाद उसने मुझे नीचे लिटा लिया और मेरी टांगें खोलकर मेरी चूत में उंगली करने लगा।

कुछ ही देर के बाद मुझे जोर से सुसु आने लगा।
मैं उठकर बाथरूम की तरफ भागी लेकिन रोहित ने मुझे पकड़ लिया।

वो बोला- नहीं, तुम ऐसे नहीं जा सकती, तुम्हें पेशाब को रोक कर रखना है। यही चैलेंज है। नहीं तो मैं कभी तुमसे बात नहीं करूंगा।

मुझे उसकी बात माननी पड़ी वरना मुझे दोबारा उसके लंड से चुदने का मौका कैसे मिलता।

फिर मैं पेशाब को रोके रही लेकिन जल्द ही मेरी हालत खराब होने लगी।

कुछ ही देर में प्रेशर के कारण मेरी टांगें कांपने लगीं।

मैंने कहा- जाने दो रोहित … बहुत जोर से पेशाब लगी है।
फिर वो मुझे खुद उठाकर बाथरूम लेकर जाने लगा।
वहां जाकर उसने मुझे डॉगी पोजीशन में झुका लिया।

फिर मेरी गांड पर चिकनाई वाला लोशन लगा दिया।
फिर अपने लंड पर भी लोशन लगा दिया।
मैं डर गई।

वो बोला- कुछ नहीं होगा जान …
फिर वो बोला- गांड का छेद खोल दोनों हाथों से!

मैंने दोनों हाथों से चूतड़ों को खोलते हुए गांड का छेद उसके आगे फैला दिया।

फिर वो मेरी गांड के छेद पर लंड को मलने लगा।
वो टोपे से छेद को सहला रहा था जिससे मुझे मजा भी आ रहा था।

दो मिनट बाद उसने लंड को छेद के अंदर घुसाने की कोशिश करते हुए धक्का मारा।

उसका लंड कुछ अंदर जा घुसा जिससे मेरी जान निकल गई।
मेरी गांड जैसे फट गई हो।

मैंने दर्द के मारे उसे लंड बाहर करने को बोला लेकिन उसने नहीं निकाला।
वो कुछ देर ऐसे ही रुका रहा।

फिर उसने पूरी ताकत से लंड अंदर डाल दिया।
मुझे इतना तेज दर्द हुआ कि मैं बता नहीं सकती हूं।
मेरी आंखों से आंसू आने लगे।

मैं चीखने लग गई और इसी बीच मेरी चूत से पेशाब भी निकल गया।
इसी वक्त रोहित ने मेरी गांड चोदना शुरू कर दिया।

वो तेज-तेज धक्के देने लगा और मेरी चूत से मूत की धार बहती रही।

मेरा मूत मेरी जांघों से बहकर नीचे जा रहा था।
उधर गांड के छेद में रोहित का लंड लगातार अंदर बाहर हो रहा था।

सच कहूं कुछ ही पल बाद मुझे इसमें बहुत मजा आने लगा।

एक तरफ मेरी चूत पेशाब निकाल रही थी और दूसरी तरफ रोहित का लंड गांड में मजा दे रहा था।

मुझे बॉयफ्रेंड से ऐसी डर्टी चुदाई करवाकर बहुत मजा आया।
कुछ देर में रोहित मेरी गांड में ही झड़ गया।

इस तरह से पहली बार मैं कॉलेज बॉयफ्रेंड से चुदी।

उस दिन के बाद जब भी मुझे चूत में मास्टरबेट करना होता तो मैं रोहित को बुला लेती थी।
फिर उसके लंड पर बैठकर मैं चूत में उंगली करती थी।

इस तरह से मेरा दोस्त मेरा सेक्स-टॉय बन गया।

दोस्तो, यह थी मेरी पहली चूत चुदाई की कहानी।
आपको कैसी लगी? नीचे दिए कमेंट बॉक्स में लिख कर बताना।
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