Latest Hindi Sex Stories added for who looking to read Xx Bhabhi X Sex Kahani to make every night hot about Xx Bhabhi X Sex Kahani story.
Story Start Here :
Xx भाभी X सेक्स कहानी में पड़ोस में मेरी एक सहेली के घर मैंने एक पराये मर्द को जाते देखा। पता चला कि वो पड़ोसी दुकान वाले के मोटे लंड से चुदवाती है। ये सुन मेरी चूत में भी आग लग गई.
यह कहानी सुनें.
xx-bhabhi-x-sex-kahani
दोस्तो, मेरा नाम मंजू है।
फ्रेंड्स, मेरी उम्र 24 साल की है।
दो साल पहले मेरी शादी हुई थी। मेरे पति एक सरकारी जॉब में हैं।
मैं करीब एक साल से अन्तर्वासना की सेक्स कहानियां पढ़ रही हूं।
फिर मैंने सोचा क्यों न अपनी भी कहानी आप लोगों के साथ शेयर करूं।
तो चलिए मैं सीधे अपनी Xx भाभी X सेक्स कहानी पर आती हूं।
शादी के बाद अब मैं शहर में अपने पति के साथ रहती हूं।
बगल में ही एक पड़ोसन है जिसका नाम सुधा है।
वो उम्र में मुझसे काफी बड़ी है और उसकी उम्र 32 साल की है।
उसके भी पति सरकारी जॉब में हैं।
उसका एक बच्चा भी है।
सुधा से मेरी काफी अच्छी दोस्ती हो गई थी।
जब हम दोनों के पति ड्यूटी चले जाते थे और उसका बच्चा स्कूल चला जाता था तो हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी समय बिताया करते थे।
एक दिन की बात है, करीब दिन के 10 बज रहे थे।
उस वक्त मैं अपने घर की छत पर कपड़े सुखा रही थी।
तभी मैंने देखा कि एक आदमी सुधा के घर आया और वो सीधा अंदर घुस गया।
कुछ देर बाद सुधा आई और इधर-उधर झाँक कर दरवाजा बंद लिया।
मैं सोचने लगी कि ये कौन है?
फिर मैं अपने कमरे में जाकर खिड़की से देखने लगी कि ये कब निकलेगा।
मैं वहीं खड़ी होकर टाइम पास करती रही और सुधा के घर के दरवाजे पर नजर टिकाए रही और करीब आधे घंटे बाद वो आदमी बाहर निकला।
उस आदमी को मैंने पहचान लिया।
हम लोगों के मकान से थोड़ी दूर मेन रोड पर उसकी इलेक्ट्रिक सामान की बड़ी सी दुकान थी।
कुछ घंटे बाद सब काम निपटा कर सुधा मेरे घर आई।
मेरे पास आने पर मैंने उससे पूछा- अरे सुधा, वो आदमी तुम्हारे घर क्यूं आया था?
वो चौंक गई और साफ इन्कार करने लगी।
उसको मैंने बताया कि अपनी आंखों से मैंने वो आदमी उसके घर से निकलते देखा है।
सुधा के होश अब सफेद हो चुके थे।
उसके चेहरे पर घबराहट सी छा गई।
उसे लगा कि वो पकड़ी गई है।
वो बोली- अरे क्या बताऊं यार … तुम उसे मेरा बॉयफ्रेंड समझ लो।
मैं बोली- लेकिन तेरा तो पति है, एक बच्चा भी है, फिर तुझे क्या जरूरत पड़ गई बॉयफ्रेंड की?
वो बोली- मुझे मोटे लंड से चुदने की लत लग चुकी है। शादी से पहले मेरा एक बॉयफ्रेंड था, मैं उसके मोटे लंड से खूब चुद चुकी थी। उसके बाद मेरी शादी हो गई। लेकिन मेरा पति मुझे तबियत से नहीं चोद पाता है।
सुधा बोली- मेरी चूत में खुजली मची ही रहती है। इसलिए मैंने उस दुकान वाले चुदाई करवा ली। लेकिन तुम्हें मेरी कसम है, यह बात तुम किसी से नहीं कहोगी।
उस दिन के बाद से मैं ध्यान देने लगी।
वो दुकान वाला अक्सर उसके घर आता था।
एक दिन मैं सुधा से बोली- यार तुम इतने मोटे लंड से कैसे चुद लेती हो, मुझे भी देखने की इच्छा हो रही है!
उसने कहा- यह कौन सी बड़ी बात है, जब मैं कहूं तुम मेरे घर आ जाना। अपनी आंखों से ही मुझे चुदते हुए देख लेना।
मैंने कहा- नहीं यार, मैं सामने से नहीं देखूंगी, मैं छुपकर देख सकती हूं।
वो बोली- ठीक है, तुम छुपकर देख लेना।
अगले दिन उसने बुलाया तो मैं चली गई।
उसने अपने बेडरूम की खिड़की को खोल दिया और बोली- दूसरे कमरे में चली जाओ, जब वो आयेगा तो हॉल में आ जाना और खिड़की से देखना।
कुछ देर बाद वो आदमी आ गया।
फिर सुधा सीधे उसे अपने बेडरूम में ले गई और दरवाजा बंद कर लिया।
कुछ देर बाद मैं खिड़की के पास आकर खड़ी हो गई।
मैंने देखा कि वो दोनों सिर्फ चड्डी में बेड पर लेटे हुए थे।
वो आदमी सुधा की चूचियों को मुंह में लेकर पी रहा था।
उसका एक हाथ सुधा की पैंटी के अंदर जाकर उसकी चूत को सहला रहा था।
कुछ देर बाद वो आदमी उसके गाल, पेट और नाभि को चूमता हुआ नीचे चूत के झांटों तक पहुंच गया।
फिर सुधा ने खुद ही अपनी पैंटी उतार कर फेंक दी।
वो आदमी चूत की फांकों को खोलकर निहारने लगा।
चूत को एकटक हवस भरी नजरों से देखने के बाद उसने अपना मुंह सुधा की चूत पर रख दिया और उसे चूसने लगा।
सुधा अपने हाथों से उसके सिर को दबाते हुए अपनी कमर उठाकर मजे से अपनी चूत चुसवा रही थी।
ये देखकर मेरा भी हाथ पता नहीं कब मेरी चूत पर चला गया।
मैं खड़ी-खड़ी अपनी चूत को सहलाने लगी।
अब वो आदमी लेट गया और फिर सुधा उठ कर बैठ गई।
वो आदमी की चड्डी को उतारने लगी।
थोड़ा सा ही सरकाने पर उसका मोटा लन्ड बाहर निकल आया।
मैंने पहली बार इतना मोटा लन्ड देखा था।
फिर सुधा उसके लन्ड को चूसने लगी।
करीब पांच मिनट उसके लन्ड को खूब चूसने के बाद वो उठ गई।
उस आदमी का मोटा मूसल जैसा लंड अब सुधा की लार से भीग चुका था।
सुधा ने अपनी दोनों टांगें उसकी जांघों के दोनों तरफ रखीं और नीचे बैठते हुए लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर रखवा लिया।
लंड को चूत के मुंह पर रखवा कर उसने सारा वजन नीचे डाल दिया और वो मोटा लंड उसकी चूत में उतरता चला गया।
लंड को चूत में लेते ही वो झुक कर उस आदमी के होंठों को चूसने लगी।
फिर वो अपनी कमर को हिलाने लगी।
हिलते हुए वो चूत में लंड लेकर मस्ती में चुदने लगी।
कुछ देर बाद वो और जोश में आ गई और लन्ड के ऊपर जोर-जोर से कूदने लगी।
करीब 10 मिनट बाद सुधा की चूत ने जोर से पानी फेंकना शुरू कर दिया।
वो झड़ गई और आदमी के मोटे लंड को भिगोकर वो एक तरफ बेड पर लेट गई।
उस आदमी का लौड़ा अभी भी वैसा का वैसा तना हुआ था।
लेकिन सुधा शांत हो गई थी।
फिर वो आदमी उसकी चूत और चूचियों को सहलाता रहा।
कुछ देर बाद सुधा ने फिर से उसका लंड मुंह में ले लिया और चूसते हुए चूत को सहलाने लगी।
अब वो आदमी उठा और सुधा की टांगों को अपने कंधे पर रख लिया।
उसने अब मेरी चुदक्कड़ सहेली के चूतड़ों के नीचे एक तकिया लगा दिया और लंड को चूत पर रगड़ने लगा।
फिर उसने एक जोर का धक्का मारा और पूरा लन्ड चूत के अंदर समा गया।
वो आदमी सुधा की ताबड़तोड़ चुदाई करने लगा।
कुछ देर बाद तो वो जैसे पागल हो गया था; बेतहाशा ताबड़तोड़ धक्के मारे जा रहा था।
सुधा चिल्ला रही थी मगर वो अपनी धुन में लगा हुआ था।
कमरे में फच-फ़च की आवाजें गूंज रही थीं।
कुछ देर तक इसी तरह की जोरदार चुदाई चली और फिर मैंने देखा कि वो दोनों एक दूसरे से चिपक गए।
वो आदमी रुकता चला गया।
फिर वो दोनों जोर-जोर से हांफने लगे।
शायद उसका पानी सुधा की चूत में निकल चुका था।
ये सब देख कर मेरी भी चूत से पानी निकलने लगा था।
फिर जब वो चला गया तो मैं सुधा के पास गई।
सुधा अभी भी बेड पर लेटी हुई थी।
वह बोली- देखा?
मैंने कहा- हां, अच्छे से।
फिर मैंने कहा- ठीक है सुधा, मैं चलती हूं।
मैं वहां से निकल आई और मेरी हालत खराब हो रही थी।
सुधा को ऐसे चुदती देख मैं बहुत बेचैन हो गई थी।
उस रात को मैं चैन से सो भी नहीं पाई।
मेरी आंखों के सामने उस आदमी का मोटा लंड घूमता रहा।
अब मुझे भी लंड की कमी लगने लगी थी।
मेरे पति का लंड तो उस आदमी के लंड की तुलना में काफी छोटा था।
मेरी ठीक से चुदाई नहीं हो पाती थी।
उस रात को मैंने सोच लिया कि मैं भी उसके मोटे लंड से चुदूंगी।
अगले दिन मैं सुधा से मिली और उसे बताया कि मुझे भी उस आदमी से चुदना है।
वो बोली कि ठीक है उससे बात करके बताएगी वह।
फिर अगले दिन करीब 10 बज रहे होंगे।
सुधा ने फोन किया और बोली कि अच्छे से तैयार होकर एक घंटे में आ जाना।
मैं बाथरूम गई और अपने बाल साफ किए और जल्दी से नहाकर सुधा के घर पहुंच गई।
करीब 10 मिनट बाद वो आदमी आया।
सुधा मुझे अपने साथ बेडरूम में ले गई।
वो सामने ही बैठा था।
वो बोली- ये मेरी दोस्त है, ये बेचारी भी प्यासी है, पति का लंड इसकी प्यास नहीं बुझा पाता है। इसकी भी प्यास बुझा दो!
फिर सुधा ने मुझे पलंग पर उस आदमी के बगल में बैठा दिया।
मैं थोड़ी शर्मा रही थी।
फिर उसने अपने हाथों से मेरा चेहरा पकड़ा और मेरे होंठों को अपने होंठों में फंसा कर चूसने लगा।
अब उसके हाथ मेरी चूचियों पर जा पहुंचे।
मेरी टाइट चूचियों को उसने जैसे ही जोर से दबाया तो मेरी चीख निकल गई।
फिर उसने मुझे पलंग पर लिटा दिया और मेरे ऊपर लेट कर मेरे होंठों को चूसने लगा।
वो रह-रहकर मेरी चूचियों को भी दबाने लगा।
अब मुझे अच्छा लगने लगा था।
मैं भी उसका साथ देने लगी।
फिर उसने मेरी कुर्ती के हुक खोल दिए।
मैंने चोली नहीं पहनी थी।
मेरी टाइट चूचियां आजाद हो गईं।
वो मेरी नंगी चूचियों को बारी-बारी से पीने लगा।
सुधा वहीं बैठकर ये सब देख रही थी।
वो आदमी अब उठकर अपने कपड़े खोलने लगा।
तब सुधा मुझसे बोली कि मैं भी अपने कपड़े खोल लूं।
कहने पर फिर मैंने साड़ी और पेटीकोट खोल दिया।
अब मैं सिर्फ चड्डी में थी और वो आदमी भी सिर्फ चड्डी में था।
तब सुधा बोली- अब तुम दोनों मजे लो, मैं चलती हूं। मुझे कुछ काम करना है।
लेकिन एकदम से मैंने सुधा का हाथ पकड़कर बिठा लिया और बोली- कुछ देर और रुक जाओ। मुझे थोड़ी घबराहट हो रही है।
मेरे कहने पर सुधा वहीं पास में बैठ गई।
वो आदमी मेरे पास आया और मेरे ऊपर लेटकर मेरे सारे बदन पर किस करने लगा।
बदन चूमते हुए अब उसका मुंह मेरी चूत के पास पहुंच चुका था।
उसने मेरी चड्डी सरकाई और चूत को सहलाने लगा और बोला- थैंक्यू सुधा जी, आपने मुझे ऐसी गुलाबी चूत का दीदार करवाया … क्या मस्त चूत है … ऐसी चूत मैंने पहले कभी नहीं देखी थी।
फिर उसने अपने होंठ मेरी चूत पर रख दिए।
एकदम से मेरे बदन में करंट सा दौड़ गया क्योंकि आज से पहले मेरी चूत को किसी ने भी नहीं चूसा था।
वो जीभ डालकर मेरी चूत को चूसने लगा।
मैं तड़पने लगी।
एकदम से मेरे मुंह से आह … आह … की आवाजें निकलने लगीं।
देखते ही देखते मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया।
चूत का पानी निकलने पर ही उस आदमी ने मुंह हटाया।
फिर उसने अपना मोटा और तगड़ा लन्ड बाहर निकाला और पेलने की तैयारी करने लगा।
तब सुधा बोली- लन्ड को अच्छे से चूस कर चिकना कर दो तो आराम से जायेगा।
फिर वो लेट गया और मैं उसके लन्ड को अपने हाथों से सहलाने लगी।
उसका लंड बहुत ज्यादा सख्त था, ऐसा लग रहा था जैसे लोहे का पाइप हो।
इतना सख्त लंड मैंने कभी नहीं देखा था।
फिर मैं धीरे-धीरे उसके लन्ड को चूसने लगी।
थूक लगा लगाकर उसके लन्ड को हाथों से चिकना करने लगी।
कुछ देर बाद सुधा बोली- अब हो गया।
अब वो उठा और मुझे लिटा कर मेरी टांगों को चौड़ा कर दिया।
वो मेरी टांगों के बीच में बैठ गया और उसने अपना लन्ड पकड़कर मेरी चूत पर रख दिया।
ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने तपता हुआ अंगार मेरी चूत पर रख दिया हो।
लंड को लगाकर वो चूत में उसका धक्का देने लगा।
लेकिन उसका लंड मेरी चूत में जा ही नहीं पा रहा था।
अब सुधा भागकर किचन में गई और वहां से तेल लेकर आई।
उसने मेरी चूत और उसके लन्ड पर तेल लगा दिया और बोली- थोड़ा आराम से पेलना।
फिर एक बार उसने लन्ड को मेरी चूत पर रखा और धकेलने लगा।
उसका गर्म सुपारा मेरी चूत में अब घुस गया और एकदम से मैं दर्द से चिल्लाने लगी।
सुधा बोली- बस … एक बार पूरा अंदर ले लो, फिर दर्द नहीं होगा।
इतने में उसने एक जोर का धक्का मारा और आधा लन्ड मेरी चूत को चीरता हुआ घुस गया।
मैं चिल्लाने ही वाली थी तो उसने अपना हाथ मेरे मुंह पर रखकर एक और जोर का धक्का मारा।
इस धक्के के साथ पूरा लन्ड मेरी चूत में घुस गया और मेरी आंखों से आंसू निकलने लगे।
फिर वो मेरे ऊपर लेट कर मेरे गालों और चूचियों को चूमने लगा।
करीब 15 मिनट बाद मैं नॉर्मल हुई।
तब उसने अपने हाथों को मेरे मुंह से हटाया।
अब मेरी चूत का दर्द कम हो गया था और अच्छा लगने लगा था।
फिर मैं भी उसको चूमने लगी।
तब सुधा बोली- अब ठीक है न? … मैं चलती हूं, तुम दोनों मजे करो!
ऐसा बोलकर सुधा चली गई।
फिर उस आदमी ने लन्ड को धीरे-धीरे आगे पीछे करना शुरू किया।
उसका लन्ड जब मेरी चूत के आखिरी छोर तक पहुंचता तो एक अलग ही आनंद मिल रहा था मुझे।
मैं भी नीचे से धक्के लगाने लगी।
फिर उसने अपनी स्पीड और बढ़ा दी, और सटासट पेलने लगा।
चुदते हुए मेरी चूत से जोर से पानी निकलने लगा।
ऐसा लगा जैसे मैं मूत रही हूं।
अब मेरी चूत एकदम चिकनी हो गई थी।
वो टाइट तो थी लेकिन लंड आराम से घुस रहा था।
फिर वो मेरे ऊपर लेट कर प्यार करने लगा।
उसने पूछा- कैसा लग रहा है?
मैं बोली- अच्छा लग रहा है, मैं तो डर रही थी कि इतना मोटा लंड कैसे घुसेगा, लेकिन अब मजा आ रहा है.
फिर वो मेरे होंठों को चूसता रहा और लन्ड को मेरी चूत में पेलने लगा।
मैं भी कमर उचका कर उसका साथ देने लगी।
अब मेरा जोश आसमान में पहुंच चुका था।
मैं बोली- राजा … अब फाड़ दो मेरी चूत को … अब नहीं रहा जा रहा है।
ये सुनकर वो आदमी उठा और मेरी टांगों को अपने कंधे पर रख लिया।
फिर मैंने खुद ही उसका लंड पकड़ कर अपनी चूत पर रखवा लिया।
लंड चूत पर आते ही उसने जोर का धक्का दिया और लगातार देता ही चला गया।
पूरे कमरे में जैसे भूचाल आ गया।
मैं जोर-जोर से आह … आह … कर रही थी और वो लगातार मुझे पेले जा रहा था।
करीब 20 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मेरी चूत से पानी की धार फूट पड़ी।
Xx भाभी X सेक्स में जोर से झड़ते हुए मैं शांत हो गई.
लेकिन वो अब भी मुझे पेले जा रहा था।
मैं मना कर रही थी- छोड़ दो … प्लीज …
लेकिन वो पेलता ही जा रहा था।
आखिर की दर्द भरी चुदाई सहने के बाद फिर वो समय आया जब वो जोर से मुझसे लिपट गया और उसका गर्म वीर्य मेरी चूत के अंदर गिरने लगा।
उसके वीर्य की धार मेरी चूत के अंदर छूटी तो ऐसे लगा जैसे सारी थकान उतर रही है।
कामवासना की संतुष्टि से मैं भी उससे जोर से लिपट गई।
कुछ देर बाद जब तूफान शांत हुआ तो तन-बदन और मन में एक अलग ही खुशी थी।
हम दोनों के चेहरे पर थकान की जगह अब एक संतोष भरी मुस्कान तैर रही थी।
दोस्तो, आपको यह कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताएं।
गैर मर्द से चुदाई का यह मेरा पहला अनुभव था।
मैं आप सबसे भी जानना चाहती हूं कि यह सब कैसा रहा, क्या मेरा फैसला सही था।
अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ हुआ है तो कमेंट्स में बताएं।
Xx भाभी X सेक्स कहानी कैसी लगी, यह भी बताएं.