Latest Hindi Sex Stories added for who looking to read Hot Bhabhi Xx Kahani – दोस्त की सेक्सी बीवी की चूत चुदाई to make every night hot about Hot Bhabhi Xx Kahani – दोस्त की सेक्सी बीवी की चूत चुदाई story.
Story Start Here :
हॉट भाभी Xx कहानी में मेरे दोस्त की बीवी बहुत सेक्सी थी पर मैं उसे बुरी नजर से नहीं देखता था. पर एक दिन मुझे लगा कि वह मुझे पटाना चाहती है. तो मैंने भी उसे पेल दिया.
दोस्तो, मैं विपुल उत्तर प्रदेश से हूं.
आज यहां मैं वो कहानी लिखने जा रहा हूँ, जिसमें मेरे दोस्त की बीवी ने किस तरह मुझे उसकी चुदाई करने को लेकर उकसाया.
और फिर वही हुआ जो आप लोग सोच रहे हो.
क्योंकि जब तन में आग लगती है तो इंद्रियों पर भी किसी का जोर नहीं चलता है.
मेरे दोस्त की बीवी ओह … कसम से क्या गजब की माल थी.
वह दिखने में एकदम कमसिन लगती थी.
उसका बदन बड़ा मस्त था. कैसे मैंने उसको अपने लंड पर चढा कर ज़न्नत की सैर की?
दोस्तो, ये हॉट भाभी Xx कहानी कुछ साल पहले की है.
मेरा दोस्त जिसका नाम कमलेश है, वो एक होटल में काम करता है तथा मेरे मकान से करीब 500 मीटर की दूरी पर ही किराये के मकान में रहता है.
चूंकि वो मेरा दोस्त था तो मैं कभी कभी उसकी पैसे मदद भी कर देता था.
इसी के कारण मेरा उसके घर आना जाना होता रहता था.
उसकी पत्नी निधि कसम से क्या लड़की थी.
आप लोग जो मस्त फिगर सोच सकते हो वही … बस एक बार जो देख ले, कितनी बार भी देखे मन नहीं भरता.
निधि एकदम कमसिन कलि लगती थी … उसका शरीर बड़ा मस्त था.
गहरी उसकी कजरारी आंखें … फिगर 32 – 30 – 34 साइज का.
उसके उठे हुए चूचे, पतली कमर और गोल-गोल गांड.
जब वो अपनी गांड को हिलाते हुए चलती थी तो अच्छे अच्छे के नाड़े भी ढीले हो जाते.
कमाल की बात यह कि इतनी मस्त मॉल होने के बावजूद मैंने कभी भी निधि को गलत नज़र से नहीं देखा था.
क्योंकि मुझे ऐसा लगता था कि वो मेरे साथी की बीवी है.
लेकिन मुझे क्या पता कि उसकी बीवी मेरे बारे में क्या सोचती है.
मुझे इसकी जानकारी बिल्कुल नहीं थी.
वैसे उन दोनो की शादी को लगभग 3 साल हो गए थे लेकिन उनको कोई बच्चा नसीब नहीं हुआ था.
मैंने इस बारे में कई बार दोस्त से पूछा, वह हर बार हंस कर टाल देता था.
एक दिन की बात है सुबह सुबह ही मैं उनके गया और डोरबेल बजाई.
मुझे कमलेश से जरूरी काम था.
उसकी पत्नी ने दरवाज़ा खोला और मैंने निधिको देखा, तो उसने सफेद रंग का गाउन पहन रखा था.
उसमें से उसकी ब्लैक रंग की स्टेप वाली ब्रा और ब्लैक पेंटी पूरी तरह दिखाई दे रही थी, जो उसने पहन रखी थी.
इतने दिनों में पहली बार उसको देखकर मन में खलबली हुई थी.
और वो भी शायद इस बात को भांप चुकी थी कि मेरा ध्यान कहां हैं.
वो बोली- हां विपुल जी बोलिए … इतनी सुबह सुबह … क्या बात है?
उसकी आवाज़ से जैसे मैं जागा, मैं बोला- कमलेश है घर पर!
वो बोली- हां, वो सो रहे हैं.
उसने मुझे अन्दर आने को कहा.
मैं अन्दर आया तो उसने मुझे बैठने को बोला और पानी लेने के लिए किचन की तरफ चली गयी.
मुझे टाईट गांड देखर अंदर से मन में कुछ कुछ होने लगा.
मैंने तो अपने आप पर कैसे कंट्रोल किया वो बस मैं ही समझ सकता था.
लेकिन मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था जो ऊपर से साफ दिख रहा था.
इतने में निधि चाय का दो कप लेकर आ गई और खुद भी वहीं मेरे साथ बैठकर चाय पीने लगी.
उस समय मैं चाय कम पी रहा था, मेरी नज़र ज्यादा उसके चुचों पर ही टिकी रही थी.
मुझे ये समझ नहीं आ रहा था कि वो मुझे उकसा रही है उसके मन में कुछ और चल रहा है.
मैंने निधि को कहा- कमलेश को बुला दो!
तो उसने बोला- क्या बात है? बताइये, मैं बोल दूंगी.
मैंने उसको बताया- कमलेश ने कुछ समय पहले मुझसे कुछ पैसे लिए थे. अब मुझे थोड़ी जरूरत है पैसों की, तो मैं उसी के बारे पूछने आया था.
निधि बोली- अच्छा ठीक है … मैं उन्हें बता दूंगी. आप शाम तक आकर ले लीजियेगा.
और वो मुस्कुराने लगी.
मैं भी जल्दी से वापस घर आ गया
घर आकर सबसे पहले तो निधि की चुदाई को याद करके मुठ मारी, तब जाकर शरीर को थोड़ी शांति मिली.
दिन में मुझे कमलेश मिला.
शायद वो कहीं बाहर किसी काम से जा रहा था.
मैंने सोचा कि उससे बोलूं.
उससे पहले ही वो आया और बोला- निधि से पैसे ले लेना.
फिर उसने बताया कि वो 2 दिन के लिए शहर से बाहर जा रहा है.
और बोला कि कोई भी प्रॉब्लम हो, तो देख लेना
मैं बोला- ठीक है.
अब तो मेरे मन में पटाखे फूटने लगे कि हो सकता है आज की शाम को मुझे निधि की चूत को चोदने का सपना सच हो जाए.
जैसे तैसे मैंने पूरा दिन निकाला और शाम को कमलेश के घर पहुंच गया.
मैंने डोरबेल बजाई.
जैसे ही निधिने दरवाजा खोला, मैं तो उसे देखता ही रह गया.
उसने ब्लैक कलर की साड़ी पहन रखी थी.
कसम से क्या माल लग रही थी.
उसने मुझे अन्दर बुलाया और वहीं हाल में सोफे पर बिठाकर खुद भी मेरे आँखों के सामने ही बैठ गई.
मैं बस निधि को ही देख रहा था.
निधि बोली- क्या हुआ आपको?
मैं तो जैसे सपनो से अचानक से जग कर उठा और बोला- कुछ नहीं … लेकिन आज तुम बहुत गजब ख़ूबसूरत लग रही हो.
वो मुस्करा कर बोली- वो आपको पैसे देने के लिए बोल कर गए हैं. आप लेने तो आओगे न?
मैं बोला- हां जरूरत थी, इसलिए कमलेश को बोला.
मैं निधि से बात तो कर रहा था लेकिन मेरी बार बार नज़र उसके चूचियों पर जा रही थी.
दिल कर रहा था कि अभी पकड़ कर मसल दूँ!
लेकिन क्या कर सकता था.
उधर अंडरवियर में मेरा लंड अपना पूरा आकार ले चुका था.
और निधि भी शायद सब कुछ देख कर भी अनजान बनने का नाटक कर रही थी.
वो बोली- क्या देख रहे हैं आप घूर घूर के?
न जाने मुझे क्या हुआ में उसके चूचियों की तरफ उंगली करके बोला- इन्ही को देख रहा हूँ.
निधि पल्ला हटा कर अपने चूचे उठाते हुए बोली- आखिर इनमें ऐसा क्या है?
ऐसा उसने एक कातिल मुस्कान देते हुए बोला.
उसकी इस इसारे से मैं समझ गया कि बंदी की चूत प्यासी है मेरे लंड के लिये.
मैं बोला- अगर तुम इज़ाज़त दो, तो बताऊं.
उसने मुस्कुराते हुए हां में सर हिलाया.
मैं उसके पास जाकर बैठ गया और निधि को देखने लगा और धीरे धीरे उसके होंठों की तरफ अपने होंठों को बढ़ाने लगा.
निधि ने अपनी आंखें बंद कर लीं जैसे उसने मुझे स्वीकृति दी हो.
मैंने उसके कोमल रसीले होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उन्हें पागलों की तरह चूमने लगा और एक हाथ उसकी पीठ पर चारों तरफ सहलाने लगा.
थोड़ी देर में वो भी मेरा साथ देने लगी और हम एक दूसरे के होंठों को जोर जोर से चूसने लगे.
मैं उसके पीठ को सहलाते हुए उसकी गर्दन के बायीं ओर उसे चूमने लगा.
वो अपने मुँह से हल्की हल्की कामुक आवाजे निकलने लगी निकालने लगी.
मैं उसके पूरे चेहरे और उसके होंठों को चारों तरफ से पागलों की तरह चूमने लगा और वो अपने मुँह से ‘ऊऊ उम्म्म ईह्ह हऊऊ स्स्स्स’ की आवाजें करने लगी.
धीरे से मैं अपने एक हाथ को नीचे उसके उरोजों पर ले गया और ब्लाउज के ऊपर से ही उन्हें दबाने लगा.
क्या नर्म नर्म उरोज थे उसके!
फिर मैंने उसके शरीर से उसकी साड़ी को अलग कर दिया और फिर से उसकी चूचियों को दबाते मसलते हुए उसको चूमता, चाटता जा रहा था.
और वो अपने मुँह से कामुक ‘ऊऊ स्स्स्स अआह्ह हऊ उफ़्’ आवाजें निकालती रही.
मैं अपने हाथ से निधि के शरीर को सहला रहा था और उसे बेहताशा पागलों की तरह चूम भी रहा था.
वो भी पूरी तरह मदहोश होने लगी थी.
धीरे धीरे मैंने निधि का पेटीकोट ऊपर कर दिया और उसकी नंगी नर्म जांघों को सहलाते हुए उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी रसीली चूत को मसलने लगा.
उसने उसी मस्ती में कस के मेरा लंड भींच दिया.
मेरे मुँह से एक आह निकल गई.
फिर मैंने उसका ब्लाउज और उसकी ब्रा दोनों को उसके शरीर से अलग कर दिया.
उसके उरोजों को देखकर मेरी काम वासना और तेज हो गई और मैं दोनों हाथों से उसकी चूचियों को प्यार से मसलने लगा.
निधि भी पूरी मस्ती के मारे ‘उफ्फ आह्ह’ कर रही थी.
वो बोली- ओह बेबी … तेजी से तेजी जोर से दबाओ.
मैं उन्हें प्यार से ही दबाने लगा.
वो भी प्यार से मेरे लौड़े को मेरी पेंट के ऊपर से ही कस के पकड़ कर दबाने लगी थी.
फिर मैं निधि के रसीले होंठों को चूमने लगा तथा दूसरे हाथ उसका पेटीकोट की रस्सी खींचकर खोला और उसे नीचे गिरा दिया.
अब उसकी चूत को मैं पेंटी के ऊपर से ही सहला और दबा रहा था.
मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और निधि को चूमना शुरू किया.
और एक हाथ से मैं उसकी चूचियों को दबाये जा रहा था.
इसके बाद मैं थोड़ा नीचे आ गया.
फिर उसके उरोजों पर मैं अपने होंठ लाया. उसके निप्पल मैं होंठों के बीच दबाकर खींचकर छोड़ने लगा.
वो एकदम से मस्त हो गई.
और दूसरे स्तन को जोर जोर से दबाने लगा.
फिर दूसरे को भी मुँह में लेकर उसको भी को जुबान से चाटने लगा लगा.
ऐसा करते ही वो पूरी तरह मचलने लग गई और बड़े प्यार से मुझे अपनी चूचियों को पिलाने लगी.
मैं उसकी चूची के दाने को मुँह में लेकर जोर-जोर से चूसने लगा.
मैं बहुत देर तक उसकी चूचियां चूसता रहा.
वो मेरे सर में हाथ फिराते हुए कामुक आवाजें करने लगी.
फिर निधि मेरा मुँह वहां से हटाकर मेरे होंठों को चूसने काटने लगी.
उसके हाथों में पता नहीं कैसे इतनी जान आ गयी थी कि मैं चाहकर भी अपना चेहरा नहीं हटा पा रहा था.
फिर उसने मेरे नीचे के सारे कपड़ों को एक ही बार में उतार दिया और सीधा मेरे खड़े लंड को अपने मुँह में लेकर ऐसे लोलीपोप की तरह चूसने लगी जैसे कितनी भूखी हो.
निधि बहुत मस्त होकर मेरे लौड़े को चूस रही थी.
लंड के टोपे को अपने कोमल और रसीले पतले होंठों के बीच लेकर चूस रही थी.
मेरे लंड के टोपे पर कभी जुबान फिराकर और कभी पूरा मुँह में लेकर ऐसे चूस रही थी जैसे वो मेरा लंड नहीं कोई, सोफ्टी आइसक्रीम को चूस रही हो.
उस समय तक उसकी इस अदा पर मैं ज्यादा नहीं टिक पाया और मेरे लौड़े ने सारा मॉल उसके मुँह में ही गिरा दिया दिया.
निधि बिना एक बूंद को गिराए सारा माल चूस चूस के पी गई.
उसके बाद भी वो मेरे लौड़े को चूसती रही.
कुछ देर बाद मेरा लंड वापस अपनी पूरी ताकत के साथ खड़ा हो गया.
फिर मैंने निधि को सोफे पर बिठाया मैंने उसकी पेंटी उतार दी और उसकी गुलाबी चूत को सहलाने लगा.
निधि एकदम कसमसा गयी और सिसकारियां लेने लगी.
फिर मैंने अपनी जुबान से उसकी चूत के दाने को सहलाया.
वो तो बस जैसे पागल हो गयी और मेरे बाल को पकड़ कर ‘उईई उम्मा माम्मा माआह आह आह ससीईई’ करने लगी.
मैं उसकी कोमल चूत को चाटने लग गया.
उसकी चूत से लगातार उसका पानी निकल रहा था, जिसे मैं चाट रहा था.
निधि ने मेरा मुँह अपनी चूत पर और तेजी दबा लिया और अपनी गांड और कमर को हिलाते हुए अपनी चूत को मेरे मुँह पर तेजी से रगड़ने लगी.
मैं भी पूरा उसकी चूत चूसने का मजा ले रहा था.
उसकी चूत की दोनों फांकों को पूरा मुँह में लेकर चूसने लगा.
तब निधि बोली- अब तो अपना लौड़ा\ मेरी चूत में डाल दो … मुझसे अब रहा नहीं जाता.
मैंने भी मौके को देखते हुए बिना देरी के उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख लिया.
अपने लंड पर थूक लगाकर को उसकी चूत पर सेट करके एक ही बार में पूरा लंड उसकी चूत के अंदर पेल दिया.
उसने एक मीठी सी आह निकली और वो मेरा पूरा लंड अपने अंदर ले लिया गई.
मैं अपने लंड को उसकी चूत के अन्दर बाहर करने उसको चोदने लगा.
वो भी अपनी कमर को ऊपर कर मुझसे मजे से चुदवा रही थी.
वो पूरी मस्ती में बोल भी रही थी- ऊह्ह चोदो और तेज चोदो … रगड़ डालो मेरी चूत को फाड़ दो. ऊम्म आहा हाहा य्स्यह आह आह उह उह आह.
मैं भी उसकी चूचियों को दबाते हुए चोद रहा था.
लंड अपनी पूरी रफ्तार से निधि की चूत का रस पी रहा था.
निधि बोली- अब मुझे उपर आने दो.
फिर मैं रुक गया.
उसने मुझे सोफे पर सीधा बैठा दिया और खुद हॉट भाभी Xx अपनी चूत को मेरे लौड़े पर रखकर बैठ गई और ऊपर नीचे होने लगी.
और फिर ‘आह आह आह’ करते हुए बोलने लगी- ऐसे तो कमलेश ने मुझे कभी नहीं चोदा … तुम बहत मस्त चोदते हो!
मैं उसकी बातों का ध्यान न देते हुए उसकी चूचियों को चूसने लग गया.
इससे निधि और तेजी तेजी से लंड पर उछलने लगी.
थोड़ी देर में उसकी चूत से पानी आने लगा और ‘चप चप’ की आवाजें आने लगीं.
अब उसकी स्पीड थोड़ी कम होने लगी थी.
तो मैं अपनी नीचे से ही गांड उचका उचका कर उसको चोदने लगा.
अब मैं पूरी फुल स्पीड से चोदने में लगा था.
मेरा भी पानी निकलने वाला था.
मैंने उससे बोला- निधि अन्दर ही सारा माल निकाल दूँ?
वो बोली- हां जानू निकाल दो, मुझे तुम्हारे बच्चे की मां बना दो.
मैंने अपने लंड का पूरा वीर्य उसकी चूत में ही गिरा दिया.
फिर हम दोनों ने एक दूसरे बांहों में पकड़ लिया.
उसके थोड़ी देर बाद जब हम लोग नार्मल हो गए तो वो अलग हुई और बाथरूम जाकर पूरे बदन को साफ और मेरे लिए किचन से कोफ़ी बनाकर लायी.
कोफ़ी पीने के बाद और हम दोनों ने एक बार और चुदाई की.
इस बार हम लोगों ने नीचे फ़र्श पर चुदाई की.
अब जब भी कमलेश कहीं बाहर जाता, तो मैं और निधि एक दूसरे की चूत और लंड को पूरा मजा देते हैं.
मैं अपनी अन्य कहानियां भी मैं आप लोगों के साथ जल्द शेयर करूंगा।
फिलहाल, इस कहानी के बारे में आप अपनी राय मुझे जरूर देना।
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