Latest Hindi Sex Stories added for who looking to read Xxx Mom Chudai – घर की अकेली चूतों का सहारा बना to make every night hot about Xxx Mom Chudai – घर की अकेली चूतों का सहारा बना story.
Story Start Here :
Xxx मॅाम चुदाई कहानी में मेरी विधवा माँ बहुत सुंदर है. एक दिन मैंने उसे डिलडो से अपनी चूत चुदाई करती देखा तो मैंने उन्हें अपने लंड का मजा देने की सोची.
दोस्तो, मेरा नाम अभी है.
यह Xxx मॅाम चुदाई कहानी मेरी मां और भाभी की चुदाई की कहानी है.
सबसे पहले मैं आप को मेरे परिवार के बारे में बता देता हूँ.
मेरी मां का नाम सुनीता है. मेरी मां की उम्र ज्यादा है लेकिन वे अभी भी मात्र 30-32 साल की लगती हैं.
मेरी बहन का नाम ममता है. वह 19 साल की है. उसका रंग गोरा है. कमर 29 की, बोबे 32 के और गांड 34 की है.
मेरी भाभी का नाम सोनम है. सोनम भाभी की उम्र 25 साल है, लेकिन वे भी 20 साल से कम की लगती हैं. उनका रंग गोरा है.
भाभी की कमर 27 की, बोबे 30 के और गांड 32 की है.
मेरे पापा अब इस दुनिया में नहीं हैं, उनकी मौत एक सड़क हादसे में हो गयी थी.
मेरे भाई का नाम संतोष है, वे देश की सेना में हैं.
भाई की शादी एक साल पहले ही हुई है.
उन्हें साल में दस दिनों की ही छुट्टी मिलती है.
मैं अभी कॉलेज के पहले वर्ष में हूँ.
ये कहानी उस दिन से शुरू हुई जब मैं अपने कॉलेज से घर आ रहा था.
मैं घर के अन्दर आया ही था कि मैंने देखा मेरी मां सोफे पर सोई हुई थीं.
उस वक्त मैंने देखा कि मेरी मां ने अपनी चूत में वाइब्रेटर लगा रखा था.
मैं घर में अन्दर घुसता चला गया और फ्रेश होने के लिए बाथरूम में आ गया.
उधर मैंने अपनी मां की स्थिति याद करके एक बार मुठ मारी और बाहर निकल आया.
तब तक मेरी बहन भी आ गयी थी.
भाभी अभी उनके पिता जी के घर पर गई थीं, तो इस समय यहां पर हम तीन ही थे.
मेरी नजरें अभी भी मेरी मां को देख रही थीं.
अब तक मेरी मां को भी होश आ गया था.
वे उठीं और बाथरूम में जाने लगीं.
मैंने सोच रहा था कि मैं अपनी प्यासी मां को कैसे चोदूं.
फिर मैंने सोचा कि कल ही मां को चोद लेना चाहिए क्योंकि आजकल उनकी वासना की आग अपने चरम पर दिख रही थी.
अगले दिन मैंने छुट्टी ली हुई थी, तो मैं घर पर ही था.
मेरी बहन सुबह 9 बजे बाहर चली गई थी, तो घर में मेरी मां और मैं ही था.
उस वक्त मेरी मां खाना बना रही थीं. मैंने अपने पूरे कपड़े उतारे और मां के पास जाकर उन्हें पीछे से कस कर पकड़ लिया.
मेरा लंड खड़ा था तो वह मां की गांड में घुसने लगा.
मां मुझसे छूटने की कोशिश करने लगीं.
वे कुछ ही देर में मुझसे छूट भी गईं.
तब उन्होंने पीछे देखा और मुझ पर चिल्लाने लगीं.
मैंने मां से कहा- मैंने आपको चुदाई के लिए तड़पते देखा है. मैं चाहता हूँ कि आज मैं आपको वह हर खुशी दूं, जो पापा आप को देते थे.
मां- तो तू अपने पापा की जगह लेना चाहता है?
मैंने कहा- हां.
उसी वक्त मेरे मुँह पर एक करारा झापड़ आ पड़ा.
यह इतनी तेज पड़ा था कि मेरा गाल झन्ना गया.
झापड़ पड़ते ही मेरा लंड मुरझा गया.
फिर मैंने मां को समझाया कि यह सब आजकल आम बात है.
मां ने कहा कि मुझसे तूने ऐसी बात कैसे की.
मैंने अपने मोबाइल में अन्तर्वासना सेक्स कहानी की साइट खोली और उनको मां और बेटे की चुदाई की कहानी लगा कर पकड़ाते हुए कहा कि आप एक बार इसे पढ़ लो, तो आपको सब समझ आ जाएगा.
यह कह कर मैं अपनी मां को मोबाइल देकर अपने कमरे में आ गया.
उधर से मैंने खिड़की की झिरी से देखा कि मां क्या कर रही हैं.
मैंने देखा कि वे मोबाइल में सेक्स कहानी पढ़ रही थीं. उनका चेहरा वासना से तमतमाया हुआ दिखाई दे रहा था.
मैं अपने कमरे से बाहर निकल आया.
शाम को जब मैं घर वापस आया तो मैंने देखा कि मां मोबाइल में ही अपनी नजरें गड़ाई हुई थीं और सुबह के जैसे ही उनके चेहरे पर वासना झलक रही थी.
मैं समझ गया कि मां सेक्स कहानी पढ़ रही थीं.
मैं चुपचाप वहां से आगे आ गया.
आज का दिन यूं ही निकल गया.
मैंने सुबह एक बार और कोशिश करने की सोची और बहन के जाने का इंतजार करने लगा.
बहन के जाने के बाद मैं फिर से मां के पास गया और उन्हें पीछे से अपने सीने से लगा लिया.
आज कमाल हो गया था.
मां ने मुझे नहीं रोका था बल्कि आज मां ने घूम कर मुझे अपनी बांहों में भर लिया था.
आज उन्होंने साड़ी पहनी थी. मैंने उनकी साड़ी ऊपर उठा कर उनकी पैंटी नीचे कर दी.
वे भी मेरी बात को समझ गईं और उन्होंने मुझे पूरा सहयोग किया.
मैं अपना लंड मां की चूत में रगड़ने लगा. कुछ ही देर बाद मैंने अपने सख्त हो चुके लंड को मां की चूत में डाल दिया.
मेरा लंड जैसे ही मां की चूत में गया, मां की एक हल्की आवाज आई.
‘आह आह मर गई आह!’
मेरी मां चूत बहुत टाईट हो गई थी. दरअसल उनकी चुत में पिता जी के बाद किसी ने अपना लंड पेला ही नहीं था.
मेरी मां मेरे लंड को अपनी चुत में लेकर अभी भी शांत खड़ी थीं.
मैं खड़े खड़े ही अपनी प्यासी मां की चुत को चोद रहा था.
मैंने उस दिन अपनी मां को काफी देर तक चोदा.
मां इस बीच दो बार झड़ चुकी थीं.
फिर मैं नहाने चला गया और मां खाना बनाने लगीं.
मैं नहाने के बाद कपड़े पहन कर घर से बाहर निकल गया.
शाम को जब मैं घर वापस आया, तो मैंने देखा कि मेरी बहन टीवी देख रही थी.
मैं जैसे ही मां के सामने आया, तो मैंने उन्हें देख कर एक मुस्कान दी.
मां ने शर्मा कर अपनी नजरें नीचे झुका लीं.
फिर शाम के खाने के समय मेरी बहन ने कहा कि मां आज आप बहुत खुश हो.
तब भी मां ने कुछ नहीं कहा, वे बस हल्की सी स्माइल देकर शांत हो गईं.
अगले दिन मैं मां चोदने के लिए किचन में नहीं गया, जबकि मां मेरा इंतजार कर रही थीं.
आज मैं मां को बाथरूम में चोदने वाला था.
मां जैसे ही बाथरूम में गईं, मैं भी चला गया.
मां ने मुझे अन्दर आया हुआ देखा तो बोलीं- यहां क्या करने आया है, मुझे नहाना है … बाहर जाओ!
मैंने कहा- मैं वही करने आया हूँ, जो पापा आपके साथ करते थे!
मां वहीं खड़ी हो गईं.
मैंने कहा- आज मैं आपके सारे कपड़े उतारूँगा.
वे कुछ नहीं बोलीं.
मैंने सबसे पहले मां की साड़ी उतारी, उसके बाद उनका ब्लाउज उतारा.
फिर साया का नाड़ा ढीला किया तो वह अपने आप सरक कर उतर गया.
अब मेरी मां मात्र ब्रा और पैंटी में ही थीं.
मैंने उनकी गांड पर एक चांटा मारा और मां की ब्रा और पैंटी को भी उतार दिया.
अब मेरी मां मेरे सामने पूरी नंगी थीं.
उन्हें नंगी देख कर मैंने अपने कपड़े उतारे और मां की गांड पर एक और जोर का चांटा मारा.
इस बार मेरा चांटा मां की गांड पर उभर गया.
उसके बाद मैंने अपना लंड मां की चूत पर रखा और एक जोरदार धक्का दे दिया.
मेरा आधा लंड मां की चूत में घुस गया.
मैंने बिना रुके एक और जोरदार झटका मारा, जिससे मेरा पूरा लंड मां की चूत में घुसता चला गया और मेरी मां की एक जोरदार आह निकल गई.
मैं अपनी मां को ऐसे ही काफी देर तक चोदा, फिर मैंने अपना Xxx मॅाम चुदाई करके लंड को चूत में ही झाड़ दिया और नहा कर बाहर आ गया.
मेरी मां मुझे देखती रहीं.
फिर मैं बाहर घूमने चला गया और शाम को आया.
जब मैंने देखा तो मेरी मां डाइनिंग टेबल पर खाना रख रही थीं.
वहीं पर मेरी बहन भी थी जो टीवी देख रही थी.
मैंने देखा कि मेरी भाभी भी आ गई थीं.
मैं मां के सामने से गुजरा और उन्हें एक हल्की सी स्माइल दी.
मेरी बहन ने कहा कि मां आज भी आप बहुत खुश लग रही हो!
इस बार मेरी मां ने गर्दन नीचे झुका ली और मैं मां को देखने लगा.
अब हम सबने खाना खाया और अपने अपने रूम में सोने के लिए चले गए.
मैंने अपने बेड पर लेट कर सोचा कि मां मेरे साथ चुदाई में पूरी तरह से साथ ही नहीं देती हैं तो अब मैं मां को तभी चोदूंगा, जब मां चुदाई में मेरा साथ देंगी.
यही सब सोचते हुए मैं सो गया.
इसके बाद हमें कुछ दिनों तक कोई मौका नहीं मिला.
इस बीच मेरी बहन ने मेरी मां से पूछा कि मां आप आजकल खुश नहीं रहती हो!
तो मेरी मां ने कहा कि तुझे मेरी खुशी की बड़ी चिंता है!
इस बात के अगले दिन सुबह जब मैं उठा और किचन की तरफ जाने लगा तो मैंने देखा कि वहां पर मेरी भाभी खाना बना रही थीं.
मैंने भाभी से पूछा- मां कहां पर हैं?
उन्होंने कहा- मां अपने रूम में होंगी.
मैं मां के रूम में गया और देखा कि मां बाथरूम में नहाने के लिए जाने वाली थीं.
मैं मां के पास गया तो वे मुझे देख कर मुस्कुरा दीं.
मैंने मां की गांड पर एक चांटा मारा और कहा- मैं आज से आपको नहीं चोदूंगा क्योंकि आप मेरा साथ नहीं देती हैं!
यह कह कर मैं वहां से चला गया.
शायद मेरी मां को यह बात सुन कर बुरा लगा.
इसके बाद मुझे मां को चोदने के बहुत मौके मिले, लेकिन मैंने मां को नहीं चोदा.
इसके बाद मैंने सोचा कि अब भाभी को भी चोदा जाए.
भाभी की याद आते ही अब मेरी नजरें भाभी के ऊपर थीं.
फिर मुझे एक ऐसा मौका मिल ही गया.
उस दिन की बात है. भाभी को किचन में कुछ काम था तो उन्होंने मुझे आवाज लगाई कि अभी इधर आना. मुझे यह सामान निकालना है, तो जरा इस स्टूल को पकड़ लो.
मैंने किचन में जाकर वैसा ही किया.
भाभी वह सामान निकालने लगीं जो उन्हें निकालना था.
सामान निकालते वक्त उनका पैर फिसला और वे मेरे ऊपर आ गिरीं.
वे भी इस पोजीशन में गिरी थीं कि मेरे होंठ उनके होंठों को किस करने लगे थे और मेरे हाथ उनके दोनों मम्मों पर आ गए थे. मैंने भी मौका देख कर उनके दोनों दूध जोर से मसल दिए और उनके होंठों का रस चूस लिया.
भाभी मेरे ऊपर से जल्दी से उठीं और खड़ी हो गईं.
उन्होंने मुझसे माफी मांगी.
मैंने उनसे माफी मांगी और मैं वहां से बाहर निकल गया.
उसके अगले दिन जब मुहल्ले की बिजली नहीं आ रही थी तो हम सभी छत पर सो रहे थे.
मैंने सोचा कि भाभी को चोदने का यही सही समय है.
मैंने अपना बिस्तर भाभी के बगल में किया और अपना एक हाथ भाभी की पतली कमर के ऊपर रख दिया.
फिर धीरे धीरे मैं अपने हाथ को भाभी के दूध के पास लेकर गया और हल्के हाथ से दूध दबाने लगा.
कुछ देर बाद भाभी उठ कर मूतने के लिए छत के कोने में चली गईं.
वे मूतने के बाद वापस आकर लेट गईं.
कुछ देर बाद मैंने पुनः हिम्मत की और भाभी के दूध को दबाने लगा.
कुछ समय बाद मुझे लगा कि भाभी जाग रही हैं.
मैंने सोचा कि अगर भाभी जाग रही हैं तो बोल कर देखता हूँ. अगर जाग रही होंगी तो काम बन जाएगा और यदि नहीं जाग रही होंगी, तो कोई बात नहीं.
फिर मैंने भाभी के कान के नजदीक मुँह ले जाकर कहा कि भाभी मुझे पता है कि आप जाग रही हैं. इसलिए आप मेरा साथ दीजिए, मैं आपको शारीरिक सुख दूंगा.
मेरी भाभी फुसफुसाते हुए कहा- तुम्हें मेरी चूत चूसनी पड़ेगी!
मैंने कहा- ठीक है.
अब मैं भाभी के ऊपर टूट पड़ा.
भाभी ने कहा- यहां पर नहीं, नीचे चलते हैं.
इसके बाद मेरी भाभी आगे आगे और मैं उनके पीछे चलता हुआ नीचे आ गया.
मैं भाभी के कमरे में आ गया और अन्दर आते ही मैंने भाभी को अपनी गोद में उठाया और उनके बेड पर रख दिया.
उनके बेड पर लेटते ही मैं उनके ऊपर चढ़ गया और मैंने अपने होंठों को भाभी के होंठों पर रख दिए.
मैं उन्हें किस करने लगा और भाभी भी इसमें मेरा साथ दे रही थीं.
हम दोनों ने जल्दी ही अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिया था.
हम दोनों एक एक कर के अपने कपड़े उतारते जा रहे थे और एक दूसरे को देखते जा रहे थे.
भाभी की आँखों में वासना का दरिया हिलोरें मार रहा था.
साफ समझ आ रहा था कि भाभी कितने दिनों से लंड की प्यासी हैं.
अब मेरे और भाभी के लगभग सारे कपड़े उतर चुके थे.
मैं चड्डी में रह गया था और मेरी भाभी ब्रा और पैंटी में रह गई थीं.
इसके बाद मैंने भाभी की ब्रा और पैंटी भी निकाल दी.
कमरे की लाइट बंद होने के कारण ना ही भाभी मुझे सही से देख पा रही थीं और ना ही मैं भाभी को देख पा रहा था.
अब मैं भाभी के एक दूध को अपने मुँह में लेकर पीने लगा और दूसरे को हाथ से मसलने लगा.
बारी बारी से मैंने भाभी के दोनों मम्मों को काफी देर तक चूसा और मसला.
अब तक हम दोनों की आंखें अंधेरे में देख पाने की स्थिति में हो गई थीं.
मैंने देखा कि भाभी के दूध लाल हो गए थे.
उन्होंने भी मुझे मना नहीं किया था.
अब भाभी ने कहा कि अपना वह तो निकालो!
मैंने कहा कि आप ही निकाल लो!
भाभी ने अपना हाथ मेरी चड्डी में डाला और मेरी चड्डी को उतार दिया.
मैं और भाभी अब पूरे नंगे हो चुके थे.
भाभी मेरा लंड हिलाने लगीं.
मुझे मेरी भाभी के कोमल हाथ स्वर्ग का आनन्द दे रहे थे.
कुछ देर के बाद भाभी ने कहा- मेरी चूत चूसो!
मैंने अपना मुँह भाभी की चूत के होंठों से लगाया और अपनी जीभ चुत के अन्दर पेलने लगा.
इससे भाभी की कामुक आवाजें ‘आह आह’ निकलने लगीं.
मैं भी उनकी चुत की गर्मी से भड़क गया और बड़ी तेजी से अपनी जीभ को चुत में अन्दर बाहर करने लगा.
कुछ देर में भाभी ने अपना पानी मेरे मुँह में छोड़ दिया.
मैंने उनकी चुत से निकला सारा पानी अपने मुँह में भर लिया.
फिर मैं उठा और भाभी के होंठों पर अपने होंठ लगा कर उनकी चूत का सारा पानी उनके ही मुँह में डालने लगा.
वे भी अपनी चुत के शर्बत को पीने का मजा लेने लगीं.
हम दोनों कुछ देर तक ऐसे ही उस पानी को एक दूसरे के मुँह में डालते रहे, फिर दोनों आधा आधा रस पी गए.
अब बारी आई भाभी की, तो भाभी ने मेरा लंड पकड़ा और एक बार में ही पूरा का पूरा अपने मुँह में डाल लिया.
मैं भाभी के मुँह में लंड अन्दर बाहर करने लगा.
वे भारी चुसक्कड़ थीं.
काफी देर तक लंड से मुँह चोदने के बाद मैं भाभी के मुँह में झड़ गया.
भाभी ने एक रंडी की तरह लंड का पूरा पानी पी लिया.
अभी कुछ पानी मेरे लंड पर भी लगा रह गया था, भाभी ने उसे भी चाट लिया.
झड़ने के बाद मेरा लंड सिकुड़ गया था.
हम दोनों बेड पर लेट गए.
करीब आधा घंटा तक एक दूसरे से प्यार करने के बाद मेरा लंड दोबारा खड़ा हो गया था.
मैंने अपना लंड भाभी की चूत पर रगड़ा और एक ही झटके में अपना आधा लंड भाभी की चूत में पेल दिया.
भाभी की चूत से खू/न निकलने लगा था.
मैंने भाभी की तरफ देखा तो भाभी रो रही थीं.
मैं समझ गया कि भाभी ने शायद आज से पहले कभी भी इतना बड़ा लंड अपनी चुत में नहीं लिया था.
मैंने बिना कुछ सोचे एक और झटका दे मारा.
इस बार मेरा पूरा लंड भाभी की चूत में अन्दर सैट हो गया था.
हालांकि मुझे लगा था कि इस बार भाभी चिल्ला सकती हैं, तो मैंने अपना मुँह भाभी के मुँह से लगा रखा था.
भाभी के मुँह से आवाज तो नहीं निकल सकी लेकिन उनकी कसमसाहट साफ देखी जा सकती थी.
कुछ देर के बाद मैंने भाभी को कुछ देर आराम से पड़े रहने दिया.
फिर मैंने अपने धक्के देना शुरू कर दिए और धीरे धीरे मैंने अपने शॉट तेज कर दिए.
अब भाभी भी मेरे हर धक्के पर नीचे से अपनी गांड उठा कर जबाव में धक्के मारने लगी थीं.
हमारे इस खेल में भाभी पूरी तरह से लाल हो गयी थीं.
मैंने भाभी को बहुत बुरी तरह से चोदा था.
भाभी को देर तक चोदने पर वे एकदम से निढाल हो गई थीं.
मैं जब झड़ने को हुआ, तो मैंने उनसे पूछा कि भाभी पानी अन्दर लोगी या बाहर?
वे बोलीं- जिधर तुम्हारी मर्जी हो मैं तो तुम्हारी इस पूरी चुदाई के दौरान दो बार झड़ चुकी हूँ.
मेरा लंड अभी भी खड़ा था, तो मैं भाभी को चोदे जा रहा था.
फिर मैंने अपना पानी भाभी के चेहरे और शरीर पर फेंका और मैं बेड पर गिर गया. हम दोनों यूं ही नंगे सो गए.
दोस्तो मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी भाभी और मां की चुदाई की कहानी में मजा आया होगा.
अभी इस Xxx मॅाम चुदाई कहानी में आपको और भी मजा आएगा, मैं उसे अगले भाग में जारी रखूँगा.
आप बस मुझे अपने मेल व कमेंट्स से नवाजते रहें.
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Xxx मॅाम चुदाई कहानी का अगला भाग: