Bhabhi Ass Fuck Kahani – भाभी की गांड में लंड पेला

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Story Start Here :

भाभी ऐस फक कहानी में मैं भाभी की चूत के बाद गांड मारना चाहता था पर भाभी दर्द से डर रही थी. मैं नाराज होकर लेट गया. तब भाभी एनल सेक्स के लिए मान गयी.

हैलो दोस्तो, मैं आपको अपनी सगी भाभी के साथ हुई अपनी चुदाई की कहानी को सुना रहा था.
कहानी के पिछले भाग
भाभी के साथ सुहागरात का मजा
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि मैंने भाभी को चोद कर उनके मुँह में अपना लंड दे दिया था और वे उसे चूसने लगी थीं.
लंड का सारा माल चाट लेने के बाद वे वासना से मुझे देखने लगी थीं.

अब आगे भाभी ऐस फक कहानी:

फिर भाभी ऊपर की तरफ आकर मेरे होंठों को चूमने लगीं.

मैंने उन्हें पीठ के बल लेटा दिया और उनके ऊपर चढ़ गया.
मैं उनके होंठों और गालों को चूमने लगा.

उनका मुँह पूरी तरह से टमाटर के जैसे लाल हो चुका था.
मैं भाभी की गर्दन के रास्ते उनके अमृत कलशों से होता हुआ उनके पेट और नाभि को चूमने लगा.

नाभि के अन्दर जीभ डालकर उन्हें खूब चूमा.
फिर नीचे उनकी जांघ को चूमते हुए पैरों तक जा पहुंचा. मैंने पैरों की उंगलियों को दांत से दबाया.

उनके मुँह से सिसकारियां निकलती रहीं और पूरे कमरे में गूंजती रहीं ‘आह … आह … ओह … ओह … ओह मां …’

मैं बिना रुके उन्हें लगातार चूमता जा रहा था.
फिर मैंने भाभी की पैंटी को निकाल फेंका और पैरों को फैलाकर बीच में बैठ गया.

भाभी के दोनों पैरों को अपने दोनों कंधों पर रख कर पोज बना लिया.
चोदने से पहले मैं भाभी की रस से भरी हुई गुलाबी चूत को चाटने लगा.

भाभी की कामुक आवाजें निकलना और तेज हो गईं.
मैं उनकी सिसकारी पर ध्यान ना देता हुआ अपने काम में मग्न था.

भाभी का पूरा शरीर अकड़ गया.
मैं समझ गया कि वे झड़ने वाली हैं.

मैंने अपना मुँह और बड़ा किया और उनकी चुत का सारा पानी पी गया.

अब मैं ऊपर आया और उनके ब्रा का हुक खोला.
हुक खोलते ही भाभी की चूचियां ऐसे उछल पड़ीं, जैसे किसी कैदी को जेल से रिहा कर दिया गया.

मैंने अपने दोनों हाथों से चूचों को पकड़ा और दबाने लगा.
दोनों चूचियों को एक साथ करके अपने दांत से बारी बारी से दोनों निप्पलों को काटने लगा और दबा दबा कर खूब चूसा चूमा, जिससे भाभी की चूचियां लाल हो गईं.

भाभी का शरीर पूरी तरह से गर्म हो चुका था.
इसलिए मैंने भी अब देर ना लगाते हुए उनके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख कर अपने हाथों से लौड़े को चूत के छेद के सामने रखा दिया. फिर कमर को जुंबिश देते हुए मैं लौड़े को अन्दर घुसेड़ने का असफल प्रयास करने लगा.

एक हफ्ता चुदाई ना करने के कारण भाभी की चूत कसके ऐसी चुस्त हो गई थी जैसे कि किसी कुंवारी लड़की की बुर हो.

मैं अपने लंड पर थूकने जा ही रहा था कि भाभी ने कहा- यह क्या कर रहे हो, अब तड़पाओ मत … जल्दी से ऐसे ही डाल दो शिवम!

मैंने कहा- यार तुम्हारी चूत तो नई नवेली दुल्हन की तरह कस गई है. साली ऐसी चिपक गई है जैसे आज तक इसमें किसी लौड़े ने प्रवेश ही ना किया हो. मुझे ऐसा अहसास हो रहा है कि मैं आज तुम्हारी सील तोड़ रहा हूं.

सुरभि भाभी ने कहा- अच्छा जी!
मैंने कहा- हां जी, यह तो जा ही नहीं रहा!

भाभी ने कहा- ओके तो जाओ और टेबल पर से वैसलीन ले आओ. उसे लगा लेना, तो अच्छे से चला जाएगा.
मैंने कहा- नहीं मेरी जान, मैं तो ऐसे ही थूक लगा कर डालूंगा.

मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और धीरे-धीरे घुसाने का प्रयास करने लगा.
मेरा औजार अभी कुछ ही अन्दर गया था कि सुरभि भाभी बोल पड़ीं- साले बेदर्दी … निकालो इसे … मुझे बहुत दर्द हो रहा है. तुम जब-जब ऐसे करते हो, बहुत दर्द होता है … और तुम समझते ही नहीं, बस अपनी ही धुन में लगे रहते हो कि घुसा देंगे.

भाभी की बातों पर ध्यान ना देते हुए मैंने दोबारा से लौड़े को निकाल कर धक्का लगाया.
इस बार मेरा आधा लंड भाभी की चूत में घुस गया था.
उनके मुँह से चीख निकल गई- मर गई आह … बचा लो आह.

मुझे लगा कि भाभी को सच में काफी दर्द हो रहा इसलिए मैं कुछ देर रुक गया और उनके होंठों पर किस करने लगा.

कुछ देर होंठ चूमने के बाद मैं उनके बूब्स को दबाने लगा.
अब उनके मुँह से आवाज निकलने लगी ‘धीरे … अहह … उफ़ … हम्म हुम्म!’

कुछ देर बाद भाभी अपनी गांड को उठाने लगीं जिससे मुझे अहसास हो गया कि अब वे ठीक हैं.
मैंने एक जोरदार धक्का लगाया और अपना पूरा लंड अन्दर घुसा दिया.

वे दर्द के मेरे चिल्लाने लगीं. उनकी आंखों से आंसू निकल आए.
तब मैं अपना लंड धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा.
सुरभि भाभी जैसे बेहोश सी हो चुकी थीं.

थोड़ी देर बाद उन्हें होश आया और उनके मुँह से आवाज निकलने लगी- आह … मार ही डालोगे क्या मुझको!
मैंने कहा- नहीं मेरी जान, यह तो प्यार का तरीका है.

भाभी कुछ नहीं बोलीं, वे बेसुध पड़ी रहीं.
मैं धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर कर रहा था, जिससे उनकी सिसकने की आवाज आ रही थी और कमरे में गूंज रही थी.

मेरे लंड की फच फच की आवाज भी पूरे कमरे में सुनाई दे रही थी.

कुछ देर बाद सुरभि ने कहा- थोड़ी तेज करो ना, बहुत मजा आ रहा है!

अब मैं पिल पड़ा और जब जब मैं भाभी की चुत में अपना लंड पेलता तो उनकी चीख निकल जाती.

फिर जैसे ही बाहर निकालता, तो वे कहतीं कि आह और तेज करो ना, बहुत मजा आ रहा है.
वे पूरी तरह से सेक्स का मजा उठा रही थीं.

मैं उन्हें बहुत तेजी के साथ चोदता जा रहा था. वे लेटी हुई अपनी चुत की सर्विसिंग करवाने का मजा ले रही थीं.
सुरभि- आह्ह … हनी … मुझे जोर-जोर से चोदो … आह्ह … मेरी इस भूखी चूत को अपना लंड खिला दो … आह फाड़ दो … आज इस चूत को … अपने मोटे लंड से … आह्ह … और जोर से चोदो मेरे राजा … आह्ह … और जोर से चोदो … आह ..!

मैं अपना मूसल ठोके जा रहा था और सुरभि भाभी लगातार चिल्ला रही थीं- आआह्ह ऊफ़्फ़फ़्फ़ … कितना मजा आ रहा है … मेरा पानी निकल राह्ह्ह है … मैं झड़ रही हूँ.
कमरे में चुदाई की ‘फ़चाफ़च’ की आवाजें गूंजने लगी थीं.

लगातार एक ही पोजीशन में देर तक चुदाई के बाद मैं भी अब झड़ने वाला हो गया था.
मैंने एक जोरदार झटके से अपना पूरा माल सुरभि भाभी की चूत में झाड़ दिया.

मेरे मुँह से आह निकल गई.
मुझे ऐसा महसूस हुआ, जैसे मैंने किसी गर्म भट्टी में अपना रस गिरा दिया है.

मेरा लंड भाभी की चुत में फंस चुका था.
थोड़ी कोशिश के बाद लंड बाहर निकला तो मैंने देखा कि लौड़ा पूरी तरह से रस से भरा हुआ था.

मैं उठा और सुरभि भाभी के मुँह के पास जाकर बैठ गया.
भाभी ने चाट कर मेरे लंड को साफ कर दिया और आखिर में मुट्ठ मार कर भाभी ने एक बार फिर से मेरे लौड़े का रस निकाल दिया.

मैं उनके मुँह में ही झड़ गया.
वे सारा वीर्य रस के समान पी गईं.

मैं उनके होंठों को चूमने लगा.
भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं.

आज वे भी हनीमून मनाने के मूड में थीं.
आधे घण्टे बाद फिर मैंने भाभी को पेट के बल लेटा दिया और उनकी पीठ को चूमने लगा.

धीरे-धीरे मैं नीचे बढ़ता गया और उनके नितंबों तक जा पहुंचा.

मैंने दोनों हाथ से भाभी के बड़े-बड़े नितंबों को जोर से दबाया और दोनों तरफ थप्पड़ लगा दिए.
भाभी की आह निकल गई.
वे समझ गईं कि मैं क्या करना चाहता हूं.

जब मैं उनके चूतड़ चूम रहा था, तब उन्होंने कुछ नहीं बोला.

फिर जैसे ही मैंने भाभी को घोड़ी बनाया तो वे बोल पड़ीं- नहीं, मैं पीछे से नहीं करूंगी. मैंने सुना है कि उसमें बहुत दर्द होता है … और तुम्हारा इतना बड़ा हथौड़ा है, मेरी तो फट कर फ्लावर हो जाएगी!

मैंने कहा- तुमने कहा था कि जो करना हो, वह कर लेना. मैं कुछ ना बोलूंगी.
भाभी- उस समय तो मैं इसके बारे में नहीं सोच रही थी. मैंने आज तक तुम्हारे भइया से कभी गांड नहीं मरवाई है. मेरी एक सहेली ने मुझे बताया था कि इसमें बहुत दर्द होता है इसलिए यह ना करने को कहा.

यह सुनकर मैं बिस्तर पर लेट गया और करवट बदल कर मुँह फेर लिया.
इस पर सुरभि भाभी ने कहा- मैंने तुम्हें सेक्स करने से थोड़ी रोका है. जैसे करना होगा, वैसा करो मगर मेरी गांड मत मारो.

मैंने कहा- नहीं, मारूंगा तो मैं गांड ही.
मैं भाभी को भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल कर रहा था.

सुरभि भाभी मेरे ऊपर चढ़कर लेट गईं और किस करती हुई बोलीं- लगता है तुम मेरी आज गांड मारकर ही रहोगे.
मैं फिर भी कुछ ना बोला.

फिर सुरभि भाभी बोली- मेरा बाबू नाराज है … नहीं मानेगा? अपना लंड मेरी गांड में ही डालेगा … तो ठीक है.

वे बिना कुछ बोले मेरे सामने घोड़ी बन गईं और बोलीं- लो डार्लिंग, मैंने अपनी गांड तुम्हारे हवाले कर दी है, अब प्यार से मारो या बेदर्दी से … चाहे चोदो या फाड़ो … अब यह गांड तुम्हारी है.

मैं चुपचाप उठा और भाभी के पीछे आ गया. प्यार से मैंने उनकी गांड को चूमा; धीरे-धीरे उनकी गांड में उंगली करने लगा.

मैंने फिर से भाभी की गांड को चाटा.

वे गर्म होने लगीं और धीरे-धीरे करके मैंने उनकी गांड में अन्दर तक उंगली डाली.
जब वे गर्म हो गईं, तो मैंने अपने लंड पर थोड़ी वैसलीन लगाई और उनकी गांड से लंड को टच करके धीरे-धीरे घिसने लगा.

इस भाभी ऐस फक में मुझे इतना ज्यादा मजा आ रहा था कि अब मुझसे बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था.
मैं अपना लंड भाभी की गांड में धीरे-धीरे डालने लगा.

एक बार उन्हें दर्द हुआ तो उन्होंने अपनी गांड आगे को खींच ली.
मैंने गुस्से में आकर जोर से एक चांटा उनके चूतड़ों पर जड़ दिया, जिससे वे चिल्ला उठीं.

मैंने अपने लंड को उनकी गांड में डालना शुरू किया.
बड़ी मुश्किल से भाभी की गांड में लंड का मुंड घुस पाया था.
उन्हें दर्द होने लगा और वे आराम से करने के लिए कहने लगीं.

मगर मेरे ऊपर अब हैवानियत सवार हो चुकी थी; मैंने भाभी की कमर को जोर से पकड़ा और एक झटका मारा.

मेरा आधा लंड भाभी की गांड में चला गया और वे जोर से चिल्ला दीं- आआह ईईई … ऊऊऊऊ ईईईई … मर गयी … आह्ह … मम्मी!
वे रोने लगीं.

मगर मैं भी कहां मानने वाला था; धीरे से लंड को पीछे खींचा और फिर से झटका मार दिया.
मेरा पूरा लंड भाभी की गांड में समाहित हो चुका था.

उन्होंने जोर से अपना एक हाथ बेड पर पटका और बाजू में रखे हुए तकिया को उठाकर उसमें अपना मुँह दबा लिया.
उनको सामान्य करने के लिए मैं उनकी चूत में उंगली करता रहा और उनकी चूचियों को दबाता रहा.

जब भाभी सामान्य हुईं तो मैं लंड धीरे-धीरे अन्दर बाहर करने लगा मगर उन्हें मजा नहीं आ रहा था.
वे कुछ देर तक दर्द से तड़पती रहीं.

भाभी की गांड मारने के बाद मुझे उन पर दया आ गई और मैंने लंड को गांड से निकाल लिया.
अब मैंने लंड को उनकी चूत में डाल दिया और उन्हें चोदने लगा.

कुछ देर में उन्हें मजा आने लगा और वे भी मेरा साथ देने लगीं.
करीब 20 मिनट तक उन्हें ऐसी हालत में चोदते हुए मेरा लंड उनकी चूत में झड़ गया.
भाभी भी साथ में झड़ गईं.

मैंने उनसे कहा- मजा आ गया, आज तो पहली बार था इसलिए तुम्हें छोड़ दिया. पर अगली बार मैं नहीं छोडूंगा.
इस पर सुरभि भाभी बोलीं- जिसकी फटती है, वही जानता है. तुम्हें क्या केवल मजा लेने से मतलब है?

मैंने कहा- दर्द हो रहा है?
उन्होंने कहा- बहुत ज्यादा!

मैंने कहा- सुबह तक ठीक हो जाएगा.
फिर हम दोनों एक दूसरे से नंगे लिपट कर सो गए.

सुबह हुई तो मैंने देखा सुरभि भाभी कमरे में नहीं थीं.
मैं बाहर किचन में आया और देखा तो वे अपनी कमर पकड़ कर चल रही थीं.

मैंने उन्हें कहा- इधर आओ!
मैंने उन्हें सोफे पर बैठा दिया और मैंने नाश्ता बनाया, उन्हें भी दिया.

सुरभि भाभी ने कहा- दर्द तो हो रहा है मगर मजा भी बहुत आ रहा है.
मैंने कहा- तुम्हें भी मजा आया, मुझे भी आया.

यह सुनकर हम दोनों हंस पड़े और नाश्ता करने लगे.
सुरभि भाभी ने कहा- मुझे नींद आ रही है.

मैंने भी कहा- मुझे भी.
इसलिए हम दोनों जाकर कमरे में सो गए.

फिर हमारी नींद शाम को खुली.
मैंने कहा कि मैं तुम्हारी कमर की मसाज कर देता हूं, जिससे दर्द कम हो जाएगा.

भाभी चुप रहीं.

मैं उठा और किचन से जाकर कटोरी में राई का तेल गर्म कर लाया.
मैंने भाभी की नाइटी को उतारा और उन्हें पलट दिया, उन्हें पेट के बल लिटा दिया.

उन्होंने नाइटी के अन्दर कुछ नहीं पहना था, इसलिए वे बिल्कुल नंगी होकर लेट गईं.

मैंने देखा कि उनकी गांड लाल होकर सूज गई थी. मैंने उनकी पीठ पर तेल गिराया और अपने सारे कपड़े उतार कर भाभी की पीठ पर बैठ कर मसाज करने लगा.

सुरभि भाभी बोलीं- क्या बात है जान, बहुत मजा आ रहा है.
फिर मैंने तेल उनकी गांड पर डाला और दोनों हाथों से उनके चूतड़ों को फैला कर अपने मुँह से शीशी दबाते हुए गांड के छेद में तेल टपका कर मालिश करने लगा.

भाभी आहें भरने लगीं.

मैंने अपने हाथ में थोड़ा ज्यादा सा तेल लिया और भाभी की गांड के छेद में डाल कर उसी तेल से उनकी जांघों की मालिश करने लगा.
वे बोलीं- कहां से सीखी है मालिश करने की कला … पूरा दर्द गायब हो गया!

मैंने कहा- अभी कहां मेरी जान … अभी तो तुम्हारी असली मालिश होना बाकी है.
मैंने भाभी की गांड पर फिर से तेल गिराया और ऊपर से अपना लंड दोनों चूतड़ों के बीच में दबाने लगा, जिससे मेरा लंड भाभी के गर्म चूतड़ों की गर्मी पाकर खड़ा होने लगा.

लंड के उठ खड़े होते ही मैंने भाभी को पीठ के बल लिटा दिया और उनके पेट पर तेल गिरा कर उनकी कमर को पकड़ कर उसकी मालिश करने लगा.
भाभी मस्त होने लगीं. मैंने हाथ में थोड़ा तेल लिया और उनकी चूत के ऊपर लगा कर अपनी उंगली की सहायता से कुछ तेल चूत के अन्दर तक डाल दिया. फिर ऊपर से चुत को मसलने लगा.

अब तक मेरा लंड भी तन कर खड़ा हो गया था और चूत की अच्छे से मसाज करने के बाद उसमें से भी रस टपकने लगा था.
भाभी की कसमसाहट भी बढ़ने लगी थी मगर वे कुछ कह नहीं रही थीं.

अब बारी भाभी की चूचियों की थी.
मैंने उनके दोनों मम्मों पर पूरा तेल गिरा दिया और दोनों को मसलने लगा.

भाभी कामुक सिसकारियां निकालने लगीं और बोलीं- वाह जानू, आज तो सच में मजा आ गया. तुम रोज ऐसे ही मेरी मालिश किया करो. पूरे शरीर की थकान दूर हो गई है यार!

मैं हंस दिया और बोला- मेरी जान अभी क्या है, अभी तो तुमने मेरी सोहबत करना शुरू की है. आगे आगे देखना कितने मजे देता हूँ.

दोस्तो, मेरी मदमस्त भाभी ऐस फक कहानी में आपको कितना मजा आ रहा है, प्लीज अपने रसीले कमेंट्स से जरूर बताएं.

भाभी ऐस फक कहानी का अगला भाग:

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agentxxx
Hey author u want me to write stories in your site. ping directly hope u have my mail..
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agentxxx
Hi, This is my story. why did u copy others with out permission.
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Romie
love this. I have to remake this on glambase
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Aran
love this. i'm gonna recreate it on glambase
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Maruthu
Hi girls iruntha vanga மூடா இருக்கேன்
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Aran
Now im inspired for when i go on glambase later
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Aran
this inspired me for glambase later
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Kamaveri Paiyan
அவள் புண்டையை பார்த்தேன். எனக்கும் இன்னும் மூடு ஏறியது.
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Romeo
Hi and hello
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Mona
As a mom i understand this feeling.
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Anitha
Nice story
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tom
epdi guys story share pandrathu
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