Latest Hindi Sex Stories added for who looking to read Xxx Fucking Story – शहजादी बूरजहां का हसीन न्याय to make every night hot about Xxx Fucking Story – शहजादी बूरजहां का हसीन न्याय story.
Story Start Here :
Xxx फकिंग स्टोरी एक बहुत गर्म लड़की को दिखाई दिये सपने पर आधारित है. उसे एक जंगल में एक रियासत दिखी जहाँ नंगी लड़कियों का राज था.
यह कहानी है घने जंगलों में छुपी एक गुमनाम रियासत की जिसका नाम है चोदिस्तान!
यहां पर हुकम चलता है यहां की शहजादी का!
जिसका नाम है बूरजहाँ.
सैकड़ों सालों से इस रियासत में बस औरतें ही रहती आ रही हैं और बाहर के मर्दों का इधर आना मना है.
अगर कोई मर्द भूले भटके चोदिस्तान रियासत में आ जाए तो उसे गुलाम बना लिया जाता है.
इस रियासत में मर्द बस गुलाम के रूप में रह सकते हैं जिनका काम है अपनी मालकिन को हर तरह से खुश रखना.
इन गुलामों को आस पास के कबीलों से पकड़ कर लाया जाता है और बस सेक्स और बच्चे पैदा करने के लिए रखा जाता है.
Xxx फकिंग स्टोरी शुरू होती है दो लम्बी चौड़ी खूबसूरत और जबरदस्त सेक्सी औरतों से जिन्होंने अपने बदन पर एक भी कपड़ा नहीं पहना हुआ था और उन्होंने अपनी बुर को बस एक धागे जैसे कपड़े से ढका हुआ था.
दोनों सेक्सी औरतें हाथ में भोंपू पकड़ कर मुनादी करती जा रही थीं:
होशियार, खबरदार, सावधान चोदिस्तान के वाशिंदो!
“शहजादियों की शहजादी, मलिकाओं की मलिका, बड़े बड़े दूध वाली, गहरी रसीली चूत वाली, चोदिस्तान की शहजादी बूरजहाँ आ रही हैं!
इन औरतों की मुनादी सुनते ही सड़क के किनारे खड़े नंगे गुलाम अपने लंड पकड़कर तुरंत इधर उधर छुप गए.
कुछ देर में शहजादी बूरजहाँ एक बड़ी सी पालकी पर बैठ कर उधर से निकली.
इस पालकी पर दो और लड़कियां भी बैठी थी जो शहजादी बूरजहाँ की सहेलियां लग रही थीं.
पालकी को आठ खूबसूरत और मजबूत शरीर वाली औरतों ने उठाया हुआ था जिनके दूध बहुत बड़े बड़े थे लेकिन बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था.
उनकी झांट के बाल दूर से ही साफ़ देखे जा सकते थे.
पीछे फ़ौज की टुकड़ी चल रही थी जिसमें सभी खूबसूरत औरतें ही थीं.
सभी फौजी औरतों ने सेक्सी ब्रा और पेंटी पहनी थी और हाथ में भाले ले रखे थे.
पालकी के ऊपर शहजादी बूरजहाँ बैठी थी.
एक बार शहजादी की तरफ देखने के बाद उनके आसपास चल रही सभी खूबसूरत और सेक्सी औरतें एकदम फीकी लगने लगती थीं.
शहजादी दूध सी गोरी थी.
उसकी बड़ी बड़ी आँखें, तीखी नाक, भरे भरे लाल होंठ, लम्बे लम्बे घने बाल किसी को भी मदहोश कर देने को काफी थे.
शहजादी ने पारदर्शी कपड़े पहने थे जिनमें से उसके बड़े बड़े और रसीले स्तनों की एक हल्की सी झलक मिल जाती थी.
इन पारदर्शी गुलाबी कपड़ों से शहजादी की सुनहरी झांटें भी दिखाई पड़ रही थीं, इन सुनहरी झांटों को तरीके से शेविंग करके छोटे से दिल का आकार दिया गया था.
शहजादी की पालकी एक बड़े से स्टेडियम तक पहुंची तो उसकी सहेलियों ने पालकी से कूदकर नीचे लाल कालीन बिछा दिया और पूरी चापलूसी दिखाते हुए शहजादी के पैरों में जूतियां पहना दीं.
बूरजहाँ पालकी से नीचे उतरी तो तलवार थामे एक अंगरक्षिका ने शहजादी का एक स्तन जोर से दबाते हुए कहा- चोदिस्तान की शहजादी बूरजहाँ का इस्तकबाल बुलंद हो!
शहजादी ने भी अंगरक्षिका का एक स्तन निचोड़ते हुए उसके सलाम का जवाब दिया.
इनकी रियासत में इस तरह से एक दूसरे के मम्मे दबाकर ही एक दूसरे को सलाम किया जाता है.
शहजादी स्टेडियम में दाखिल हुई और कनीजों के साथ आगे जाने लगी.
रास्ते में जो भी कर्मचारी महिलाएं मिलती थीं वे शहजादी का दूध दबाकर उसको सलाम करती थीं और बदले में शहजादी भी बड़े ही अदब से उनके मम्मे दबा देती थी.
शहजादी को देखते ही सारा स्टेडियम शोर से भर गया, नारे गूंजने लगे- शहजादी बूरजहाँ जिंदाबाद, शाहजादी की बुर भरी रहे, शहजादी हमारी बुर आपको सलाम करती है!
शहजादी अपने तख़्त तक पहुंची.
उसने अपना दायां स्तन पकड़ कर जोर से दबाया और चिल्लाई- चूत सलाम!
बदले में जनता भी अपना अपना दायां दूध दबा कर चिल्लाई- चूत सलाम, चूत सलाम, चूत सलाम!
शहजादी ने बायां हाथ उठाकर जनता को शांत होने का इशारा किया.
स्टेडियम में चार पांच सौ औरतें बैठी थीं जिनमें से लगभग सब की सब नंगी थीं और बस कुछ ने ही पतली सी पेंटी पहनी हुई थी.
दूर दूर तक मर्दों का कोई नामो निशाँ नहीं था.
फिर शहजादी ने कहा- कार्यवाही शुरू की जाए!
एक सैनिक महिला ने अपना दूध दबाकर कहा- जो हुकुम हमारी चूत की मालकिन!
सैनिक महिला ने इशारा किया तो कुछ नंगी औरतें एक लकड़ी की गाड़ी को खींचती हुई लाई.
उस गाड़ी में चार हष्ट पुष्ट ऊँचे पूरे मर्द खड़े थे.
चारों एकदम नंगे थे और उनके लंड तने हुए ना होने पर भी कम से कम आठ इंच लम्बे थे.
शहजादी को देखते ही वो लोग गिड़गिड़ाते हुए चिल्लाए- लंड सलाम शहजादी, हमको माफ़ कर दो हमारी कोई गलती नहीं है.
एक महिला सैनिक ने चाबुक घुमाया तो बेचारे शांत हो गए और सुबकने लगे.
शहजादी ने ऊँची आवाज में कहा- इनका अपराध सुनाया जाए!
एक सैनिक ने अपना बड़ा सा मम्मा जोर से दबाते हुए कहा- जो हुकुम शहजादी!
फिर उस सैनिक ने कागज़ निकाला और पढ़ने लगी- ये चारों मर्द रजिया के गुलाम हैं.
“इन पर पहला इल्जाम है कि रजिया इनके मुंह में मूत कर मजे लेना चाहती थी तो इन गुलामों में से एक गुलाम ने मूत पीने से मना कर दिया.”
“दूसरा इल्जाम यह है कि इनमें से एक गुलाम ने रजिया के झड़ने के पहले ही अपने लंड का पानी निकाल दिया और अपनी मालकिन को प्यासा छोड़ दिया!”
“तीसरा इल्जाम यह है कि ये लोग रजिया की गांड में एक साथ दो लंड नहीं घुसा पाते!”
यह सुनकर शहजादी बूरजहाँ गुस्से से आगबबूला होकर खड़ी हो गई और चिल्ला कर बोली- क्या तुम लोग अपनी सफाई में अपने लंड जैसे मुंह से कुछ कहना चाहते हो?
एक गुलाम बोला- शहजादी, हमारी गलती नहीं है, मैंने कुछ देर पहले ही रजिया मैडम का पेशाब पिया था इसलिए मेरे पेट में जगह नहीं थी. थोड़ा भी और पेशाब पीता तो मुझे उलटी हो जाती.
दूसरा गुलाम बोला- मैंने पूरे चार घंटे तक रगड़ रगड़ कर रजिया मैडम को चोदा लेकिन आजकल मैडम को झड़ने में बहुत टाइम लग जाता है. इसलिए मेरा पानी छूट गया.
तीसरा बोला- रजिया मैडम की गांड का छेद बहुत छोटा है, एक ही लंड बहुत मुश्किल से घुस पाता है.
तीसरे गुलाम की बात सुनते ही बूरजहाँ भड़क गई.
गुस्से में बूरजहाँ के मम्मे ऊपर नीचे होने लगे और उसने चिल्लाते हुए कहा- रजिया को बुलाओ.
शहजादी का गुस्सा देखकर सब औरतों की गांड फट गई.
डर के मारे कई औरतों की पाद निकल गई जिससे स्टेडियम में धूम धड़ाके की आवाज गूंजने लगी और कुछ देर के लिए सारा माहौल बदबूदार हो गया.
रजिया उधर ही खड़ी थी, डर के मारे वह बुरी तरह काँप रही थी कि उसके मम्मे नाचते हुए लग रहे थे.
एक सैनिक रजिया के पास गई और उसकी बड़ी बड़ी झांटों को पकड़ कर खींचते हुए उसको शहजादी के सामने ले आई.
शहजादी ने गुस्से में रजिया की तरफ देखते हुए कहा- क्या यह सच है कि तुम्हारी गांड का छेद छोटा है?
रजिया ने रोते हुए कहा- आपकी झांटों की कसम शहजादी, मेरी गांड का छेद एकदम बराबर है. ये गुलाम ही ढीले पड़ गए हैं जो मेरी गांड नहीं मार पाते.
शहजादी ने जनता की तरफ देखते हुए तेज आवाज में कहा- हम छोटी चूत के कद्रदान हैं लेकिन छोटी गांड से हमको सख्त नफरत है. जिस छिनाल की गांड में एक साथ दो लंड नहीं घुस सकते, वह हमारी रियासत छोड़ कर चली जाए.
फिर शहजादी ने दो सैनिकों को इशारा किया.
दो सैनिक आईं और उन्होंने रजिया को जमीन पर गिरा कर कुतिया बना दिया.
फिर एक ने रजिया को पकड़ कर उसकी गांड ऊपर कर दी.
सैनिकों की सरदार आगे बढ़ी, उसने रजिया की गांड का मुआयना किया और फिर सैनिक को इशारा किया.
सैनिक तुरंत आगे आई, उसके हाथ में एक बड़े से थाल में कई छोटे बड़े अलग अलग आकार के लकड़ी के डिल्डो रखे थे.
सरदार ने एक बड़ा वाला डिल्डो उठाया, थूक कर उसको गीला किया और कुतिया बनी हुई रजिया की गांड में घुसा दिया.
रजिया ने कोई रिएक्शन नहीं दिया तो सरदार ने डिल्डो को हिला कर देखा. रजिया की गांड में डिल्डो आराम से आगे पीछे हो रहा था.
यह देख कर सरदार ने एक और डिल्डो उठाया और रजिया की गांड में घुसा दिया.
अभी भी रजिया मजे से कुतिया बनी हुई थी.
यह देख कर सरदार ने एक डिल्डो और रजिया की गांड में घुसाने की कोशिश की तो तीसरा डिल्डो भी रजिया की गांड में आराम से चला गया.
सैनिकों की सरदार ने आगे बढ़ कर रजिया की गांड का मुआयना किया और बोली- शहजादी के मम्मे बुलंद हों, इस औरत की गांड तो बहुत बड़ी है.
शहजादी ने यह सुना तो बोली- उठो रजिया, तुम्हारी बेगुनाही साबित हो चुकी है, तुम जा सकती हो.
रजिया रोते हुए उठी तो शहजादी ने अपनी झांट का एक बाल खींच कर तोडा और रजिया को देते हुए बोली- ये तुम्हारी बेगुनाही का इनाम है!
तब रजिया ने शहजादी के झांट के बाल को संभाल कर हाथ में रख लिया और खुश होकर बोली- शहजादी की चूत का इस्तेकबाल बुलंद हो, शहजादी के मम्मे हमेशा भरे रहें, शहजादी के मुंह में बड़े बड़े लंड जाते रहें.
यह कह कर रजिया अपनी चूतड़ मटकाते हुए एक कोने में जाकर खड़ी हो गई.
अब शहजादी उन चारों मर्दों की तरफ मुड़ी और गुस्से में बोली- मैं ढीला लंड एक बार बर्दाश्त कर भी लूँ लेकिन धोखा बर्दाश्त नहीं कर सकती. तुम लोगों को इस अपराध की पूरी सजा मिलेगी.
चारों हट्टे कट्टे मर्द रोने लगे- हमें माफ़ कर दो शहजादी, आज के बाद आपको शिकायत का मौका नहीं मिलेगा. हम अपने लंड हमेशा चुदाई के लिए तैयार रखेंगे.
शहजादी ने उनकी बात को अनसुना करते हुए सरदार को इशारा किया- इन लोगों के साथ तब तक सेक्स करो जब तक ये लोग मर ना जाएं.
यह सुनकर सारी जनता ख़ुशी में मम्मे हिला हिला कर चिल्लाने लगी- हमें देखनी है चुदाई वाली मौत, हमें देखनी है चुदाई वाली मौत, हमें देखनी है चुदाई वाली मौत!
अब दंड देने की प्रक्रिया चालू हुई.
चारों हट्टे कट्टे मर्दों को मैदान के बीचों बीच लाकर खंभों से उनके हाथ पैर बांध दिए गए.
डर के मारे चारों की गांड फटी पड़ी थी और बेचारे काँप रहे थे लेकिन हाथ पैर बंधे होने के कारण बेचारे कुछ कर नहीं सकते थे.
महिला सैनिकों की टुकड़ी आगे बढ़ी और चारों को घेर कर खड़ी हो गई.
पीछे से शहजादी बूरजहाँ की आवाज आई- लंड रगड़ना चालू करो!
यह सुनते ही सैनिकों ने अपनी ब्रा और पेंटी उतार फेंकी और पूरी नंगी हो गईं.
चार बड़े बड़े मम्मों वाली सैनिकों ने उन आदमियों के लटकते हुए लंड पकड़े और अपने मम्मों में फंसा कर मसलने लगीं.
बाकी सैनिकों ने उन मर्दों को घेर लिया और उनके बदन पर हाथ फेरने लगीं.
देखते ही देखते उन मर्दों की घबराहट मीठी सिसकारियों में बदल गई.
उनके आठ इंच के लटके हुए लंड तनकर पंद्रह इंच के मूसल हो गए.
महिला सैनिकों ने अपने मम्मों से उनके लंड की मालिश करना जारी रखा.
उधर कुछ महिलाऐं इन मर्दों के मुंह में तो कुछ इनकी गांड में अपनी जीभ घुसा कर मजे लेने लगीं.
लंड से अपने मम्मे चुदवा रही औरतों के मम्मे घिस घिस कर लाल हो गए लेकिन उन मर्दों के लंड जैसे के तैसे मूसल की तरह खड़े थे.
ये औरतें हटीं और इनकी जगह दूसरी महिला सैनिक आ गईं.
इन्होंने चारों के लंड अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
चारों मर्द अपनी गांड हिला हिला कर सिसकारियां भर रहे थे और सभी तरफ से जनता के चिल्लाने की आवाज आ रही थी- मुंह में लो, गांड में लो, गांड चाटो, गोटे चूसो.
काफी देर तक मुंह चुदवाकर सैनिक थक गईं और पीछे हट गईं.
उनकी जगह नई सैनिक आ गईं और उन्होंने इन मर्दों के आगे कुतिया बन कर अपनी गांड ऊपर उठा दी.
यह देख कर एक बार तो शहजादी बूरजहाँ भी प्रभावित हो गई और अपनी सहेलियों से बोली- बहुत ही ऊँचे दर्जे के चोदू हैं ये तो! अभी तक तो इनके लंड से पानी की एक बूँद भी नहीं निकली.
एक सहेली बोली- ऐसा ना कहो शहजादी, नहीं तो हमारा मन भी मचलने लगेगा इनसे चुदवाने को!
उधर चारों मर्दों ने महिला सैनिकों की गांड में अपने अपने लंड पेलकर गांड मारना शुरू कर दिया था.
हर धक्के के साथ औरतें पूरी हिल जाती थीं और उनके मम्मे उछल जाते थे.
तभी उन मर्दों की टांगों में कम्पन होने लगा, औरतें समझ गईं कि अब इनका पानी छूटने वाला है.
तुरंत एक सैनिक ने बड़ा सा कटोरा उठाया और दूसरी सैनिक ने एक मर्द का लंड दोनों हाथों से पकड़ कर उसकी मुठ मारना शुरू कर दिया.
चार पांच हाथ मारते ही उस मर्द के लंड से माल छूट गया.
उसका माल छूटते ही जनता जोर जोर से शोर मचाने लगी.
एक जोरदार पिचकारी निकली और कटोरे में जा गिरी, फिर फचाक फचाक करके पिचकारियां निकलती रहीं और कटोरे में भरती रहीं.
लगभग तीस चालीस पिचकारियां मार कर वह आदमी पस्त हो गया.
अब दूसरे आदमी की मुठ मार कर उसका वीर्य भी कटोरे में इकट्ठा कर लिया गया.
इसी तरह से चारों का वीर्य जब कटोरे में इकट्ठा किया तो कटोरा लबालब भर चुका था.
सरदार ने कटोरा लिया और शहजादी के सामने ले जाकर पेश कर दिया.
शहजादी ने कटोरा देख कर कहा- वाकई तुम चारों आला दर्जे के चोदू हो जो किसी भी औरत को एक साथ चोद दो तो वो औरत जन्नत चली जाएगी.
फिर शहजादी ने हाथ आगे बढ़ा कर वीर्य से भरे कटोरे में एक उंगली डुबाई.
शहद जैसा गाढ़ा वीर्य उसकी उंगली में चिपक गया.
शहजादी ने उस वीर्य भरी उंगली को मुंह में डाल कर चूसा और कहा- माशाल्ला, गजब का गाढ़ा और मजेदार वीर्य है ये तो!
यह कहकर शहजादी ने कटोरा पकड़ कर वीर्य के दो तीन घूँट और मुंह में भरे, फिर मुंह पोंछते हुए सरदार को हुकुम दिया- कार्यवाही ख़तम होने पर ड्रोन में भर कर यह वीर्य सभी दर्शकों पर स्प्रे करवा दो, हम नहीं चाहते कि हमारी रियाया ऐसे स्वादिष्ट वीर्य से महरूम रहे.
यह सुनकर जनता में हर्ष की लहर दौड़ गई और सब ख़ुशी में चिल्लाने लगे- शहजादी के मम्मे बुलंद रहे, शहजादी को दिन दूना और रात चौगना लंड मिले!
अब शहजादी ने एक बार फिर आदेश दिया- दूसरा राउंड शुरू करो!
तुरंत चार सैनिक दौड़ कर गईं और अपनी अपनी एक टांग उठा कर उन मर्दों के अभी भी शान से तने हुए लंड अपनी चूत में घुसा लिए और धक्के मारने लगीं.
काफी देर तक धक्के मारने के बाद वे हट गईं और उनकी जगह अन्य चार औरतों ने अपनी चूत में लंड लेकर चुदाई चालू कर दी.
एक एक लंड कम से कम पंद्रह औरतों की चूत में घुसा तब जाकर उन मर्दों के लंड ने पानी छोड़ना शुरू किया.
जैसे ही लंड का पानी निकलने लगा वैसे ही एक बार फिर कटोरों में सारा वीर्य समेट लिया गया.
इसके बाद तीसरा राउंड तुरंत ही चालू कर दिया गया.
लेकिन उन मर्दों के अंडकोष अब तक खाली हो चुके थे और गर्मी भी ख़त्म हो चुकी थी इसलिए उनके लंड मुरझा गए थे.
बहुत सी औरतें आगे आईं और उन मर्दों के लंड को मुठ मारने लगीं.
बेचारे मर्दों के लंड अब तक लाल हो चुके थे और खड़ा होने का नाम ही नहीं ले रहे थे लेकिन फिर भी औरतों ने मुठ मारना चालू रखा.
जैसे तैसे काफी समय बाद एक बार फिर उनके लंड खड़े हुए और पानी छोड़ने लायक हालत में आये.
इस बार जब उन लंडों में से वीर्य निकला तो कुछ बूँद ही निकलीं और लंड फिर से मुरझा गए.
लेकिन औरतों को दया नहीं आई, वे अभी भी बिना रुके मुठ मारे जा रही थीं.
कुछ देर पहले चारों आदमियों ने चूत चुदाई, गांड चुदाई, मम्मे चुदाई, और मुंह चुदाई के मजे लिए थे, भर भर कर पिचकारियां मारी थीं लेकिन अब उनकी हालत खराब हो चुकी थी.
चारों अब बेहोश होने लगे थे.
एक आदमी अचानक गिर पड़ा और उसकी आँखें बंद हो गईं तो सरदार ने कहा- शहजादी, लगता है ये आदमी बेहोश हो गया है!
शहजादी ने आदेश दिया- जिन औरतों को भी मूतने का प्रेशर बना हुआ है, वे आगे आएं और इन आदमियों को होश में लाएं.
दर्शकों में से लगभग पचास साठ औरतें आगे आईं और उन आदमियों के मुंह पर धार मार कर मूतने लगीं.
चारों आदमी सुबह से भूखे प्यासे थे तो औरतों का पेशाब पीकर ही अपनी प्यास बुझाने लगे.
सब औरतों पेशाब करके वापस अपनी जगह जाकर बैठ गईं.
सैनिकों ने फिर से मूठ मारना शुरू कर दिया.
बेचारे आदमी दर्द के मारे चीखने लगे तो जनता जोश में आकर चिल्लाने लगी- एक बार और पानी निकालो, एक बार और पानी निकालो.
लेकिन अब तक चारों के लंड से खून बहने लगा था.
तभी शहजादी ने हाथ उठाया और स्टेडियम में सन्नाटा छा गया.
अब शहजादी ने कहा- सुबह से शाम हो गई है इन आदमियों की मुठ मारते मारते, लेकिन ये अभी भी जिन्दा हैं. हम इनकी मर्दानगी को सलाम करते हैं और इनको अपने हरम में लेते हैं!
फिर शहजादी ने इशारा किया और अब सभी मर्दों का वीर्य एक स्प्रे मशीन में भरा गया, फिर उस मशीन को एक ड्रोन में लगा कर सारे स्टेडियम के ऊपर उड़ाया गया.
ड्रोन से वीर्य स्प्रे हो रहा था तो चोदिस्तान की सभी औरतें मुंह और हाथ ऊपर करके वीर्य की बारिश का मजा लेने लगीं.
अब शहजादी ने एलान किया- आज की सभा समाप्त होती है, आप लोग अपने अपने घर जाइये.
सारी जनता नारे लगाते हुए उधर से चली गई- शहजादी की चूत जिंदाबाद, शहजादी के मम्मे बुलंद रहे, शहजादी को दिन दूना और रात चौगना लंड मिले!
शहजादी अपने किले में लौट आई थी.
दिनभर की गहमागहमी में बेचारी बहुत थक गई थी तो अपने शाही बिस्तर पर लेट कर आराम करने लगी.
इस काल्पनिक Xxx फकिंग स्टोरी पर आप अपनी राय जरूर बताएं.
[email protected]
लेखिका की पिछली कहानी थी: मेरी भाभी का यार मेरा चोदू निकला