Latest Hindi Sex Stories added for who looking to read Bad Sex In Family – बेटे से चुदने की इच्छा बेटी ने पूरी की to make every night hot about Bad Sex In Family – बेटे से चुदने की इच्छा बेटी ने पूरी की story.
Story Start Here :
बैड सेक्स इन फॅमिली का मजा मैंने अपनी बेटी, दामाद और बेटे के साथ लिया. पति की मौत के बाद मुझे लंड नहीं मिला था. मेरी बेटी ने मेरी जरूरत को समझा और मदद की.
यह कहानी सुनें.
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मैं 45 साल की एक मदमस्त महिला हूँ।
मेरा नाम मिसेज मोनिका है।
मैं साड़ी ब्लाउज़ में रहती हूँ, एक बड़ी कंपनी में काम करती हूँ और अपनी फैमिली के साथ घूमती फिरती रहती हूँ।
मेरी एक बेटी है जिसका नाम रोली है। वह 22 साल की है और उसकी शादी अभी एक साल पहले रोहन नाम के लड़के से हो गई है।
उसकी ससुराल लोकल ही है इसलिए वह अक्सर आती जाती रहती है।
मेरा एक बेटा भी है अरुण।
वह 20 साल का मस्त जवान लड़का है। गोरा चिट्टा कसरती और घुंघराले बालों वाला है। बड़ा स्मार्ट और हैंडसम है।
लेकिन एक बहुत बड़ी कमी है हमारे परिवार में!
5 साल पहले मेरे हसबैंड एक सड़क दुर्घटना में नहीं रहे।
उनके जाने के बाद मैं अपने आप को अकेली महसूस करने लगी।
अब मैं आपको अपनी ज़िन्दगी का दूसरा पहलू बता रही हूँ।
जब तक मेरे हसबैंड रहे तब तक मेरी सेक्स लाइफ बहुत अच्छी रही।
वह मुझे हर रोज़ चोदा करते थे।
कभी कभी तो दिन में कई बार चोदते थे। मेरी गांड में भी लण्ड पेलते थे।
मुझे बहुत अच्छा लगता था और मैं खूब एन्जॉय करती थी।
बच्चे पैदा हो जाने के बाद भी वह मुझे पहले की ही तरह चोदते रहे।
बड़े कमाल का लण्ड था उनका, लम्बा भी और मोटा भी।
मैं हमेशा उनके खलास होने के पहले खलास हो जाती थी।
हर बार मुझे पूरी संतुष्टि मिलती थी।
लेकिन उनके जाने बाद सब ख़तम हो गया; मेरी सेक्स लाइफ में कुछ भी नहीं रहा।
मैं लण्ड के लिए तरसने लगी।
उधर मेरी चूत मुझे बहुत परेशान करने लगी.
ऐसे में मेरे पास सिर्फ उंगली करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था,
मेरी बेटी अपनी शादी के एक साल पहले मेरे कुछ ज्यादा ही नजदीक आ गयी थी।
हुआ यह था कि एक दिन उसने मुझे चूत में उंगली करते हुए देख लिया था।
मैं बिल्कुल नंगी थी।
रात के 12 बजे थे।
मैंने खुल कर कहा- बेटी रोली, मैं क्या करूँ? तेरे पापा तो हैं नहीं। लण्ड मुझे मिलता नहीं, बाहर कहीं जा सकती नहीं तो बस उंगली ही मेरा साथ देती है।
वह बोली- हां मम्मी, मैं आपकी स्थिति समझती हूँ। लड़की हूँ इसलिए ज्यादा समझती हूँ। उंगली तो मैं भी करती हूँ मम्मी।
मैं उसकी बात सुनकर खुश हुई।
मेरे मुंह से निकला- तो फिर मेरे साथ ही किया करो न उंगली।
वह तैयार हो गयी और उस दिन से हम दोनों लेस्बियन करने लगीं।
करीब एक साल हो गया ऐसा बैड सेक्स इन फॅमिली का मजा करते करते!
इसी बीच हम दोनों बुरी तरह एक दूसरे से खुल गईं।
हमारे बीच खूब गन्दी गन्दी बातें होने लगीं।
हंसी मजाक और प्यार से आपस में गाली गलौज भी होने लगा।
मैं उसे भोसड़ी वाली रोली कहने लगी, वो मुझे बुर चोदी मोनिका।
फिर उसकी शादी हो गयी।
उसके जाने बाद मुझे लण्ड की याद कुछ ज्यादा ही सताने लगी।
एक दिन ऐसे ही रात में जब उठी तो देखा कि उसके कमरे की लाइट जल रही है।
मैंने खिड़की से झांक कर देखा कि वह एकदम नंगा लेटा है और अपना लण्ड जोर जोर से हिला रहा है।
खड़ा लण्ड देख कर मेरी तो हालत ख़राब हो गई।
लण्ड का टोपा एकदम पहाड़ी आलू की तरह साफ़ साफ़ दिख रहा था।
मुझे लगा कि इसका लण्ड इसके बाप के लण्ड से बड़ा है।
बस मेरी नीयत बेटे के लण्ड पर ख़राब हो गई।
मेरे इच्छा हुई कि मैं अपने बेटे का लण्ड मुंह में डाल कर चूसना शुरू कर दूँ और फिर अपनी चूत में पेल लूँ।
उस दिन के बाद मैं बेटे का लण्ड देखने के लिए तरह तरह के जतन करने लगी।
मुझे जब कब लण्ड की झलक मिल भी जाती थी लेकिन मन नहीं भरता था।
अचानक एक दिन रोली अपने पति रोहन के साथ आ गयी।
दिन में उसका पति अपने काम पर चला गया और मेरा बेटा अपने कॉलेज चला गया।
बस हम दोनों को मौका मिल गया तो लेस्बियन में जुट गईं।
मैं उसकी बुर चाटने लगी वह मेरी बुर चाटने लगी।
एकाएक मेरे मुंह से निकला- अरी माँ की लौड़ी रोली, तेरी तो चूत बड़ी मस्त हो गयी है. तेरी माँ का भोसड़ा रंडी!
उसने भी जबाब दिया- हाय रे तेरी तो चूत क्या … तेरी तो गांड भी बड़ी सेक्सी हो गयी है बहनचोद मोनिका!
इसी तरह की बातें करते करते मैंने उसे अपनी लण्ड पकड़ने की इच्छा बता दी।
फिर मैंने अरुण के लण्ड के बारे में भी बताया तो वह बोली- अरे मम्मी, अगर ऐसी बात थी तो अरुण का लण्ड पकड़ क्यों नहीं लिया?
मैंने कहा- यार पहली बात मेरी हिम्मत नहीं हुई. दूसरे मैंने सोचा कि कहीं वो बुरा न मान जाए?
रोली तुरंत बोली- उसकी माँ का भोसड़ा, उसकी बहन की बुर! बुरा क्यों मानेगा साला वो? उस भोसड़ी वाले को भी तो चूत चाहिए मम्मी। वह भी लण्ड चूत में पेलना चाहता होगा?
बेटी की बात सुनकर मुझे बड़ी तसल्ली हुई।
वह मेरी चूत सहलाते हुए बोली- मम्मी, मैं जानती हूँ कि तुम्हें लण्ड की सख़्त जरूरत है। पापा के जाने के बाद तुम्हें अब तक कोई लण्ड नसीब नहीं हुआ।
मैंने कहा- हां यार, मैं लण्ड के लिए तरस रही हूँ।
तब वह मुस्कराकर बोली- अच्छा आज मैं तुम्हें एक लण्ड दूंगी.
मेरे गाल नोचती हुई बोली- समझ में आया बुर चोदी मोनिका?
मैंने कहा- तू कहाँ से देगी लण्ड? तेरे पास तो चूत है बहनचोद!
वह हंसती हुई बाथरूम चली गयी।
रात को वो फिर मेरे कमरे में आयी और खूब मस्ती से गन्दी गन्दी बातें करने लगी।
फिर एकदम से बोली- मम्मी, अपना हाथ खोलो और आँखें बंद कर लो।
मैंने हाथ आगे बढ़ाया और आँखें बंद कर लीं।
फिर वह बोली- मम्मी मुट्ठी बंद करो फिर आँखे खोलो।
मैंने जब मुट्ठी बंद की तो मुझे कुछ बेलन जैसा लगा.
और जब आँखें खोलीं तो देखा मेरे हाथ में लण्ड।
लण्ड देख कर मैं चकरा गयी, बोली- अरे किसका है ये लण्ड?
जब मैंने मुड़ कर देखा तो बोली- अरे ये तो रोहन है।
मैंने हाथ झट से खींच लिया और कहा- नहीं नहीं रोली, ये मेरा दामाद है।
वह बोली- दामाद की माँ की चूत. तुम इसका लण्ड देखो बस! तुम्हें लण्ड से मतलब है मम्मी, रिश्ते से नहीं!
ऐसा बोल कर उसने प्यार से लण्ड मुझे दुबारा पकड़ा दिया।
लण्ड मेरे हाथ में था मगर चूसने लगी बेटी।
फिर उसने लण्ड मेरे मुंह में डाल दिया तो मैं चूसने लगी।
तब तक मैं पूरी तरह नंगी हो चुकी थी और वो पहले से ही नंगी थी।
रोली ने मेरी चूत में उंगली घुसेड़ दी, पहले एक फिर दो और फिर तीन उंगली।
उसने मुझे आहिस्ते से चित लिटा दिया और लण्ड मेरी चूत पर रगड़ने लगी।
मुझे बहुत अच्छा लगने लगा क्योंकि 5 सालों के बाद आज कोई लण्ड मेरी चूत का मुंह चाट रहा था।
फिर बेटी ने रोहन को इशारा किया तो उसने सट्ट से एक ही बार में लण्ड पूरा पेल दिया।
मुझे अपार आनंद आया।
रोहन का मोटा लण्ड मुझे बड़े मजे से चोदने लगा।
मैं भी मादरचोद बड़ी मस्ती से चुदवाने लगी।
मुझे न किसी का डर था और न कोई ग्लानि।
उस दिन मैंने अपनी बेटी के सामने उसके पति से खूब जम कर चुदवाया, हर तरफ से चुदवाया।
एक बार चुदने बाद मैं बोल्ड और बेशरम हो गयी थी इसलिए दुबारा मैंने दिल खोल कर अपनी गांड उठा उठा के चुदवाया।
तीसरी बार जब लण्ड खड़ा हुआ तो मैंने उसे बेटी चूत में पेल दिया और कहा- बेटा रोहन, अब तुम मेरे सामने मेरी बेटी चोदो। मैं तुम्हें बेटी चोदते हुए देखना चाहती हूँ।
उसने जब चोदना शुरू किया तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा।
अगले दिन रात को लगभग वैसा ही सीन था।
रोली नंगी बैठी थी, मैं नंगी नंगी लेटी हुई थी।
रोहन मेरे ऊपर चढ़ा हुआ मुझे दनादन चोद रहा था।
तभी एकदम से मेरा बेटा अरुण कमरे में आ गया।
उसने मुझे रोहन से चुदते हुए देख लिया.
मैं बड़ी बेशर्मी से चुदती रही।
वह आते ही बोला- अरे मम्मी ये क्या हो रहा है?
मैंने कहा- कुछ नहीं बेटा, बस ऐसे ही दामाद को खुश कर रही हूँ।
वह बोला- ये कोई तरीका है खुश करने का?
मैंने कहा- हां, खुश तो कई तरीके से किया जाता है बेटा, मगर इसमें बुराई क्या है?
वह बोला- नहीं नहीं मम्मी ऐसा नहीं होना चाहिए। ये तो तुम्हारी ले रहा है।
तब तक रोली ने कहा- तुम भी तो इसकी बीवी की लेते हो? तब तो तुम्हें बड़ा अच्छा लगता है। अब ये तुम्हारी माँ की ले रहा है तो तुम्हें बुरा लग रहा है? तुम्हारी इच्छा हो तो तुम भी अपनी माँ की ले लो। बहन को पेलते हो तो माँ को भी पेलो।
तब मुझे पता चला की अरुण अपनी बहन चोदता है।
मैंने रोली की तरफ मुंह किया तो उसने बताया- हां मम्मी शादी के एक हफ्ता पहले मैं अरुण से चुदवाने लगी थी। मैं तुम्हें ये बात बताने वाली थी मगर शादी के इंतज़ाम में व्यस्त होने के कारण बता नहीं सकी।
यह सुनकर मैं सच में और ज्यादा बेशरम हो गई।
तब तक रोली ने उसे नंगा कर दिया और लण्ड पकड़ कर बोली- ये लण्ड मेरे लिए पुराना है मम्मी मगर तुम्हारे लिए नया है. तो लो पकड़ो अपने बेटे का लण्ड!
मैंने पकड़ लिया लण्ड और अपनी तरफ खींच उसकी चुम्मी ली, फिर बोली- तेरा इतना बड़ा मोटा और हैंडसम है बेटा अरुण. तुमने इसे मुझसे छिपा कर क्यों रखा। मैं जाने कब से लण्ड के लिए तरस रही हूँ।
बस मैंने लण्ड मुंह में डाला और चूसने लगी।
मैंने मन में कहा ‘सालों तक मुझे कोई लण्ड नहीं मिला और जब मिला तो दो दो लण्ड एक साथ मिल गए।’
दामाद का लण्ड चूत में, बेटे का लण्ड मुँह में, बैड सेक्स इन फॅमिली का मजा लेकर मेरी ख़ुशी आसमान चूमने लगी।
मेरी चूत पहले से ज्यादा गरम हो गई और मैं अपनी गांड हिला हिला के रंडी की तरह दामाद से चुदवाने लगी।
कुछ देर बाद रोली ने रोहन का लण्ड मेरी चूत से निकाल कर अपनी चूत में घुसेड़ लिया तो फिर बेटे ने अपना लण्ड मेरी चूत में पेल दिया।
बेटे का लण्ड घुसते ही मुझे एक अनोखा मज़ा आने लगा।
मेरी तमन्ना पूरी होने लगी।
बेटा भी गचागच चोदने लगा, बोला- मम्मी तेरी चूत बड़ी टाइट है बिल्कुल दीदी की चूत की तरह। मुझे सच में बड़ा मज़ा आ रहा है तुम्हें चोदने में।
मैंने देखा कि मेरा बेटा तो बड़ा बेशरम हो गया है.
तो मैंने भी कहा- बेटा, आज तू चोद ले अपनी माँ का भोसड़ा! आज से तू भी मादरचोद हो गया है। बहन चोद तो पहले ही बन चुका था अपनी बहन को चोद कर। पेल दे पूरा लण्ड मेरी चूत में। बहुत दिनों के बाद मिला है मुझे एक मस्ताना मोटा लण्ड।
मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गयी थी तो मेरी चूत ढीली हो गयी.
और जब वो झड़ने वाला था तो मैंने घूम कर लण्ड मुट्ठी में ले लिया और अपना मुंह उसके सामने खोल दिया।
लण्ड ने सारी पिचकारी मेरे मुंह में मार दी.
मैं लण्ड का पूरा माल पी गईं और लण्ड को चाट चाट कर लाल कर दिया।
दो घंटे के बाद रोली अपने पति के साथ शॉपिंग के लिए चली गयी तो बेटा बोला- मम्मी, एक बार फिर चोदूंगा. अभी मन नहीं भरा।
मैंने कहा- हां हां चोद ले … चूत तो घर की है बेटा!
वह बोला- लण्ड भी तो घर का ही है मम्मी।
फिर हम दोनों बिस्तर पर एक दूसरे से नंगे नंगे चिपक कर कुछ देर तक लेटे रहे।
उसके बाद हम दोनों 69 बन गए।
मैं उसका लण्ड चाटने लगी और वह मेरी चूत!
मैंने मस्ती में कहा- बेटा तेरी माँ का भोसड़ा, तेरी बहन की बुर … साला तू बड़ा हरामी बन गया है माँ का लौड़ा!
वह बोला- हां मोनिका डार्लिंग, तेरी बहन का भोसड़ा, तेरी बिटिया की बुर। मैं तुझे चोद चोद के रंडी बना दूंगा अभी! मेरा लण्ड साला बड़े ताव पर है। फाड़ डालेगा तेरा भोसड़ा!
ऐसा बोल कर उसने गप्प लौड़ा पेल दिया मेरी चूत में!
और मैं सच्ची एक रंडी की तरह गालियां देती हुई बेटे से चुदवाने लगी।
रात को फिर हम चारों इकट्ठा हुए तो फ़ौरन अपने अपने कपड़े खोल कर नंगे हो गए और नंगे नंगी ही ड्रिंक्स लेने लगे।
ड्रिंक्स लेने के बाद चुदाई का मज़ा दूना हो जाता है।
इस बार मैंने बेटे को लिटा दिया उसके लण्ड पर और पेल्हड़ पर शराब डाल डाल कर चाटने लगी।
ऐसा ही रोली रोहन के लण्ड के साथ करने लगी।
बड़ा मज़ा आया सबको।
फिर बेटे ने शराब मेरी चूची पर डाली और चाटा फिर चूत पर डाली और चाटा।
रोहन ने ऐसा ही रोली के साथ किया।
इस तरह हम चारों ने इस खेल का मज़ा लिया.
फिर बेटे ने लण्ड गच्च से मेरी चूत में पेला और रोहन ने लण्ड रोली की चूत में पेला।
बेटा मुझे चोदने लगा और रोहन अपनी बीवी को!
मैं एक बार फिर बेटे से चुदवाने लगी.
हम चारों बहन चोद बेहद बेशरम हो चुके थे।
एक तो शराब का नशा और फिर लण्ड चूत का नशा … ऐसे में हम सब मस्ती में गालियां बकने लगे।
रोली ने बेटे से कहा- भोसड़ी के अरुण, तू साला मेरी माँ चोद रहा है. तेरी बहन की चूत साले … मैं तेरा लण्ड उखाड़ कर फेंक दूंगी।
बेटे ने जबाब दिया- तू मेरा लण्ड क्या उखाड़ेगी रोली? मैं तेरी चूची नोंच डालूंगा, तेरी चूत फाड़ डालूंगा, लण्ड पेल के बना दूंगा तुझे रंडी!
इस बार शराब के नशे में बेटे से चुदवाने में सबसे ज्यादा मज़ा आया।
फिर झड़ते हुए लण्ड हम दोनों ने चाटा।
दूसरे दिन सवेरे रोहन चला गया।
रोली हमारे साथ ही रह गयी।
मैं किचन में नाश्ता बना रही थी तो बेटा पीछे से आ गया और मेरा गाउन उठा के लण्ड मेरी गांड में पेलने लगा।
मैंने कहा- ये क्या कर रहे हो तुम?
वह बोला- गांड में लण्ड पेलने को कोशिश कर रहा हूँ यार!
मैं भी मस्ती में आ गई तो बोली- अच्छा, तो तू पहले मेरी गांड चोद ले, नाश्ता मैं बाद में बनाऊंगी।
यह बात रोली ने सुन ली तो वह बोली- अरे मम्मी, तुम अरुण से गांड मरवा लो, नाश्ता मैं बना दूंगी।
बेटे ने वहीं किचन में ही मुझे झुका कर लण्ड पेल दिया मेरी गांड में … और भकाभक लण्ड अंदर बाहर करने लगा।
रोली हमारी गांड की चुदाई देख भी रही थी और नंगी नंगी नाश्ता भी बना रही थी.
इधर नाश्ता तैयार हुआ, उधर मेरी गांड चुद चुकी।
फिर हम तीनों ने नंगे नंगे नाश्ता किया।
रोली ने कहा- मम्मी देखो न … अब अरुण का लौड़ा दिन पर दिन मोटा होता जा है।
मैंने कहा- अरे बेटी रोली, इसका लौड़ा मादर चोद हर रोज़ दो दो चूत खा रहा है तो मोटा होगा ही। जितना मोटा होगा उतना हमको मज़ा आएगा।
एक दिन बेटा मुझे चोदते हुए बोला- मम्मी, नया लण्ड लोगी?
मैं भी बड़ी मस्ती के मूड में थी.
मैंने कहा- नेकी और पूछ पूछ? हां बिल्कुल लूंगी नया लण्ड! तुम अभी ले आओ तो अभी ले लूंगी।
बेटा बस दूसरे ही दिन अपने एक दोस्त बल्लू को ले आया।
मैं उसको देख कर बड़ी खुश हो हुई।
लड़का बड़ा स्मार्ट और हैंडसम था; गोरा चिट्टा और अच्छी कद काठी वाला था।
बेटे ने उसे मेरे बगल में बैठा दिया तो मैं उससे बातें करने लगी।
तब तक रोली आ गयी।
बेटे ने उसे रोली से भी मिलवाया।
हम दोनों माँ बेटी बल्लू का लण्ड देखने के लिए बेताब हो रही थीं।
इतने में बल्लू बाथरूम गया तो मैंने बेटे से पूछा- तूने इसे बता दिया है न कि उसे माँ बहन चोदने के लिए लाया गया है.
अरुण बोला- हां मम्मी उसे सब मालूम है।
जब बल्लू बाथरूम से आया तो देखा कि मैं ब्रा में बैठी हुई हूँ और रोली अंदर से बिल्कुल नंगी है पर ऊपर से शाल ओढ़े बैठी है।
उसके आते ही बेटे ने रोली की शाल खींच कर फेंक दी तो वह सबके आगे नंगी हो गयी।
इधर बेटे ने बल्लू का हाथ पकड़ कर मेरी चूचियों पर रख दिया।
बल्लू इशारा समझ गया तो उसने मेरी ब्रा खोल पेटीकोट भी खोल डाला।
अब मैं भी मादर चोद नंगी हो गयी।
तब तक रोली ने बल्लू का पजामा खोला और लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी.
वह बोली- अरे मम्मी, लौड़ा तो भोसड़ी का बड़ा जबरदस्त है।
मैंने भी हाथ बढ़ाया और लण्ड पकड़ कर देखा, बोली- हां यार, लौड़ा तो वाकई मस्त है।
मैंने बल्लू का लण्ड मुंह में भर लिया.
तब बेटा रोली के ऊपर चढ़ बैठा और लौड़ा पेल कर उसे चोदने लगा।
उसे देख कर बल्लू भी मेरे ऊपर आ गया।
मेरे दूध मसलते हुए लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया।
मेरे मुंह से उफ़ निकला और मैं भी रंडी की तरह उचक उचक कर चुदवाने लगी।
कुछ देर बाद बेटे ने लण्ड मेरी चूत में पेल दिया तो बल्लू ने लण्ड रोली की चूत में घुसा दिया।
रोली एक नए लण्ड से चुदवाने का माँ और मैं बेटे के लण्ड का मज़ा लेने लगी।
रात में हम दोनों लण्ड अदल बदल कर इन दोनों से तीन तीन बार चुदी।
इस तरह मेरी बेटे से चुदने की तमन्ना पूरी हुई।
अब तो मेरा बेटा एक दिन में मुझे 2-3 बार चोदता है और जब रोली आती है तो उसे भी चोदता है।
अब मेरी ज़िन्दगी में खुशियां ही खुशियां हैं और इसका श्रेय मेरी बेटी को जाता है जिसने मेरी इच्छा पूरी की।
बैड सेक्स इन फॅमिली का मजा मैंने तो ले लिया. आपको कितना मजा आया इस कहानी में?
मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं.
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