Xxx Oral With Sister – मौसी की बेटी बनी माई डार्लिंग

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Story Start Here :

Xxx ओरल विद सिस्टर कहानी में मेरी मौसी की लड़की बहुत सेक्सी है. हम दोनों एक दूसरे को वासना की नजर से देख रहे थे पर शर्म थी. एक बार रात को हम बाइक पर एक शादी से लौट रहे थे.

हैलो फ्रेंड्स, मैं अक्की एक बार फिर से अपनी रियल सेक्स स्टोरी लेकर आया हूं।

ये Xxx ओरल विद सिस्टर कहानी मेरी बड़ी मौसी की लड़की मोनिका और मेरी है।

जब मैं उसके बड़े भाई संजय की शादी में उसके घर गया हुआ तो मेरी नजर उस पर पड़ी।

वह दिखने में साउथ के एक्टर आशिका रघनाथ जैसी लग रही थी।

उसके सेक्सी बदन की साइज 32 – 26 – 32 थी।

उस समय मोनिका नीले रंग की सूट और नीचे लैगी पहनी थी, जो कि सफेद रंग की स्किन टाइट थी।
जिसके कारण चलते समय उसके दोनों कूल्हे मस्त मटक रहे थे।
टाइट लैगी में उसकी गांड बहुत मस्त लग रही थी।

वह चढ़ती हुई जवानी से मचल रही थी इसलिए उसे अपनी तरफ आकर्षित करने में ज्यादा समय नहीं लगा।

हम दोनों बातों बातों में बहुत कुछ कह देते, कभी कभी तो एक दूसरे का हाथ भी पकड़ लेते।

रात को जब वह अपने रूम में सोती तो आधी रात तक मुझसे फोन पर चैटिंग करती रहती।
मुझे यकीन हो गया था कि यह मुझ से चुद जाएगी।
बस मैं सही समय का इन्तजार करने लगा।

शादी वाले दिन हम दोनों एक ही बाइक से बारात गए।

उस दिन वह लाल कलर की लहंगा पहनी हुई थी।

घर से ही मेरी नियत बन गई थी कि आज किसी तरह उसकी जवानी को चखना है।

जयमाला के बाद हम दोनों ने खाना खाया.
थोड़ी देर इधर उधर घूमने के बाद मैं मोनिका से बोला- यार मोनिका! नींद आ रही है, हम लोग घर चलते हैं।

शायद उसे भी उस पल का इन्तजार था, उसने तुरंत हां कह दिया।

मोनिका अपने पापा को बोली- मैं जा रही अक्की के साथ घर!
उसके पापा ने इजाजत दे दी।
हम दोनों जल्दी से घर के तरफ निकल गए।

रास्ते में मैं यही सोच रहा था कि इससे कैसे बोली कि मैं तुम्हारी लेना चाहता हूँ।

मैं जानबूझ कर सुनसान रास्तों से घर के तरफ धीरे धीरे बढ़ने लगा।

थोड़ी दूर जाने के बाद मोनिका बोली- अक्की थोड़ा रुको, मुझे बहुत जोर से पेशाब लगी है।
मैंने एक सुनसान जगह देख कर गाड़ी रोक दी।

मोनिका गाड़ी से उतर के मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देखती हुई खेत के अंदर चली गई।
मैंने मूड बना लिया कि अभी नहीं तो कभी नहीं।

मैं गाड़ी से उतर गया और खेत के बाहर मेढ़ पर जाकर खड़ा हो गया।

थोड़ी से बाद मोनिका सुसु करके जैसे ही वह खेत से बाहर आई, तो हिम्मत करके एकदम उसका हाथ पकड़ा और खेत के किनारे पेड़ के पास में खींच लिया।

पहले तो वह डर गयी, फिर मुझे देख के राहत की सांस लेते हुई मोनिका बोली- तुमने तो मुझे डरा ही दिया था, क्या हुआ तुम मेरे पीछे क्यूं आ गए?
मैं बोला- मुझे लगा कि तुम अकेली डर जाओगी इसलिए तुम्हारे पीछे आ गया।

मेरी बात सुनकर वह अपने नीचे के होंठों के एक तरफ को अपनी दांत के बीच दबाकर अपनी आईब्रो ऊपर करके बोली- अच्छा … लग तो नहीं रहा?
मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं था।

एक बार फिर हिम्मत करके मैं थोड़ा उसके और नजदीक गया फिर उसके एक हाथ को पकड़ कर उसके कंधे के बाजू में अपना दूसरा हाथ रख दिया और गहरी सांस लेकर धीरे से बोला- मोनिका!
वह भी धीरे से कामुक आवाज़ में बोली- बोलो अक्की, क्या हुआ?

मैं बिना कुछ बोले उसकी आंखों को देखे जा रहा था और उसके हाथ पर अपनी पकड़ कसते हुए धीरे से एक किस कर दिया।
ये किस बस एक दो सेकंड का था।

मैंने किस करके झट से मुँह पीछे कर लिया।
वह देखती रह गयी लेकिन कुछ नहीं बोली।

फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर पर रख दिया।
इस बार वह थोड़ी चौंक गयी।

शायद पहली बार उसके शरीर पर किसी लड़के का स्पर्श हुआ था।
“हाय … उसकी मक्खन जैसी कमर!”

अब मैं और वह एक दूसरे को देख कर कामुक स्माइल कर रहे थे।

मैंने धीरे से अपना हाथ कमर से नीचे उसकी गांड के ऊपर ला दिया और उसकी गांड को सहलाने लगा।
वह बस चुपचाप मुझे देख रही थी।

मैं लगातार उसकी गांड सहलाए जा रहा था।
शायद उसे भी मजा आने लगा था।

उसकी आंखें जैसे नशीली हो गयी थीं।
मैं समझ गया कि वह गर्म तो हो गयी है।

मैंने जानबूझ कर अपना हाथ उसकी गांड से हटा दिया।

उत्तेजना में आकर वह मुझे अपने तरफ खींचती हुई, मेरे होंठों को अपने होंठों से पकड़ने की कोशिश करने लगी, पर पकड़ न सकी।

मैं मुस्कुराते हुए अपना एक हाथ उसके चेहरे पर फेरने लगा और उसके होंठों को ऐसे छेड़ते हुए उसे और तड़पाने लगा।

फिर मैं उसकी गर्दन पर धीमे धीमे सहलाने लगा।
जिससे उसकी सांसें इतनी तेज हो गई कि उसके मम्मे ऊपर नीचे होने लगे।

मैंने उसे पेड़ के सहारे टीका दिया और अपने दूसरे हाथ से उसकी गांड को छूते हुए उसकी जांघों पर आ गया फिर जांघों को उठा कर अपने कमर पर रख दीं।

उसके बाद अपने होठों अपने अपने होठ रख के फ्रेंच लिपलॉक करने लगा और वह भी जोर जोर से मेरे होंठ चूसने लगी।
“उम्म … उम्म… पुच पच उम्म … उम्म उफ्फ…” की मादक आवाजें आने लगीं।
हम दोनों ज़ोर ज़ोर से एक दूसरे के होंठ चूस रहे थे।

साथ में मैं उसकी जांघों को दबाते हुए उसकी गांड को भी दबाने लगा।

उसकी गांड का एक कूल्हा पूरा मेरे हाथ के पंजे में था, मेरी उंगलियां उसकी गांड की लकीर में धीरे धीरे घुस चुकी थीं।

गांड दबाते समय मेरी उंगलियां उसकी चूत को भी स्पर्श करके मोनिका को और उत्तेजित कर रही थीं जिसके कारण वह और हॉर्नी होती जा रही थी।

तभी वहां किसी के गाड़ी आने की आवाज आई।
हम दोनों फट से दूर होकर कपड़े ठीक करके अपने गाड़ी के पास आ गए।

अनजान जगह थी हम दोनों को डर भी लग रहा था।

मैंने गाड़ी चालू की, मोनिका मेरे कंधे को पकड़ते हुए गाड़ी पर बैठ गई।
बिना एक दूसरे से बोले हम लोग घर के तरफ आने लगे।

मैं मन ही मन सोच रहा था ‘काश, वहां उस वक्त कोई ना आया होता तो मजा आ गया होता।’

आग तो हम दोनों में लग चुकी थी लेकिन हम दोनों कुछ बोल नहीं पा रहे थे।

गांव के थोड़े करीब पहुंचे तो अचानक से मोनिका ने मेरे कमर में हाथ डाल कर मुझे कस के पकड़ लिया।
उसके दोनों गरम चूचे मेरे पीठ में सट गये।

वह मेरे कंधे पर अपना सर रखे हुई धीरे से बोली- बिना लड्डू खाए हुए घर जाना है क्या?
उसकी बात सुन कर मैं समझ गया कि ये आज मुझसे चुदना चाहती है लेकिन कह नहीं पा रही।

मैं- बिना लड्डू खाए घर जाने का इरादा तो नहीं है।
मोनिका- ऐसे?
मैं- मैं कुछ जुगाड करता हूं।

थोड़ी और आगे जाने के बाद एक पुलिया देख कर मैं गाड़ी खेत में उतारते हुए गाड़ी उस पुलिया के अन्दर घुसा दिया।
रात के 11 बज रहे थे, ठंडी ठंडी हवा चल रही थी।

गाड़ी से उतरते ही हम दोनों एक दूसरे पर टूट पड़े।

एक बार फिर मैंने उसके कमर को पकड़ के उसके होठों को चूमते हुए दीवार से टिका दिया और दीवानों की तरह एक दूसरे को चूमने लगे।

मैं कभी गर्दन, कभी होंठ चूमता, तो कभी उसके मम्मों को दबाता जा रहा था।

उसके दोनों हाथ मेरे सिर को पकड़े हुए थे, और वह लगातार आहें भर रही थी- आह … उम्म … उफ़्फ़.. आह्ह्ह्ह!
मैं उसकी ब्रा के अन्दर हाथ डाल कर उसके चूचों को ऊपर से मसलने लगा।

मेरी हाथ का मखमली अहसास पाकर वह तो बस कामुक सिसकारियां लेने लगी।

उसकी आवाजें मुझे और भी ज्यादा मदांध कर रही थीं- ओह … बेबी … उम्म उफ़्फ़!

थोड़ी देर बाद मैंने उसे उलटा दीवार पर टिका दिया और उसकी पीठ पर किस करने लगा।
साथ ही मैं अपना लंड उसकी भरी हुई गांड पर मसलने लगा।

वह भी अपनी गांड मेरे लंड पर दबाकर गांड हिलाने लगी।
मैं- अहह … मोनिका क्या मस्त गांड हिला रही हो … उफ़्फ़ मजा आ गया, ऐसे ही हिलाती रहो।

फिर उसके गर्दन को चूमते हुए मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल कर उसे अलग कर दिया और उसकी नंगी चिकनी पीठ पर जीभ से चाटने लगा।
मोनिका की ‘अहह … अहह … उफ़्फ़ बेबी … अहह …’ की मदहोश कर देने वाली सिसकारियां, मेरे अन्दर जोश भर रही थी।

उसके बाद मैंने उसे झट से अपनी और पलटाया और उसके दूध के ऊपर से लटकी हुई ब्रा को खींच कर अलग कर दिया।
अब उसके मम्मे मेरे नंगे हो गए।

उसकी तेज सांसें दोनों मम्मों को ऊपर नीचे झुला रही थीं।

‘उफ़्फ़ दूध जैसी सफेद, मुलायम … और उसके ऊपर सख्त निप्पल ओहहो …’ मुझे पागल कर रहे थे।

धीरे धीरे मैं उसके लहंगा के ऊपर से उसकी गांड को दबाते हुए लहंगे को उसकी गांड तक उठा दिया।

मैं अपने एक हाथ से उसकी गांड दबाए जा रहा था तो दूसरे हाथ से उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से सहला रहा था।
उसकी पैंटी पूरी गीली हो चुकी थी।

मोनिका- अहह … अहह … मैं … उफ़्फ़ तुम्हारे हाथ मुझे मार डालेंगे … ओह्ह बेबी … ओह्ह माई गॉड …इस्स… आह… पैंटी निकाल के करो बेबी.
मैंने उसकी पैंटी उतार दी और उसे नंगी कर दिया।

मैं उसकी नंगी गांड को सहलाते हुए बोला- वॉव … मस्त चिकनी मोटी गांड है मोनिका!
मैं उसके कूल्हों के ऊपर प्यार से हाथ फेरता हुआ, उसके गुंदाज कूल्हों पर चांटे मारने लगा ‘चट चट …’
मोनिका- अहह … ओह्ह … शिट बेबी … मेरी गांड!

मैं और ज़ोर से चांटे मारते हुए बोला- कैसा लग रहा है मेरी जान?
वह अपने कूल्हे हिलाती हुई- उफ़्फ़ बेबी मजा आ रहा है … कॉम ऑन स्लैप मी!

थोड़ी देर बाद मैं नीचे बैठ के उसके एक पैर को अपने कंधो पर रख दिया और उसकी चूत चाटने लगा।
उसके मुँह से ‘म-मम … उम्म …’ की आवाजें आ रही थीं।

मोनिका – हाए … मेरी चू…त…अहह…अक्की… अच्छे से चूसो … अहह … ज़ोर से आह!
मैं चूसते चूसते उसकी चुत में उंगली करने लगा.
उसमें पहले एक, फिर दो उंगलियां पेल दीं।

चूत के दाने को दो उंगलियों से छेड़ने लगा और छेद में जीभ चलाने लगा.
Xxx ओरल विद सिस्टर के करीब पाँच मिनट के बाद वह ज़ोर से सिसकारियां भरती हुई मेरे मुँह में ही झड़ गई- अहह अहह अहहह!
वह कटे पेड़ सी वहीं दीवाल पर ढीली होकर चिपक गयी।

अब उसकी बारी थी।
मुझे दीवाल में चिपका के मेरे होठों और गर्दनों को चूमती हुई वह अपना एक हाथ मेरी जींस के ऊपर रख के मेरे लन्ड को मसलने लगी।
मैं- अहह बेबी कॉम ऑन.

मोनिका मेरे पूरे बदन को चूमते हुई नीचे बैठ गई और जींस के उपर से ही मेरे लन्ड को चूमने लगी।
मैं समझ गया कि यह मेरा लन्ड चाटना चाहती है।

उसकी इस हरकतों से लग रहा था कि इसे सेक्स का पूरा अनुभव है।
मेरे पूरे रोंगटे खड़े होने लगे, बदन में अजीब सी सिहरन हो रही थी।

मोनिका ने मेरी बेल्ट को खोल दिया फिर अपने दांतों से पकड़ के मेरी चैन खोलने लगी।
चररर्र… चररर्…

मेरी चड्डी पूरी कस गई थी और मेरा लंड मस्त तना हुआ था।

जैसे ही मोनिका ने चैन खोल के मेरा जींस नीचे सरकाया, वैसे भी मेरे लन्ड साप की तरह फन फनता हुए बाहर निकाल गया।
वह लंड को चड्डी के ऊपर से ही सहलाने लगी।

मैं बोला- मोनिका मेरी जान … आह मुझसे रहा नहीं जा रहा, जल्दी से अपने मुंह में लेलो … उम्म … उफ़्फ़!
उसने मेरी चड्डी को सरका के मेरे लन्ड को आजाद कर दिया।

और मेरे लन्ड को बड़े ध्यान से देखते हुए बोली- ओह माई गॉड … इतना मोटा और लम्बा!
शायद उसने पहली बार किसी मर्द का इतना मोटा और लम्बा लंड देखा था।

मेरे लंड के टोपे से पानी आ रहा था।

पहले तो मेरे लन्ड को अपनी मुट्ठी में भर के अपनी थोड़ी सी जीभ निकाल के मेरे टोपे को चाटी।
मैं- अहह अहह … बेबी, मुंह के अंदर लो ना!

मेरी बात सुन के उसने मेरे लंड के अखरोट को एक हाथ में लेकर दूसरे हाथ से मेरा लंड पकड़ कर मुँह में ले लिया।

मैंने जोश में आकर अपना लंड पूरे उसके गले तक घुसेड़ दिया और अन्दर बाहर करने लगा।
मोनिका के मुंह से ‘गों… गों …’ की आवाज आने लगी।

मैंने उसके बाल पकड़े और मेरा लंड उसके में दबाने लगा।

मोनिका के मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं- अहह … अहह।

मेरी तेजी बढ़ गई और करीब पाँच मिनट लंड चटवाने के बाद मैं उसके मुँह के अन्दर झड़ गया।

वीर्य के तीन चार झटके मेरे लंड ने उसके मुँह के अन्दर मारे और पूरा वीर्य उसके अन्दर चला गया।

खड़ी हो कर उसने अपने मुंह को अच्छे से साफ किया और मुझसे लिपट गई।
कहानी का एक भाग और है.
अब तक की Xxx ओरल विद सिस्टर कहानी पर आप मुझे अपने विचार भेजें.
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Xxx ओरल विद सिस्टर कहानी का अगला भाग:

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Maruthu
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