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Story Start Here :
सेमी न्यूड हॉट गर्ल कहानी में मैं एक भाभी को पैसे के बदले चोदने जाता था. एक दिन उसके घर में मेरी नजर एक लड़की पर पड़ी. जिसको चोदने के लिए मैं बेचैन हो उठा.
नमस्कार दोस्तो,
मेरा नाम सुरेंद्र है।
मैं 48 साल का हूँ और मैं एक ठेकेदार हूँ।
मेरे घर में मेरी बीवी और 3 बच्चे हैं.
लेकिन वे सभी गाँव में रहते हैं और मैं अपने काम के कारण बाहर शहर में रहता हूँ।
अन्तर्वासना पर कहानियां पढ़ने का मुझे बहुत शौक है.
मुझे कुछ लेखकों की कहानियां बेहद पसंद आती है उनमें से ही एक है ‘सोनम जी’ जिनकी कहानियां मैं अक्सर पढ़ता हूँ।
सोनम जी की अलग अलग कहानियाँ अन्तर्वासना और फ्री सेक्स कहानी दोनों साइट्स पर आती हैं.
इस साईट पर उनकी पिछली कहानी थी: अपनी सीलपैक चुत चुदवाने की कामना पूरी हुई
उनकी कहानियां पढ़ने के साथ साथ मैं उन्हें बराबर मेल भी करता हूँ और वे भी मेरे मेल का जवाब देती हैं।
इसलिए उन्होंने ही मुझे अपनी कहानी भेजने के लिए कहा और कहानी लिखने में मेरी बहुत मदद की है।
यह कहानी पूरी तरह से मेरी सच्ची कहानी है; मैं उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को यह सेमी न्यूड हॉट गर्ल कहानी पसंद आएगी।
शहर में मैं एक किराये के मकान में रहता हूँ.
यहाँ रहते हुए मुझे 12 साल हो चुके हैं।
मेरी जितनी जान पहचान मेरे गाँव में नहीं होगी उससे कहीं ज्यादा पहचान मेरी यहाँ शहर में हो गई है।
मैं महीने में एक दो बार ही अपने घर जा पाता हूँ।
आप लोग सोच रहे होंगे कि मेरा परिवार होते हुए भी मैं यहाँ अकेला क्यों रहता हूँ तो इसकी एक ख़ास वजह है मेरी अय्याशी!
जी हाँ दोस्तो, मैं हमेशा से ही एक अय्याश किस्म का आदमी रहा हूं।
मेरी बीवी बिल्कुल गाँव की औरत है. उसे शहर के रहन सहन में मजा नहीं आता.
उसके उलट मुझे बस शहर में ही अच्छा लगता है।
शादी के पहले से ही मैं चूत चोदने का शौकीन रहा हूँ और गाँव में भी कितनी ही भाभी और लड़कियों को चुदाई का मजा दे चुका हूं।
इसके अलावा यहाँ मैंने एक बेहतरीन माल भी पटा कर रखी हुई है जिसके साथ मैं यहाँ ऐश करता हूँ।
उसका नाम है कंचन!
जब से मैं गाँव छोड़कर शहर में रहने आया हूँ, मेरे पास पैसा की कोई कमी नहीं रही और पैसों के कारण ही मैंने कंचन के साथ चुदाई का मजा लिया है।
कंचन एक शादीशुदा औरत है और उसकी उम्र 32 साल है।
दिखने में तो वह उतनी सुंदर नहीं है लेकिन चुदाई में उसका कोई जवाब नहीं है, चुदाई में वो मुझे वो मजा देती है जितना मजा मुझे मेरी बीवी भी नहीं देती है।
कंचन का पति मेरे साथ ही काम करता है और मेरे पास सुपरवाइजर है।
वे दोनों भी किराए के मकान में रहते हैं.
पिछले 8 साल से मैं कंचन को चोद रहा हूं।
मैंने कंचन को जितना चोदा है उतना शायद अपनी बीवी को भी नहीं चोदा हूँ।
दिखने में वह साधारण औरत है लेकिन उसका फिगर लाजवाब है।
बड़े बड़े दूध और पूरी तरह से भरा हुआ जवान बदन!
कंचन के अभी तक कोई बच्चा नहीं है क्योंकि उसके शरीर में कुछ दिक्कत है इसलिए वह माँ नहीं बन सकती।
लगातार 8 सालों से मैं उसे चोद रहा हूँ और इसकी भनक तक उसके पति को नहीं है।
मैं अक्सर उसके पति को किसी न किसी काम से दूसरे शहर भेजता रहता हूँ और यहाँ कंचन के साथ रातें रंगीन करता हूँ।
ऐसा नहीं है कि कंचन के पति में कुछ कमी है और वो उसे खुश नहीं कर पाता.
वो भी बराबर उसकी चुदाई करता है और कंचन भी उससे खुश है.
लेकिन कंचन एक बेहद ही लालची टाइप की औरत है; उसे बस पैसे से प्यार है और वह पैसों के लिए ही मुझसे चुदती है।
मैं भी उसे निराश नहीं करता हूँ और हर महीने उसे पैसों के अलावा अच्छे अच्छे कपड़े और सामान देता रहता हूँ।
इसके बदले कंचन मुझे हर तरह से खुश करती है।
कंचन के लालची होने का ही मुझे फायदा मिला और मुझे बेहद ही खूबसूरत और कुँवारी लड़की को चोदने का मौका मिला।
यह बात दो साल पहले की है जब मैं एक दिन दोपहर को कंचन के घर गया।
कंचन के घर में दो ही कमरे हैं, एक में वो लोग खाना बनाते हैं और दूसरे कमरे में सोते हैं।
मैं अचानक से उसके घर पर पहुँच गया था, मेरा कोई इरादा नहीं था।
मुझे देख कंचन ने मुझे अंदर के कमरे में बैठाया और मुझसे पूछने लगी- कैसे आना हुआ आज दोपहर में?
मैंने कहा- अरे यहीं पास में मेरा काम चल रहा है तो काम देखने आया था. तो चाय पीने का मन हुआ इसलिए तेरे पास चला आया।
हम दोनों बात कर ही रहे थे कि उसके बाथरूम से मुझे किसी के नहाने की आवाज सुनाई दी।
मैंने कंचन से पूछा- इस समय कौन नहा रहा है तेरा पति तो काम में गया हुआ है न?
कंचन बोली- अरे, बगल वाली लड़की है. आज उसके घर पर पानी नहीं आया तो मेरे घर पर नहाने चली आई।
इसके बाद कंचन चाय बनाने के लिए किचन में चली गई।
किचन सामने ही था और कंचन मुझे अंदर से साफ साफ दिख रही थी।
बीच बीच में मैं कंचन को गंदे इशारे भी कर रहा था जिससे कंचन मजे लेकर हंस रही थी।
कुछ समय बाद उसके बाथरूम का दरवाजा खुला और एक बेहद खूबसूरत लड़की केवल तौलिया लपेटे हुए मेरे कमरे में आ गई।
उस लड़की ने छोटा सा तौलिया लपेटा हुआ था जिससे उसकी पूरी जांघ और आधा सीना नजर आ रहा था।
वह इतनी अधिक गोरी थी कि उसके बदन पर उसकी नसें साफ साफ दिख रही थी।
पानी में भीगा हुआ उसका गोरा गोरा बदन ऐसा लग रहा था कि बस चाट ही जाओ।
कमरे में आते ही उसने मुझे देखा और सकपका गई।
वह सेमी न्यूड हॉट गर्ल तुरंत ही अपना तौलिया सम्हालती हुई कमरे से भाग कर किचन में चली गई और कंचन से बोली- अरे भाभी, आपने बताया नहीं कि कोई अंदर बैठा है।
कंचन बोली- मुझे क्या पता था तू ऐसे ही बाहर निकल आएगी. कपड़े तो पहन लेती।
वह लड़की बोली- कैसे पहनती? कपड़े तो कमरे में ही रखे हुए हैं।
मैंने बिस्तर पर नजर डाली तो उसकी चड्डी ब्रा और सूट बिस्तर पर ही रखा हुआ था।
इसका मतलब था कि वह लड़की अंदर से पूरी तरह से नंगी थी, बस तौलिया लपेटे हुई थी।
उसके बाद कंचन ने कमरे में आकर उसके कपड़े लेजाकर उसे दे दिए और वह सेमी न्यूड हॉट गर्ल किचन का पर्दा लगाकर कपड़े पहनने लगी।
पर्दे के बाहर से भी मुझे साफ साफ झलक रहा था कि वह कपड़े पहन रही है।
पहले उसने चड्डी पहनी, फिर तौलिया गिराकर ब्रा पहनी और फिर अपना सूट पहना।
पर्दे के कारण मुझे साफ साफ तो नहीं दिखा पर इतना समझ आया कि उसका फिगर मस्त था और उसके दूध बड़े बड़े औऱ बिल्कुल तने हुए थे।
इसके बाद वह लड़की चली गई लेकिन पहली ही नजर में वो मेरे दिल को भा गई थी।
उसके जाने के बाद मैंने कंचन से उसके बारे में पूछा तो कंचन ने मुझे बताया- उसका नाम रेनू है और वो अभी 19 साल की है।
मजाक मजाक में ही मैंने कंचन को कहा- यार दिखने में तो बहुत करारी माल है रेनू, कोई इसको भी चोदता होगा।
कंचन बोली- नहीं, अभी वो इतनी बड़ी नहीं हुई है. लेकिन मोहल्ले के लड़के बहुत लाइन मारते हैं उसे!
“लाइन क्यों नहीं मारेंगे … इतनी पटाखा माल जो है. और छोटी कहाँ से दिख रही है? ये तो अच्छे से अच्छा लंड झेल जाए!”
कंचन भी मजाक में बोली- बोल तो ऐसे रहे हो जैसे उसको झेलना है तुमको!
मैंने भी बोल दिया- अगर वो देने को तैयार हो जाये तो क्यों नहीं … मैं तो उसके लिए कुछ भी कर जाऊं! मेरा तो पहली नजर में ही खड़ा कर गई वो!
कंचन बोली- सपने मत देखो, वह तुमसे बहुत छोटी है. तुम्हारा नहीं झेल पाएगी वो!
“अरे चोदना तो मुझे है न … मैं सब समझ लूंगा. और एक बार अंदर जाने की देर है, चूत बड़े से बड़ा लंड झेल लेती है।”
मैंने कंचन से मजाक में ही कहा- अरे, अगर कोई जुगाड़ बने तो दिलवा दे मुझे इसकी!
“अरे नहीं, वह ऐसी लड़की नहीं है. और शर्म करो. तुम्हारे सामने बच्ची है वो!”
“कहाँ की बच्ची है? दूध देखो उसके … अच्छी अच्छी औरतों को फेल कर दे वो!”
“इसका मतलब तुम देख रहे थे उसे कपड़े बदलते?”
“अच्छे से तो नहीं दिख रहा था लेकिन समझ में आ रहा था सब!”
“तुम बस देखो ही … वो मिलने वाली नहीं है।”
“अरे मेरी जान, कोशिश कर न … अगर मिल जाये तो!”
“मिल जाये तो क्या?”
“अगर तूने उसकी दिलवा दी तो जो कहेगी वो दूँगा तुझे!”
“अरे बहुत मुश्किल है।”
“फिर भी देख ले, अगर बने तो फायदा तेरा ही होगा।”
“अच्छा क्या फायदा, क्या दोगे मुझे?”
“जो तू बोलेगी दूँगा।”
“सोच लो?”
“सोच लिया … बस तू दिलवा दे!”
इसके बाद कंचन बोली- चलो मैं कोशिश करती हूं. और अगर वो तैयार हो गई तो सोने का जेवर लूंगी।
“बिल्कुल … अगर तू उसे मुझसे चुदवा ड़े तो एक सोने की चैन पक्का दूँगा।”
“चलो फिर तो मैं जरूर कोशिश करुँगी. शायद मुझे चैन मिल ही जाए।”
“अगर तूने उसको मुझसे चुदवा दिया तो तेरी चेन पक्की!”
इसके बाद मैं आये दिन कंचन के घर जाने लगा और उस लड़की को देखता था।
मैं जितना उसे देखता था मेरे अंदर उसके लिए उतनी ही वासना भरती जा रही थी।
वो उम्र में भले ही मुझसे बहुत छोटी थी लेकिन उसका चेहरा उसके बदन की बनावट और उसका गोरा बदन मुझे उसके तरफ आकर्षित करती थी।
धीरे धीरे वक्त बीतता गया और इस बात को आठ महीने से ज्यादा का समय बीत गया था।
इस दौरान मैं कंचन को न जाने कितने बार चोद चुका था और हर बार चोदते समय उसे यह बात याद दिलाता था कि उस लड़की को कब चुदवा रही हो।
लेकिन कंचन मुझे बस इंतजार करने को कह देती थी।
फिर एक दिन सुबह 9 बजे कंचन का फोन आया.
उस वक्त मैं काम में जाने के लिए निकल रहा था।
कंचन ने मुझसे कहा- अगर समय मिले तो आज दोपहर में घर आओ, कुछ जरूरी काम है।
मैं कंचन से बोला- क्या काम है अभी बता दे?
लेकिन कंचन ने फोन में बताने से इन्कार कर दिया।
मैं समझ गया कि कंचन को जरूर पैसों की जरूरत होगी तभी बुला रही है क्योंकि पहले भी वह ऐसा कर चुकी थी।
जेब में कुछ पैसे रखकर मैं काम पर चला गया।
इसके बाद दोपहर में मैं कंचन के घर पर गया।
घर पर कंचन के अलावा कोई नहीं था।
कंचन ने मेरे लिए चाय बनाई और हम दोनों चाय पीते हुए बात करने लगे।
कंचन ने मुझे बताया- रेनू को मैंने मना लिया है और वह एक दिन के लिए तुमसे मिल सकती है। लेकिन वह चुदाई के लिए तैयार नहीं हुई है, बस तुम्हारे साथ समय बिताएगी।
मैं बोला- बस समय बिताने के लिए मैं तुमको सोने की चैन दूँगा।
कंचन बोली- देखो, मैंने रेनू को इतने के लिए मना लिया है. अब आगे तुम भी कुछ करो. और अगर तुम उसे चोदने में सफल हो गए तो मुझे दे देना, वरना मत देना।
कुछ देर सोचने के बाद मैं बोला- चलो ठीक है, मैं कोशिश करता हूँ। लेकिन मैं उसे लेकर कहाँ जाऊँगा?
कंचन बोली- अब तुम समझो कि कहाँ ले जा सकते हो. मैं उसे लेकर सुबह निकलूंगी और मैं अपनी चाची के घर चली जाऊँगी. तुम रेनू के साथ चले जाना और अगली सुबह मैं फिर रेनू को लेकर वापस आ जाऊँगी।
मैं बोला- चलो ठीक है. मैं कोई जगह देखता हूँ। 24 घण्टे बहुत हैं मेरे लिए!
इसके बाद मैंने दरवाजा बंद किया और कंचन की साड़ी उसके कमर तक उठाकर उसे घोड़ी बना दिया और जल्दी जल्दी उसे चोदने लगा।
10 मिनट की धुंआधार चुदाई के बाद मैं झड़ गया और इसके बाद मैं वहाँ से वापस आ गया।
अब उस दिन के बाद मैं बस यही सोच में पड़ गया कि आखिर मैं रेनू को लेकर कहाँ जाऊं. अगर उसे होटल में ले जाता हूँ तो कहीं कोई दिक्कत न हो जाये।
ऐसा ही सोचते हुए मुझे एक हफ्ता हो गया लेकिन कोई भी जगह समझ में नहीं आ रही थी।
फिर रविवार के दिन मैं अपने एक दोस्त मोहन के साथ बार में बैठा हुआ शराब पी रहा था।
मेरे बारे में उसे सब कुछ पता था और वह यह भी जानता था कि मैं कंचन को चोदता हूं।
पीने के बाद मैंने उससे अपनी बात बताई- भाई ऐसी बात है. तू कुछ बता कहीं जगह की व्यवस्था हो तो?
वह भी एक नम्बर का चुदक्कड़ आदमी था, बोला- जगह का इंतजाम मैं चुटकियों में कर सकता हूँ लेकिन मुझे भी कोई माल चुदवाने के लिए दिला तब!
मैंने कहा- मेरे पास तो एक ही माल है कंचन! अगर उसको चोदना है तो चोद ले।
मेरा दोस्त बोला- कंचन तैयार हो जाएगी क्या?
“बिल्कुल हो जाएगी. मैं बात कर लूंगा, उसकी चिंता न कर!”
फिर मेरा दोस्त बोला- मेरे नजर में मेरे दोस्त का फार्म हाउस है. वो सबसे सही जगह है। मैं उस दोस्त को तैयार करता हूँ और तू कंचन को मेरे लिए तैयार कर!
अगले दिन ही मोहन ने फॉर्म हाउस का इंतजाम कर लिया और अगले रविवार का दिन भी फिक्स कर लिया।
उसी दिन मैं कंचन के पास गया और उसे सारी बातें बताई.
शुरू में तो कंचन मोहन से चुदाई के लिए मना करती रही.
लेकिन फिर मैंने उसे कुछ लालच देकर तैयार कर ही लिया और हमारा रविवार का दिन फिक्स हो गया।
मैंने कंचन के पति को जो कि मेरे यहाँ सुपरवाइजर का काम करता था, उसको एक काम बता दिया और उससे कहा- रविवार को तुम इस काम को करने के लिए दूसरे शहर चले जाओ.
और वह भी तैयार हो गया।
अब तक मैंने सब प्लान सेट कर लिया था.
जगह भी मिल गई थी और कंचन का पति भी बाहर शहर जाने के तैयार हो गया था.
लेकिन बस दिक्कत एक ही थी कि क्या रेनू चुदाई के लिए तैयार होती है या नहीं!
इसके लिए भी मैंने एक जबरदस्त बात सोची.
और अगर ऐसा हुआ तो उसके बाद मैं बड़े आराम से रेनू को चोद सकता था।
दोस्तो, मैंने रेनू को चोदने के लिए क्या सोचा था और क्या मैं रेनू को चोद पाया या फिर खाली हाथ ही वापस आया।
ये सब जानिये कहानी के दूसरे भाग में।
तो मिलते हैं कहानी के दूसरे भाग में!
नमस्कार।
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