Latest Hindi Sex Stories added for who looking to read Jawan Chachi Ki Chudai Kahani to make every night hot about Jawan Chachi Ki Chudai Kahani story.
Story Start Here :
जवान चाची की चुदाई कहानी में मेरे चाचा विदेश गए तो मैं चाची के पास सोने लगा. चाची की जवानी मेरे लंड को खड़ा कर देती थी. मैंने चाची की वासना जगा कर कैसे चोदा.
दोस्तो! मैं अक्की … लड़कों का भाई और लड़कियों की जान!
हाजिर हूं एक और सच्ची कहानी लेकर!
वैसे तो मैं अपने बारे में कई कहानियां लिख चुका हूँ। जिनमें मेरी मामी की साथ मेरी पहली चुदाई की भी एक कहानी थी।
लेकिन यह कहानी मेरी दूसरी चुदाई की है।
यह जवान चाची की चुदाई कहानी मेरी और मेरी छोटी चाची सपना की है।
शादी के कुछ महीने बाद चाचा विदेश चले गए।
तो घर वालों ने कहा- तुम चाची के साथ उनके ही कमरे में सोया करो, जिससे रात में उनको डर नहीं लगेगा।
चाचा और चाची को भी इस बात से कोई ऐतराज नहीं था क्योंकि मैं अभी भी सबकी नजर में छोटा बच्चा ही था।
मामी की चुदाई के बाद मुझे गदराई हुई मस्त औरतें बहुत ज्यादा पसंद आने लगी थी, अक्सर ऐसी औरतों को देखकर मेरा लंड फनफना उठता था।
सपना चाची की उम्र 23 साल थी।
उस समय ही उनका पूरा जिस्म भरा भरा सा था।
चाची के चूचे लगभग 34 साइज के थे।
और चाची की चिकनी कमर 30 इंच की, उनकी सेक्सी गांड लगभग 36 इंच साइज की थी।
जब भी साड़ी में चाची की मटकती हुई गांड नज़र आती और गोरे चिकने जिस्म पर बड़े बड़े चूचे … तो मेरा लंड खड़ा हो जाता था।
मैं हर वक्त उनके चूचों को ताड़ते रहता था और चलती हुई उनकी गांड को देख कर अपने लन्ड को मसलते हुए सोचता था ‘बस एक बार मिल जाए।’
मतलब मैं अपनी जवान चाची की चुदाई करना चाहता था.
एक रात मैं सोई हुई चाची के चूचे देख कर अपने लन्ड को मसल रहा था.
तभी अचानक चाची को आंख खुल गई।
उनकी नज़र मेरे खड़े हुए मोटे तगड़े लंड पर पड़ी तो वे लंड देखते ही सकपका गई।
पहले तो वे देखती रही, फिर धीरे से कहा- सो जाओ, रात बहुत हो गई है।
फिर उन्होंने खुद को चादर से ढक के आंखें बंद कर ली।
मैं तो डर गया था लेकिन उनका यह स्वभाव देख कर यकीन हो गया कि यह किसी को कुछ नहीं बताएगी।
अगले दिन मुझे उनके सामने जाने में भी बहुत शर्मिंदगी हो रहा था।
पूरे दिन उनके नजरे बचाते फिरता रहा गया।
फिर शाम को किसी काम से मैं किचन में गया।
उस टाइम चाची रोटी बना रही थी।
न चाहते हुए भी मेरी नजर उनकी सेक्सी गांड पर पड़ी, एक बार फिर उनकी गांड को देखते ही मेरा लंड तन गया।
तभी चाची पीछे मुड़ी तो उनकी नज़र फिर से मेरे लंड के तम्बू पर पड़ गई।
चाची ने कुछ नहीं कहा और फिर से वे रोटी बनाने लगीं।
ऐसे ही दस दिन गुजर गए।
अब एक तरफ तो मुझे डर भी लग रहा था लेकिन दूसरी तरफ चाची को चोदने की इच्छा दिन प्रतिदिन और बढ़ती जा रही थी।
समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ?
एक दिन खाना खाने के बाद हम लोग बेड पर बैठ के इधर उधर की बातें कर रहे थे।
मैं उनके बात करते करते बार बार उनके उभरे हुए चूचों को ताड़ रहा था।
आज उनकीतरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं थी, वे बस मुझसे हंस हंस के बातें कर रही थी।
मैं मौके के नजाकत को देखते हुए धीरे धीरे चाची के हाथ और कलाई को टच करने लगा।
पहले तो उन्होंने कुछ नहीं बोला।
जिससे मेरी हिम्मत और बढ़ गई।
कुछ ही पल में चाची का हाथ मेरे हाथ में था, मैं उनके हाथ को मसलने लगा।
तभी चाची ने हँसते हुआ कहा- क्या कर रहे हो?
मैं थोड़ा डरते हुए- कुछ नहीं चाची … वो … वो आप ना … बहुत अच्छी लग रही हो।
चाची अपने हाथ पर से मेरा हाथ हटाते हुई बोली- ज्यादा शैतान मत बनो … वर्ना सब कुछ आपके मम्मी को बता दूँगी कि आजकल आपके दिमाग में क्या चल रहा है? सब जानती हूँ मैं!
उनकी यह बात सुन कर मैं भी खुल कर बोला- जब आप सब जानती हो तो फिर इतना क्यों तड़पा रही हो चाची?
चाची- जो आप चाहते हो, वो नहीं हो सकता।
मैं- हां मुझे पता है कि सिर्फ मेरे चाहने से नहीं होगा। इसके लिए आपको भी चाहना पड़ेगा।
मेरी बात सुन कर वह कुछ बोलती … उससे पहले मैंने झट से मौक़ा देखकर चाची को दबोच लिया।
मेरी इस हरकत से चाची एकदम से चौंक गईं.
वे मुझे दूर हटाने की कोशिश करने लगी- अक्की पागल हो गए हो क्या? छोड़ मुझे?
मैं- चाची, अब मैं और सब्र नहीं कर सकता।
फिर मैंने चाची को बेड पर पटक दिया और उनके ऊपर चढ़ गया।
और फटाफट से मैंने चाची के लाल गुलाबी रसीले होंठों पर मेरे प्यासे होंठ रख दिए और मैं ताबड़तोड़ चाची के होंठों का रस पीने लगा।
कमरे में ऑउच्च … पुच्च … ऑउच्च … पुच्च … पुच्च … ” की आवाज होने लगी।
एक हाथ से चाची के चूचे को रगड़ता हुआ चाची के गुलाबी होंठों की चाशनी पीने लगा।
और नीचे मेरा लंड साड़ी के ऊपर से ही चाची की चूत ढूंढने में लगा।
तभी अचानक से फोन बजा जिससे डर के चाची ने मुझे धक्का देकर दूर हटा दिया और उठ के बैठती हुई अपनी साड़ी और ब्लाउज ठीक कर लिया।
फिर वे फोन उठा के बात करने लगी।
फोन पर बात करते हुई बार बार मेरी तरफ देख रही थी।
10 मिनट बात करने के बाद चाची ने फोन रख दिया और बिना कुछ बोले अपने साइड में जाकर करवट लेट गई और मोबाइल चलाने लगी।
एक पल के लिए मुझे लगा कि अब चाची की चूत मिलना मुश्किल है।
लेकिन मेरा लंड अभी भी प्यासा ही था।
मैं बेड के दूसरी ओर लेटकर चाची को ताड़ने लगा।
मेरा लंड चाची की चूत में जाने के लिए उतावला हुए जा रहा था।
लेकिन चाची की तरफ से कोई प्रक्रिया नहीं थी।
थोड़ी देर बाद मैंने हिम्मत की और उठकर चाची की बगल में लेट गया।
फिर उनके मोबाइल में देखने के बहाने अपना एक हाथ उनके चूचों पर हाथ रख दिया और धीरे धीरे चाची के चूचों को मसलने लगा।
इस बार भी चाची ने कोई प्रतिकिया नहीं दी, वे चुपचाप मोबाइल चलाती रही।
हम दोनों करवट से लेटे हुए थे जिससे मेरा लन्ड उनकी गांड में टच हो रहा था।
फिर एक हाथ से चाची के साड़ी के ऊपर से ही उनके चूत को सहलाने लगा।
इस बार चाची अपना मोबाइल नीचे रखते हुई बोली- अक्की, आप फिर से शुरू हो गए ना! मैंने आपको समझाया था ना?
मैं- हां यार … लेकिन आप इतनी खूबसूरत हो कि मैं खुद को कंट्रोल नहीं कर पा रहा … प्लीज चाची! एक बार प्यार करने का मौक़ा दे दो!
वे कुछ नहीं बोलीं.
शायद उनका भी मूड बन गया था।
ऐसा सोचते ही मैंने इस बार चाची के पेटीकोट में हाथ घुसा दिया और उनकी चूत मसलने लगा।
चाची की चूत भट्टी की तरह जल रही थी।
अपनी चूत पर मेरा हाथ पाकर ‘ईसशस्स …’ एकदम से चाची की सिसकारी निकल पड़ी.
इधर मेरा लंड चाची की गांड में रगड़ खाने लगा।
मैंने चाची को और ज़ोर से कस लिया।
चाची की खामोशी मेरे लंड को उकसाने लगी.
और मैं चाची की चूत की दरार में अपनी उंगलियां जोर जोर से चलाने लगा।
चाची- आई ईईई सिसस्स … ओह … अक्की मान जा ना यार!
लेकिन अब तीर कमान से निकल चुका था।
मैं चाची की चूत को बुरी तरह से मसलने लगा।
चाची धीरे धीरे सिसकारियां भरने लगीं; उनका विरोध खत्म हो गया और उन्होंने सीधी होकर अपनी टांगें फैला दी।
मैं फटाक से चाची के ऊपर चढ़ गया और जल्दी से चाची के रसीले गुलाबी होंठों पर मेरे प्यासे होंठ रख दिए और ताबड़तोड़ चाची के होंठों का रस पीने लगा।
कुछ ही देर में चाची की चूत की आग भड़कने लगी और चाची भी मेरे होंठों को अपने होंठों में फंसाने लगीं।
रूम में “आउच … पुच्च … पुच्च ऑउच्च … पुच्च की आवाज़ों से गूंज उठा।
अब मुझसे से सब्र नहीं हो रहा था।
मैंने फटाफट उनके ब्लाउज के हुक खोल दिए और ब्रा को ऊपर सरका कर चाची के चूचों को नंगा कर दिया और उनके चूचों को ज़ोर से अपनी दोनों हाथ की मुट्ठियों में कस लिया और बुरी तरह से निचोड़ने लगा।
चाची के चूचों को इस तरह से दबाने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।
वे दर्द के मारे ऊँह … ऊँह … करने लगी।
कुछ ही देर में उनके चूचे लाल हो गए।
फिर मैंने चाची के एक रसीले चूचे को मुँह में दबा लिया और किसी भूखे जानवर की तरह चूसने लगा।
मेरा दूसरा हाथ दूसरे चूचे की माँ चोदने में लगा था।
चाची मेरे बालो को सहलाती हुई- ओह … अक्की … चूस और चूस आहा … बहुत मज़ा आ रहा है. आहा … उन्ह !
मैं- हां चाची … आज तो मैं आपके चूचों को पूरा पी जाऊंगा.
करीब पांच मिनट तक मैंने उनको दोनों चूचों का दबा दबा के पिया।
उफ्फ … चाची के चूचे बहुत रसीले थे।
चाची बिन पानी के मछली की तरह झटपटाती हुई बोली- सिस्स … ये तो बाद में भी चूस लेना अक्की … पहले उम्मम्म … तेरा हथियार अन्दर डाल दे यार … बहुत खुजली हो रही है, अह्ह्ह … अब मुझसे और कंट्रोल नहीं हो रहा है इस्स्सस!
अब मुझे भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था तो मैं फटाफट से चाची की टांगों में आ गया और उनकी साड़ी और पेटीकोट को ऊपर उठाकर उनकी चड्डी उतार कर फेंक दी।
चाची की चड्डी खुलते ही चूत की महक मेरे नथुनों में नशा घोलने लगी।
फिर मैंने भी अपना पजामा खोलकर मेरे मोटे तगड़े हथियार को बाहर निकाल लिया।
उसके बाद मैं चाची की टांगों को ऊपर उठाकर उनकी गर्मागर्म चूत में लंड सैट करने लगा।
मुझे चाची की चूत के आस-पास छोटी छोटी झांटें दिखाई दे रही थी।
शायद उन्होंने दो चार दिन पहले ही शेविंग की थी।
मैंने चाची की चूत के छेद में लंड सैट कर दिया और उनकी टांगों को मेरे कंधों पर रखकर एक ज़ोर का झटका लगा दिया।
एक ही झटके में मेरा लंड चाची की चूत के कसे हुए छेद को चीरता फाड़ता हुआ पूरा अन्दर घुस गया।
मेरे लन्ड के एक ही वार से चाची सहम उठीं- अआईई … मम्मी … मर्रर्र … गईईई … आईई … आई … ओह अक्की … इस्सस्स … मेरी फट गई!
वे काफी दिनों बाद चुद रही थी, शायद इसलिए दर्द हो रहा था।
आहा … चाची की चूत में घुसकर मेरे लंड को बहुत ज्यादा आराम मिल रहा था।
उनके पैरों को पकड़ के धीरे धीरे मैं अपनी कमर को आगे पीछे करने लगा।
चाची की दर्द भरी सिसकारियां कमरे में गूँजने लगी थीं- आई … आह … आई … ओह धीरे … धीरे आई … मर गई।
मेरे लंड के हर एक झटके के साथ ही चाची के चूचे ज़ोर ज़ोर से हिलने लगे।
चाची- आईई … आह्ह … आह्ह … आह्ह सिअस्स … उँह … आह्ह आह्ह सिसस्स … ओह अक्की बहुत दर्द हो रहा है!
मैं थोड़ी देर तक अपना लन्ड उनकी चूत डाल कर उन्हें किस करता रहा।
उसके बाद मैंने चाची को बांहों में और कस लिया और उनके पसीने से गीले जिस्म से चिपक कर उनकी गीली चूत में लंड ठोकने लगा- ओह … चाची बहुत मस्त हो आप … आह्ह … बहुत मज़ा आ रहा है।
चाची- आईई … आई सिसस्स आह उन्ह … बस ऐसे ही चोद दो मुझे … आह्ह … बहुत आराम मिल रहा है।
मैं गांड हिला हिलाकर चाची की चूत का भोसड़ा बनाने में लगा हुआ था।
मेरा 6 इंच का लन्ड चाची की चूत को फाड़ कर भोसड़ा बनाने में लगा था।
वे अब पूरी तरह से गर्मा गई थीं और गांड उठाया कर मेरा लंड अपनी चूत में ठुकवा रही थीं- ओह मेरे राजा … ऊँह ओह सिस सस्स … आह्ह ज़ोर ज़ोर से पेल … आह्ह … उँह आज रुकना मत ईस्सस्स!
मैं पूरी रफ्तार में उनकी चूत को चोदने लगा।
मेरी कमर के झटकों से बेसुध होकर चाची- ओह अक्की मर गईईई मैं तो!
और चाची ने जोर से मेरी पीठ पर नाख़ून गाड़ दिए.
फिर कुछ ही पलों में चाची फिर से पानी पानी हो गई थीं।
उनकी चूत फिर से सफ़ेद गाढ़े माल से भर चुकी थी।
लेकिन मैं अभी भी चाची की चूत में ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था।
आज मेरा लंड रोके से भी नहीं रुक रहा था और चाची की हालत खराब कर रहा था।
जब चाची को मेरे झटके बर्दाश्त नहीं हुए तो वह गाली देती हुई बोली- ओह मेरी जान … साले रुक जा … तूने कोई दवा खाई है क्या आह … तुझे क्या मज़ा मिल रहा है … जरा सांस तो लेने दे. आह … साले मेरी चूत को ढोलक सी बजाए जा रहा है.
मैं- बस कुछ मिनट और चाची, मेरा भी होने वाला है।
न चाहते हुए चाची एक बार फिर खुद को संभालते हुए मेरे लन्ड के झटकों को अपनी चूत में रोकने लगी।
फिर कुछ देर की ताबड़तोड़ ठुकाई के बाद मेरा लंड हिचकोले खाने लगा.
मैं समझ गया था कि अब मेरा माल निकलने वाला है।
अगले कुछ ही पलों में मेरे लंड के उबाल से चाची की चूत लबालब भर गई।
चाची ने अपने तरफ खींच के मुझे अपने से चिपका लिया।
थोड़ी देर तक हम दोनों ऐसे ही चिपके हुए पड़े रहे।
पहले राउंड की ठुकाई के बाद चाची बहुत ज्यादा थक चुकी थीं।
करीब पांच मिनट बाद वह उठी और अपने कपड़े ठीक किए और बेड से उतरने लगी।
मैंने उन्हें हाथ पकड़ कर रोका और अपने पास खींचते हुए बोला- क्या हुआ? अब नहीं करना है क्या?
अपनी साड़ी से अपना पसीना पौंछते हुए चाची बोली- मुझे बहुत गर्मी हो रही है। बस 10 मिनट दो, मैं बाथरूम से नहा कर आती हूँ।
चाची ने अलमारी से कुछ कपड़े लिए और बाथरूम में चली गई।
जवान चाची की चुदाई कहानी पर अपने विचार जरूर लिखिएगा.
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