No Sex Honeymoon Story – हनीमून पर मेरे बेडरूम में ससुर और उनके भाई

TamilAudioStories.com

Translate in your Language & Listen (or) Read

Latest Hindi Sex Stories added for who looking to read No Sex Honeymoon Story – हनीमून पर मेरे बेडरूम में ससुर और उनके भाई to make every night hot about No Sex Honeymoon Story – हनीमून पर मेरे बेडरूम में ससुर और उनके भाई story.

Story Start Here :

नो सेक्स हनीमून स्टोरी में मैं अपने पति के साथ मालदीव गयी. वहां मेरे पति ने मेरे मुंह में लंड पेलना चाहा तो मुझसे लंड चूसा ना गया. मेरे पति नाराज होकर चले गए.

यह कहानी सुनें.

no-sex-honeymoon-story

कहानी के तीसरे भाग
पति का लंड नहीं चूसा गया
में आपने पढ़ा कि मां की शिक्षा को सर्वोपरि मान कर मैंने अपने पति के कहने पर उनका लंड मुंह में ले लिया. परन्तु वासना वश उन्होंने अपना पूरा लंड मेरे गले तक ठोक दिया. इससे मेरा दम घुटने लगा और मैं अपने पति की गिरफ्त से छुट कर बाथरूम में बन्द हो गयी. मेरी जेठानी ने आकर सब मामला सुलझाया.

अब आगे नो सेक्स हनीमून स्टोरी:

हम घर पहुंचे तो सभी ने मेरा स्वागत किया, चाची और बुआ ने सामान खोला.
उसमें सबके लिए कपड़े थे.

मैं कुछ देर सबके साथ बैठकर अपने कमरे में कपड़े बदलने आ गई.

अलमारी खोली तो क्या देखती हूं, एक खूबसूरत सी लाल रंग की नेट की नाइटी रखी है … उसके साथ नेट की चड्डी भी थी और एक खत जिसमें लिखा था “हमारे हनीमून के लिए, इसके अंदर और कुछ मत पहन ना, बहुत खूबसूरत लगोगी.”

शायद चिराग ने रखी होगी … आज जो कुछ हुआ, उस सब से आगे बढ़ने के लिए!

अगले दिन शाम को हमें हनीमून के लिए निकलना था.
तो चिराग और मैंने तय किया कि हम कपड़े पैक कर लेते हैं, हम मालदीव जा रहे थे.

मैंने मन ही मन सोचा … फूफा जी ने चाहे जो किया कल मेरे साथ, पर उनका तोहफा (हनीमून पैकेज) सचमुच बहुत अच्छा था … अब अगर ऐसे तोहफे मिले तो उसके लिए एक दो बार चूची चुसाई में बुरा ही क्या है।

हम कल देर शाम निकल कर परसो सुबह मालदीव पहुंचने वाले थे.
फ्लाइट में मैं पहली बार बैठी थी.

जब फ्लाइट उड़ी, तो मैंने कसकर चिराग का हाथ पकड़ लिया.

चिराग ने फ्लाइट में मुझे थोड़ी सी व्हिस्की पिलाई, ताकि मैं आराम से सो जाऊं।

मैं नहीं जानती थी चिराग दारू पीता है.
मेरे सोने के बाद उसने कितनी पी मुझे नहीं मालूम.

मैं जब उठी तो बाहर अंधेरा ही था, हम लैंड करने वाले थे, सुबह के 4 या 5 बज रहे थे।

हम अधूरी नींद में किसी तरह से टैक्सी पकड़ कर होटल पहुंचे और सो गए.

अगले दिन सुबह उठी तो देखा हमारे कमरे के ठीक सामने समुद्र था.
चिराग अब भी सो रहा था.

मैंने चिराग की दी वो नाइटी पहन ली और अंदर कुछ नहीं पहना.

मैं चिराग के करीब गई तो देखा कि उसका लंड खड़ा है.
मैंने उसकी शॉर्ट के ऊपर से उसका लंड सहलाना शुरू कर दिया.

इससे चिराग की नींद खुल गई और उसने मुझे बाहों में भर लिया.

चिराग- हाय, क्या कमाल लग रही हो, मन कर रहा है अभी खा जाऊ तुम्हें!

मैं शरमा दी.
चिराग ने देर ना करते हुए अपनी शॉर्ट्स उतार दी और मुझे उसका लंड चूसने को कहा.

मुझे रह रह कर होटल का कमरा याद आ गया … और मुझसे दोबारा चिराग का लंड पिया ही नहीं गया.

चिराग ने नाराज़ होकर शॉर्ट्स पहनी और बाहर चला गया.
मैं समझ ही नहीं पाई कि उसे कैसे रोकूं.

मुझे लगा थोड़ी देर में आ जाएगा.
पर दोपहर हो गई, चिराग नहीं लौटा … मैं उसका इंतजार करती रही.

मैंने व्हाट्सएप से भाभी को फोन किया … भाभी ने कुछ घंटियां बजने के बाद मेरा फोन उठा लिया.
मैं हड़बड़ाती हुई घबराई सी हालत में- चिराग नाराज़ हो कर कहीं चला गया है … पता नहीं कहां, फोन भी नहीं उठा रहा … मैं क्या करूं?

भाभी- क्या हुआ? ठीक से पूरी बात बताओ.
मैंने भाभी को सारी बात बता दी.

भाभी- कोई बात नहीं, बाहर ठंडा होने गया होगा … थोड़ी देर में आ जाएगा … तुम फिक्र मत करो…अगर 24 घंटे तक ना आए तो वहां की पुलिस में कंप्लेंट कर देना … मुझे फोन कर या मैसेज कर बताती रहना … चिंता मत करो, मैं भी अशोक और सूरज से बात करती हूं कि और क्या किया जा सकता है.

मुझे दिलासा देते हुए भाभी ने फोन काट दिया.

अब मैं बिना कुछ खाए पिए चिराग का इंतजार करने लगी.

मेरी जाने कब रोते रोते आंख लगी … पता नहीं!
कमरे में कुछ फुसफुसाहट की आवाज से मेरी आंख खुल गई.

चार लोग बात कर रहे थे.

पहला- पहले मैं करूंगा.
दूसरा- तुमने अपनी का किया जब वक्त आया.
तीसरा- हां बड़े हो इसका मतलब नहीं कि सभी की सील तुम खोलोगे.
दूसरा- धीरे बात करो … वो कहीं जग ना जाए.
चौथा- पहले मैं करूंगा, बस एक बार तोड़ी है मैंने वो भी 20 साल पहले.

दूसरे की आवाज सुनकर लगा कि जैसे फूफा जी हैं.
फूफा जी फिर बोले- देखो इसने शारदा की तोड़ी, तुमने सुधा की, और रिश्ते में मैं रमेश से बड़ा हूं. तो ये हक मेरा है इस बार!

तीसरा बोला- देखो, भैया ने शारदा की इसीलिए तोड़ी कि वे उसे पसंद कर लाए थे … मैंने सुधा की तोड़ी क्योंकि मैं सुधा को ढूंढ के लाया था … इसे भी मैं ही पसंद कर के लाया हूं इसलिए मैं ही करूंगा.

यह आवाज मुझे ससुर जी जैसी लगी.
मैं चुपचाप बिना हिले सुनती रही.

फूफा जी और चौथा बोले- तो हमारा क्या?
ससुर जी- तो जब तुम्हारी बहुएं आएंगी, तब तोड़ लेना उनकी!

पहला बोला- उस चूतिए को मैं सम्भाल लूंगा, होटल के बार में शराब के नशे में धुत्त पड़ा है. शारदा उसे अपने साथ ले जाएगी … और उसकी ‘प्यास’ बुझा देगी. शारदा बता रही थी, चूतिए ने दिल्ली में भी लड़की को डरा दिया था, अब उससे चुसाई भी नहीं की जा रही. शीघ्र पतन की दिक्कत उसे पहले ही है, अब अगर बीवी के साथ जबरन मुखमैथुन करेगा तो ये शादी कब तक टिकेगी आखिर?

मैंने काफी ध्यान लगा कर सुना, तो लगा कि ये ताऊजी की आवाज है.

अपना और भाभी का जिक्र सुनते ही मैं उठ खड़ी हुई … बत्ती जलाई.
मैंने उठकर देखा तो कमरे में कोई नहीं था … आवाजें भी आना बंद हो गई थी … मैंने बाहर जाकर भी देखा … कोई नहीं था.

मुझे लगा कि मैंने सपना देखा शायद कोई!

पानी पीकर मैं दोबारा सो गई.
चिराग अब भी नहीं आए थे और देर रात मुझे अकेले बाहर जाना ठीक नहीं लगा.

मैंने अब भी सुबह वाली नेट की लाल नाइटी पहनी थी.

समुंदर से आती लहरों की आवाजें मेरे मन में आती चिराग की चिंता को शांत किए दे रही थी.

थोड़ी ही देर में मेरी आंख लग गई.
कुछ देर बाद मुझे महसूस हुआ कि कोई मेरी टांगों को छू रहा है.

मुझे लगा चिराग वापिस आ गया, मैं मन ही मन बहुत खुश हुई.
मैं उसे दोबारा भगाना नहीं चाहती थी तो मैं सोने का नाटक करती रही.

चिराग ने पैरों से चूमना शुरू किया, धीरे धीरे मेरी नाइटी को मेरी जांघों तक कर दिया.
मैं आंख बंद कर के लेटी रही.

मुझे चिराग का इस तरह प्यार करना अच्छा लग रहा था, पहले उसने कभी ऐसा नहीं किया था.
मैंने नींद भरी आवाज में कहा- चिराग आह!

चिराग मेरी योनि के पास मेरी जंघा पर चूमने लगा और चूसने लगा.
मेरी योनि भी अब काम रस से भीगने लगी थी.

मैं आंख बंद कर चिराग और अपने हनीमून के मजे लेने लगी.
चिराग ने मेरी चूत में एक उंगली डाली … तो मैं सिहर उठी.

मैं- आह चिराग, आराम से!
चिराग धीरे धीरे अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगा.

मेरी आहें कमरे की दीवारों से टकराने लगी- आआ आआ आह … आआ आआ आह आह … उफ्फ चिराग!
चिराग- शस्स …
कहते हुए उसने अपनी उंगली को रफ्तार तेज कर दी.

मैं अपनी कामुकता में छटपटाने लगी.
मेरे अंदर की नसे जैसे मुझे भीतर से निचोड़ रही थी.

तभी चिराग रुक गया.
मैं अवाक होकर- क्या हुआ.. रुके क्यों … मुझे पत्नीव्रत धर्म निभाने का एक मौका दीजिए, मेरे अंदर अपना बीज डालिए.
चिराग चुप था.

मेरी याचना सुन वो मेरे ऊपर आ गया और अपना लिंग मेरी चूत पर टिकाने लगा.

मैं- प्लीज आराम से करना … पहली बार है.
“जानता हूं कि तेरा पहली बार है बहू!”

ससुर जी की आवाज कान में पड़ी तो मैं जड़वत् रह गई.
“ससुर जी आप?” मैंने आंखें खोली और बत्ती जला दी.

तो क्या देखती हूं, कमरे में ताऊ जी, फूफा जी, चाचा जी खड़े हैं ओर मेरे ऊपर ससुर जी चढ़े हैं.

मैं तुरंत झिझक में पीछे हुई और अपने अधनंगे बदन को ढकने लगी.

“चिराग कहां है?” मैंने पूछा.
ससुर जी- शारदा को चोद रहा है.

मैं हैरान होते हुए- भाभी को … आप झूठ बोल रहे हैं, चिराग ऐसे नहीं हैं.
ताऊ जी- हमारे कहने से शारदा उसके पास गई है क्योंकि तुमने उसे सुख नहीं दिया … क्या अच्छा लगेगा कि वो बाहर जाकर अपना बीज किसी और में डाले और घर बीमारी ले आए?

मैं यकीन करने की हालत में नहीं थी- आप झूठ बोल रहे हैं!

फूफा जी- तुम्हें याद है होटल वाला दिन, उस दिन शारदा आई थी तुम्हें संभालने, उस दिन भी चिराग ने उससे चुसाई कराई थी और उसे चोदा था.

ताऊ जी- हमारी शारदा बहू बहुत समझदार है, घर की बात घर में ही रखती है … सूरज की बीवी की तरह कोर्ट में नहीं उछालती!

चाचा जी- तुम्हें यकीन नहीं तो तुम्हें दिखा देते है, खुद अपनी आंखों से देख लेना.

ताऊ जी और ससुर जी कमरे में रह गए.

फूफा जी और चाचा जी मुझे चिराग तक ले गए, उन्होंने कमरे का दरवाजा हल्के से खोला तो क्या देखती हूं कि शारदा भाभी नंगे चिराग का लंड चूस रही हैं … चिराग आहें भर रहा है … और भाभी का मुंह अपने लंड पर दबा रहा है, शारदा भाभी गले तक उसका लंड ले रही हैं … और उफ्फ तक नहीं कर रही.

मुझे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ … मेरे तो पांव के नीचे से जमीन निकल गई, मैंने अपने पर संतुलन खो दिया.

मुझे फूफा जी ने संभाला … या यूं कहो कि मौके का फायदा उठाते हुए मुझे बाहों में भर लिया.

चाचा जी- देख लिया बहू, तसल्ली कर ली हो तो चलें?

मेरी आंखों में आंसू आ गए, लगा कि जैसे पूरा जीवन खराब हो गया, मेरा रिश्ता शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया.

फूफा जी- चलो बहू, अब यहां से चलो! कमरे में चल के बात करते हैं.

हम वापिस कमरे में पहुंचे.
वहां ताऊ जी और ससुर जी हमारा इंतजार कर रहे थे.

मैं कुछ भी समझ पाने की हालत में नहीं थी, हर उम्मीद खो कर मैं सोफे पर बैठ गई.

ताऊ जी- बहू … हम यहां सिर्फ इसीलिए आए ताकि तुम्हारे और चिराग के रिश्ते में कोई दरार ना आए, तुम्हें भी यौन सुख की प्राप्ति हो और हमारे जैसे तजुर्बेदार तुम्हें शारीरिक संबंधों का ज्ञान दें, ना कि नौसिखिया चिराग जिसने तुम्हारी सांसे रोक दी थी चुसाई के आवेग में!

ससुर जी- भाई साहब, उसे एक काम कहा था, कि चांदनी को कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए … पर बहनचोद से रुका ही नहीं जा रहा था.
मेरे ससुर जी अपने ही बेटे को गाली दे रहे थे।

मैं बिल्कुल चुप थी, मैं सही से सोच नहीं पा रही थी.

ताऊ जी- बहू, हम तुम्हें सिखाएंगे कि चिराग को खुश कैसे करना है, किस कुशलता से चुसाई, चुदाई होती है … फोरप्ले किसे कहते है और ये जरूरी क्यों है.

ससुरजी मेरी बाईं तरफ आकर सोफे पर बैठ गए और मेरी जंघा पर हाथ रख दिया.

ससुर जी- शारदा को भी हमीं ने सिखाया है सब, तभी तो अशोक इतना खुश रहता है … पर इस से पहले की चिराग भी शारदा से खुश रहने लगे, तुम्हें सब सीखना होगा।

उनका हाथ मेरी जांघ सहलाने लगा.

ताऊ जी मेरी दाहिनी ओर बैठ गए और गर्दन के पीछे से मेरे कंधे पर हाथ रख मुझे दिलासा देने लगे।

मैंने कुछ देर शांत रहकर उनकी हर बात पर गौर किया.
तब मैंने ससुर जी के हाथ पर हाथ रख अपनी हामी भरी.

ताऊजी ने सिर पर हाथ फेरते हुए कहा- बहुत अच्छे … तुम से यही उम्मीद थी बहू … कि तुम घर की बात घर में ही रखोगी!

रमेश चाचा- शुरूआत में अशोक भी शारदा से संबंध नहीं बन पाया था, इसी कारण हमें दखल देना पड़ा।

ताऊजी- शारदा के यौवन की सील मैंने ही खोली थी, और तुम्हारी तुम्हारे ससुर खोलेंगे!

ताऊ जी ने ससुर जी को इशारा किया- छोटे, इसे बिस्तर तक ले जा, और संभोग क्रिया सिखाते हुए इसकी योनि की सील खोल ताकि चिराग को कोई दिक्कत ना हो.

ताऊ जी मेरी तरफ देख कर बोले- तू चिंता मत कर बहू, हम सब यहीं है, इसी कमरे में, जरूरत हुई तो हम भी मदद करेंगे. अपने ससुर पर भरोसा रखो, और बड़ों की बात मान ना, सेवा करना तुम्हारा वधू धर्म भी है।

मैंने नज़रें झुका के हामी दी और ससुर जी मुझे बिस्तर तक ले गए.

कहानी अभी चलती रहेगी.

आप इस नो सेक्स हनीमून स्टोरी पर अपने विचार मेल और कमेंट्स में लिखें.
[email protected]

नो सेक्स हनीमून स्टोरी का अगला भाग:

Guestbook - Talk with other readers

 
 
 
Fields marked with * are required.
Your E-mail address won't be published.
It's possible that your entry will only be visible in the guestbook after we reviewed it.
We reserve the right to edit, delete, or not publish entries.
29 entries.
tom
epdi guys story share pandrathu
epdi guys story share pandrathu... Collapse
Askar
How to go previous page
How to go previous page... Collapse
maaran
I'm professional massager here I'm from pondicherry
I'm professional massager here I'm from pondicherry... Collapse
Samajay
Nalla sappu di pundamavale
Nalla sappu di pundamavale... Collapse
Tharun
How can i write story and post here ?
How can i write story and post here ?... Collapse
Karthik
Super 👍
Super 👍... Collapse
Divya
Naanga sex panna ethajum thappa poguma?
Naanga sex panna ethajum thappa poguma?... Collapse
Divya
Avan enmela kaal pottu thoongumbothu avan kunchi perusa aguthu avanukkum mood aguthu pola.
Avan enmela kaal pottu thoongumbothu avan kunchi perusa aguthu avanukkum mood aguthu pola.... Collapse
Divya
Enoda thambi enkudatha thoonguvan. Enakku mood aguthu.
Enoda thambi enkudatha thoonguvan. Enakku mood aguthu.... Collapse
Swetha
Baby u like baby lesbian bby
Baby u like baby lesbian bby... Collapse
Karthik
Super Story bro
Super Story bro... Collapse
Siva
Any girl really like licking pussy 3 hours not stop only licking all skills
Any girl really like licking pussy 3 hours not stop only licking all skills... Collapse
Unlucky boy
Eny Trichy Girls
Eny Trichy Girls... Collapse
Dhanush
Any chennai girls here?
Any chennai girls here?... Collapse