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Story Start Here :
हॉट वर्जिन सेक्स कहानी में मेरा एक बॉयफ्रेंड था. वह मुझे चुदाई के लिए कहता था पर मैं दर्द से डरती थी क्योंकि मेरी बुर सीलबंद थी. लेकिन मेरा मन भी अपनी बुर में लंड लेने को करता था.
यह कहानी सुनें.
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दोस्तो, मेरा नाम जानिया है और मेरे बॉयफ्रेंड का नाम सुरेश था.
ये परिवर्तित नाम हैं.
मैं इस हॉट वर्जिन सेक्स कहानी में आप सबको बताऊंगी कि मेरे बॉयफ्रेंड ने कैसे मेरी सील तोड़ चुदाई की.
हम दोनों तीन साल से साथ थे.
मैं उस टाइम 22 साल की थी और मेरा बॉयफ्रेंड 25 साल का था.
मेरा बॉयफ्रेंड बहुत दिन से बोल रहा था कि चल चुदाई करते हैं.
लेकिन मैं मना कर देती थी क्योंकि मुझे डर लगता था कि कैसे होगा … क्या होगा … दर्द करेगा.
उसने यह भी कहा- मेरा भी तो पहला अवसर है, जब मैं चुदाई करूंगा … चलो ना एक बार ट्राई करेंगे!
वह दीवाली का टाइम था, जब मैं अपने गांव गयी थी.
वहां से उसका गांव भी पास था तो उसने मुझे कॉल करके बोला- चलो आज चुदाई करेंगे, कोई जगह है क्या?
उसने पूछा तो मैं थोड़ी देर चुप हो गयी.
मुझे चुदाई से बहुत डर लगता था.
जब उसने फिर से कहा- चल न एक बार ट्राई करके देखते हैं.
तो मैंने हां बोल दिया.
फिर मैंने उससे कहा- मेरे एक रिलेटिव का घर है, तुम वहीं आ जाना.
वह मेरे गांव में करीब 11 बजे आया.
मेरे गांव में उसकी बहन भी रहती थी तो वह वहीं रुका था.
उसने मुझे करीब 12 बजे कॉल किया और बताया कि मैं आ रहा हूँ!
मैंने उसको आने का रास्ता बताया और दरवाजे के पास जाकर खड़ी हो गयी.
उसके साथ उसका एक दोस्त आया था, जो उसे छोड़ कर चला गया था.
मैंने उसको अन्दर बुलाया, तभी मेरी दादी उठ गयी.
मैं बहुत डर गयी थी इसलिए मैंने उसे जल्दी से बाथरूम में छुपा दिया और खुद भी वहीं चली गयी.
थोड़ी देर बाद दादी के अन्दर चले जाने के बाद मैं उसको रूम में ले गयी.
मुझे बहुत अजीब सा लग रहा था और बहुत डर भी लग रहा था.
मैंने उसको पानी दिया.
हम दोनों ने थोड़ी देर बैठ कर बात की.
उसके बाद उसने मुझसे कहा- इतने दिन से तुमने मेरे साथ चुदाई क्यों नहीं की.
मैंने कहा- मैंने तुमको बताया था न कि मुझे बहुत डर लग रहा था. मैंने सुना है कि सेक्स में बहुत दर्द होता है!
तो उसने कहा- हां पहली बार में दर्द होता है, पर दर्द के बाद मजा भी आता है. तुम चिंता मत करो. आज हम दोनों ट्राई करके देखते हैं. मेरा भी तो पहला अवसर है न!
उसकी बात सुनकर मैं कुछ देर के लिए चुप हो गयी क्योंकि मुझे बहुत घबराहट भी हो रही थी और चुदवाने का मन भी कर रहा था.
उसने मेरी टांगों पर हाथ रख कर सहलाया और मुझे घबराहट से दूर किया।
थोड़ी देर बाद मैंने हां बोल दिया.
मेरे हां बोलते ही उसने मेरे गले में अपने हाथ को डाल दिया और मुझे सहलाने लगा.
मेरे अन्दर बहुत बेचैनी सी होने लगी.
उसके स्पर्श से मेरे अन्दर चुदवाने की इच्छा लगातार बढ़ रही थी.
वह मुझे खड़ी करके मेरे पीछे खड़ा हो गया और अपने दोनों हाथों से मुझे जोर से पकड़ के मेरी पीठ को चूमने लगा।
उसके ऐसा करने से मैं मदहोश होने लगी और मेरे अन्दर वासना भड़क गई.
वह मुझे अपने सामने करके प्यार से किस करने लगा और साथ ही मेरे कपड़ों के ऊपर से ही मेरे दोनों मम्मों को धीरे धीरे दबाने लगा।
उससे मेरी बुर में चींटियां सी काटने लगीं और उसमें से पानी रिसने लगा.
फिर हम दोनों बिस्तर पर बैठ गए और किस करने लगे.
थोड़ी देर तक किस करने के बाद हम दोनों लेट गए और वह मेरे ऊपर आकर मुझे किस करने लगा.
अब तक मेरे तन बदन में आग सी लगने लगी थी और मैं पूरी तरह मदहोश हो चुकी थी.
वह मुझे जोर जोर से किस करे जा रहा था और मेरे दूध मसले जा रहा था.
मैं भी उसका साथ दे रही थी और उसको किस कर रही थी, साथ ही मैं उसको जोर से पकड़ कर अपने सीने से चिपका रही थी.
अब तक मेरे अन्दर चुदने की इच्छा बढ़ गयी थी और मैं चाह रही थी कि वह मुझे नंगी करके चोद दे.
हालांकि तब भी मेरे मुँह से ऐसा नहीं निकल पा रहा था कि मैं उससे चुदाई की कह सकूँ.
अब उसने मेरे कुर्ते को निकाल दिया और मेरी गर्दन को चूमने लगा.
उसके गर्म होंठों के स्पर्श से मुझे जन्नत का अहसास हो रहा था और बहुत ही ज्यादा सुकून मिल रहा था.
उसने मुझसे कहा- जान मेरे भी कपड़े निकाल दो.
मैंने झट से उसकी शर्ट निकाल दी
अब वह मेरी स्पोर्ट ब्रा को निकालने लगा तो मैंने मना कर दिया.
मेरे मना करने के बाद उसने मेरी ब्रा को मम्मों से बस ऊपर कर दिया और अपने दोनों हाथों से दूध दबाने लगा.
जब मुझे अच्छा लगा तो मैंने अपनी ब्रा को खुद ही मम्मों से नीचे कर दी.
वह मुझे किस करते करते मेरे पेट को भी चूमने लगा.
नीचे जाने से मुझे गुदगुदी भी हो रही थी और बहुत ज्यादा घबराहट भी होने लगी थी.
तभी उसने मेरी सलवार का नाड़ा ढीला करते हुए उसको भी मेरी टांगों से निकाल दिया.
मुझे बहुत शर्म आने लगी और डर भी लगने लगा था.
वह मेरी ब्रा को धीरे धीरे करके ऊपर को करने लगा तो मैं बार बार उसे मना कर रही थी.
मैंने उसको थोड़ी देर रुकने को बोला, तो वह नहीं रुका और मुझे जोर जोर से किस करने लगा.
अब वह बहुत ही ज्यादा जोश में आ गया था और मैं भी उत्तेजित हो गई थी क्योंकि उसका कड़क हो चुका लंड अब मुझे मेरी नंगी हो चुकी टांगों में महसूस हो रहा था।
मुझे ऐसा लग रहा था कि जब वह अपने लंड को मेरी बुर में डालेगा, तो कैसा लगेगा.
यही सोच कर अब तक मेरी बुर में भी बहुत पानी आने लगा था.
उसके बाद उसने अपनी जींस को भी निकाल दिया और अब हम दोनों चड्डी में ही लेटे थे.
उसने मुझसे पूछा- मैं तुम्हारी बुर में अपना लंड डाल दूँ क्या?
मैंने जल्दी से हां बोल दिया.
उसने मेरी चड्डी को निकाल दिया और साथ अपनी चड्डी को भी निकाल दिया.
वह पूरे जोश में आकर मुझे किस करने लगा. वह एक हाथ से मेरे दूध को दबा रहा था तो दूसरे हाथ से मेरी बुर को सहलाने लगा था.
फिर उसने मेरे पैरों को फैलाया और मेरी बुर को अपनी दो उंगलियों से फैलाने लगा.
मेरी धड़कनें बहुत ज्यादा तेज हो गयी थीं.
अब वह मेरे ऊपर चढ़ गया तो मैंने उससे थोड़ा रुकने को कहा.
वह कहने लगा- अब नहीं रुका जाता यार!
उसने अपने लंड को मेरी बुर में सैट कर दिया और उसने जब पहला झटका मारा तो उसका लंड मेरी बुर में थोड़ा सा ही गया.
मेरे मुँह से चीख निकल गई और आंखों से भी आंसू आने लगे.
मैंने उसको जोर से धक्का दिया और थोड़ा सा पीछे को कर दिया.
उसने दूसरी बार ट्राई किया, तो उसका लंड मेरी बुर में आधा समा गया.
मुझे ऐसा लगा मानो मेरी जान ही निकल गई हो.
मैंने उसके कंधों को पकड़ कर उसको पीछे कर दिया.
वह थोड़ी देर रुक गया और मुझे चूमने लगा.
अब मेरा दर्द कम हो गया था.
उसने फिर से धक्का दे दिया तो लंड अन्दर समा गया.
कुछ देर दर्द हुआ, पर फिर मुझे अच्छा लगने लगा था.
अब उसने मेरे पैरों को फैलाया और एक हाथ से मेरी बुर को सहलाने लगा.
अब वह अपने लंड को मेरी बुर में थोड़ा थोड़ा करके घुसेड़ने निकालने लगा.
मुझे मजा आने लगा.
उसके बाद उसने अपने लंड को मेरी बुर में अन्दर सैट कर दिया और हिलने लगा.
जब उसने अपने लंड को मेरी बुर में अन्दर डाल कर उसे रगड़ा तो ऐसा लग रहा था मानो एक बड़ी सी रॉड मेरी बुर में घुसी हो.
फिर वह अपने लंड को मेरी बुर में अन्दर बाहर करने लगा था.
मुझे थोड़ा थोड़ा अच्छा लग रहा था और अब मेरे मुँह से चीख की जगह आह ऊह निकल रहा था.
मुझे थोड़ा दर्द भी हो रहा था.
वह पुनः रुक गया और मेरे एक दूध को अपने हाथ से दबाने लगा और दूसरे को चूसने लगा.
मुझे ऐसा लग रहा था कि वह मुझे बस इसी तरह से प्यार करता रहे और चोदता ही रहे.
कुछ ही देर बाद वह मुझे झटके दे देकर चोदने लगा; साथ ही वह मुझे किस कर रहा था और मेरे मम्मों को भी दबा रहा था
मुझे दर्द के साथ बहुत मजा भी आ रहा था … समझो जन्नत का मजा मिल रहा था.
पूरे कमरे में छप छप का संगीत गूंज रहा था.
मैं भी उसके कंधों को पकड़ कर चुदाई का पूरा मजा ले रही थी.
करीबन 15 मिनट तक हॉट वर्जिन सेक्स करने के बाद वह झड़ने को हो गया और मैं भी थक गयी थी.
उसने अपना लंड बुर से बाहर खींचा और पूरा माल बाहर गिरा दिया.
मैंने देखा कि मेरी चूत में पूरा खून ही खून हो गया है, तो मैं तुरंत बाथरूम में चली गई।
बाथरूम में अपनी चूत साफ करते समय मुझे उसकी चुदाई याद आने लगी.
जब वह मेरी सील तोड़ रहा था तब मुझे ऐसा लग रहा था मानो उसने मेरी बुर में गर्म सरिया घुसेड़ दिया हो.
शायद जब मेरी बुर फटी तो खून टपकना शुरू हुआ होगा.
अब मुझे बहुत शर्म आ रही थी कि मेरी बुर फट गई है और अब मैं कमसिन लौंडिया की जगह चुदी चुदाई माल हो गई हूँ.
सच में यह अहसास बड़ा ही गुदगुदाने वाला था.
साथ ही मुझे कुछ कुछ डर भी लगने लगा था कि मेरी शादी के बाद मेरा दूल्हा मेरी फटी हुई चूत को समझ तो नहीं जाएगा.
कहीं वह मुझे छोड़ न दे … इसी तरह की तमाम किस्म की बातें दिलो दिमाग में चल रही थीं.
अब मैं बाहर आ गई और वापस उसके पास बेड पर लेट गई.
उसने मुझे छुआ और अपनी तरफ को खींचा.
इस बार उसके छूने से मेरे अन्दर वापस चुदाने की इच्छा बढ़ने लगी थी.
उस वक्त मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं.कमरे में घुप्प अंधेरा भी था क्योंकि लाइट ऑफ थी.
मेरे रोंगटे खड़े हो रहे थे, अजीब सा महसूस हो रहा था.
उसका मुझे छूना मुझे अच्छा लग रहा था.
मैं सोच रही थी कि आज पहली बार किसी लड़के ने मेरे जिस्म को बिना किसी कपड़ों के देखा है.
वैसे तो उसने पहले भी मेरे दूध दबाए थे … पर इस बार उसके छूने में जैसे कोई जादू था.
उसने मेरी बुर को टटोला, तो मैं चिहुँक गई.
मगर उसने अपनी हरकत जारी रखी.
मैं भी दुबारा से चुदने के लिए मचल रही थी.
जब वह अपनी उंगलियों से मेरी बुर को छू रहा था, तब मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था.
अब वह मेरे बदन को चूमने लगा था और मेरे दूध भी मसलने लगा था.
मेरी चूत पुनः पानी छोड़ने लगी थी.
मेरा मन कर रहा था कि बस अब यह फिर एक बार अपना लंड मेरी बुर में डालकर मेरी ताबड़तोड़ चुदाई करना शुरू कर दे.
तभी उसने मेरे एक हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया.
उसका लंड मुरझाया हुआ था.
मैंने अपने हाथ से उसके लंड को ठीक से टटोला क्योंकि मैं सोच रही थी कि ऐसा क्या हुआ कि इसका लंड एक ही चुदाई में मुर्दा हो गया.
दरअसल मैं घबरा गई थी कि इसका लंड क्या मर्दाना लंड नहीं है!
तभी मेरे टटोलने से उसके लंड में जान सी आने लगी और जल्द ही उसका लंड अकड़ कर अपनी पहले वाली पोजीशन में आ गया.
मैंने अपने हाथ की उंगलियों से लंड को नापने का प्रयास किया तो वह लगभग 6 इंच का रहा होगा.
अब जब भी उसका लंड मेरी टांग से टकराता था, तब तब मेरा मन उसके लंड से चुदवाने के लिए मचलने लगता था.
फिर उसने मेरी दोनों टांगों को फैलाया और मेरे पैरों के बीच में बैठ गया.
तब तक अंधेरे में देखने का अभ्यास हो गया था और उसके चेहरे पर मेरी सील तोड़ने की खुशी साफ दिखाई दे रही थी.
इसी खुशी के साथ वह अपना लंड हाथ में लेकर मेरी बुर के छेद पर सैट करके प्यार से रगड़ने लगा था.
फिर उसने धीरे से अपने लंड को मेरी बुर में पेला, तब मुझे अहसास हुआ कि पहली बार चुदाई के बाद उसके दर्द का अहसास क्या होता है.
सच में लंड घुसड़वाने से बुर पुनः चिरने सी लगी थी.
तब भी यह दर्द मीठा लग रहा था.
फिर जब उसने मेरी बुर में अपना पूरा लंड डाला तो ऐसा लगा कि आज मेरी बुर के छोटे से छेद को ये भोसड़ा बना देगा.
उसने धकापेल करनी शुरू कर दी.
पहले पहल तो मुझे दर्द हुआ, उसके बाद मुझे जन्नत का सुख मिलने लगा.
ऐसा लगा कि बस इसके साथ हवा में उड़ जाऊं और बस चुदती ही रहूँ.
उसका लंड पहली बार में तो समझ में ही नहीं आया था कि कितना बड़ा है, पर इस बार सच में बहुत बड़ा लंड लगा.
कुछ ही देर में सब कुछ मजेदार लगने लगा.
वैसे तो हमने इस चुदाई को साधारण तरीके से किया था, मतलब कोई विशेष आसन में सेक्स नहीं किया था.
जैसे मैं अभी घोड़ी नहीं बनी और न ही लंड पर सवार हुई थी … पर सच में चुदाई में बड़ा मजा आ रहा था.
उसने मुझे चोदते हुए पूछा- मजा आ रहा है या नहीं?
तो मैंने भी हंस कर उससे कह दिया था- हां, मुझे अच्छा लग रहा है.
मेरे मुँह से ये बात सुन कर उसने मुझे और जोर से चोदना चालू कर दिया था.
मैंने भी अपनी टांगों को अच्छे से फैला कर उसके 6 इंच के लंड को मेरी छोटी सी बुर में पूरा अन्दर तक खाने की कोशिश की.
वह मुझे किस करते हुए मेरी चुदाई की आग को भड़का रहा था.
मेरे एक दूध अपने होंठों में दबा कर खींचता हुआ वह मुझे चोद रहा था.
आह … सच में जन्नत का अहसास हो रहा था.
उससे मुझे प्यार होने लगा था और लग रहा था कि यही मेरा दूल्हा बन जाए.
फिर वह मुझे झाड़ कर मुझसे अलग हुआ और मेरे मम्मों पर अपना रस झड़ाने लगा था.
उस वक्त मैं उसके लंड को अपने मुँह में लेना चाह रही थी.
पर लड़की थी न तो अपने मुँह से कह ही न सकी कि मुझे लंड चूसना है.
न जाने वह मेरे बारे में क्या सोचता.
हां, यदि वह एक बार भी कहता कि लंड चूसो … तो मैं पक्का उसका लंड चूस लेती.
पर उसने कहा ही नहीं.
बाद में जब मैंने चुदाई के बाद अपनी बुर को देखा तो मेरी प्यारी सी बुर में सफेद सफेद सा कुछ लगा हुआ था.
मैं उसे देख कर थोड़ा सा घबरा गयी थी कि क्या उसने मेरी बुर में रस टपका दिया है.
फिर जब मैं अपनी बुर को धोने के लिए बाथरूम जाने लगी तो मुझे चलने में भी परेशानी हो रही थी.
उस वक्त ध्यान आया कि पहली बार में भी चलने में दर्द हुआ था पर तब पता नहीं बुर के दर्द के चक्कर में टांगों का दर्द भूल ही गई थी.
बाथरूम में जाकर मैंने अपने बुर को पानी से धोया और वापस कमरे में आयी.
फिर नंगी ही उसके साथ सो गयी और उसने भी मुझे अपनी बांहों में भर लिया.
हम दोनों एक दूसरे के बांहों में लेटे हुए रोमांस कर रहे थे और थोड़ी बहुत बात भी कर रहे थे.
पहली चुदाई के बाद जब हम बिना कपड़े के लेटे हुए थे, तब वह मुझे कभी किस करता तो कभी मेरे दूध को प्यार से दबाता था.
थोड़ी देर बाद उसके दोस्त का कॉल आया और उसने उसे यह कहते हुए बुलाया- चलो अब बहुत टाइम हो गया है.
इसलिए उसने आने की हां कहते हुए फोन काट दिया और मुझसे कहा- अब पता नहीं, कब मिलेंगे … चलो ना एक बार और चुदाई करते हैं!
मैंने कुछ नहीं सोचा और जल्दी से हां बोल दिया क्योंकि मेरा भी मन फिर से चुदवाने का कर रहा था.
वह तीसरी बार मेरे ऊपर चढ़ गया और मुझे जोर जोर से किस करने लगा, मेरे मम्मों को भी जोर जोर से दबाने लगा.
मैंने उसको जोर से पकड़ रखा था.
कुछ ही देर में मेरे अन्दर फिर से चूत चुदाने की इच्छा बढ़ गयी.
उसने मुझे जल्द ही चोदना शुरू कर दिया और इस बार मैं सारा दर्द भूल कर उससे पूरी ताकत से चुद रही थी.
मेरे मुँह से आह ऊह निकलने लगा था.
फिर उसने धीरे धीरे अपने चोदने की स्पीड को काफी तेज कर दिया.
दो बार झड़ने के कारण हम दोनों को काफी मजा आ रहा था.
थोड़ी देर में उसने मेरी दोनों टांगों को उठाया और झटका दे देकर चोदने लगा.
मेरे भी मुँह से मस्ती से तेज तेज आह ऊह निकल रहा था.
करीब 20 मिनट तक चोदने के बाद वह लंड बाहर निकाल कर झड़ गया.
मैं भी थक गयी थी.
उसके बाद उसने कहा- अब तो तुम तीन बार चुद चुकी हो तो चुदवाने में कोई दिक्कत नहीं होगी, जल्दी फिर से बुलाना!
मैंने हंस कर कहा- हां देखती हूँ. मौका मिलेगा तो जरूर बुला लूँगी!
फिर वह चला गया.
मुझे इस पहली चुदाई से बहुत मजा आया. सच में चरम सुख की अनुभूति हुई.
इस चुदाई का दर्द मुझे करीब 3 दिन तक हुआ था, जब मैं सुबह सोकर उठी थी तो मेरी चूत में जलन के साथ साथ चूत में दर्द भी हो रहा था और बुखार भी चढ़ गया था.
दोस्तो, यह हकीकत वाली हॉट वर्जिन सेक्स कहानी है, जो मैंने आपको सुनाई.
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