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मालती ३७ वर्ष की स्कूल टीचर है. जिस स्कूल में वो पढाती है मैं उसकी संचालन समिति का सदस्य हूँ. मालती को मैनें ही नियुक्त किया था. धीमेधीमे मेरा उससे संपर्क बढा और मैं उसके घर जाने लगा. उसके तीन बच्चे हैं : तीन बेटियाँ और दो पुत्र. तीनों बेटियाँ अच्छी उम्र की हैं : बड़ी १८ वर्ष की, मंझली १६ वर्ष, और छोटकी १४ की. दो बेटे कच्ची उम्र के हैं : एक १२ का, दूसरा ९ का. पति अपने व्यवसाय में अल सुबह से देर रात व्यस्त रहते हैं. मालती कुछ समय से सेक्स पीड़ित है और मैं अक्सर उसे चोदता हूँ, कम से कम एक वर्ष से.
मैं जब भी उसके घर जाता हूँ बच्चों के लिए कोई न कोई गिफ्ट लाता ही हूँ. इससे बच्चेबच्चियां मेरे से हिल गए हैं. मैं भी उन्हें प्यार देता हूँ. अक्सर कोई न कोई बच्चा या बच्चियां मेरी गोद में बैठती हैं, तब मैं उन्हें लोलीपॉप भी खिलाता हूँ. बच्चे इससे प्रसन्न हो जाते हैं.
एक बार जब मैं मालती को चोद रहा था, बड़ी व मंझली लड़की ने हमें देख लिया. मालती ने यह जानने पर मुझे खा कि जब देख ली लिया है तो दोनों बेटियों को अगली बार पास बुला लेते हैं ताकि हमारी नंगी चुदाई वे नजदीक से और ठीक से देख लें. इस पर मैंने भिहामी भर दी.
अगली बार जब मैं मालती के घर आया तब मैनें इन दोनों बच्चियों के सामने ही उनकी मां से छेड़छाड़ शुरू कर दी. मैंने दोनों ही बच्चियों को समझाया कि कामुक क्रिया गलत नहीं अल्कि सही चीज़ है. फिर मैनें इन बच्चियों के सामने ही उनकी मां को नंगी किया और मज़ा लेले कर चोदने लगा. यह क्रिया दोनों बच्चियां घूरघूर कर देख रही थी. वे खुश थीं कि उनकी मां को मैं सुख दे रहा हूँ. चुदाई के बाद मालती नेअपनी दोनों बेटियों को गोद में बिठा कर प्यार किया. उसने दोनों को कहा कि अंकल अबी बार तुम्हें भी नंगी कर के चोदेंगे. मुझसे मालती बोली कि आप पहले किस की लेंगे? मैंने छोटी बच्ची के सिर के बालों पर हाथ फिराया और कहा – इसकी, इसकी लूँगा, पहले इस बच्ची को चोदुंगा.
सोलह बरस की उस छोटी छोरी का नाम सलोनी था. वह थी भी सुन्दर सलोनी, लावण्यवती और रसवंती. अपनी उम्र से काफी कमसिन दिखती थी, कद भी ४’ ११” का. छातियाँ कम उठी हुई, कच्ची. गांड छोटी ३२ इंच; मम्मे तो और भी छोटेकोटे, सपाट छातियों की महक. ऐसी प्यारी बच्ची को चोदने का धरम बन जाता है. बड़ी बच्ची को भी मैंने फुसफुसा कर कहा – “तेरी छोटी बहन को चोदने के बाद तुझे भी चोदुंगा, बेटी, मेरी बिटिया रानी”. बड़ी का नाम केतकी था. केतकी ने सलोनी को मेरी तरफ धकेला और उससे बोली – चल, अंकल से चिपट जा, वो तेरी लेंगे. इधर मालती ने मुझे नंगा करना शुरू किया उधर केतकी ने सलोनी को नंगी किया. अब हम दोनों नंग धडंग थे. फिर मालती ने अपनी बड़ी बेटी केतकी को नंगी किया और केतकी ने अपनी मां को. अब हम पांच लोग मादरजात नंगे थे और यही कामकला का कायदा था.
सलोनी मुन्नी को मैंने प्यार से अपने पास बुलाया, बड़ी प्यारी मुनी थी. उसके गालों पर हाथ फेरा और उसे अपना लंड दिखाया. मैंने उसका कोमल हाथ अपने लंड पर डाला, और बोला – पकड़ इसे, पकड़ मेरी बच्ची. केतकी ही चहकी – हाँ अंकल का लंड पकड़. उसकी मां भी बोली – अंकल का लंड पकड़. जैसे ही उसने पकड़ा मेरा लंड फनफनाते हुए उत्तेजित हो लम्बामोटा हो गया. सलोनी धीमे से बोली – हाय राम इतना मोटा लंड!!!!!!!!!!! उसकी मां ने हंस कर उससे कहा – मर्द का लौड़ा जितना लम्बा और मोटा होगा उतना ही ज्यादा मज़ा आता है चाहे छोकरी कितनी ही छोटी क्यों ना हो! केतकी भी मेरिलैंड को भरपूर नज़रों से देख रही थी.
मैंने सलोनी बिटिया की नन्ही चूत में अंगुली की और उसे बेशर्मी से छेड़ने लगा. चूत की दोनों फांकों को अलग अलग दिशा में झंझोड़ा, इस पर सलोनी आह आह कर रही थी जैसे उसे दर्द हो रहा हो. अब शर्म नाम की चीज तो थी ही नहीं, मैंने उसकी चूत के साथ उसकी गांड में भी अंगुल घुसेड दी. दो अंगुलियाँ चूत में दो गांड में. घिस्से मार रहा था जबकि वो बच्ची बिलबिला रही थी.
फिर मैंने बच्ची को अपनी बगल में लिटाया. उसकी बड़ी बहन केतकी मुझसे बोली – अंकल पहले इसकी चूत बजाओ, इसकी भोसड़ी पेलो. मैंने केतकी के सर को सहला कर कहा – ठीक है बेटी पहले तुम्हारी छोटी बहन की भोसड़ी में ही अपना लंड पेलूँगा. फिर मैंने केतकी को कहा – बेटी मेरी गांड सहला.
मैंने उसे बगल से चिपटा कर अपना लौड़ा उसकी भोसड़ी में घुसाया, पहले तीन इंच, फिर पांच और फिर सात इंच की गहरी तक. सलोनी से मैंने कहा – बेटी तुम बेशरम हो कर मेरा अंडकोष सहलाओ. मैंने सलोनी मुन्नी के नन्हे कच्चे मम्मे मीन्जान शुरू कर दिए और उसे जोश से चोदने लगा. लगभग पौन घंटे उसे चोदा. इससे बच्ची थक गई पर मैंने परवाह नहीं कि और उसकी गांड आर्ने की तयारी करने लगा. केतकी को मैंने कहा कि वह अपनी छोटी बहन की गांड के दोनों गोलकों को चौड़ा करे ताकि सलोनी मुन्नी की गांड का छेद अच्छी तरह से कल जाए. केतकी को मैंने यह भी कहा कि जब तेरी बहन की गांड का छेद भरपूर चौड़ा होकर खुल जाय तब टू उसमें थूकना.
केतकी के साथ मालती ने भी अपनी बेटी की गांड का छेद चौड़ा किया और दोनों ने उसमें थूका. फिर सलोनी मुन्नी की गांड में मैंने गहरी तक अंगुलिया डाली उसके बाद ही अपना लंड उसमें फंसाया. यह सब देख मालती और केतकी – दोनों मां बेटी बहुत कामुक हो गईं, और उन दोनों ने ही मेरी गांड में अंगुली कि. इससे मैं चिहुंका और एक भरपूर धक्का सलोनी मुन्नी की गांड पर पड़ा. मैंने एक घंटे तक सलोनी की गांड कास कर मारी. सलोनी तो हांफ गई, ठीक भी था मैं ६७ वर्ष का मद पट्ठा और वह १६ साल की कच्ची कलि. अपनी गांड मरवाते मरवाते जब सलोनी मुन्नी निढाल हो गई तो मैंने यह कुत्सित काम पंद्रह मिनट तक रोक दिया. जैसे ही सलोनी मुन्नी की साँसें सामान्य हुई मैंने दुबारा से उसकी गांड मारना शुरू कर दिया. इस बार सलोनी भी समझदार हुई और उसने खुद ही अपनी गांड मेरी और उछालना शुरू कर दिया. अब वह बेशरम हो कर गांड मरवा रही ती. उसकी बड़ी बहन भी यह देख उत्तेजित ओ गई और जोर से चिल्लाई – हाँ अंकल मरो, मरो, बच्ची की गांड भक और दर्द दे दे कर मारो. सलोनी को दर्द हो रहा था पर यह दर्द मधुर था. मैं बराबर लिपटचिपट बच्ची की गांड मरता रहा, और उससे पूछा – गुडिया, तुझे गांड मरवाने में मज़ा आ रहा है ना???!!!!! फिर दुबारा से पूछा – “मज़ा आ रहा है ना, मुन्नी!!!!!!!!!!!!”
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