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अपनी पिछली कामुक कथा “चुनमुनिया की गांड२” में मैंने जिस मुन्नी छोरी की गांड मार कर मज़ा लिया था, उसका नाम मुझे बाद में पटा चला. उस नन्ही बच्ची का नाम लिली है. इस बाबत बाद में मुझे उसकी सहेली चित्रा ने बताया. जब मैनें बुलबुल लिली की गांड मारी थी तब चित्रा ने ही उस की गांड का छेद चौड़ा कर मेरी मदद की थी.
इस घटना के दूसरे दिन चित्रा मेरे पास आई. मैंने उससे लिली के बारे में पूछा कि कल उसे ( अर्थात लिली को ) ज्यादा दर्द तो नहीं हुआ तो वह मुस्कराने लगी. कुछ देर बाद बोली – “दर्द तो उसे हुआ पर बाद में उसे मज़ा भी आया”. यह सुन मैं उछल पड़ा, कहा – “क्या सच??” वह बोली – “गांड मरवाते हुए लिली को भी मज़ा आया. ऐसे शुभ काम में पहले पहल दर्द तो होता है पर जो बच्ची एक बार अपनी नाजुक गांड मरवा लेती है उसे इच्छा होती है कि दूसरी बार भी अपनी गांड मरवाए.” यह सुन मुझे अच्छा लगा. चित्रा के सिर के बालों पर हाथ फेर सहलाते हुए मैं बोला – “बेटी,.. तो क्या लिली गुड़िया दूसरी बार भी मुझसे गांड मरवाना चाहती है. उसकी इच्छा है?” चित्रा बोली – “मेरे ख्याल से वो एक बार फिर अपनी गांड मरवाना चाहती है – पर…” “पर क्या???” – मैं उत्सुकता से बोला.
चित्रा ने हँसते हुए जवाब दिया – “मेरे ख्याल से उसे कुछ शर्म आ रही है सीधे आपसे यह कहते. पर मैं कल उसे आपके पास लाऊंगी, और एक बार फिर आप उसकी गांड मारेंगे”. मैंने खुश हो कर चित्रा की ठुड्डी सहलाई और बोला – “बेटी ये तो धरम का काम है. तुम उसकी मदद करोगी तो उसे इस नन्ही उम्र में मर्दों से गांड मरवाने का चस्का लग जाएगा जो उसके स्वास्थ्य लिए बहुत बहुत अच्छा रहेगा, समझी बेटी!!” इस पर चित्रा मेरी जांघों से सट कर बोली – “अंकल, आपका लंड ही ऐसा मोटा ताज़ा मुस्टंडा है कि लिली जैसी कई कमसिन स्कूल गर्ल्स आपसे चुदवाना चाहेंगी, ये मैं सच कह रही हूँ.” मैं चहका, बोला – “बेटी, कुछ समझा कर कहो? तुम बहुत अच्छी हो, प्यारीप्यारी”. वह हँसते हुए बोली. “अंकल, लिली को आपसे गांड मरवाने का जो मज़ा आया उसे वो स्कूल की दूसरी लड़कियों को बता दिया, देखो अंकल, बुरा मत मानना पर कम से कम तीन छोरियों ने मुझसे साफ कहा है कि वे आपसे अपनी गांड मरवाना चाहती हैं”. कुछ तो लिली से भी छोटी हैं, चित्रा ने कामुक अंदाज में अपनी बात दोहराई – कहा – “अंकल छोटी=छोटी छोरियों को चोदने का लो मज़ा!!!!!!”.
यह सुन पेंट के भीतर से मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं बोला – “ऐसा है तो तुम उन तीन छोरियों को भी कभी लाओ ना बेटी, मैं तीनों की एकसाथ गांड मारूंगा!!!!”
चित्रा ने चुलबुले अंदाज़ में कहा – “वह बाद में. मगर कल आप लिली की एकबार फिर… रगड़ पछाड़ कर गांड मारेंगे” – वो तीनों छोरियां तो बहुत कमसिन कबूतरियाँ है फिर, हाँ फिर चित्रा रानी ने फुसफुसा कर कुछ कहा. मैंने कुछ समझ कर कहा
– “बेटी, तुम बहुत धीमी बोली, मुझे समझ में ना आया”. इस पर चित्रा बेटी के चेहरे पर कामुक भाव उभर आए और वो बोली – “अंकल, मेरे बारे में आपका क्या ख़याल है” मैं यह सुन मस्त हो गया, उसका कोमल पेट सहलाते हुए मैंने हंसते हुए कहा – “बेटी, तुम्हारे बारे में तो मेरे विचार चोखे हैं, तुंहारा जिस्म तो भोत गदराया, सेक्सी, और मदमस्त है, देखो, तुम कालेजकन्या हो, मुझसे शर्म ना करो. तुम मेरी धरम की बेटी, ( बिटिया रानी ) और मैं तुम्हारा फकिंग ग्रांडपा!!!!” इस पर चित्रा सुख पूर्वक बोली : थैंक्यू अंकल!!!!
( क्रमशः )
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